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अरिपिराला योगानंद शास्त्री: सनातन धर्म के युवा प्रचारक और वैदिक ज्योतिष के विद्वान

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भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को संजोए रखने वाले सनातन धर्म के प्रचार में कई व्यक्तित्व अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें से एक नाम है अरिपिराला योगानंद शास्त्री, जिन्होंने बेहद कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा और समर्पण से सबका ध्यान आकर्षित किया है। मात्र 11 वर्ष की उम्र में महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी से पीएचडी प्राप्त करने वाले योगानंद शास्त्री आज सनातन धर्म के प्रचार और वैदिक ज्ञान के प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अरिपिराला योगानंद शास्त्री का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं का गहरा प्रभाव था। बचपन से ही उनकी रुचि वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र की ओर रही। उनकी असाधारण बुद्धि और सीखने की ललक ने उन्हें छोटी उम्र में ही वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी, जो वैदिक ज्योतिष और सनातन ज्ञान का एक प्रतिष्ठित केंद्र है, वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा और 11 साल की उम्र में डिग्री हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उम्र ज्ञान और समर्पण की राह में बाधा नहीं बन सकती।

सनातन धर्म के प्रति समर्पण

योगानंद शास्त्री का जीवन सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित है। वे मानते हैं कि आज के आधुनिक युग में युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए वे विभिन्न मंचों, प्रवचनों और लेखों के माध्यम से सनातन धर्म के मूल्यों, जैसे कर्म, धर्म, और मोक्ष की अवधारणाओं को सरल भाषा में समझाते हैं। उनका मानना है कि वैदिक ज्योतिष न केवल भविष्य की भविष्यवाणी का साधन है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने वाला एक मार्गदर्शक भी है।

वैदिक ज्योतिष में योगदान

अपनी कम उम्र के बावजूद, योगानंद शास्त्री ने ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में गहरी समझ विकसित की है। वे ग्रहों की चाल, नक्षत्रों के प्रभाव और कुंडली विश्लेषण के जरिए लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन देते हैं। उनकी खासियत यह है कि वे जटिल ज्योतिषीय सिद्धांतों को आम लोगों के लिए आसान बनाते हैं, जिससे यह ज्ञान सभी तक पहुंच सके। उनकी यह क्षमता उन्हें एक प्रभावशाली शिक्षक और प्रचारक बनाती है।

प्रेरणा का स्रोत

अरिपिराला योगानंद शास्त्री आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि यदि मन में लगन और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। वे कहते हैं, “सनातन धर्म हमारी पहचान है, और इसे जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।” उनकी यह सोच और कार्यशैली उन्हें न केवल एक विद्वान, बल्कि एक सच्चे धर्म प्रचारक के रूप में स्थापित करती है।

भविष्य की राह

मात्र 11 वर्ष की उम्र में इतना कुछ हासिल करने के बाद भी योगानंद शास्त्री रुकने का नाम नहीं ले रहे। वे भविष्य में सनातन धर्म और वैदिक ज्योतिष के प्रचार को वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए वे डिजिटल माध्यमों का भी सहारा ले रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी तक यह ज्ञान पहुंच सके।
अरिपिराला योगानंद शास्त्री जैसे युवा सनातन धर्म की ध्वजा को ऊंचा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी यह यात्रा न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्चा ज्ञान और समर्पण किसी भी उम्र में चमत्कार कर सकता है।

अभी हाल ही में अरिपिराला योगानंद शास्त्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला से मिल कर अपने ज्ञान का परिचय दिया। साथ ही अरिपिराला योगानंद शास्त्री को कई राज्यपाल और विभिन्न प्रतिष्ठित लोगों के हाथों बहुत सम्मान मिल चुका है। जैसे -15 सितंबर 2024 को हैदराबाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध शांति पुरस्कार 2024 में जिष्णु देव वर्मा (तेलंगाना के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि। 14 फरवरी 2025 को शिमला में आयोजित क्रिएटर्स एंड बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025 में शिव प्रताप शुक्ला (हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि। राम निवास गोयल (दिल्ली विधानसभा के माननीय अध्यक्ष) से ​​भारत सम्मान निधि पुरस्कार। जगदंबिका पाल (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) और रघुराज सिंह (यूपी के श्रम और रोजगार मंत्री) से ज्योतिष में राष्ट्रीय प्रतीक पुरस्कार।
ज्योतिष कला विशारद पुरस्कार एवं मानद डॉक्टरेट की उपाधि दिगंबर कामत (मुख्यमंत्री, गोवा), राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार न्यायमूर्ति डॉ. के.जी. बालकृष्णन (मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय) एवं श्रीमती मानषी रॉय (प्रथम महिला एवं भारतीय उद्योग परिसंघ की पूर्व महानिदेशक) तथा मदन लाल (पूर्व दिग्गज क्रिकेटर), ज्योतिष में युवा शोधकर्ता पुरस्कार न्यायमूर्ति अनंग कुमार पटनायक (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वर्तमान में किशोर न्याय समिति) एवं मेजर जनरल संजय सोई (सेवानिवृत्त, वर्तमान में प्रेसीडेंसी सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष….) राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार फग्गन सिंह कुलस्ते (भारत के ग्रामीण विकास मंत्री) एवं विंदू दारा सिंह (पहलवान एवं अभिनेता) एवं विनय चौधरी (राष्ट्रीय सह-प्रभारी, भाजपा) आदि सम्मान मिल चुके है।

खासकर गऊ भारत भारती समाचारपत्र द्वारा ‘ सर्वोत्तम सम्मान ‘ उन्हें जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरा नन्द के हाथो दिया गया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अरिपिराला योगानंद शास्त्री की प्रशंसा में पत्र जारी कर अरिपिराला योगानंद शास्त्री को भारत का लाल कहा है।

बिहार दिवस पर मुंबई में बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी की प्रेस वार्ता

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समाजसेवी नीलोत्पल मृणाल (वाईस प्रेसिडेंट – भाजपा महाराष्ट्र उत्तर भारतीय मोर्चा) और बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष कैसर खालिद (आईपीएस) भी रहे उपस्थित

मुम्बई। बिहार दिवस के अवसर पर बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बीकेसी, मुंबई में बिहार फाउंडेशन में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस मौके पर उनके साथ समाजसेवी नीलोत्पल मृणाल (वाईस प्रेसिडेंट – भाजपा महाराष्ट्र उत्तर भारतीय मोर्चा) और बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष कैसर खालिद (आईपीएस) भी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार सरकार नीतीश कुमार के उन्नत बिहार, विकसित बिहार के संकल्प को पूरा करना है। इस कार्यक्रम में राजस्व मंत्री ने बताया कि जो प्रवासी बिहारी हैं उनके हितार्थ ऑनलाइन सर्वे की व्यवस्था की गई है जहाँ लोगों भारत के किसी भी कोने से अपनी भूमि से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, मनोरंजन, सुरक्षा जैसे कई पहलुओं में बिहार की स्थिति में तेजी से सुधार कार्य हो रहे हैं। 2005 से नीतीश सरकार और वर्तमान मोदी सरकार की नीतियों के बदौलत आज बिहार की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में तेजी से सुधार आये हैं और राज्य सतत विकास की ओर बढ़ रहा है।
मंत्री संजय सरावगी ने बिहार दिवस पर “उन्नत बिहार, विकसित बिहार” के संकल्प के साथ मुंबई एवं देश दुनिया में रह रहे सभी बिहारी प्रवासियों को बिहार की स्थापना के 113वें वर्षगाँठ की बधाई देते हुए शुभकामनाएँ दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार निरंतर आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी का 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प है, उसमें बिहार की भी अग्रणी भूमिका रहेगी। महाराष्ट्र और मुम्बई का हृदय से आभार जिसने प्रवासी बिहारी भाइयों एवं बहनों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर और एक सशक्त मंच प्रदान किया। महाराष्ट्र की भूमि ने उन्हें कर्मभूमि दी तो बिहार ने उन्हें संस्कार, मेहनत एवं जज़्बे की पहचान सौंपी। यह आपके खुले दिल और स्वीकार्यता का ही परिणाम है कि बिहारी प्रवासी अपनी प्रतिभा और परिश्रम से आपकी प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं।
मंत्री सरावगी ने आगे कहा कि अब बिहार के हालात एकदम से बदल चुके है। जहां 2005 से पहले बिहार में सिर्फ 3 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 13 पॉलिटेकनिक संस्थान थे। वहीं आज बिहार में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 38 पॉलिटेकनिक संस्थान हैं। बिहार के हर ज़िले में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। आज प्रदेश में 21 सरकारी मेडिकल कॉलेज सुचारु रूप से काम कर रहा है, और 23 सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है। पटना के बाद दरभंगा में भी एम्स जैसे विश्वस्तरीय अस्पताल का निर्माण हो रहा है।”
साथ ही बिहार में रेल हवाई सम्पर्क को नई ऊँचाइयाँ मिल रही है। गया और पटना एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है, दरभंगा एयरपोर्ट से रोज़ाना नए शहरों के लिए उड़ाने बढ़ाई जा रही है। पूर्णियाँ एयरपोर्ट से जल्द ही उड़ान शुरू हो जाएगी। अयोध्या में निर्मित श्री राम मंदिर के तर्ज पर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में 50 एकड़ में विशाल माँ जानकी मंदिर के निर्माण का निर्णय लिया जा चुका है।
उन्होंने बिहार के प्रवासियों से यह निवेदन किया कि अपनी कर्मभूमि महाराष्ट्र की सेवा के साथ साथ जन्मभूमि बिहार की उन्नति, प्रगति एवं विकास में अपना अमूल्य योगदान दें।
मंत्री ने आगे बताया कि अगले 10 वर्षो में बिहार इतनी तरक्की कर लेगा कि वहां के लोगों को काम के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा।

अरिपिराला योगानंद शास्त्री: सनातन धर्म के युवा प्रचारक और वैदिक ज्योतिष के विद्वान

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भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को संजोए रखने वाले सनातन धर्म के प्रचार में कई व्यक्तित्व अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें से एक नाम है अरिपिराला योगानंद शास्त्री, जिन्होंने बेहद कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा और समर्पण से सबका ध्यान आकर्षित किया है। मात्र 11 वर्ष की उम्र में महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी से पीएचडी प्राप्त करने वाले योगानंद शास्त्री आज सनातन धर्म के प्रचार और वैदिक ज्ञान के प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अरिपिराला योगानंद शास्त्री का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं का गहरा प्रभाव था। बचपन से ही उनकी रुचि वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र की ओर रही। उनकी असाधारण बुद्धि और सीखने की ललक ने उन्हें छोटी उम्र में ही वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी, जो वैदिक ज्योतिष और सनातन ज्ञान का एक प्रतिष्ठित केंद्र है, वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा और 11 साल की उम्र में डिग्री हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उम्र ज्ञान और समर्पण की राह में बाधा नहीं बन सकती।

सनातन धर्म के प्रति समर्पण

योगानंद शास्त्री का जीवन सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित है। वे मानते हैं कि आज के आधुनिक युग में युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए वे विभिन्न मंचों, प्रवचनों और लेखों के माध्यम से सनातन धर्म के मूल्यों, जैसे कर्म, धर्म, और मोक्ष की अवधारणाओं को सरल भाषा में समझाते हैं। उनका मानना है कि वैदिक ज्योतिष न केवल भविष्य की भविष्यवाणी का साधन है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने वाला एक मार्गदर्शक भी है।

वैदिक ज्योतिष में योगदान

अपनी कम उम्र के बावजूद, योगानंद शास्त्री ने ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में गहरी समझ विकसित की है। वे ग्रहों की चाल, नक्षत्रों के प्रभाव और कुंडली विश्लेषण के जरिए लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन देते हैं। उनकी खासियत यह है कि वे जटिल ज्योतिषीय सिद्धांतों को आम लोगों के लिए आसान बनाते हैं, जिससे यह ज्ञान सभी तक पहुंच सके। उनकी यह क्षमता उन्हें एक प्रभावशाली शिक्षक और प्रचारक बनाती है।

प्रेरणा का स्रोत

अरिपिराला योगानंद शास्त्री आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि यदि मन में लगन और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। वे कहते हैं, “सनातन धर्म हमारी पहचान है, और इसे जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।” उनकी यह सोच और कार्यशैली उन्हें न केवल एक विद्वान, बल्कि एक सच्चे धर्म प्रचारक के रूप में स्थापित करती है।

भविष्य की राह

मात्र 11 वर्ष की उम्र में इतना कुछ हासिल करने के बाद भी योगानंद शास्त्री रुकने का नाम नहीं ले रहे। वे भविष्य में सनातन धर्म और वैदिक ज्योतिष के प्रचार को वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए वे डिजिटल माध्यमों का भी सहारा ले रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी तक यह ज्ञान पहुंच सके।
अरिपिराला योगानंद शास्त्री जैसे युवा सनातन धर्म की ध्वजा को ऊंचा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी यह यात्रा न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्चा ज्ञान और समर्पण किसी भी उम्र में चमत्कार कर सकता है।

अभी हाल ही में अरिपिराला योगानंद शास्त्री दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला से मिल कर अपने ज्ञान का परिचय दिया साथ ही अरिपिराला योगानंद शास्त्री को बहुत से राज्यपालो और विभिन्न बड़े लोगो के हाथो बहुत सा सम्मान मिल चूका है। जैसे –
15 सितंबर 2024 को हैदराबाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध शांति पुरस्कार 2024 में श्री जिष्णु देव वर्मा (तेलंगाना के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि। 14 फरवरी 2025 को शिमला में आयोजित क्रिएटर्स एंड बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025 में श्री शिव प्रताप शुक्ला जी (हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल) से ज्योतिष में युवा उपलब्धि पुरस्कार और उपाधि। श्री राम निवास गोयल जी (दिल्ली विधानसभा के माननीय अध्यक्ष) से ​​भारत सम्मान निधि पुरस्कार।
श्री जगदंबिका पाल जी (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) और श्री रघुराज सिंह जी (यूपी के श्रम और रोजगार मंत्री) से ज्योतिष में राष्ट्रीय प्रतीक पुरस्कार।  ज्योतिष कला विशारद पुरस्कार एवं मानद डॉक्टरेट की उपाधि श्री दिगंबर कामत जी (मुख्यमंत्री, गोवा) , राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार माननीय न्यायमूर्ति डॉ. के.जी. बालकृष्णन (मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय) एवं श्रीमती मानषी रॉय (प्रथम महिला एवं भारतीय उद्योग परिसंघ की पूर्व महानिदेशक) तथा मदन लाल (पूर्व दिग्गज क्रिकेटर) , ज्योतिष में युवा शोधकर्ता पुरस्कार माननीय न्यायमूर्ति अनंग कुमार पटनायक जी (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वर्तमान में किशोर न्याय समिति) एवं मेजर जनरल संजय सोई [सेवानिवृत्त] वर्तमान में (प्रेसीडेंसी सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष….) राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी (भारत के ग्रामीण विकास मंत्री) एवं विंदू धारा सिंह (पहलवान एवं अभिनेता) एवं विनय चौधरी (राष्ट्रीय सह-प्रभारी, भाजपा) आदि सम्मान मिल चुके है।
खासकर गऊ भारत भारती समाचारपत्र द्वारा ‘ सर्वोत्तम सम्मान ‘ उन्हें यह सम्मान जगत गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरा नन्द के हाथो दिया गया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने भी अरिपिराला योगानंद शास्त्री की प्रशंसा में पत्र जारी कर अरिपिराला योगानंद शास्त्री को भारत का लाल कहा है।

नारायण सेवा संस्थान का मुंबई में विशाल निःशुल्क शिविर, सैकड़ों दिव्यांगों को मिला लाभ

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80 दिव्यांगों का होगा ऑपरेशन और 350 का लिया माप, 15 दिव्यांगों को निःशुल्क व्हीलचेयर वितरित

मुंबई। नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में रविवार को मुंबई में दादर पूर्व निको हॉल, में निःशुल्क ऑपरेशन जांच-चयन और नारायण लिंब व केलिपर्स माप केम्प आयोजित हुआ। शिविर का उद्घाटन प्रमुख बिजनेसमैन भरत भाई वीरानी, शाखाध्यक्ष महेश अग्रवाल, समाजसेवी स्नेहलता अग्रवाल, प्रेम सागर गुप्ता, कमल लोढ़ा एवं संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल व ट्रस्टी देवेंद्र चौबिसा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर दिव्यांगों, उनके परिजन और मुंबई तथा दूर दराज से आये हुए 1100 से ज्यादा लोग उपस्थित थे।
प्रमुख सहयोगी एवं बिजनेसमैन भरतभाई वीरानी ने कहा कि आज मैं संस्थान की सेवाएं देखकर अभिभूत हूँ। अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल और पूरी टीम का अभिनंदन करता हूँ। कैलाश मानव के जीवन से हर व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए। मानव जीवन में समाज और परिवार का साथ जरूरी है। उन्होंने अपनी तरफ से जो संभव होगा उसे देने का भरोसा दिलाया।
मुंबई शाखाध्यक्ष ने कहा संस्थान दिव्यांगों को शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जो प्रयास और कार्य कर रही हैं यह अतुलनीय है।
समस्त अतिथियों को शिविर और प्रदर्शनी का निरीक्षण करवाया गया। इस दौरान मंचासीन अतिथि ने शिविर में आये दिव्यांगों के उदगार सुने और डॉक्टर टीम से उपचार और लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया भी जानी।
प्रारम्भ में संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल ने मंचासीन अतिथियों का मेवाड़ की परंपरा अनुसार अभिनंदन किया। साथ ही अग्रवाल ने संस्थान की निःशुल्क सेवाएं ऑपरेशन, नारायण लिम्ब लगाना, 5000 लोगों को रोज भोजन करना, आर्थिक रूप से असमर्थ 600 मजदूरों के बच्चों के लिए निःशुल्क नारायण चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल चलाना, सैकड़ों दिव्यांगों को स्वरोजगार के कंप्यूटर, मोबाइल, सिलाई, मेहंदी का प्रशिक्षण देना और उनका सामूहिक विवाह कर घर बसाने जैसे अनेक प्रकल्पों की जानकारी दी। शिविर में 15 दिव्यांगों को निःशुल्क व्हीलचेयर प्रदान की गई।
निदेशक वंदना अग्रवाल ने रिपोर्ट बताते हुए कहा केम्प में कुल 502 रोगी आये। जिसमें सभी आयु वर्ग के महिला पुरुष व बच्चे थे।
शिविर प्रभारी एवं शाखा प्रभारी ललित लोहार व रमेश शर्मा ने कहा शिविर में आये दिव्यांगों को संस्थान की डॉक्टर व पीएंडओ टीम ने देखा। और 252 दिव्यांगों का नारायण लिंब हाथ -पैर और 101 जन का केलिपर्स लगाने के लिए मेजरमेंट लिया। करीब 80 दिव्यांग रोगियों का चयन शल्य चिकित्सा हेतु किया गया। इन सभी का निःशुल्क ऑपरेशन होगा। अग्रवाल ने कहा कास्टिंग और मेजरमेंट के लिए चयनित दिव्यांगों को करीब 2 से 3 माह बाद नारायण लिम्ब पुनः मुंबई में शिविर कर पहनाए जाएंगे। संस्थान द्वारा निर्मित ये नारायण लिंब गुणवत्ता युक्त है और वजन में हल्के हैं। उपयोग में टिकाऊ रहेंगे। संस्थान की 40 सदस्य टीम ने सेवाएं दी। आभार ट्रस्टी एवं निदेशक देवेंद्र चौबिसा ने जताया।
बता दें कि नारायण सेवा संस्थान 1985 से नर सेवा-नारायण सेवा की भावना से काम कर रहा है। संस्थापक कैलाश मानव को राष्ट्रपति महोदय ने मानव सेवा के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल दिव्यांगों के लिए मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी के माध्यम से मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से मजबूत कर लाखों दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में ला चुके हैं। वर्ष 2023 में अग्रवाल को राष्टृपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संस्थान अब तक 40 हजार से अधिक कृत्रिम अंग लगा चुका है। संस्थान महाराष्ट्र के लाखों दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान कर उनकी रुकी जिन्दगी को फिर से शुरू करने के लिए प्रयास करेगा। स्थानीय दानीजनों के सहयोग से यह संभव होने की उम्मीद है।

सामाजिक कार्यों में आगे रहती हैं मेगा मॉडल वैशाली भाऊरजार 

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मुंबई। राष्ट्रीय स्तर पर ग्लैडरैग्स मेगामॉडल अचीवर रही वैशाली भाऊरज़ार को भारत सरकार की ओर से मिला है सम्मान। आज वह बड़ी ब्रांड का पसंदीदा चेहरा बन गयी है। हाल ही में मेगामॉडल वैशाली भाऊरज़ार को पद्मश्री उदित नारायण की पत्नी दीपा नारायण के हाथों मिस इंडिया विनर का अवार्ड प्राप्त हुआ है। इस ब्यूटी पेजेंट शो की वह विनर रही। इस वर्ष के वैलेन्टाइन डे पर वैशाली भाऊरज़ार ने अनोखा कदम उठाया है और लोगों के लिए नई मिसाल प्रस्तुत की है। उन्होंने यह विशेष दिन ‘सुरक्षा हेल्थ एंड एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन’ एनजीओ की टीम और स्टूडेंट्स के साथ मनाया। नेहरू युवा केन्द्र मुम्बई महाराष्ट्र मिनिस्ट्री ऑफ युथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स का राष्ट्रीय अवार्ड वैशाली को सम्मान चिन्ह के रूप में मिल चुका है। उन्होंने सुपर ह्यूमन एक्सीलेंस अवार्ड 2024 और मुम्बई ग्लोबल की ओर से अखण्ड भारत गौरव अवार्ड 2024 यह दोनों अवार्ड पद्मश्री उदित नारायण के हाथों मिला है।


पद्मश्री उदित नारायण और दीपा नारायण के हाथों अवार्ड पाकर वैशाली भाऊरज़ार बेहद प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस कर रही है। दीपा नारायण ने उनके कौशल को देख उनकी प्रशंसा की। इससे पहले भी विभिन्न अवार्डों से वैशाली सम्मानित हो चुकी हैं। नारी शक्ति सम्मान समारोह में वह बेस्ट फेस ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित हुईं। वहीं नारी शक्ति अवार्ड शो में राज्य स्तर पर अतिथि के रूप में उपस्थित होकर फॉर्मेसी के विद्यार्थियों को उन्होंने अपने हाथों से अवार्ड दिया है। वर्तमान समय में मेगा मॉडल वैशाली का परफॉर्मेंस उच्च दर्जे का है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां और ख्याति प्राप्त कर रही हैं। अपनी विशेष खूबियों और कौशल के कारण कई राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर चुकी है और आगे भी जीत के लिए उनका हौसला बुलंद है। पिछले दिनों एक एनजीओ के साथ मिलकर बॉलीवुड महाआरोग्य कैम्प के आयोजन में उनकी सहभागिता भी देखी गई, जहाँ बॉलीवुड तथा मीडिया के लोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सीय सेवायें उपलब्ध कराई गई थी। उन्होंने कोविड के समय कोविड प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग के विज्ञापन भी किये हैं। जन जागरूक करने वाले विज्ञापन हैं जैसे डोंट ड्रिंक एंड ड्राइव के प्रति सतर्कता आदि। साथ ही बीएसएनएल और कई छोटे बड़े विज्ञापन भी उन्होंने किये हैं।
वैशाली ने एक छोटे से शहर से लेकर महानगर में अपनी छवि बनने के लिए काफी मेहनत की है। वैसे उनकी मॉडल बनने की कहानी काफी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। वैशाली प्रारंभ में एयर होस्टेस बनना चाहती थी और वह बनी भी। किंगफिशर एयरलाइंस के साथ उन्होंने एक्स कैबिन क्रू (एयरहोस्टेस) के रूप में काम भी किया मगर उनकी किस्मत ने उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में ला दिया। वह अपनी कड़ी मेहनत और लगन से लगातार अपने कर्मपथ आगे बढ़ रही है और युवाओं का पसंदीदा चेहरा बन रही है।

एएएफटी ने दिल्ली में 33वें भव्य एलुमनाई मीट का किया आयोजन, मनाया दशकों की रचनात्मक उत्कृष्टता का उत्सव

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दिल्ली। एएएफटी ने 33 वर्षों की निरंतर उत्कृष्टता का उत्सव नोएडा में एक भव्य एलुमनाई मीट के साथ मनाया। उसी अवसर पर मीडिया, एंटरटेनमेंट और क्रिएटिव आर्ट्स के विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों ने एकत्र होकर अपने अनुभव साझा किए और अपनी रचनात्मक यात्रा को याद किया।
शाम ने पूर्व छात्रों के लिए नेटवर्किंग के असंख्य अवसरों की नींव रखी, जिससे एक सजीव और ऊर्जावान माहौल बना, जिसने उन्हें एएएफटी के कैंपस में बिताए अपने दिनों की मधुर यादों में खो जाने पर मजबूर कर दिया।
एएएफटी के अध्यक्ष, डॉ. संदीप मारवाह ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा,“यह एलुमनाई मीट हमारी समृद्ध विरासत का उत्सव है। भविष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहना ही प्रगति का एकमात्र मार्ग है, और मैं अत्यंत हर्षित हूँ यह देखकर कि हमारे सम्मानित पूर्व छात्र यहां एकत्रित होकर अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं तथा अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर उल्लेखनीय योगदान देकर अपनी मातृसंस्था का गौरव बढ़ा रहे हैं।”
एलुमनाई की सफलता का जश्न
शाम का एक प्रमुख आकर्षण गौरव सम्मान अवार्ड्स की प्रस्तुति थी, जिसके तहत उन विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है।
इस वर्ष के कुछ प्रमुख पुरस्कार विजेता रहे देवांशु सिंह (संस्थापक एवं एमडी, सिंह इवेंट्स एंड एग्जीबिशन्स), जुनैद खान (मारुति सुजुकी कलर्स ऑफ यूथ, सीजन 6, 7, 8 में योगदान), श्रेयांश मोहन वर्मा (परफ़ॉर्मर, संस्थापक एवं म्यूजिक एडवाइजर, फिल्म जार प्रोडक्शन हाउस), अनामिका गौड़ (2023 की यंगेस्ट प्रोफेशनल ऑफ द ईयर पुरस्कार विजेता, प्रभावशाली पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान), दीपना (कास्टिंग डायरेक्टर, बालाजी प्रोडक्शंस)।
इनकी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ एएएफटी के वर्तमान छात्रों और अन्य पूर्व छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।
इस स्मरणीय संध्या में अतिथि वक्ताओं, पैनल चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों ने माहौल को और भी समृद्ध बना दिया।
पूर्व छात्रों को नई संभावनाओं की खोज करने और आपसी सहयोग बढ़ाने का अवसर मिला, जिससे भविष्य में मजबूत संबंधों की नींव रखी गई।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे सहयोगी और सक्रिय एलुमनाई नेटवर्क को विकसित करना था, जो पूर्व छात्रों को बेहतर भविष्य की संभावनाओं के लिए प्रेरित और सशक्त बना सके।
बता दें कि अपने विशाल फिल्मसिटी, नोएडा कैंपस और 27 एकड़ के रायपुर विश्वविद्यालय परिसर के साथ, एएएफटी तीन दशकों से रचनात्मक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।
एएएफटी यूनिवर्सिटी और एएएफटी ऑनलाइन (संस्थापक: मोहित मारवाह और अक्षय मारवाह) के माध्यम से संस्थान अपनी पहुंच को आधुनिक और उन्नत पाठ्यक्रमों के साथ विस्तारित कर रहा है।
एएएफटी लगातार वैश्विक स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने और रचनात्मक शिक्षा में उत्कृष्टता के नए मापदंड स्थापित करने के लिए समर्पित है।
एलुमनाई मीट 2025 ने साबित किया कि एएएफटी केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक मजबूत और प्रेरणादायक समुदाय है, जो अपने पूर्व छात्रों को आज और भविष्य में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए तत्पर है।

गऊ भारत भारती पेट्रोलियम प्रा. लिमिटेड के हरित ऊर्जा, बायोगैस तकनीक विकास पर बढ़ते कदम कम्पनी का पहला प्रॉडक्ट लॉन्च

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मुंबई – राष्ट्रीय समाचारपत्र ” गऊ भारत भारती ” भारत का ऐसा पहला प्रकाशन है जिसे गौ वंश पर आधारित प्रथम समाचारपत्र के तौर पर जाना जाता है। ” गऊ भारत भारती ” गौ वंश के संरक्षण व संवर्धन से जुड़े व्यक्तियों व संस्थाओं की सक्रियताओं व गतिविधियों को प्रमुखता से प्रकाशित करता आ रहा है। इन १० वर्षो में ” गऊ भारत भारती ” अपने प्रकाशन समूह और सीमित संसाधनों के बावजूद गौवंश को ले कर अप्रतिम व अनुपम सजगता के साथ गौवंश और पर्यावरण बचाओ अभियान को सफलता पूर्वक लोगो तक पहुँचने में सफल रहा है।

अब गऊ भारत भारती प्रकाशन समूह से जुडी कंपनी गऊ भारत भारती पेट्रोलियम प्रा. लिमिटेड ने अपने पहले प्रोडक्ट दो पहिआ वाहनों के लिए अपना विज्ञापन लॉन्च किया है। कंपनी का पहला प्रॉडक्ट एचपी हॉर्स पावर – इंजन की खुराक नाम से बाजार में लाया गया है। कंपनी के प्रमोटर्स पिछले ७३ वर्षो से ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री में विभिन्न आयामों पर काम कर रहे है।

गऊ भारत भारती पेट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड’ गौ आधारित ऊर्जा पर कार्यरत है। कंपनी का उद्देश्य एक स्थायी और आत्मनिर्भर ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर अग्रसर होना है, जिसमें हरित ऊर्जा, बायोगैस तकनीक, और गाय के गोबर पर आधारित ऊर्जा समाधान शामिल हैं। स्वदेशी संसाधनों और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके, कंपनी ऊर्जा और पेट्रोलियम क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास कर रही है।

कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार कंपनी जल्द ही ये बड़े स्केल पर महाराष्ट्र में बायोगैस तकनीक का विकास करने जा रही है जिस से महाराष्ट्र के गौपालकों और किसानो को बड़े पैमाने पर आर्धिक लाभ मिलेगा। महाराष्ट्र की देवेंद्र फणडवीस सरकार गऊ माता के प्रति बड़ी सजगता के साथ काम कर रही है जिस से गौपालकों और किसानो का भविष्य सुरक्षित हुआ है। कम्पनी अपने इस परियोजना के लिए वेंचर कैपिटल के माध्यम से धन जुटा रही है।

 

 

 

नारायण सेवा संस्थान द्वारा मुंबई में आयोजित होगा फ्री आर्टिफिशियल लिम्ब माप कैम्प

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मुंबई। राजस्थान की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त एनजीओ नारायण सेवा संस्थान द्वारा मुंबई में दिव्यांगों के कल्याणार्थ विशाल निःशुल्क शिविर का आयोजन रविवार 23 मार्च को मुंबई के निको हॉल, प्लॉट नंबर 432, वडाला उद्योग भवन के पास, दादर पूर्व में आयोजित होगा।

संस्थान के ट्रस्टी एवं निदेशक देवेंद्र चौबिसा ने बताया कि ऐसे लोग जिन्होंने किसी हादसे में या अन्य बीमारी के चलते अपना हाथ-पैर गंवा देने से अंगविहिन हुए है, उन्हें दिव्यांगता की दुःखभरी जिन्दगी से निकालने के लिए संस्थान निस्वार्थ भाव से प्रतिबद्ध है। पदमश्री अलंकृत संस्थापक कैलाश मानव की प्रेरणा से संस्थान विगत 40 वर्षों से संस्थान मानवता और दिव्यांगता के क्षेत्र में सेवारत है। मुंबई के दिव्यांगजनों को मदद पहुंचाने के संकल्प से विशाल निःशुल्क दिव्यांगता निवारण ऑपरेशन चयन एवं नारायण लिम्ब मैजरमेंट शिविर दादर पूर्व स्थित निको हॉल में यह शिविर रविवार 23 मार्च को प्रातः 8 बजे से सायं 5 बजे तक चलेगा।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुंबई शाखा अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि नारायण सेवा संस्थान का यह फ्री कैम्प विशेष है। “कुआं प्यासे के पास” योजना के तहत संस्थान मुंबई के दिव्यांगों को लाभ पहुंचा रही है। शिविर में दिव्यांग बन्धुओं को संस्थान के अनुभवी एवं विशेषज्ञ ओर्थोटिस्ट एवं प्रॉस्थेटिक डॉक्टर्स टीम द्वारा देखा जाएगा और उच्च गुणवत्ता युक्त और वजन में हल्के व टिकाऊ नारायण लिम्ब के लिए व्यवस्थित कास्टिंग कर लिम्ब का माप लिया जायेगा। इन दिव्यांगों को संस्थान लगभग दो माह बाद इनके मेजरमेन्ट के अनुसार मॉड्यूलर कृत्रिम अंग वितरण शिविर आयोजित कर निःशुल्क फिटमेंट करेगा।
शिविर संयोजक एवं मुंबई शाखा प्रभारी ललित लोहार ने बताया कि इस शिविर में आने वाले रोगीयों – परिजनों को निःशुल्क भोजन, चाय अल्पाहार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिविर के लिए संस्थान पदाधिकारीयों ने मुंबई के सम्मानित सदस्यों और गणमान्य अतिथियों को भी आमंत्रित किया है।

संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी भगवान प्रसाद गौड़ ने दिव्यांगों से लाभ लेने की अपील करते हुए कहा शिविर में भाग लेने के इच्छुक दिव्यांग स्वयं का आधार कार्ड, डिसेबिलिटी प्रमाण पत्र और दिव्यांगता दिखाते हुए 2 फोटो लेकर आए। शिविर संबंधी अधिक जानकारी के लिए संस्थान हेल्पलाइन नम्बर 70235-09999 पर संपर्क करें।

वार्ता के दौरान संस्थान ट्रस्टी, मुंबई शाखाध्यक्ष, शिविर संयोजक, मीडिया प्रमुख, शिविर प्रभारी और भायंदर आश्रम प्रभारी मुकेश सैन ने केम्प का पोस्टर जारी किया।

नारायण सेवा संस्थान 1985 से नर सेवा-नारायण सेवा की भावना से काम कर रहा है। संस्थापक कैलाश मानव को राष्ट्रपति ने मानव सेवा के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल दिव्यांगों के लिए मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी के माध्यम से मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से मजबूत कर लाखों दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में ला चुके है। वर्ष 2023 में अग्रवाल को राष्टृपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संस्थान अब तक 40 हजार से अधिक कृत्रिम अंग लगा चुका है। संस्थान अब महाराष्ट्र के दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान कर उनकी रुकी जिन्दगी को फिर से शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर काम करेगा।

चेयरमैंस कलेक्शन’ भारत की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल के प्रति हमारा ट्रिब्यूट है-गौतम सिंघानिया

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मुंबई (मुंबई) : लग्जरी फैशन में भारत के प्रतिष्ठित नाम रेमंड के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाते हुए, लग्जरी ब्रांड कंसल्टेंट निशा जामवाल द्वारा चेयरमैंस कलेक्शन को पेश करने के लिए एक शानदार शाम का आयोजन किया गया – शर्ट, बंदगला और टक्सीडो का एक विशिष्ट संग्रह को फिर से परिभाषित करता है। शाम का समापन रेमंड की शिल्पकला के प्रति प्रतिबद्धता के प्रति श्रद्धा की भावना के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित लोग विरासत, कलात्मकता और समकालीन परिष्कार का सहज मिश्रण करने वाले संग्रह से मंत्रमुग्ध हो गए। चेयरमैन का संग्रह प्रतिष्ठा और त्रुटिहीन शैली का प्रतीक है और इसे जल्द ही चुनिंदा रेमंड स्टोर्स में लॉन्च किया जाएगा।
द एटेलियर की शानदार पृष्ठभूमि के सामने, विशेष शैम्पेन सनडाउनर ने शहर के कुछ सबसे प्रतिष्ठित नामों को विरासत, कलात्मकता और समकालीन परिष्कार के उत्सव में एक साथ लाया। शाम एक शानदार अनुभव था, जिसमें एक आकर्षक बंदगला कला स्थापना शामिल थी, जो इस प्रतिष्ठित सिल्हूट के पीछे स्थायी शिल्प कौशल को श्रद्धांजलि देती थी। भव्यता को बढ़ाते हुए, पाँच मॉडलों ने संग्रह से बेदाग़ ढंग से तैयार किए गए टुकड़ों में कार्यक्रम स्थल की शोभा बढ़ाई, जिसमें समृद्ध बनावट, जटिल विवरण और परिधान संबंधी उत्कृष्टता शामिल थी जो रेमंड की विरासत को परिभाषित करती है।
गौतम सिंघानिया, चेयरमैन,  रेमंड लाइफस्टाइल लिमिटेड ने कहा,”यह रेमंड के लिए एक मील का पत्थर साबित होने वाला साल है और चेयरमैन के कलेक्शन का यह सीमित संस्करण भारत की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल के प्रति हमारा ट्रिब्यूट है। रेशमी शर्ट से लेकर बंदगला तक – इस बेहतरीन स्टाइल वाले कलेक्शन में लालित्य और स्टाइल झलकता है, जो रेमंड की पहचान है। लाखों लोगों द्वारा पसंद किए जाने वाले एक घरेलू भारतीय ब्रांड के रूप में, रेमंड ने सभी अवसरों के लिए अलग-अलग कीमतों पर मेन्सवियर की पेशकश की है।”
निशा जामवाल, लग्जरी ब्रांड कंसल्टेंट ने कहा,”हर पीस की भव्यता और चमक इतनी शानदार थी कि मैं उन्हें शहर के मशहूर लोगों के सामने दिखाने के लिए उत्साहित थी! मैं इस कलेक्शन में पूर्णता और कलात्मक उत्कृष्टता के लिए गौतम सिंघानिया के जुनून को देख सकती थी।”
विरासत और इनोवेशन का एक सहज मिश्रण, चेयरमैन का संग्रह परिष्कृत विलासिता का प्रतीक है। रेमंड रेडी-टू-वियर, पार्क एवेन्यू और एथनिक्स बाय रेमंड द्वारा तैयार किए गए इस संग्रह में जटिल सोने और चांदी की कढ़ाई के साथ शुद्ध रेशम की शर्ट, बारोक और पुनर्जागरण कला से प्रेरित शाही बंदगला और शानदार ढंग से तैयार किए गए टक्सीडो का एक बेहतरीन चयन है जो कालातीत आकर्षण को दर्शाता है। गहरे ज्वेल टोन में भव्य मखमल, उत्तम ज़री अलंकरण और गढ़ी हुई सिल्हूट के साथ, यह संग्रह आधुनिक सज्जन के लिए पावर ड्रेसिंग को फिर से परिभाषित कलेकशन’

पुलिस की कहानी क्राइम प्रट्रोल से मिलती जुलती तो नहीं….! सगे भाई के तलाक बनी हत्या का कारण

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बैतूल से रामकिशोर पंवार


बैतूल, जिले में कानून व्यवस्था का सबसे बुरा हाल यह है कि जिला मुख्यालय पर सुपारी किल्लर आकर अपराध करके बेखौफ चले जा रहे है। बैतूल गंज में दो दिन पहले हुई एक व्यापारी की हत्या के मामले में पुलिस की मीडिया को परोसी गई चटकारेदार डीस अब मीडिया के लोगो के गले की फांस बनी हुई है।
पुलिस अपने प्रेस नोट में दो लोगो को पकडने का दावा करती है और लाती भी दो लोगो को नकाब पोश के रूप में लेकिन उनकी पुलिस अधीक्षक चैनल मीडिया के सामने शेखी बघारते हुए तीन लोगो को पकडने की बात करते है। जब पुलिस मीडिया को प्रेस नोट थमाती है तब भी पुलिस कप्तान थे और जब वे प्रिंट को छोड कर इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामने आने पर कुछ और ही कहानी सुनाने बैठ जाते है।
जहां एक ओर पुलिस ऐसा कहती है कि अशोक पंवार हत्याकांड की साजिश एक महावत ने रची थी। उसने मर्डर के लिए 15 लाख रुपए की सुपारी दी थी। सवाल यह उठता है कि सवा लाख के हाथी को लेकर दस पैसे से लेकर दस रूपये की भीख मांग कर अपना गुजर बसर करने वाले यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी के पास 15 लाख रूपये आए कहां से…! लगभग 15 साल पहले ही यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी हाथी वाले बाबाओ के संग आमला में मृतक अशोक पवार की पत्नि श्रीमति बबीता के मायके पहुंचा था। बीते 15 साल से वह मृतक का मुंहबोला साला था लेकिन अधिकारिक रिकार्ड में कहीं से कहीं तक बबीता के माता – पिता ने उसने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था…! ऐसी स्थिति में मृतक के साले को हत्या की सुपारी किसने दी क्योकि आर्थिक रूप से इस तथाकथित हत्याकांड की साजिश रचने वाला यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी इतनी बडी रकम क्यों और कहां से लाकर देता… ! पुलिस की कहानी जहां एक ओर हत्या के समय किलर के साथ मौजूद राजेश गिरी को हिरासत में लेने की बात करती है लेकिन पुलिस अभी तक यह जान नहीं सकी है कि इस मामले में मुख्य शूटर जो कि खरगोन जिले का रहने वाला है उसे वास्तव में सुपारी दी किसने…! पहले तो पुलिस ने इस मामले की जांच लूट, रंजिश और अवैध संबंधों जैसे एंगल पर कर रही थी। गुरुवार को हुए खुलासे ने पुलिस को भी चौंका दिया, क्योंकि जिस महावत ने हत्या की साजिश रची उसे मृतक अशोक की पत्नी अपना भाई मानती थी। बैतून गंज में कृषि उपकरण सहित अनेक फर्मो एवं कारोबार से जुडे व्यापारी अशोक पवार की रात ९ बजे उन्हीं की दुकान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसका एक सीसीटीवी वीडियो भी गुरुवार को सामने आया है। सबसे चौकान्ने वाली बात यह सामने आई है कि मृतक अशोक के मोबाइल में जनवरी माह का एक डिलीट मैसेज मिला। जब इसे रिकवर किया गया, तो इसमें बाबा के नाम से भेजी गई धमकी मिली। पुलिस ने जब इस बाबा की छानबीन की, तो एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई। इस हत्याकांड की जड़ें 15 साल पुरानी हैं। मृतक अशोक पवार की पत्नी बबीता का एक भाई बबलू अचानक लापता हो गया था, जिसे काफी तलाशने के बाद भी ढूंढा नहीं जा सका।
कुछ साल बाद बबीता के मायके में एक हाथी वाला बाबा, यानी महावत विनेश भिक्षावृत्ति करते हुए पहुंचा। बबीता के परिवार वालों को लगा कि वह उनका खोया हुआ भाई है, जिसके बाद उन्होंने उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया। महावत विनेश का बबीता के मायके और ससुराल में लगातार आना-जाना होने लगा। इस दौरान उसे बबीता और अशोक के परिवार में होने वाले विवादों की जानकारी मिली। खासकर बबीता के भाई जगदीश का अशोक और उसके भाई रमेश से लगातार विवाद रहता था। इसी दुश्मनी को खत्म करने के लिए विनेश ने अशोक और उसके भाई को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। बांदा निवासी महावत विनेश ने अशोक की हत्या के लिए ऐसे लोगों की तलाश शुरू की, जिन्हें अशोक पहचानता न हो। उसने अपने रिश्ते के भाई राजेश गिरी से बात की और उसे 15 लाख रुपए देने का लालच दिया। इसके अलावा, उसने जगदीश की संपत्ति में हिस्सा देने का भी वादा किया। इसके बाद दोनों ने सुपारी किलर की तलाश की, जो उन्हें खरगोन में मिला। राजेश और किलर 14 मार्च को बैतूल पहुंचे, जहां उन्हें विनेश ने देशी कट्टा उपलब्ध कराया। वे 14 तारीख से अलग-अलग होटलों में ठहरकर अशोक की दुकान की रेकी कर रहे थे। 19 मार्च की रात 9.25 बजे राजेश और किलर ने मौके पर जाकर अशोक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान राजेश दुकान के बाहर निगरानी करता रहा, जबकि किलर ने दुकान के अंदर जाकर अशोक को गोली मारी। हत्या के बाद पुलिस ने पूरे मार्केट में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। इसमें आरोपी हत्या करने के बाद पैदल ही सड़क से निकलते दिखे। कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने कपड़े बदले और बैतूल से 12 किमी दूर एक मंदिर में रात बिताई। सुबह होते ही मुख्य शूटर वहां से निकल गया। जांच के दौरान पुलिस मृतक के मोबाइल से मिले डिलीट मैसेज के नंबर की लोकेशन ट्रैक करते हुए मंदिर तक पहुंची, जहां से विनेश और राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया है, जिसने सुपारी किलर को हायर किया था।

सगे भाई के तलाक की कहानी
मुंहबोले भाई को बताने वाली बबीता…!

पुलिस की मर्डर मिस्ट्री कहती है कि अशोक की पत्नी बबीता अपने सगे भाई जगदीश का उसकी पत्नी से कथित विवाद के चलते दोनों का तलाक भी हो गया। जगदीश को लगता था कि इसके पीछे अशोक और उसके भाई रमेश का हाथ है….! गौर करने लायक बात यह रही कि मृतक अशोक की पत्नि बबीता अपने ससुराल के लड़ाई-झगड़े की बात अपने सगे भाई को न बता कर मुंह बोले भाई विनेश को बताती थी। विनेश दोनों परिवारों के बीच की सारी बातें जानता था। अब सवाल जहां का तहां खडा है कि जगदीश के तलाक की वजह यदि अशोक और उसका भाई रमेश पंवार भी था तो सिर्फ अशोक को ही क्यों रास्ते से हटाया गया…! अपने पति को जनवरी माह में अपने ही तथाकथित मुंहबोले भाई से मिली धमकी की बात को बबीता जानती रही होगी…! मृतक अशोक ने कहीं न कहीं उसको मोबाइल पर मिली धमकी के मैसेज की जानकारी अपने भाई रमेश या परिवार के किसी न किसी सदस्य को दी होगी..! अपनी जान को बाबा से खतरा का मैसेज मिलने पर मृतक की पत्नि को भी बताया होगा…! मृतक की पत्नि और उसका सगा साल जगदीश को पपूरी फिल्मी कहानी से दूर रखना पुलिस के चाल चरित्र पर ऊंगलियां उठाने का मौका देता है…! ऐसे कैसे संभव है कि पति की हत्या और सगे भाई के तलाक की वजह और मुंहबोले भाई का 15 लाख रूपये हत्या की सुपारी देने कहीं न कहीं बबीता और उसके भाई जगदीश को कटघरे में ला खडा करता है। जांच तो इस बात की भी होनी चाहिए कि जगदीश के तलाक की वजह यदि अशोक और रमेश है तो रमेश पंवार की हत्या क्यों नहीं हुई..! मुंह बोली बहन और मुंह बोले भाई की राह के कांटो में से एक कांटे को निकालना और दुसरे को छोड देने की बात हजम नहीं हो रही है।
क्या कहती है बबीता
पति और भाई के बीच लडाई का केन्द्र रही बबीता पूरे घटनाक्रम की एक मात्र पटकथा लेखिका है जिसकी लिखी स्क्रीप्त पर पूरी फिल्म बनी और उसका शुरू से लेकर आखिर तक कहीं से कहीं  तक नामो निशान तक नहीं…! मृतक की हत्या के पीछे लूट कारण नहीं थी तो फिर पुलिस को घटना स्थल के समीप मिले रूपये किसके थे…! पुलिस को जिस कटटे से गोली मार कर हत्या की गई थी उसका कवर ;खोलद्ध तक नहीं मिला और रूपये मिल गए वह भी हजारो में …!