बैतूल से रामकिशोर पंवार
बैतूल, जिले में कानून व्यवस्था का सबसे बुरा हाल यह है कि जिला मुख्यालय पर सुपारी किल्लर आकर अपराध करके बेखौफ चले जा रहे है। बैतूल गंज में दो दिन पहले हुई एक व्यापारी की हत्या के मामले में पुलिस की मीडिया को परोसी गई चटकारेदार डीस अब मीडिया के लोगो के गले की फांस बनी हुई है।
पुलिस अपने प्रेस नोट में दो लोगो को पकडने का दावा करती है और लाती भी दो लोगो को नकाब पोश के रूप में लेकिन उनकी पुलिस अधीक्षक चैनल मीडिया के सामने शेखी बघारते हुए तीन लोगो को पकडने की बात करते है। जब पुलिस मीडिया को प्रेस नोट थमाती है तब भी पुलिस कप्तान थे और जब वे प्रिंट को छोड कर इलेक्ट्रानिक मीडिया के सामने आने पर कुछ और ही कहानी सुनाने बैठ जाते है।
जहां एक ओर पुलिस ऐसा कहती है कि अशोक पंवार हत्याकांड की साजिश एक महावत ने रची थी। उसने मर्डर के लिए 15 लाख रुपए की सुपारी दी थी। सवाल यह उठता है कि सवा लाख के हाथी को लेकर दस पैसे से लेकर दस रूपये की भीख मांग कर अपना गुजर बसर करने वाले यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी के पास 15 लाख रूपये आए कहां से…! लगभग 15 साल पहले ही यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी हाथी वाले बाबाओ के संग आमला में मृतक अशोक पवार की पत्नि श्रीमति बबीता के मायके पहुंचा था। बीते 15 साल से वह मृतक का मुंहबोला साला था लेकिन अधिकारिक रिकार्ड में कहीं से कहीं तक बबीता के माता – पिता ने उसने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था…! ऐसी स्थिति में मृतक के साले को हत्या की सुपारी किसने दी क्योकि आर्थिक रूप से इस तथाकथित हत्याकांड की साजिश रचने वाला यूपी के बांदा निवासी महावत विनेश गिरी गोस्वामी इतनी बडी रकम क्यों और कहां से लाकर देता… ! पुलिस की कहानी जहां एक ओर हत्या के समय किलर के साथ मौजूद राजेश गिरी को हिरासत में लेने की बात करती है लेकिन पुलिस अभी तक यह जान नहीं सकी है कि इस मामले में मुख्य शूटर जो कि खरगोन जिले का रहने वाला है उसे वास्तव में सुपारी दी किसने…! पहले तो पुलिस ने इस मामले की जांच लूट, रंजिश और अवैध संबंधों जैसे एंगल पर कर रही थी। गुरुवार को हुए खुलासे ने पुलिस को भी चौंका दिया, क्योंकि जिस महावत ने हत्या की साजिश रची उसे मृतक अशोक की पत्नी अपना भाई मानती थी। बैतून गंज में कृषि उपकरण सहित अनेक फर्मो एवं कारोबार से जुडे व्यापारी अशोक पवार की रात ९ बजे उन्हीं की दुकान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसका एक सीसीटीवी वीडियो भी गुरुवार को सामने आया है। सबसे चौकान्ने वाली बात यह सामने आई है कि मृतक अशोक के मोबाइल में जनवरी माह का एक डिलीट मैसेज मिला। जब इसे रिकवर किया गया, तो इसमें बाबा के नाम से भेजी गई धमकी मिली। पुलिस ने जब इस बाबा की छानबीन की, तो एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई। इस हत्याकांड की जड़ें 15 साल पुरानी हैं। मृतक अशोक पवार की पत्नी बबीता का एक भाई बबलू अचानक लापता हो गया था, जिसे काफी तलाशने के बाद भी ढूंढा नहीं जा सका।
कुछ साल बाद बबीता के मायके में एक हाथी वाला बाबा, यानी महावत विनेश भिक्षावृत्ति करते हुए पहुंचा। बबीता के परिवार वालों को लगा कि वह उनका खोया हुआ भाई है, जिसके बाद उन्होंने उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया। महावत विनेश का बबीता के मायके और ससुराल में लगातार आना-जाना होने लगा। इस दौरान उसे बबीता और अशोक के परिवार में होने वाले विवादों की जानकारी मिली। खासकर बबीता के भाई जगदीश का अशोक और उसके भाई रमेश से लगातार विवाद रहता था। इसी दुश्मनी को खत्म करने के लिए विनेश ने अशोक और उसके भाई को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। बांदा निवासी महावत विनेश ने अशोक की हत्या के लिए ऐसे लोगों की तलाश शुरू की, जिन्हें अशोक पहचानता न हो। उसने अपने रिश्ते के भाई राजेश गिरी से बात की और उसे 15 लाख रुपए देने का लालच दिया। इसके अलावा, उसने जगदीश की संपत्ति में हिस्सा देने का भी वादा किया। इसके बाद दोनों ने सुपारी किलर की तलाश की, जो उन्हें खरगोन में मिला। राजेश और किलर 14 मार्च को बैतूल पहुंचे, जहां उन्हें विनेश ने देशी कट्टा उपलब्ध कराया। वे 14 तारीख से अलग-अलग होटलों में ठहरकर अशोक की दुकान की रेकी कर रहे थे। 19 मार्च की रात 9.25 बजे राजेश और किलर ने मौके पर जाकर अशोक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान राजेश दुकान के बाहर निगरानी करता रहा, जबकि किलर ने दुकान के अंदर जाकर अशोक को गोली मारी। हत्या के बाद पुलिस ने पूरे मार्केट में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। इसमें आरोपी हत्या करने के बाद पैदल ही सड़क से निकलते दिखे। कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने कपड़े बदले और बैतूल से 12 किमी दूर एक मंदिर में रात बिताई। सुबह होते ही मुख्य शूटर वहां से निकल गया। जांच के दौरान पुलिस मृतक के मोबाइल से मिले डिलीट मैसेज के नंबर की लोकेशन ट्रैक करते हुए मंदिर तक पहुंची, जहां से विनेश और राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया है, जिसने सुपारी किलर को हायर किया था।
सगे भाई के तलाक की कहानी
मुंहबोले भाई को बताने वाली बबीता…!
पुलिस की मर्डर मिस्ट्री कहती है कि अशोक की पत्नी बबीता अपने सगे भाई जगदीश का उसकी पत्नी से कथित विवाद के चलते दोनों का तलाक भी हो गया। जगदीश को लगता था कि इसके पीछे अशोक और उसके भाई रमेश का हाथ है….! गौर करने लायक बात यह रही कि मृतक अशोक की पत्नि बबीता अपने ससुराल के लड़ाई-झगड़े की बात अपने सगे भाई को न बता कर मुंह बोले भाई विनेश को बताती थी। विनेश दोनों परिवारों के बीच की सारी बातें जानता था। अब सवाल जहां का तहां खडा है कि जगदीश के तलाक की वजह यदि अशोक और उसका भाई रमेश पंवार भी था तो सिर्फ अशोक को ही क्यों रास्ते से हटाया गया…! अपने पति को जनवरी माह में अपने ही तथाकथित मुंहबोले भाई से मिली धमकी की बात को बबीता जानती रही होगी…! मृतक अशोक ने कहीं न कहीं उसको मोबाइल पर मिली धमकी के मैसेज की जानकारी अपने भाई रमेश या परिवार के किसी न किसी सदस्य को दी होगी..! अपनी जान को बाबा से खतरा का मैसेज मिलने पर मृतक की पत्नि को भी बताया होगा…! मृतक की पत्नि और उसका सगा साल जगदीश को पपूरी फिल्मी कहानी से दूर रखना पुलिस के चाल चरित्र पर ऊंगलियां उठाने का मौका देता है…! ऐसे कैसे संभव है कि पति की हत्या और सगे भाई के तलाक की वजह और मुंहबोले भाई का 15 लाख रूपये हत्या की सुपारी देने कहीं न कहीं बबीता और उसके भाई जगदीश को कटघरे में ला खडा करता है। जांच तो इस बात की भी होनी चाहिए कि जगदीश के तलाक की वजह यदि अशोक और रमेश है तो रमेश पंवार की हत्या क्यों नहीं हुई..! मुंह बोली बहन और मुंह बोले भाई की राह के कांटो में से एक कांटे को निकालना और दुसरे को छोड देने की बात हजम नहीं हो रही है।
क्या कहती है बबीता
पति और भाई के बीच लडाई का केन्द्र रही बबीता पूरे घटनाक्रम की एक मात्र पटकथा लेखिका है जिसकी लिखी स्क्रीप्त पर पूरी फिल्म बनी और उसका शुरू से लेकर आखिर तक कहीं से कहीं तक नामो निशान तक नहीं…! मृतक की हत्या के पीछे लूट कारण नहीं थी तो फिर पुलिस को घटना स्थल के समीप मिले रूपये किसके थे…! पुलिस को जिस कटटे से गोली मार कर हत्या की गई थी उसका कवर ;खोलद्ध तक नहीं मिला और रूपये मिल गए वह भी हजारो में …!