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दिल्ली सरकार :आकांक्षाओं,अपेक्षाओं पर खरे उतरने की चुनौती* 

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दिल्ली सरकार :आकांक्षाओं,अपेक्षाओं पर खरे उतरने की चुनौती*
             (जोगिंदर पाल जिंदर-विनायक फीचर्स)
     दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्य मंत्री रेखा गुप्ता की प्रेस कांफ्रेंस से स्कूली दिनों की याद ताजा हो गई । जैसे ही हम पुरानी क्लास से नयी क्लास में जाते तो नयी क्लास के टीचर कहते पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो ? और अगले साल फिर यही क्रम दोहराया जाता । नयी क्लास में फिर टीचर पूछते पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो ? यही हाल सरकारों का है जब भी कोई नयी सरकार बनती है आते ही पिछली सरकार पर पहला सीधा हमला, ” पिछली सरकार खजाना खाली कर के गयी है ।” पिछली क्लास में क्या पढ़ कर आए हो की तरह यह वाक्य बार-बार दोहराया जाता है चाहे सरकार जिस की भी बने ।
      ढेर सारे वादे और योजनाएं पुरानी आप सरकार की हैं । बहुत से वादे भाजपा भी कर के आई है कि पिछली सभी योजनाओं के साथ-साथ उसके दावों का अतिरिक्त लाभ दिल्ली की जनता को मिलेगा । इतना ही नहीं इस बार स्वयं मोदी की भी गारंटी है ।
            अब अगली बात यह कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी  मुख्यमंत्री के कार्यालय में लगी बाबा साहब अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो हटाने का आरोप लगाया । जिस पर स्पष्टीकरण यह आया कि हटाई नहीं बल्कि स्थान बदला गया है । चलो इसी बहाने से जनता को पता तो चला कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर  और भगत सिंह का इनके दिलों में कितना और कहां स्थान है ? या फिर बाबा साहब और भगत सिंह के  नाम का उपयोग मात्र उनके अनुयायियों को भ्रमित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
     इस मामले में आम आदमी पार्टी भी कोई दूध की धुली हुई नहीं है । इनका भी बाबा साहब, भगत सिंह और दलित‌ प्रेम दिखावा मात्र ही था । क्योंकि यह वही पार्टी है जिसने बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाएं लेने पर अपने ही मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से इस्तीफा ले लिया था । केजरीवाल करेंसी नोटों पर किसी विशेष देवी-देवता का चित्र प्रकाशित करने के हिमायती थे । खुद को हनुमान भक्त साबित करते थे । बुजुर्गों को तीर्थ यात्राएं करवाते थे । इतने अधिक धार्मिक लोग बाबा साहब और भगत सिंह के अनुयाई कैसे हो सकते हैं ?
     खैर नयी सरकार को आते ही नया कुछ करना ही पड़ता है चाहे फोटो लगाई जाएं या हटाई जाएं ‌। अपनी-अपनी सुविधा, आस्था और विश्वास का मामला है । जनता को इससे क्या सरोकर ! दिल्ली चुनाव प्रचार की एक बात अच्छी लगी कि इसमें बंटोगे तो कटोगे का नारा नहीं दिया गया । समझदार दिल्ली की जनता ने भाजपा के सर पर ताज रखा है । बस नयी सरकार जनता की आशाओं, अपेक्षाओं पर खरी उतरे, यही कामना की जानी चाहिए ।(विनायक फीचर्स)

विशेष अधिवेशन की विषयवस्तु ‘भारत -पीयूष गोयल

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पीयूष गोयल ने सप्लाई चेन को मजबूत करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद उपलब्ध कराने का आह्वान किया


श्री गोयल ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया

भारत को इलेक्ट्रिकल वस्तुओं का वन स्टॉप शॉप बनना चाहिए, सात वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निर्यात लक्ष्य: श्री गोयल

भारत की इलेक्ट्रॉनिक गुड्स इंडस्ट्री को अधिक लचीली सप्लाई चेन, गुणवत्ता मानकों का अद्यतन करने और प्रतिस्पर्धी दरों पर दुनिया को उच्च गुणवत्ता वाले सामान व सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए। यह बात आज नई दिल्ली में इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईईईएमए) की ओर से आयोजित ‘इलेक्रमा’ के 16वें संस्करण में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अपने संबोधन के दौरान कही।  मंत्री ने प्रतिभागियों से विनिर्माण में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

मंत्री ने इस विषय पर प्रकाश डाला कि उपभोक्ताओं को बेहतर सौदा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करके उपभोक्ताओं की देखभाल करना इंडस्ट्री की जिम्मेदारी है।  उन्होंने मौजूद उद्योग जगत के नेताओं और प्रतिभागियों से संरक्षणवाद से दूर रहने और उद्योग, खासकर एमएसएमई क्षेत्र के हितों को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। एक सीमा के बाद संरक्षणवाद उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के साथ-साथ एमएसएमई क्षेत्र के हितों को संतुलित करना इंडस्ट्री की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।

मंत्री गोयल ने बताया कि देश 2025 में इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का निर्यात मात्रा के आधार पर दूसरे पायदान पर है, जबकि 2015 में यह 167वें पायदान पर था। उन्होंने कहा कि जनवरी,  2025 में अकेले इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात मात्रा 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के लिए वन स्टॉप शॉप बनना चाहिए और इंडस्ट्री से अगले सात वर्षों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निर्यात लक्ष्य तक पहुंचने का लक्ष्य रखने का आग्रह किया।

मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स इंडस्ट्री ने बीते दशक में अपने ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और संस्थापित क्षमता को दोगुना कर दिया है।  उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने देश में 1,800 वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) सेटअप करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य भविष्य के लिए तैयार कार्यबल विकसित करना और देश में उत्पादित एसटीईएम स्नातकों की उच्च संख्या का लाभ उठाते हुए नवाचार को प्रोत्साहन देना है।

विशेष अधिवेशन की विषयवस्तु ‘भारत – एक विश्व मित्र’ पर बोलते हुए, श्री गोयल ने कहा कि भारत राष्ट्र को एक परिवार के तौर पर देखने में गर्व महसूस करता है, जो दुनिया के सभी देशों के साथ एक दूसरे के साथ निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित साझेदारी में काम करना चाहता है।  भारत विकसित दुनिया के साथ मजबूत स्थिति में जुड़ना चाहता है और उन्हें सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता की वस्तुएं और सेवाएं प्रस्तुत करना चाहता है।

मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’,  ‘डिजाइन इन इंडिया’ और ‘सर्व फ्रॉम इंडिया’ जैसी विभिन्न पहलों के साथ ग्राहकों को स्थानीय उत्पाद खरीदने और व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर जाने में योग्य बनाने के प्रयासों से देश के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था को बदलने, उच्च गुणवत्ता वाले विनिर्माण और सेवाओं के प्रावधान, नीति निश्चितता और विकास की गति और पैमाने के लिए कार्यबल को प्रशिक्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धताओं ने इस मील के पत्थर को जन्म दिया है”।

महाशिवरात्रि पर दूल्हा बनकर सजते-संवरते हैं महाकाल*

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     उज्जयिनी धर्म और कर्म की वह पौराणिक नगरी है जहां सनातन धर्म की परम्पराएँ जीवंत हो उठती है। पौराणिक तथ्य और कथ्य उज्जयिनी के प्राण हैं। हजारों वर्षो की प्राचीन परम्पराएँ कितने ही राजा महाराजाओं के चले जाने के बाद भी आज तक निर्बाध रूप से चल रही है। ये परम्पराएँ आस्था और भक्ति का अनूठा संगम है। जहां भक्त के वशीभूत भगवान भी सामान्य मनुष्य जीवन की परम्परा का निर्वाहन करते है और भक्तों को उनकी इच्छा अनुरूप दर्शन भी देते है।
        भूतभावन आदिदेव महादेव के महाकाल रूप में अवंतिकापुरी को पावन करते है। वे महाकाल भी अपने विवाह की वर्षगांठ याने  शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों के वशीभूत हो जाते है। हर वर्ष शिव नवरात्रि पर नौ दिन तक महाकाल दूल्हे के रूप में सजे संवरे नज़र आते है। शिव नवरात्रि के दौरान महाकालेश्वर के दरबार की छटा निराली होती है। मंदिर नौ दिवसीय उत्सव का साक्षी बनता है, जिसमें भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार और भव्य पूजन संपन्न होता है। यह आयोजन फाल्गुन कृष्ण पंचमी से महाशिवरात्रि के अगले दिन तक चलता है, जो शिवभक्तों के लिए असीम श्रद्धा और आध्यात्मिकता का केंद्र बन जाता है।
*शिव नवरात्रि की पौराणिक महत्ता*
मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु शिव नवरात्रि के दौरान कठिन तपस्या और आराधना की थी। इसी कारण श्रद्धालु इस अवधि में उपवास, पूजा-अर्चना और साधना कर भगवान शिव को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
*महाकाल का दिव्य श्रृंगार*
महाशिवरात्रि को भगवान शिव एवं माता पार्वती के विवाह का पर्व माना जाता है। जिस प्रकार विवाह से पहले वर को हल्दी लगाई जाती है, उसी प्रकार महाकाल मंदिर में नौ दिनों तक भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है। वैसे तो भगवान शिव को हल्दी लगाना निषेध हैं। परंतु इस अवधि में उन्हे हल्दी, चंदन, केसर का उबटन, सुगंधित इत्र, औषधि और फलों के रस से स्नान कराया जाता है। इसके बाद आकर्षक वस्त्र, आभूषण, मुकुट, छत्र, और विभिन्न मुखारविंदों से भगवान महाकाल को अलंकृत किया जाता है।
*पूजन विधि और अनुष्ठान*
शिव नवरात्रि के पहले दिन पुजारियों द्वारा नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर और कोटेश्वर महादेव की पूजा के साथ संकल्प लिया जाता है। प्रतिदिन ब्राह्मणों द्वारा पंचामृत अभिषेक और रुद्रपाठ किया जाता है। इसके बाद भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार होता है, जिसमें विभिन्न स्वरूपों में भगवान के दर्शन किए जाते हैं:
1.  चंदन श्रृंगार
2.  शेषनाग श्रृंगार
3. घटाटोप मुखारविंद श्रृंगार
4. छत्रधारी श्रृंगार
5. होलकर मुखारविंद श्रृंगार
6. मनमहेश स्वरूप श्रृंगार
7. उमा-महेश स्वरूप श्रृंगार
8. शिव तांडव श्रृंगार
9. सप्तधान श्रृंगार
प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक विशेष पूजन होता है।
*भस्म आरती एवं हरिकथा*
शिवरात्रि के दिन भस्म आरती दोपहर में संपन्न होती है, जो वर्ष में केवल एक बार होती है। शिव नवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल हरिकथा श्रवण करते हैं, जिसमें मंदिर परिसर में 113 वर्षों से नारदीय संकीर्तन की परंपरा चली आ रही है। मंदिर प्रांगण में आकर्षक विद्युत सजावट और पुष्प अलंकरण किया जाता है।
*महाशिवरात्रि एवं सेहरा दर्शन*
        महाशिवरात्रि के दिन भगवान महाकाल को विशेष जलाभिषेक और पूजन के बाद अर्धरात्रि में महानिशा काल की विशेष पूजा की जाती है। अगले दिन भगवान का सेहरा दर्शन होता है, जिसमें सवा मन पुष्पों एवं फलों से अलंकृत मुकुट, छत्र, कुंडल, तिलक, त्रिपुंड, रुद्राक्ष की मालाओं से भगवान महाकाल को श्रृंगारित किया जाता है। भक्तगण इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आनंद से अभिभूत हो जाते हैं।
*श्रद्धालुओं की आस्था*
भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन से भक्तगण आत्मिक शांति और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति करते हैं। इस दिव्य दर्शन के बाद श्रद्धालु यहां से लौटने का मन नहीं करते और उनके मन में भगवान महाकाल की कृपा प्राप्त करने की प्रबल भावना जाग्रत होती है।
(विनायक फीचर्स)

(देशना जैन-विनायक फीचर्स)*

प्रयागराज महाकुंभ-2025 के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के लिए तैयारियों अंतिम चरण में

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 रेलवे, हवाई अड्डों और यातायात प्रबंधन की विशेष व्यवस्था लागू


महाशिवरात्रि के पावन पर आयोजित होने वाले पवित्र स्नान को सफल एवं सुरक्षित बनाने के लिये प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं से जुड़े टीमों को फील्ड में रहकर व्यवस्था को सुनिश्चित करने के दिये गये हैं निर्देश

प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच आयोजित किये जा रहे  महाकुंभ में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर होने वाले अंतिम स्नान को लेकर प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की  जा रही हैं। प्रशासन द्वारा महाशिवरात्रि स्नान को सुरक्षित एवं सफल बनाने के लिए तैयारियां अंतिम चरण में है। महाकुंभ 2025 में अब तक  करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान किया ।

महाशिवरात्रि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए रेलवे, हवाई अड्डों, सड़क परिवहन और पार्किंग व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। प्रयागराज में आने – जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए रेलवे ने अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की है, जबकि बस और निजी वाहनों के लिए विशेष यातायात प्रबंधन लागू किया गया है। प्रमुख स्नान घाटों, प्रवेश मार्गों और पार्किंग स्थलों पर पर्याप्त दिशा-निर्देश चिह्न लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

भीड़ नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी लगातार फील्ड में रहकर व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। प्रयागराज के जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ ने बताया कि महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व को सुचारु रुप से सम्पन्न कराने के लिये एक विस्तृत योजना तैयार की गयी है, जिसमें भीड़-प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को प्राथमिकता दी गई है। सभी सुरक्षा एजेंसियां और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर रखा गया हैं, जिससे किसी भी स्थिति से त्वरित और प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

महाकुंभ के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं से जुड़े टीमों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिये नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं। एडीजी जोन और मंडलायुक्त प्रयागराज के नेतृत्व में इन बैठकों के माध्यम से व्यवस्थाओं की निरंतर निगरानी की जा रही है। महाशिवरात्रि के अवसर पर स्नान के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

*विकसित भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी भोपाल जीआईएस* 

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                (पवन वर्मा-विभूति फीचर्स)
डॉ मोहन यादव ने जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की सवा साल पहले शपथ ली थी, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे एक विजनरी नेता भी साबित होंगे। वे अपने विजन के साथ न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के विजन के लिए भी साथ में कदमताल करते हुए दिखाई देने लगे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेर्स्ट समिट इसी का परिणाम है। भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हो रही है। जैसे-जैसे इन समिट के दिन करीब आते जा रहे हैं, प्रदेश के नागरिकों में इसे लेकर उत्सुकता और उत्साह भी बढता जा रहा है।
मध्य प्रदेश की राजधानी पहली बार देश ही नहीं वरन दुनिया भर के उद्योगपतियों के स्वागत के लिए सज रही है। राजा भोज और तालों की नगरी के नाम से अब दुनिया भर में विख्यात भोपाल मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल फैलाने और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए नई इबादत लिखने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समिट से पहले मध्यप्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर  रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का आयोजन किया। जब उन्होंने रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव करने की करने की घोषणा की थी तब भी किसी को  यह यकीन करना आसान नहीं था कि  यह कॉन्क्लेव हकीकत में सफल होगी, लेकिन यह हुआ और हर संभाग में अलग-अलग उद्योगपति शामिल हुए और उन्होंने यहां पर उद्योग लगाने के वादे किए। इन पर अब तेजी से काम चल रहा है। इधर मध्य प्रदेश में निवेश लाने के लिए मोहन यादव के प्रयास सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहे, वे यूके, जर्मनी और जापान की भी यात्रा कर निवेश प्रस्ताव लाने में सफल रहे।
रीजनल इंडस्ट्रीज कॉनक्लेव की सफलता ने ही यह संकेत दे दिए थे कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की सोच मध्यप्रदेश के विकास को लेकर एकदम स्पष्ट है। भोपाल में 24 और 25 फरवरी को होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ऐतिहासिक होगी, यह भरोसा राजनीतिक ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों और आम नागरिकों को भी हो गया है।
अपने अमेरिका की सफलतम यात्रा से लौटने के ठीक दस दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट का उद्घाटन करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस समिट में आना ही यह संकेत देता है कि मध्य प्रदेश में इस बार की ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पुरानी सभी जीआईएस से ज्यादा कामयाब होगी।
 *विश्व स्तरीय संस्थाएं भी होगी शामिल*
जीआईएस में विदेशों से भी उद्योगपति आएंगे, इनके अलावा विश्व बैंक सहित 11 प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगें। वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसीज अपनी विशेषज्ञता यहां प्रदान करेंगी। जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गनाईजेशन (जेटो) और ताइवान एक्सटर्नल ट्रेड डेवलपमेंट काउंसिल (टेटा) भी इसमें भागीदारी करेगें। इससे इंडो पैसिफिक आर्थिक साझेदारी संभव हो सकेगी। सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन कोरिया की भागीदारी क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करेगी। इसी तरह यूरोपिय हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जर्मनी ट्रेड एंड इन्वेस्ट, इंडो जर्मन चेंबर ऑफ कॉमर्स, इंडिया आयरलैंड काउंसिल और इटालियन ट्रेड एजेंसी भी यहां पर अपनी भागीदारी करेगी। यूरोपिय हितों से जुड़ी एजेंसियों का भोपाल में होने वाली जीआईएस में शामिल होना मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में यूरोप की गहरी रूचि को बताता है। इस समिट में ओटावा कनाडा और उत्तर अमेरिका से जुड़े उद्योगपतियों का सम्मिलित होना भी उनके यहां पर निवेश करने की संभावनाओं को बढाता है।
 *तीस देशों के प्रवासी भारतीय भी होंगे शामिल*
जीआईएस में पहली बार अलग से प्रवासी भारतीय समिट भी होगी। इसमें तीस देशों के 550 से अधिक प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। इसमें अमरीका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, यूएई से प्रतिनिधि आएंगे। ब्रिटेन की गैरार्ड क्रॉस टाउन काउंसिल की पहली महिला मेयर प्रेरणा भारद्वाज  और हाउस ऑफ लॉर्डस के सदस्य रेमी रेंजर भी इस सम्मिट में शामिल होंगे। इसी तरह अमेरिका में फ्रेंडस ऑफ एमपी के अध्यक्ष प्रमीत माकोडे, ब्रिटेन में फ्रेंडस ऑफ एमपी रोहित दीक्षित, यूएई अबू धाबी चैप्टर की अध्यक्ष लीना वैद्य, यूएई चैप्टर के संयोजक जितेंद्र वैद्य भी इसमें शामिल होंगे।
 *जीसीसी नीति  होगी सहायक*
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जीसीसी पॉलिसी 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लांच कर दिया है। जीसीसी के क्षेत्र में राज्य नई उंचाईयों तक पहुंच सकता है। मध्य प्रदेश इस सेक्टर में अपनी भागीदारी को तेजी से बढाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह नीति विशेष रूप से आइटी, इंजीनियरिंग, वित्त, बिजनेस प्रोसेस,आउटसोर्सिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने पर केंन्द्रित है और राज्य का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है। इस समिट से जीसीसी के लिए बड़ी संख्या में निवेश प्रस्तावों की उम्मीद जागी है। जीसीसी वे केंद्र है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने मुख्यालय से अलग अन्य देशों में स्थापित करती है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपने ऑपरेशंस को सुचारू रूप से चलाना और अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाना होता है। इन केंद्रों में साफ्टवेयर डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, वित्तीय सेवाएं, अनुसंधान एवं विकास, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और ग्राहक सहायता जैसी सेवाएं दी जाती हैं। (विभूति फीचर्स)

म्युज़िक वीडियो “टिक टॉक ड्रीम्स” हुआ लॉन्च 

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निर्देशक निलेश मल्होत्रा और सह निर्देशक डॉ. सुरैना मल्होत्रा के निर्देशन में बनी है अलबम से डैनियल का डेब्यू

मुंबई। निर्माता निर्देशक निलेश मल्होत्रा का अंग्रेजी म्यूजिक वीडियो “टिक टॉक ड्रीम्स” 17 फरवरी 2025 को लॉन्च हुआ। इसके वीडियो में न्यूकमर एक्टर डैनिएल ने अभिनय किया है, जिन्होंने एमिल मोहन के साथ इसे गाया भी है। मुम्बई में अंधेरी स्थित इंपा के ऑफ़िस में इसका अनावरण किया गया। ‘मल्होत्रा प्रोडक्शंस’ के सहयोग से पैनोरमा विज़ुअल्स के बैनर तले बने म्युज़िक वीडियो “टिक टॉक ड्रीम्स” में डैनिएल और पोली की जोड़ी दिखाई देगी। वीडियो के सह निर्देशक डॉ. सुरैना मल्होत्रा, सिंगर एमिल मोहन और डैनिएल, गीतकार कैरिन वाट, संगीतकार अमर प्रभाकर देसाई, कोरियोग्राफ़र अजीत गडे और एडिटर वैभव कांबले हैं। मुम्बई में फिल्माया गया यह गीत एक्टर डैनिएल का पहला वीडियो है। यह गीत पीवी (पैनोरमा विजुअल्स म्युज़िक) के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज होगा। निर्माता निर्देशक, अभिनेता, मॉडल होने के साथ साथ निलेश मल्होत्रा एक बहुमुखी और अनुभवी पर्सनालिटी हैं। उनका कहना है कि इस वीडियो सॉन्ग का कॉन्सेप्ट आजकल सोशल मीडिया के इर्दगिर्द घूमती यंगस्टर्स की जिंदगी पर आधारित है। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से युवा लड़के लड़की एक दूसरे से दोस्ती करते हैं, एक दूजे को पसन्द करते हैं, प्यार करने लगते हैं, सपने देखने लगते हैं। लेकिन फिर वीडियो के अंत में ऐसा क्लाइमेक्स है कि लड़के को झटका लगता है और दर्शक भी हैरान रह जाएंगे। डायरेक्टर निलेश मल्होत्रा ने आगे बताया कि हम इस सॉन्ग के पार्ट 2 के बारे में भी सोच रहे हैं जो इसी स्टोरी को आगे बढ़ाएगा। बतौर हीरो 5 फिल्में, 15 टीवी शोज़, मॉडल के रूप में 35 प्रोडक्ट्स के विज्ञापन में निलेश मल्होत्रा ने काम किया है। बतौर फ़िल्ममेकर वह 3 फिल्में बना चुके हैं। वह लगातार म्युज़िक वीडियो करते रहते हैं। बतौर निर्माता निर्देशक टिक टॉक ड्रीम्स उनका 8वां अल्बम है। इससे पहले 6-7 म्युज़िक वीडियो उन्होंने विदेशों में शूट किए हैं।
डॉ. सुरैना मल्होत्रा, राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी – शरदचंद्र पवार पक्ष की वरिष्ठ नेता हैं। वह पार्टी के – अध्यक्ष राष्ट्रीय – ऑल इंडिया आय टी सेल व सोशल  मीडिया – राष्ट्रवादी महिला काँग्रेस – शरदचंद्र पवार; – राष्ट्रीय महासचिव – NMCSP; महाराष्ट्र प्रवक्ता – NCPSP, निरीक्षक – मुम्बई महिला पदों पर है।
निर्माता निर्देशक और मुख्य अभिनेता के रूप में निलेश मल्होत्रा की पहली अंग्रेजी फिल्म ‘हेन्कि पेन्कि’ 2013 में ‘कान्स फिल्म फेस्टिवल’ (शॉर्ट फिल्म कॉर्नर) में चुनी गई थी और उसी साल मुंबई में ‘मिनी बॉक्स ऑफिस फिल्म फेस्टिवल’ से इस फिल्म के लिए उन्हें “सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरुस्कार” भी मिला। उनकी एक और हिंदी फीचर फिल्म ‘मिस्टी पे’ है जिसमें जीनत अमान, जावेद शेख, करण खन्ना, निकिता आनंद, रजत बेदी, रोजा और निलेश मल्होत्रा ने काम किया है। अभिनेता के रूप में, उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी फीचर फिल्मों में कई प्रसिद्ध निर्देशकों के तहत अभिनय किया है। निलेश मल्होत्रा ने तीन हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है और एक हॉलीवुड फिल्म ‘द डिसीवर्स’ में हॉलीवुड स्टार पियर्स ब्रॉसनन के साथ अभिनेता के रूप में काम किया है।निलेश मल्होत्रा ने ‘महाभारत’, ‘चाणक्य’, ‘द ग्रेट मराठा’, चंद्रकांता, युग और जय गणेश सिलसिला जैसे सीरियल्स में भी अभिनय किया। उन्होंने ही यूट्यूब में अपना म्यूजिक चैनल “पैनोरमा विजुअल्स म्यूजिक चैनल” भी शुरू किया, जिसके अंतर्गत उनका यह नया अल्बम टिक टॉक ड्रीम्स आ रहा है। उनके और डॉ. सुरैना मल्होत्रा के पुत्र डैनिएल उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अभिनय जगत में कदम रखने को तैयार हैं।

श्री कराह धाम आश्रम की हजारों गौ-माताओं से समुचे ब्रहमांड की होती है अनुभूति :मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुरैना के श्री कराह धाम आश्रम पहुँचकर अनन्त श्री गुरुदेव पटिया वाले बाबा के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने श्री कारह धाम आश्रम की गौशाला में गौ-माता का पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है। आश्रम की गौ-शाला में 7500 से अधिक गौ-माताएं है। आश्रम में आकर अनुभूति हो रही है कि यहां पूरा ब्रहमांड समाया हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा, मुरैना-श्योपुर के सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, सबलगढ़ विधायक श्रीमती सरला रावत, पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कराह धाम आश्रम में चल रहे श्री सियपिय मिलन समारोह में शामिल होकर संत शिरोमणि श्री हरिगिरी महाराज जी एवं श्री दीनबंधु दास महाराज को सम्मान-पत्र और पुष्पमाला पहनाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो लोग गौ-पालन करेंगे, उन गौवंशों का दूध शासन द्वारा खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि गौमाता के बिना घर सूना होता है, हर घर में गौ पालन को बढावा देना चाहिए। जो भी व्यक्ति 10 से ज्यादा जो गौ पालन करेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा और गौवंशों से प्राप्त दुग्ध को सरकार खरीद कर गौपालकों को अतिरिक्त अनुदान देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस वर्ष गेंहू उपज को 2600 रूपये क्विंटल खरीदने की घोषणा की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परमात्मा को जिस रूप में देखो उस रूप में दिखाई देते है, वे हमारी परीक्षा भी लेते है, प्रभु लीला सामान्य मनुष्य की समझ के परे है। पटिया वाले बाबा ने अपने तप, साधना, वैराग्यवृत्ति से जो आनंद बरसाया है, उसी का परिणाम श्रद्धालुओं में देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिये सिंचाई के क्षेत्र को निरंतर बढ़ा रही है। वर्तमान में 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है। इसे बढ़ाकर 1 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय किया गया है। देश की प्रथम दो नदी जोड़ो परियोजनाओं में शामिल पीकेसी (पार्वती, कालीसिंध, चंबल) परियोजना से मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और आगे जाकर मालवा, गुना जिलों में सिंचाई के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस महीने के आखिरी तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री आ रहे हैं। उमसे चर्चा कर ताप्ती नदी को जोडकर वहां के किसानों को पानी उपलब्ध करवा कर उनकी जिंदगी बदलने का अभूतपूर्व कार्य होने वाला है। इन सभी परियोजनाओं के मंजूर होने से समूचे प्रदेश में सिंचाई के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। सरकार का प्रयास है कि कृषि के साथ अन्य संबद्ध विभागों के समन्वय से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जायें।

रणवीर अल्लाहबादिया का बयान हमारी संस्कृति का घोर अपमान है – शगुन गुप्ता

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मुंबई – मुंबई की जानी-मानी सामाजिक संस्था जो महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती है  ” शगुन गुप्ता फाउंडेशन ” की चेयरमैन डॉ. शगुन गुप्ता ने रणवीर अल्लाहबादिया के अपने शो में विवादित टिप्पणी पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा है कि -‘   यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया ने सोमवार को एक विवादित टिप्पणी के बाद माफ़ी मांगी है, जो नाकाफी है , उन्हें  तुरंत ही अपने राष्ट्रीय  सम्मान को भी सरकार को वापस लौटा देना चाहिए।

 

हमारी भारतीय संस्कृति में माँ और बाप का जो स्थान है उसे बड़ी हानी हुई है।  युवा वर्ग को एक गलत सन्देश देने का काम रणवीर अल्लाहबादिया ने किया है। यह हमारी संस्कृति का घोर अपमान है , रणवीर अल्लाहबादिया को जेल होना चाहिए , सरकार सिर्फ विरोध जाता कर क्यों छोड़ रही है।
हालांकि  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के विपक्षी नेताओं सहित राजनेताओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने के लिए उनकी निंदा की जो मगर हमारी संस्था निंदा मात्र से चुप नहीं बैठेगी , हम इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे।

डॉ. गुप्ता संस्था द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहती है कि -‘ भारतीय संस्कृति माता-पिता का विशेष महत्व है। मनुष्य के जीवन में पिता का वही स्थान है जो मां का होता है। इसलिए इनमें से हमें किसी की भी उपेक्षा और तिरस्कार नहीं करना चाहिए। सभी एक दूसरे का सम्मान बनाए रखे यही भारतीय संस्कृति की मर्यादा है। रणवीर अल्लाहबादिया को शर्म आनी चाहिए , हमारी संस्था रणवीर अल्लाहबादिया का बायकॉट करती है।

पशु पालक भाई ध्यान दे फरवरी माह चल रहा है। सभी मवेशियों को अन्तः कृमि नाशक दवा अवश्य ही दे

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गाय, भैंस के पेट में पलने वाले अदृश्य आंतरिक परजीवी जेसै फीताकृमि, गोलकृमि,लिवर फ्लयूक इत्यादि दुधारू पशुओं का दूध उत्पादन प्रति ब्यांत 100 लीटर तक या प्रतिदिन आधा से 1.0 लीटर कम कर देते हैं । एवं समय पर दवा न देने से दूध उत्पादकता में 5 प्रतिशत तक की कमी हो जाती हैं।
यही नहीं आन्तरिक कीड़े /पशु शरीर में पल रहे कृमि मादा गो पशुओं की प्रजनन/ग्याभिन होने की क्षमता भी 14 से 17 प्रतिशत तक कम कर देते है।
देशी पशुओं के कम दूध उत्पादन तथा कम होती प्रजनन क्षमता का कारण भी नियमित अंतराल पर कृमि नाशक दवा नहीं देना ही प्रतीत होता है।

साधारणतया नवम्बर, दिसंबर, जनवरी माह में रिजका,बरसीम, सरसों जैसे हरे चारे खिलाएं जाते हैं,इनके साथ विभिन्न प्रकार के कृमि तथा एफिड,जेसिड आदि कीट चारे के साथ पशु के पेट में चले जाते हैं,इनके निदान के लिए फरवरी माह में दवा दी जानी चाहिए।

इसी प्रकार जुलाई, अगस्त माह में बरसाती पानी एवं बरसाती घांस,हरा चारा आदि खाना पीना पड़ता है जिनके साथ बरसाती कीड़े भी पशु के पेट में जाकर अपना डेरा जमा कर खून चूसना शुरू कर देते हैं। इनको समाप्त करने के लिए अक्टूबर माह में दवा दी जानी चाहिए।

मई, जून में पशु के पेट में पल रहे कृमियों का प्रजनन काल होता है इसलिए जून माह में भी दवा दी जानी चाहिए।

इस प्रकार से मवेशियों को पेट के कीड़ों से मुक्त रखने के लिए फरवरी, जून एवं अक्टूबर माह में प्रति व्यस्क पशु अन्तः कृमि नाशक दवा एलबेंडाजोल या आईवरमेक्टीन या आक्सीकलोजेनाईड 100 एम एल दवा या अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार कोई भी एक दवा दलिया, गुड में मिलाकर लड्डू बनाकर दे देते हैं तो मवेशी स्वस्थ्य तो रहेगा ही ,दूध उत्पादन में होने वाले उपरोक्त अदृश्य नुकसान से भी बच सकेगें ।
अतः समस्त गाय ,भेंस ,बछड़ों को समय-समय पर अन्तः कृमि नाशक दवा अवश्य देवें। तथा दवा देने की तिथि का ध्यान रखने के लिए उपरोक्त फ्लेक्स बनवाकर अपनी गोशाला में लगावें। ‌ पशु शरीर पर पलने वाले ब्राह्य कृमि जेसे चिंचडे, जूं एवं पिस्सू इत्यादि भी काफी नुकसान पंहुचाते है। पशुओं को इनसे भी बचाये रखना आवश्यक है। एक चिंचडा प्रति दिन 1.5 एम एल खून चूस जाता है। बाजार में प्रचलित ब्यूटोक्स दवा को एक लीटर पानी में 5.0 एम एल मिला कर या कोई अन्य दवा का पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार पशु शरीर पर पोंछा लगाना या छिड़काव करना चाहिए। बची हुई दवा को पशु शाला में भी छिड़क देना चाहिए।

सभी पशुओं को उनकी इच्छा अनुसार सेंधा या साधारण नमक भी नियमित रूप से बिना नागा के पीने के पानी में या अलग से चारे की ठान में या प्लास्टिक के आधे कटे ड्रम में भरकर पशु के सामने रख कर उपलब्ध कराते रहें।
साधारण तया प्रति व्यस्क मवेशी 30 से 35 ग्राम नमक प्रति दिन अवश्य ही देना चाहिए। ‌‌ ‌ डॉ महेंद्र गर्ग ‌ पशु पालन वैज्ञानिक,
पूर्व सलाहकार, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग,नई दिल्ली
सेवानिवृत्त प्रोफेसर, कृषि विश्वविद्यालय ,कोटा

चाइनीज वोक के पूर्वी भारत में विस्तार की जोरदार शुरुआत, अब कंपनी की नजरें आगे बढ़ने पर

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  • कोलकाता में चार महीने की दमदार शुरुआत के बाद,चाइनीज वोक की नजरें पूर्वी भारत में और अधिक विस्तार की तरफ
  • कोलकाता के प्रमुख स्थानों: न्यूटाउन,चिनार पार्कपार्क स्ट्रीट और मेट्रोपोलिस मॉल में खोले आउटलेट।
  • नए आउटलेट,रीजनल मेन्यू इनोवेशन और स्थानीय साझेदारियों में निवेश की योजना।
  • तीन वर्षों के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर 500 स्थानों तक विस्तार करने का लक्ष्य,क्यूएसआर सेगमेंट में अपने नेतृत्व को मजबूत करने का इरादा।

 

कोलकाता, 19 फरवरी 2025: लेनेक्सिस फूडवर्क्स के तहत भारत की सबसे बड़ी चीनी क्यूएसआर चेन चाइनीज वोक को पिछले कुछ महीनों में कोलकाता में गर्मजोशी भरा स्वागत मिला हैजिससे शहर के लोगों के बीच इंडो-चाइनीज स्वादों के प्रति गहरे प्रेम को बढ़ावा मिला है। बाजार में मजबूत और बढ़ती उपस्थिति के साथब्रांड अब इस क्षेत्र में निरंतर विस्तार के लिए कमर कस रहा है। न्यूटाउनचिनार पार्कपार्क स्ट्रीट और मेट्रोपोलिस मॉल जैसे प्रमुख स्थानों पर सफलतापूर्वक आउटलेट स्थापित करने के बादचाइनीज वोक कोलकाता और उसके बाहर अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैताकि पूर्वी भारत में और भी अधिक खाद्य प्रेमियों तक अपने विशिष्ट स्वादों को पहुंचाया जा सके।

 

220+ स्थानों और 35+ शहरों में मजबूत उपस्थिति के साथ, चाइनीज वोक बड़ी तेजी से अपने विस्तार की योजना को आगे बढ़ा रहा है। कंपनी मार्च 2025 तक ₹650 करोड़ की बिक्री रन रेट और वित्त वर्ष 2026 तक ₹1000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित कर रही है। पूर्वी भारत में विस्तार कंपनी की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वित्त वर्ष 24-25 तक 20 शहरों में 100 नए रेस्टोरेंट खोलने और अगले तीन वर्षों में 500+ स्थानों तक पहुंचने की योजना है। विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शेहरॉन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कंपनी अगले एक वर्ष में पूर्व क्षेत्र में 25+ नए आउटलेट खोलने की योजना बना रही है।

लेनेक्सिस फूडवर्क्स के संस्थापक और निदेशक आयुष मधुसूदन अग्रवाल ने कहा, “कोलकाता हमारे लिए एक प्रमुख बाजार रहा है और पिछले कुछ महीनों में चाइनीज वॉक को जो रेस्पोंस मिला है, उसने शहर की अपार क्षमता के बारे में हमारे विश्वास को और मजबूत किया है। एक मजबूत और बढ़ती उपस्थिति के साथ, अब हम कोलकाता में विस्तार करने और पूर्वी भारत में और विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य नए आउटलेट खोलकर, अपनी आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाकर और रोजगार के अवसर पैदा करके इस क्षेत्र में एक मजबूत नेटवर्क बनाना है। जैसे-जैसे हम अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ते जा रहे हैं, हम भारत के सबसे गतिशील खाद्य बाजारों में से एक में अपनी उपस्थिति को मजबूत करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले, किफ़याति इंडो-चाइनीज व्यंजन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

चाइनीज वोक के अलावा, लेनेक्सिस फूडवर्क्स कई अन्य प्रसिद्ध क्लाउड किचन ब्रांड्स जैसे बिग बाउल को. और द मोमो को. का भी संचालन करता है।

रोजगार और स्थानीय सहयोग को मिलेगा बढ़ावा – इस विस्तार से रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे, क्योंकि प्रत्येक नया आउटलेट किचन संचालन, ग्राहक सेवा, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करेगा। कंपनी स्थानीय विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारी करेगी, जिससे ताजा और प्रामाणिक सामग्रियों की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।

कोलकाता में लॉन्च ऑफर्स – चाइनीज वोक कोलकाता में अपनी शुरुआत का जश्न मनाने के लिए कुछ विशेष सीमित समय के ऑफर्स लेकर आया है:

  • ₹99 सुपरबाउल कॉम्बो – कोई शर्त नहीं, इसमें चावल या नूडल्स, मंचूरियन ग्रेवी और पेप्सी शामिल हैं।
  • वोक वेडनेसडे बीओजीओ – चुनिंदा डिशेज़ पर बाय वन, गेट वन फ्री ऑफर।
  • सुपर संडे – पूरे मेन्यू पर फ्लैट ₹149 की कीमत।

कोलकाता के अनोखे स्वाद को समझते हुए, चाइनीज वोक खास किस्म के रीजनल व्यंजन पेश करेगा और ग्राहकों के लिए एक आकर्षक डिजिटल अनुभव लेकर आएगा। इनमें एआर-पावर्ड ऑर्डरिंग विजेट, सीजीआई लॉन्च एनीमेशन, और एक इंटरैक्टिव इंस्टाग्राम गेम शामिल होगा, जो फूड लवर्स को और भी अधिक आकर्षित करेगा।

चाइनीज वोक, बिग बाउल और द मोमो को. जैसे ब्रांड्स के साथ, लेनेक्सिस फूडवर्क्स गुणवत्ता, नवाचार और ग्राहक अनुभव में नए मानक स्थापित कर रहा है। पूर्वी भारत में विस्तार इस बात का प्रमाण है कि कंपनी उच्च-गुणवत्ता, किफायती और स्वादिष्ट भोजन को पूरे देश में अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।