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बुद्धि, विवेक, ज्ञान, कौशल, बल एवं साहस के देवता भगवान गणेश

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(पवन कुमार वर्मा – विनायक फीचर्स)

सर्वप्रथम पूजा के अधिकारी भगवान गणेश की उपासना, आराधना एवं पूजा भारत के कोने-कोने में होती है। शैव मत के धर्मावलम्बी उन्हें भगवान शिव का पुत्र मानते हैं तो वैष्णव एवं शाक्त मतों के धर्मावलम्बी उनकी उपासना एवं आराधना लक्ष्मी के साथ करते हैं। गणेश का शाब्दिक अर्थ होता है गुणों अर्थात् समुदायों के अधिपति (अर्थात् गणपति)। पर व्यावहारिक रूप में भगवान गणेश को गुणों का अधिपति माना जाता है। वे बुद्धि, विवेक, ज्ञान, कौशल, बल एवं साहस के भी देवता माने जाते हैं। गणेशजी का स्वरूप उनके गुणों का ही प्रतिनिधित्व करता है। जैसे वह मूषक (चूहे) पर सवारी करते हैं। चूहे छुपकर अनाज खाकर मानव के खाद्य पदार्थों को क्षति पहुंचाते हैं और इस तरह राष्ट्र की समृद्धि को नुकसान पहुंचाते हैं। गणेश जी की मूषक सवारी का अर्थ यह हुआ कि राष्ट्र की समद्धि को क्षति पहुंचाने वालों पर हमारा पूरा नियंत्रण होना चाहिए। गणेश के कान बड़े होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि हममें सबकी बातें सुनने का गुण होना चाहिए। गणेश जी को लम्बोदर कहा जाता है, इसका अर्थ यह है कि वे सबकी बात सुनते हैं और इन बातों को उदरस्थ कर जाते हैं, पर जो भी करते हैं अपने बुद्धि और विवेक से करते हैं। गणेश जी मस्तक पर चंद्रमा धारण करते हैं, इसका अर्थ यह है कि हमें किसी बात पर विचार करते समय ठंडे मस्तक से विचार करना चाहिए।

गणराज्य शब्द की उत्पत्ति भी गणेश के बहुत निकट है। पौराणिक संदर्भों के अनुसार उन्हें भगवान शिव के भक्तों का स्वामी माना गया है। गण (प्रजा) के स्वामी के रूप में उनका स्वरूप या आकृति आदर्श है। गणपति या गणेश का विशाल मस्तक उनके बुद्धिमान होने का प्रतीक है। वैसे भी हाथी को सबसे अधिक बुद्धिमान प्राणी माना गया है। गणेश जी का हाथी के समान मस्तक इस बात का प्रतीक है कि प्रजा के नायक को बुद्धिमान होना चाहिए। उनके विशाल कान इस तथ्य के प्रतीक हैं कि गणनायक को प्रत्येक बात की सूचना प्राप्त करने की कुशलता होना चाहिये। गणेश का स्वरूप चतुर्भुज है। वे एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में मोदक, तीसरे हाथ में पुस्तक तथा चौथे हाथ में कमल का फूल धारण करते हैं। अब ये चार हाथ और उनमें धारण की गई वस्तुएं भी विविध गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं। त्रिशूल का अर्थ है कि वे रक्षक हैं मोदक का अर्थ है खाद्य साम्रगी, पुस्तक का अर्थ है ज्ञान तथा कमल पुष्प का अर्थ है कोमलता। इसका सीधा अर्थ यह है कि प्रजानायक या गुणनायक को रक्षक, खाद्य पदार्थों का दाता, ज्ञान देने वाला तथा कोमल हृदय का होना चाहिए।

उत्तर से लेकर दक्षिण तक तथा पूर्व से लेकर पश्चिम तक जिन गणेश जी की उपासना, आराधना एवं वंदना की जाती है तथा प्रत्येक शुभ एवं मंगल कार्य में सर्वप्रथम जिनकी पूजा की जाती है, उनकी उत्पत्ति, स्वरूप, गुण, धर्म एवं कर्म की अनेक गाथाएं भारतीय ग्रंथों में मिलती हैं। उन्हें शिव एवं पार्वती का पुत्र मानते हुए जहां कुछ विद्वान उन्हें द्रविड़ों का देवता मानते हैं, वहीं आर्यों के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद एवं यजुर्वेद में भी उनकी वंदना की गई है। गणेश जी को गुणों का स्वामी माना जाता है, इसलिए उन्हें बुद्धि का दाता कहा जाता है। उनकी पत्नियों के नाम भी बुद्धि और सिद्धि कहे गए हैं। महाभारत को लिपिबद्ध करने के बारे में एक कथा है कि वेद व्यास ने इसे बोला तथा भगवान गणेश ने लिपिबद्ध किया। तब महाभारत के श्लोकों को समझने में बुद्धि ने ही अपने पति गणेश जी की सहायता की थी। गणेश जी के दो पुत्र भी माने जाते हैं, शुभ और लाभ। गणेश सिर्फ हिन्दुओं के ही देवता नहीं हैं। जैन धर्म में भी उनकी वंदना की गई है। बौद्ध तांत्रिकों के भी वे आराध्य देव हैं। भारत के बाहर नेपाल, तिब्बत, जावा, बाली, चीन तथा जपान में भी उनकी पूजा होती रही है।

गणेश जी के नाम भी अनेक हैं। पुराणों में उनके अनेक नाम मिलते हैं। गणेश सहस्त्र नाम से यह सिद्ध होता है कि उनके एक हजार नाम हैं। उनके प्रसिद्ध नामों में गणपति, वक्रतुण्ड, महाकाय, एकदन्त, गणदेवता, गणेश्वर, विनायक आदि मुख्य हैं। उनके एकदंत और गजानन होने के संबंध में पुराणों में अनेक कथाएं हैं। एक दंत होने की कथा इस प्रकार है कि एक बार परशुराम शिवजी से मिलने गए। दरवाजे पर गणेश रक्षक के रूप में बैठे थे। गणेश ने परशुराम को प्रवेश करने से रोका इस पर दोनों में विवाद हुआ और बात लड़ाई तक पहुंच गई। इस लड़ाई में परशुराम ने फरसे से प्रहार किया, जिसमें गणेश का एक दांत टूट गया। इस कारण उन्हें एकदंत कहा जाता है।

गजानन के बारे में स्कन्द पुराण की एक कथा के अनुसार एक समय पार्वती ने शनि को बुलाया कि वह गणेश को देखने आए। शनि आए तो किन्तु वे सिर नीचे करके बैठे रहे। पार्वती ने पूछा कि मेरे पुत्र को आप क्यों नहीं देख रहे हैं। शनि ने कहा कि यदि मैं इस बच्चे को देखूंगा तो इसका सिर नष्ट हो जाएगा। यह कहकर शनि ने गणेश को देखा और गणेश का सिर जलकर भस्म हो गया। इस पर ब्रह्मा ने कहा कि सबसे पहले जो प्राणी मिले उसका सिर काटकर गणेश के सिर के स्थान पर लगा दिया जाए। पार्वती को सबसे पहले हाथी मिला, जिसका सिर उन्होंने काट कर गणेश के सिर पर रख दिया। इस कारण ये गजानन कहलाए।

एक दूसरी कथा के अनुसार पार्वती एक बार स्नान करने के लिए गई और अपने घर के दरवाजे पर गणेश को रक्षक के रूप में बैठा गई। इसी बीच शिवजी आए और उन्होंने घर में प्रवेश करना चाहा। गणेश ने उन्हें प्रवेश करने से रोका। इस पर क्रोध में आकर शिवजी ने गणेश जी का सिर काट दिया। जब पार्वती को पता लगा। तब शिवजी ने हाथी का सिर काटकर गणेश के सिर के स्थान पर जोड़़ दिया।

उनकी सर्वप्रथम पूजा होने के संबंध में भी अनेक कथाएं मिलती हैं। इस बारे में प्रचलित एक कथा यह है कि एक बार देवताओं में यह विवाद हुआ कि सर्वप्रथम किस देवता की पूजा हो। विवाद बढ़ा तो निर्णय भगवान शिव को सौंप दिया गया। भगवान शिव ने कहा कि जो देवता सबसे पहले तीनों लोकों की परिक्रमा कर लेगा, उसकी पूजा सबसे पहले होगी। सब देवता अपने-अपने वाहनों से तीनों लोकों की परिक्रमा के लिए रवाना हो गए। पर गणेशजी ने भगवान शिव की ही परिक्रमा कर डाली। भगवान शिव ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि तीनों लोक आप में ही हैं। आपकी परिक्रमा का ही अर्थ है तीनों लोकों की परिक्रमा। इस उत्तर से भगवान शिव इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने गणेश जी की पूजा सर्वप्रथम करने का निर्णय दे दिया। यह कथा कुछ और स्वरूपों में भी प्रचलित है पर निष्कर्ष यही है कि सर्वप्रथम पूजा गणेशजी की ही होती है। हर मंगल कार्य का शुभारंभ गणेश जी की पूजा से ही होता है। यात्रा का आरंभ गणेश जी का नाम लेकर किया जाता है। खाता-बहियों की शुरुआत भी श्री गणेशाय नम: से होती है और आज तो किसी काम को प्रारंभ करने को ही श्री गणेश करना कहा जाता है। ऋग्वेद के मंत्र गणनां त्वा गणपति ऊं हवामहे तथा यजुर्वेद के मंत्र नमो गणेम्यो गणपतिम्यदा वो नमो नम: से जिन गणेश औैर गणपति की वंदना और आराधना शुरू हुई थी वह आज भी जारी है। बीसवीं शताब्दी में तो भगवान गणेश ने राष्ट्रीय चेतना की भावना का श्री गणेश किया था। गणेशोत्सवों ने इस देश में राष्ट्रीय चेतना की जो ज्वाला प्रज्ज्वलित की थी, वह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की आधारशिला बन गई थी। ऋग्वेद से लेकर आज तक भगवान गणेश अनेक गुणों को लेकर अवतरित हुए और उनकी अनंत कथाएं भी प्रचलित रहीं।

गणेशजी इतने गुणों के स्वामी हैं कि उनके इन गुणों एवं स्वरूप के आधार पर ही उनके एक हजार नाम प्रचलित हैं। पर मुख्य रूप से उनके द्वादश नाम प्रचलित हैं, जिनके नियमित पाठ से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं तथा सभी मनोरथों की सिद्धि होती है। इस संबंध में यह मंत्र प्रचलित है-
ओम सुमुख श्चैक दंतश्च कपिलौ गजकर्णक:
लम्बोदरश्च विकटो विध्ननाशो विनायक:
धूम्र केतू गणध्ययक्षो भाल चंद्रो गजानन:
द्वादशैतानि नामानि य पठच्धुणु यदापि।

गणेश जी की उपासना एवं आराधना इतनी प्राचीन है कि उनके अनेक अवतारों के वर्णन भी धर्मग्रथों में मिलते हैं। उनके जो मुख्य अवतार हुए हैं वे है- वक्रतुण्डावतार, एकदंतावतार, महोदरावतार, गजाननावतार, लम्बोदरावतार, विकटावतार। विघ्नराजावतार में मत्सरासुर से, एकदंतावतार में मदासुर से, महोदरावतार में मोहासुर से, गजाननावतार में लोभासुर से, लम्बोदरातार में क्रोधासुर से विकटावतार में कामासुर से, विघ्नराजावतार में ममतासुर से, धूम्रवर्णवतार में अभिमानानुसार से देवताओं और मानव जाति को मुक्ति दिलाई। इन अवतारों की कथा से एक और तथ्य स्पष्ट होता है कि भगवान गणेश गुणों के देवता ही नहीं है, अपितु अवगुणों से विशेषकर मद, मोह, लोभ, क्रोध, काम, माया एवं अभिमान से भी मुक्ति दिलाते हैं।

भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सारे देश में ग्यारह दिवसीय गणेशोत्सव मनाने का क्रम प्रारंभ हो जाता है, पर गणेश जी की उपासना एवं आराधना वर्ष भर ही चलती रहती है। हर मंगल कार्य में यहां तक कि दैनिक उपासना एवं आराधना में भी गणेश जी को सर्वप्रथम स्मरण किया जाता है। माह में दो बार आने वाली चतुर्थी को भी गणेश जी की उपासना की जाती है। इन चतुर्थी में से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकट नाशक चतुर्थी तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इन चतुर्थी पर हजारों भारतवासी गणेश जी की आराधना एवं उपासना करते हैं तथा उपवास रखते हैं। संकट नाशक चतुर्थी को गणेश जी की आराधना करने एवं उपवास करने से हर प्रकार के संकटों का नाश हो जाता हैं। (विनायक फीचर्स)

गणेश चतुर्थी पर विशेष – आधुनिक युग में गणेश पूजन का महत्व

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(विजय कुमार शर्मा – विभूति फीचर्स)

श्रीगणेश,जिन्हें विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता, बुद्धि और विवेक के अधिपति कहा गया है, आज केवल धार्मिक आस्था के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि आधुनिक जीवन की चुनौतियों से जूझते हुए हर व्यक्ति के मार्गदर्शक भी हैं। प्राचीन काल में भी हर कार्य की शुरुआत गणपति पूजन से होती थी और आज भी वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह परंपरा हमारे जीवन की व्यावहारिक आवश्यकताओं को पूरा करती है।

1. मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन

आधुनिक जीवन भागदौड़, प्रतियोगिता और तकनीक पर आधारित है। ऐसे में व्यक्ति चिंता और अवसाद से ग्रसित हो जाता है। श्रीगणेश की उपासना, मंत्रजप और ध्यान मन को स्थिर करते हैं। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र के उच्चारण से मस्तिष्क की तरंगें संतुलित होती हैं, तनाव कम होता है और आत्मबल बढ़ता है।

2. ज्ञान, स्मरण शक्ति और विवेक का विकास

गणेश जी को विद्या और बुद्धि का देवता कहा गया है। छात्रों, शोधकर्ताओं, और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए गणेश पूजन विशेष लाभकारी है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली में केवल जानकारी नहीं, बल्कि निर्णय क्षमता और तर्कशक्ति की आवश्यकता है, और यह गुण गणपति आराधना से पुष्ट होते हैं।

3. सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का मार्ग

घर या कार्यस्थल पर गणेश पूजन से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा व्यक्ति को निरंतर प्रेरित करती है और कार्य में आने वाली रुकावटें स्वतः दूर होने लगती हैं। आधुनिक कॉर्पोरेट संस्कृति में भी लोग अपने ऑफिस की शुरुआत श्रीगणेश वंदना से करते हैं ताकि कार्यक्षमता और टीम स्पिरिट बनी रहे।

4. सामाजिक एकता और राष्ट्रीय चेतना

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेश उत्सव को घर की चारदीवारी से बाहर निकालकर सार्वजनिक मंच दिया। तब से गणेश उत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि स्वाधीनता संग्राम, समाज-सुधार और सांस्कृतिक एकता का माध्यम बना। आज भी यह पर्व समाज को जोड़ने और सामूहिकता का बोध कराने वाला उत्सव है।

5. पर्यावरण और आधुनिक चेतना

आधुनिक युग में पर्यावरण संकट सबसे बड़ी चुनौती है। गणेश उत्सव अब पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों, स्वच्छता अभियान और जल संरक्षण का संदेश देने वाला भी बन चुका है। श्रीगणेश केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन के प्रतीक भी हैं।

6. आध्यात्मिक और नैतिक संतुलन

आधुनिक युग भौतिकता से भरा हुआ है, जहाँ मानवीय मूल्य पीछे छूटते जा रहे हैं। गणेश पूजन हमें विनम्रता, संयम, धैर्य और कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाता है। यह जीवन के हर क्षेत्र में नैतिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

आधुनिक युग में गणेश पूजन केवल परंपरा का पालन नहीं, बल्कि एक जीवन प्रबंधन सूत्र है। यह हमें मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, ज्ञान, सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण का मार्ग दिखाता है। श्रीगणेश की उपासना से हमें यह सीख मिलती है कि चाहे युग कितना भी बदल जाए, जीवन को सफल बनाने के लिए आस्था और विवेक दोनों आवश्यक है। (विभूति फीचर्स)

पशुओं में ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ब्लड बैंकों के लिए जारी हुई राष्ट्रीय गाइडलाइन

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भारत सरकार ने पशुओं में ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ब्लड बैंकों के लिए अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय दिशानिर्देश/एसओपी जारी किया

दिशानिर्देश का उद्देश्य राज्य-नियंत्रित पशु ब्लड बैंकों की स्थापना है व इसमें जैव सुरक्षा एवं पशुओं में ब्लड ट्रांसफ्यूजन में भविष्य के लिए तैयार नवाचारों पर ज़ोर

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत आने वाले पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने “भारत में जानवरों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ब्लड बैंक के लिए दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)” जारी की हैं। वैश्विक स्तर पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन को जानवरों में चोट, गंभीर एनीमिया, सर्जरी के दौरान रक्त की कमी, संक्रामक रोग और रक्त जमने संबंधी विकारों के प्रबंधन के लिए एक जीवन रक्षक उपाय माना जाता है। हालांकि, अब तक भारत में पशु चिकित्सा ट्रांसफ्यजन मेडिसिन के लिए कोई व्यापक राष्ट्रीय फ्रेमवर्क नहीं था। अधिकांश पशुओं को आपात स्थिति में रक्त दिया जाता था, जिसमें दाता की जांच, रक्त समूह का पता लगाने या भंडारण के लिए कोई मानकीकृत प्रोटोकॉल नहीं था। ये दिशानिर्देश/एसओपी वैज्ञानिक, नैतिक और संरचित ढांचे को प्रस्तुत करके इस महत्वपूर्ण कमी को पूरा करते हैं। ये जानवरों में दाता के चयन, रक्त संग्रह, अवयवों के प्रसंस्करण, भंडारण, आधान प्रक्रियाओं, निगरानी और सुरक्षा उपायों के लिए एक उचित रूपरेखा प्रदान करते हैं। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयें, आईसीएआऱ संस्थानों, राज्य सरकारों, पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए, ये दस्तावेज़ भारत की प्रथाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप भी बनाते हैं।

दिशानिर्देशों और एसओपी के मुख्य बिंदुओं में शामिल है:

राज्य-नियंत्रित पशु चिकित्सा ब्लड बैंकों की स्थापना, जिसमें जैव सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा।
रक्त के बेमेल होने से होने वाली प्रतिक्रियाओं को रोकने के लिए रक्त समूह की जाँच (ब्लड टाइपिंग) और क्रॉस-मैचिंग की अनिवार्यता दाता के लिए पात्रता मानदंड जिनमें स्वास्थ्य, टीकाकरण, आयु, वज़न और बीमारियों की जाँच शामिल है। स्वैच्छिक और नि:शुल्क दान पर जोर, साथ ही दाता अधिकार चार्टर के साथ सूचित सहमति भी सुनिश्चित की जाएगी।
जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों के जोखम के प्रबंधन के लिए वन हेल्थ सिद्धांतों का एकीकरण
दाता के पंजीकरण, ट्रांसफ्यूजन की निगरानी और प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्टिंग के लिए मानक एसओपी, फॉर्म और चेकलिस्ट तैयार किए गए हैं।

एक राष्ट्रीय पशु चिकित्सा ब्लड बैंक नेटवर्क (एन-वीबीबीएन) स्थापित करने का रोडमैप जिसमें डिजिटल रजिस्ट्री, रियल टाइम में स्टॉक की जानकारी और एक आपातकालीन हेल्पलाइन शामिल बीवीएससी एवं एएच पाठ्यक्रमों, स्नातकोत्तर कार्यक्रमों और सतत पशु चिकित्सा शिक्षा में प्रशिक्षण मॉड्यूल को शामिल किया जाएगा।

आने वाले समय में इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य मोबाइल रक्त संग्रह इकाइयाँ, दुर्लभ रक्त प्रकारों के लिए क्रायोप्रेज़र्वेशन, दानकर्ता और प्राप्तकर्ता के मिलान के लिए मोबाइल एप्लिकेशन, और उन्नत ब्लड ट्रांसफ्यूजन अनुसंधान के जरिए नवाचार को बढ़ावा देना है।

भारत का पशुधन और पालतू पशु क्षेत्र दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे विविध है, जिसमें 537 मिलियन से अधिक पशुधन और 125 मिलियन से अधिक पालतू जानवर शामिल हैं। यह क्षेत्र देश के जीडीपी में 5.5% और कृषि जीडीपी में 30% से अधिक का योगदान देता है। यह खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण आधार है। पशु चिकित्सा निदान और उपचार में हो रही प्रगति के साथ, विशेष आपातकालीन पशु चिकित्सा देखभाल की माँग बढ़ रही है, खासकर विभिन्न प्रजातियों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन में सहायता की।

इन दिशानिर्देशों का जारी होना भारत के पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो नैदानिक देखभाल को मजबूत करेगा, जानवरों के जीवन को बचाएगा, ग्रामीण आजीविका की रक्षा करेगा, और पूरे देश में पशु कल्याण को बढ़ावा देगा। यह दस्तावेज़ एक सलाहकार और गैर-सांविधिक ढाँचा है, जो गतिशील रहेगा। यह नए वैज्ञानिक प्रमाणों, जमीनी अनुभवों और हितधारकों की प्रतिक्रिया के साथ विकसित होता रहेगा, ताकि पशु कल्याण, जैव सुरक्षा और सार्वजनिक विश्वास के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया जा सके।

 

श्री कार्ल स्काउ ने आज सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से की मुलाकात

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विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी उप निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी श्री कार्ल स्काउ ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की


राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की गतिविधियों पर चर्चा की गई

श्री कार्ल स्काउ ने खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में भारत की उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी उप निदेशक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी श्री कार्ल स्काउ ने आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। बैठक में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर डब्ल्यूएफपी की गतिविधियों और विकास पर चर्चा की गई।

डीए एंड एफडब्ल्यू सचिव ने विभाग में कार्यकारी उप निदेशक और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। डब्ल्यूएफपी के साथ साझेदारी के महत्व पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने सरकारों के साथ डब्ल्यूएफपी के बहुमूल्य समन्वय की सराहना की।

सचिव ने भारत को वैश्विक खाद्यान्न भंडार के रूप में स्थापित करने, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को भी साझा किया और विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में दक्षिण- दक्षिण सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारत के कृषि क्षेत्र में प्रमुख नवाचारों को रेखांकित किया, जिनमें फसल बीमा, डिजिटल कृषि और ट्रेसेबिलिटी आदि में प्रगति शामिल है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित जैव- फोर्टिफाइड फसल किस्मों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) श्री कार्ल स्काउ ने खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में भारत की उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि बढ़ते संघर्षों और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण वैश्विक खाद्य सुरक्षा की स्थिति लगातार बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रही है। उन्होंने वैश्विक समाधानों में योगदान देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। श्री स्काउ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत अपनी मज़बूत सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों, विविधीकरण और सुदृढ़ीकरण पहलों, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और जलवायु- अनुकूल आजीविकाओं को बढ़ावा देने देकर मूल्यवान शिक्षा और मॉडल प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि ये अनुभव ज्ञान, तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान- प्रदान के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को मज़बूत करने के अन्य देशों के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने खाद्य असुरक्षा के विरुद्ध सामूहिक लड़ाई में भारत के साथ सहयोग और साझेदारी को गहरा करने के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।

बैठक में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, विदेश मंत्रालय, एनआरएम प्रभाग, डीए एंड एफडब्ल्यू, नीति आयोग और डीएमईओ के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

नूंह में गोकशी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

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नूंह (अनिल मोहनिया) : हरियाणा के नूंह जिले में गोकशी के मामलों पर कड़ी कार्रवाई जारी है। पुलिस ने गांव मेवली में गौ तस्करों के ठिकानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में गोमांस बरामद किया है। आरोपी जंगलों में गोकशी कर गोमांस को छोटे-छोटे हिस्सों में काटकर आसपास के इलाकों में होम डिलीवरी करते थे। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी मौके से भागने में सफल रहे।

7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

आंकेड़ा थाना पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस की सूचना के अनुसार, मुबीन उर्फ मुब्बी, तसलीम, वसीम, रशीद (गांव मेवली), शाकिर, पुच्ची (आंकेड़ा), और अजरूद्दीन (मालब) गोकशी का धंधा करते थे।

पुलिस ने मौके से 3 क्विंटल 20 किलो ताजा गोमांस, 2 गाय के कटे हुए सिर, 8 पैर, 2 खाल, 2 छुरियां, 1 कुल्हाड़ी, 1 इलेक्ट्रॉनिक काटा, 1 परात और 4 बाइकों को बरामद किया है।

आरोपी को जल्द किया जाएगा गिरफ्तारः पुलिस

इस मामले को लेकर सीएस स्टाफ प्रभारी राजबीर ने बताया कि आरोपी गांव की आबादी का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए। इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिशें दी जा रही हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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Mumbai, May 26 (ANI): Vehicles wade through the waterlogged JJ Bridge flyover following heavy rainfall, in Mumbai on Monday. (ANI Photo)

 नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बारिश आफत की तरह बरस रही है। भारी बारिश से जनजीवन पर असर पड़ रहा है। इसके साथ ही नदियां भी उफान पर हैं और खतरे के निशान के नजदीक बह रहीं हैं। वहीं यातायात भी ठप से हो गया है।

मुंबई में भारी बारिश (Mumbai Rains) के कारण ट्रैफिक और यातायात में असुविधा हो रही है। सड़कों पर गाड़ियों का लंबा जाम देखने को मिल रहा है।

शहर के कई हिस्सों में भारी जलभराव और यातायात जाम देखा गया। इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा एयर सहित कई एयरलाइनों ने भारी बारिश के बीच हवाई यातायात और मुंबई की सड़कों पर यातायात की धीमी गति का हवाला देते हुए ट्रैवल एडवायजरी जारी की है।

मुंबई में येलो अलर्ट जारी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई सबअर्बन और मुंबई शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही ठाणे, पुणे और नासिक के लिए भी अलर्ट जारी किया गिया है। इसके अलावा रायगढ़, पालघर और नंदुरबार में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मुंबई में सुबह से ही तेज़ बारिश हो रही है और सायन के गांधी मार्केट और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे क्षेत्र सहित शहर के कई हिस्सों में जलभराव देखा गया है। भारी बारिश के कारण वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भी जाम लग गया, जिससे वाहनों की आवाजाही धीमी हो गई।

दिल्ली में खतरे के निशान के नजदीक बह रही यमुना

दिल्ली में भी लगातार बारिश की वजह से कई इलाकों में जलजमाव की समस्या देखी जा रही है। आलम ये है कि यमुना नदी खतरे के निशान के नजदीक बह रही है।

दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार यानी 25 अगस्त 2025 को भारी बारिश (Delhi Rain) हुई है। बाबा खड़क सिंह मार्ग, आईटीओ और यमुना नदी जैसे इलाकों में भारी बारिश हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, “आज दिल्ली में सामान्यतः बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश होगी।”

गुरुग्राम के कई इलाकों में भी बारिश के कारण जलभराव हो गया।

1 सितंबर को खुल रहा है अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड का IPO 

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बाएं से दाएं – सीए योगेश जैन (बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड), भावेश पटेल (अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड), शैलेश शाह (अमंता हेल्थकेयर लिमिटेड), पारस मेहता (अमंता हेल्थकेयर लिमिटेड)।

● कुल इश्यू साइज – प्रत्येक ₹10 अंकित मूल्य वाले 1,00,00,000 इक्विटी शेयर तक

● आईपीओ साइज – ₹12,600.00 लाख (ऊपरी मूल्य सीमा पर)

● मूल्य सीमा – प्रति शेयर ₹120 से ₹126

● लॉट साइज – 119 इक्विटी शेयर

मुंबई। अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड, एक फार्मास्यूटिकल कंपनी जो स्टेराइल लिक्विड उत्पादों के विकास, निर्माण और विपणन में संलग्न है, जिसमें बड़े और छोटे वॉल्यूम पैरेंटेरल्स (LVPs और SVPs) शामिल हैं, अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) 1 सितंबर, 2025 को खोलने का प्रस्ताव रखती है, जिसका उद्देश्य ₹12,600.00 लाख (ऊपरी मूल्य बैंड पर) जुटाना है, और इसके शेयर NSE और BSE प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किए जाएंगे।

इश्यू का आकार प्रत्येक ₹10 अंकित मूल्य वाले 1,00,00,000 इक्विटी शेयरों तक है, जिनकी प्रति शेयर कीमत ₹120 से ₹126 के बीच होगी।

इक्विटी शेयर आवंटन

• योग्य संस्थागत खरीदार – 50,00,000 इक्विटी शेयरों से अधिक नहीं

• गैर-संस्थागत निवेशक – कम से कम 15,00,000 इक्विटी शेयर

• व्यक्तिगत निवेशक – कम से कम 35,00,000 इक्विटी शेयर

आईपीओ से प्राप्त निवल धनराशि का उपयोग हरियाला, खेड़ा, गुजरात में स्टेरीपोर्ट की नई विनिर्माण लाइन स्थापित करने के लिए नागरिक निर्माण कार्य की पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं को पूरा करने और उपकरण, संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिए किया जाएगा। साथ ही, हरियाला, खेड़ा, गुजरात में SVP की नई विनिर्माण लाइन स्थापित करने के लिए नागरिक निर्माण कार्य की पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं, उपकरण, संयंत्र और मशीनरी की खरीद तथा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। ऐंकर हिस्सा शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को खुलेगा और इश्यू बुधवार, 03 सितंबर 2025 को बंद होगा।

इस इश्यू का बुक रनिंग लीड मैनेजर बीलाइन कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड है, और रजिस्ट्रार एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) है।

भावेश पटेल (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड) ने कहा, “हमारी कंपनी ने थेराप्यूटिक सेगमेंट्स और मेडिकल डिवाइसेस में स्टेराइल लिक्विड उत्पादों की व्यापक श्रृंखला विकसित करके और सप्लाई करके वृद्धि की है। हमने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति स्थापित की है। यह आईपीओ हमारी विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हमें हरियाला स्थित हमारी सुविधा में नई स्टेरीपोर्ट और SVP लाइनों के साथ हमारी उत्पादन क्षमता का विस्तार करने का अवसर मिलेगा, जो हमारी क्षमता को मजबूत करेगा और हमें भविष्य की योजनाओं के लिए समर्थन देगा।”

अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड के बारे में :-

अमांता हेल्थकेयर लिमिटेड, एक फार्मास्यूटिकल कंपनी जो स्टेराइल लिक्विड उत्पादों के विकास, निर्माण और विपणन में संलग्न है, जिसमें बड़े और छोटे वॉल्यूम पैरेंटेरल्स (LVPs और SVPs) शामिल हैं, जो एसेप्टिक ब्लो-फिल-सील (एबीएफएस) और इंजेक्शन स्ट्रेच ब्लो मोल्डिंग (आयएसबीएम) तकनीकों का उपयोग करके बनाए जाते हैं। कंपनी छह चिकित्सीय क्षेत्रों को सेवा प्रदान करती है, जिनमें फ्लूड थेरेपी (IV फ्लूड), फॉर्मूलेशन्स, डायल्यूएंट्स, नेत्र चिकित्सा, श्वसन देखभाल और इरिगेशन सॉल्यूशंस शामिल हैं।

कंपनी सिंचाई सॉल्यूशंस, प्राथमिक चिकित्सा उत्पादों और आँखों के लिए लुब्रिकेंट जैसी मेडिकल डिवाइसेज का भी निर्माण करती है। हमारे पैकेजिंग में 2 मिलीलीटर से लेकर 1000 मिलीलीटर तक के कंटेनर वॉल्यूम और विभिन्न प्रकार की क्लोजर सिस्टम शामिल हैं।

अमांता का नेतृत्व अनुभवी प्रबंधन द्वारा किया जाता है, जिसमें भावेश पटेल शामिल हैं जो कंपनी के प्रमोटर, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। वह एक मेकेनिकल इंजीनियर हैं और प्रबंधन में मास्टर डिग्री धारक हैं, साथ ही उनके पास 30 वर्षों से अधिक का अनुभव है।

वित्तीय वर्ष 2025 में, कंपनी ने ₹ 27,470.82 लाख का राजस्व, ₹ 6,105.37 लाख का EBITDA और ₹ 1,050.07 लाख का शुद्ध लाभ (PAT) हासिल किया।

 

 

 

 

 

 

 

 

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पहली बार बोले शाह

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नई दिल्ली। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखी है। उन्होंने जगदीप धनखड़ को लेकर कई आलोचनाओं का जवाब भी दिया। शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ संवैधानिक पद पर थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अच्छा काम किया।

वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की बात है, उन्होंने निजी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था।

 गृह मंत्री ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने की अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। साक्षात्कार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जगदीप धनखड़ जी संवैधानिक पद पर बैठे थे और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संविधान के अनुसार बेहतर काम किया।

गृह मंत्री ने कहा कि जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। इसको ज्यादा खींचकर किसी दिशा में देखने की आवश्यकता नहीं है।

शाह ने विपक्ष को दी नसीहत

वहीं, जब कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा धनखड़ के नजरबंद होने के दावे के बारे में अमित शाह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सच और झूठ की व्याख्या केवल विपक्ष के बयानों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि ऐसा लगता है कि सच और झूठ की आपकी व्याख्या विपक्ष की बातों पर आधारित है। हमें इस सब पर ज्यदा हंगामा नहीं करना चाहिए। धनखड़ एक संवैधानिक पद पर थे और उन्होंने संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस मुद्दे पर ज्यादा विचार-विमर्श नहीं करना चाहिए।

विपक्ष के दावे को गृहमंत्री ने किया खारिज

गौरतलब है कि अमित शाह की यह टिप्पणी टिप्पणी विपक्षी नेताओं द्वारा अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाने के बाद आई है। विपक्षी नेताओं ने दावा करते हुए कहा था कि सरकार ने धनखड़ को चुप करा दिया है। हाल के दिनों में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ-साथ उन्हें चुप कराने की भी बात कही गई है।

सहारनपुर में गोवंश काटने के आरोप में पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार किया

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सहानरपुर में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक घर के अंदर कथित तौर पर गोवंश काटने के मामले का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने मां और बेटी को तो अरेस्ट कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी शख्स अंधेरे का फायदा उठा कर भागने में कामयाब हो गया. वैसे पुलिस उसको भई अरेस्ट करने के लिए दबिश दे रही है. ये मामला जनकपुरी पुलिस स्टेशन के दजपुरा गांव का है. मौके से कथित तौर पर गोवंश का मांस और हत्या में इस्तेमाल किया गया औजार भी पुलिस को मिला है. आइए आपको विस्तार से इस मामले की जानकारी देते हैं.

प्रधानमंत्री 25-26 अगस्त को गुजरात का दौरा करेंगे

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प्रधानमंत्री अहमदाबाद में 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे


परियोजनाएं कई क्षेत्रों की आवश्‍यकताओं को पूरा करती हैं: शहरी विकास, ऊर्जा, सड़क और रेलवे

मेक इन इंडिया की सफलता के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, प्रधानमंत्री हंसलपुर में 100 से अधिक देशों में निर्यात के लिए सुजुकी के पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन “ई विटारा” को हरी झंडी दिखाएंगे

प्रधानमंत्री टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी प्लांट में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन का उद्घाटन करेंगे – यह हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25-26 अगस्त को गुजरात का दौरा करेंगे। वे 25 अगस्त को शाम लगभग 6 बजे अहमदाबाद के खोडलधाम मैदान में 5,400 करोड़ रुपये की लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

26 अगस्त को सुबह लगभग 10:30 बजे, प्रधानमंत्री अहमदाबाद के हंसलपुर में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन का उद्घाटन करेंगे और 100 देशों को बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात को हरी झंडी दिखाएंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसमें 530 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 65 किलोमीटर महेसाणा-पालनपुर रेल लाइन का दोहरीकरण, 860 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 37 किलोमीटर कलोल-कडी-कटोसन रोड रेल लाइन और 40 किलोमीटर बेचराजी-रानुज रेल लाइन का गेज परिवर्तन शामिल है। इस ब्रॉड-गेज क्षमता के बढ़ने से, ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में सुगम, सुरक्षित और अधिक निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगी। इससे क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ दैनिक यात्रियों, पर्यटकों और व्यवसायों के लिए यात्रा काफी आसान हो जाएगी। इसके अलावा, कटोसन रोड और साबरमती के बीच यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच उपलब्ध होगी और जमीनी स्तर पर आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। बेचराजी से कार-लोडेड मालगाड़ी सेवा से राज्य के औद्योगिक केंद्रों में संपर्क बढ़ेगा, लॉजिस्टिक्स नेटवर्क मजबूत होगा और रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न होंगे।

कनेक्टिविटी में सुधार, यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास को गति देने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री वीरमगाम-खुदाद-रामपुरा सड़क के चौड़ीकरण का उद्घाटन करेंगे। वे अहमदाबाद-मेहसाणा-पालनपुर मार्ग पर छह लेन वाले वाहन अंडरपास और अहमदाबाद-वीरमगाम मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे। इन पहलों से इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, परिवहन दक्षता में सुधार होगा और आर्थिक अवसर बढ़ेंगे।

राज्य में विद्युत क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (यूजीवीसीएल) के अंतर्गत अहमदाबाद, मेहसाणा और गांधीनगर में विद्युत वितरण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत घाटे को कम करना, नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली ये परियोजनाएं प्रतिकूल मौसम के दौरान बिजली की आपूर्ति में रुकावटों और बिजली कटौती को कम करेंगी, जन सुरक्षा, ट्रांसफार्मर की सुरक्षा और बिजली आपूर्ति नेटवर्क की विश्वसनीयता में सुधार लाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के स्‍व-स्‍थाने स्लम पुनर्वास घटक के अंतर्गत रामापीर ने टेकरो के सेक्टर-3 में स्लम विकास परियोजना का उद्घाटन करेंगे। वे अहमदाबाद के आसपास सरदार पटेल रिंग रोड पर यातायात सुगम बनाने और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए की जा रही प्रमुख सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे। वे जल एवं सीवरेज प्रबंधन प्रणालियों को सुदृढ़ करने के लिए प्रमुख शहरी अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रशासनिक दक्षता और सार्वजनिक सेवा वितरण को मज़बूत करने के लिए, प्रधानमंत्री गुजरात में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इसमें अहमदाबाद पश्चिम में एक नए स्टाम्प एवं पंजीकरण भवन का निर्माण शामिल है। इसका उद्देश्य नागरिक-केंद्रित सेवाओं में सुधार लाना है। इसके अलावा, गांधीनगर में एक राज्य-स्तरीय डेटा संग्रहण केंद्र की स्थापना भी शामिल है जिसका उद्देश्य पूरे गुजरात में सुरक्षित डेटा प्रबंधन और डिजिटल शासन क्षमताओं को बढ़ाना है।

26 अगस्त को, प्रधानमंत्री अहमदाबाद के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट में दो ऐतिहासिक विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे। ये ऐतिहासिक पहल भारत के हरित परिवहन के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने को दर्शाती है और साथ ही मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को भी आगे बढ़ाती है।

मेक इन इंडिया की सफलता के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, प्रधानमंत्री सुजुकी के पहले वैश्विक रणनीतिक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) “ई विटारा” का उद्घाटन करेंगे और हरी झंडी दिखाएंगे। भारत में निर्मित इन बीईवी का निर्यात यूरोप और जापान जैसे उन्नत बाजारों सहित सौ से अधिक देशों में किया जाएगा। इस उपलब्धि के साथ, भारत अब सुजुकी के इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन जाएगा।

हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़े कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री गुजरात स्थित टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन की शुरुआत के साथ भारत के बैटरी इकोसिस्टम के अगले चरण का भी उद्घाटन करेंगे। तोशिबा, डेंसो और सुजुकी का संयुक्त उद्यम, यह संयंत्र घरेलू विनिर्माण और स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा देगा। इससे अब अस्सी प्रतिशत से अधिक बैटरी का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।