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रॉनी रोड्रिग्स ने पुलिस इंस्पेक्टर विजय मड़ाये के रिटायरमेंट और जन्मदिन को किया सेलिब्रेट

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मुंबई। ओशिवारा पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर विजय मड़ाए Vijay Madaye के रिटायरमेंट और उनके जन्मदिन के अवसर पर मुम्बई में एक शानदार इवेंट का आयोजन किया गया जहां 100 से ज्यादा पुलिस वाले अपने परिवार के साथ इस इवेंट में उपस्थित हुए. एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ब्रिजेश सिंह, आईपीएस इस मौके पर विशेष अतिथि रहे. जिन सेलेब्रिटी अतिथियों ने इस अनोखे कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई उनमें अरबाज खान, धीरज कुमार, विंदू दारा सिंह, पंकज बेरी, नवीन प्रभाकर, राजीव निगम, गायक स्वरूप भालवनकर, तरन्नुम मलिक, साई राम सहित कई नाम उल्लेखनीय है. अभिनेत्री मॉडल एकता जैन ने उस इवेंट को बखूबी होस्ट किया.

सिनेबस्टर मैग्जीन के चीफ एडिटर, रॉनी रोड्रिग्स इस इवेंट में बतौर सहयोगी जुड़े. इस अवसर पर कई लोगों को सम्मानित भी किया गया. रॉनी रोड्रिग्स ने उसी अवसर पर कहा कि आम तौर पर जब कोई अपने पद पर नियुक्त होता है तो पार्टी की जाती है मगर मैं किसी पदाधिकारी का रिटायर होना भी उतना ही महत्वपूर्ण मानता हूं. विजय जी ने इतने वर्ष लगातार पुलिस विभाग में रहकर जनता की सेवा की, उनका काम और उनकी कार्यशैली मुझे पसंद आई इसलिए मैंने उनके सम्मान में और तमाम पुलिसकर्मियों के सम्मान में इस इवेंट को सपोर्ट किया. इस प्रकार के कार्यक्रम दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं.
चूंकि रॉनी रॉड्रिग्स ने विजय मड़ाए का जन्मदिन बडी धूमधाम से पांच सितारा होटल में मनाया, इसी वजह से विजय भावुक हुए थे. उन्होंने कहा कि मेरी और रॉनी सर की दोस्ती नयी-नयी है. लेकिन हमारा बॉण्ड कई सालों से है, ऐसा लगता है. उन्होंने इवेंट को बड़ा और खुशनुमा बना दिया, सितारों को बुलाया जो हमारी खुशी में सम्मिलित हुए उनका मैं हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं. साथ ही रॉनी सर को ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं कि भगवान उन्हें आसमान की चोटी तक सफलता दे.

निर्माता निर्देशक और अभिनेता धीरज कुमार ने कहा कि बातें हो रही हैं कि विजय जी 58 साल की उम्र में रिटायर हो गए लेकिन दरअसल आयु केवल एक अंक है. मैं 80 साल का हो गया हूं और अब भी सक्रिय रहता हूं. आम तौर पर कहा जाता है कि इंसान दुनिया में खाली हाथ आता है और खाली हाथ जाता है लेकिन मेरा कहना और मानना है कि मानव भाग्य लेकर आता है और अपने कर्म लेकर जाता है. तो आप जब तक इस धरती पर हैं अच्छे कर्म करते रहें.
पुलिस इंस्पेक्टर विजय मड़ाये Vijay Madaye ने इस विशेष अवसर पर अपने बचपन से लेकर अब तक की जिंदगी के सफ़र के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अब कुछ दिन बचे हैं मेरे रिटायरमेंट के, इसलिए मैं बहुत नर्वस और भावुक हूं. पिछले 37 वर्षो से मैं इस वर्दी को पहन कर ड्यूटी पर आता था और अब कुछ घंटों बाद ये वर्दी मेरी नहीं होगी, यह मेरे लिए काफी इमोशनल लम्हा है. मैं चाहता हूं कि बचे हुए दिन में मैं इस वर्दी को पहन कर सोऊं और जागूं. मैं सभी पुलिस विभाग के अधिकारियों का, दोस्तों का और परिवार वालों का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं.

धार्मिक फिल्म “महासर माँ” का मुहूर्त उनकी महिमा गीत के साथ ग्रेविटी स्टूडियो में संपन्न

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मुंबई। मारवाड़ी समाज की कुलदेवी “महासर माँ” की महिमा और चमत्कारों को दर्शाती एक फीचर फिल्म का निर्माण शीघ्र ही होने जा रहा है। महासर मूवीज के बैनर तले बनने वाली इस फिल्म का शीर्षक “महासर माँ” ही रखा गया है ताकि समाज के साथ साथ अन्य भक्त भी माता के बारे में जान सकें। इस फिल्म का निर्देशन सनी अग्रवाल करेंगे जो कई वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं।
हाल ही में इस फिल्म का मुहूर्त एक गीत के साथ ग्रेविटी स्टूडियो, गोरेगांव (मुंबई) में सम्पन्न हुआ। उसी अवसर पर बॉलीवुड के जाने माने डीओपी और प्रोड्यूसर असीम बजाज फिल्म की टीम को शुभकामना देने के लिए उपस्थित हुए। इस फिल्म का संगीत भीमेश द्विवेदी ने तैयार किया है तथा गीतकार रमन द्विवेदी हैं वहीं सिंगर दिव्य कुमार ने टाइटल सॉन्ग गाया है।
फिल्म के निर्माता श्रीधर गुप्ता, दीपक अग्रवाल और एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर संतोष पंसारी एवं राजकुमार सिंघल हैं।
निर्देशक सनी अग्रवाल ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग अगले महीने शुरू होगी और दीवाली के शुभ अवसर पर रिलीज कर दी जाएगी। फिल्म में बॉलीवुड के कलाकारों सहित नए कलाकार भी अभिनय करेंगे। हेमा मालिनी और मुकेश खन्ना से संपर्क किया गया है लेकिन अभी उनके अनुमति मिलना शेष है।
सनी ने आगे कहा कि मैंने लगभग 50 फिल्में बनाई है लेकिन यह फिल्म महासर माँ के आशीर्वाद से बहुत ही बेहतरीन बनेगी। श्रीधर गुप्ता जी ने माता का मंदिर बनवाया है साथ ही श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशाला भी बनवाया है। मैं भी वहां गया हूँ माँ का दर्शन कर स्वयं को भाग्यशाली पाया हूं।
निर्माता श्रीधर गुप्ता ने बताया कि महासर माँ का मंदिर हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ जिले में स्थित है। माता जी मेरे घर के साथ साथ हजारों परिवार की कुलदेवी हैं और वहां प्रति वर्ष दोनों नवरात्रि में बड़ा मेले का आयोजन किया जाता है। मान्यता अनुसार माता के भक्त अपने बच्चों के मुंडन संस्कार और विवाह के समय नव दंपति उनका आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। हम सभी ने प्रत्यक्ष रूप से महासर माँ के चमत्कार को देखा है। मैं स्वयं मुंबई में संघर्ष कर रहा था और रुपए पैसे के अभाव में दिन गुजार रहा था लेकिन माता जी आशीर्वाद मिला और मैं संपन्न हो गया। इस फिल्म के बनने के बाद लोग महासर मां के बारे में भली भांति परिचित हो जाएंगे और मन्नत मांगने उनके दरबार में पहुंचेंगे।

पहलगाम-प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अहम बैठक जारी

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नई दिल्ली – पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अहम बैठक जारी है। पीएम मोदी के आवास पर हो रही इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल भी शामिल हैं। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सीडीएस अनिल चौहान के साथ मीटिंग की थी।

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार लगातार अहम फैसले ले रही है। पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौता खत्म करने से लेकर पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा कैंसिल करने तक भारत सरकार ने अपने फैसलों से पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। आतंकी हमले के बाद दो बार पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया है और दोनों मौकों पर पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही है।

घटना के मद्देनज़र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहलगाम हमले के बाद से लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ बैठक की थी। इसके बाद सीडीएस अनिल चौहान के साथ भी बैठक की। रक्षा मंत्री से मिलने से पहले सेना प्रमुख ने पहलगाम का दौरा किया था और श्रीनगर में सेना के बड़े अधिकारियों से उनकी चौकी पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी और आतंकियों की घुसपैठ को लेकर अपडेट लिया था। रक्षा मंत्री सभी बड़े अधिकारियों से अपडेट लेकर प्रधानमंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं। ऐसे में कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।

डिजिटल क्रांति के स्वर्णिम पथ पर अग्रसर मध्यप्रदेश

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(डॉ. हितेष वाजपेयी-विभूति फीचर्स)
मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश को वैश्विक टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से “एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” का शुभारंभ इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की तकनीकी प्रगति को नई दिशा देने वाली चार महत्वपूर्ण नीतिगत दिशानिर्देशों का विमोचन किया, ये हैं-

• ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति
• ड्रोन प्रोत्साहन एवं उपयोग नीति
• सेमीकंडक्टर नीति
• एवीजीसी-एक्सआर (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स व एक्सटेंडेड रियलिटी) नीति
इन नीतियों का लक्ष्य प्रदेश में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी, नवाचार, स्टार्टअप्स और निवेश को प्रोत्साहित करना है, ताकि मध्यप्रदेश राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त डिजिटल और टेक्नोलॉजी गंतव्य के रूप में उभर सके।
एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 प्रदेश के युवाओं, उद्यमियों, निवेशकों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा और मध्यप्रदेश को “डिजिटल इंडिया” के सपनों के साथ जोड़ने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
आइये समझते हैं कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस सन्दर्भ में किस प्रकार मध्य प्रदेश सरकार ने तकनीकी क्षेत्र में निवेश और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चार प्रमुख नीतियाँ लागू की हैं।
1. ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) नीति 2025
उद्देश्य- राज्य को वैश्विक नवाचार और सहयोग के केंद्र के रूप में स्थापित करना।
प्रमुख विशेषताएँ:
• 50 से अधिक GCCs को आकर्षित करने और 37,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने का लक्ष्य।
• इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे टियर-2 शहरों को वैश्विक व्यापार हब के रूप में विकसित करना।
• 40% पूंजीगत सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़), किराया सहायता, और पेरोल सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन।
• R&D, अपस्किलिंग, और पेटेंट फाइलिंग के लिए समर्थन।
• “नो क्वेरी पोर्टल” के माध्यम से सिंगल-विंडो।
2. ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति 2025
उद्देश्य: मध्य प्रदेश को ड्रोन निर्माण और तकनीक का प्रमुख केंद्र बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
• 40% पूंजीगत निवेश सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़)।
• तीन वर्षों के लिए 25% किराया सहायता (अधिकतम ₹5 लाख प्रति वर्ष)।
• चिह्नित क्षेत्रों में R&D अनुदान ₹2 करोड़ तक।
• IISER भोपाल में प्रशिक्षण, निर्माण, और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।
• कृषि, आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा, और बुनियादी ढांचे में ड्रोन तकनीक का उपयोग।
3. सेमीकंडक्टर नीति 2025
उद्देश्य: राज्य को सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण का केंद्र बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
• 40% पूंजीगत अनुदान (अधिकतम ₹150 करोड़)।
• 5 वर्षों के लिए 6% ब्याज सब्सिडी (अधिकतम ₹10 करोड़)।
• 10 वर्षों के लिए ₹2 प्रति यूनिट की रियायती बिजली दर।
• रियायती दरों पर भूमि उपलब्धता।
• ₹4 अरब से अधिक के परियोजनाओं के लिए कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन पैकेज।

4. एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025
उद्देश्य: राज्य को एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) के क्षेत्र में अग्रणी बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
• 25% पूंजीगत व्यय सब्सिडी (अधिकतम ₹30 करोड़)।
• तीन वर्षों के लिए 25% किराया सहायता (अधिकतम ₹10 लाख प्रति वर्ष)।
• प्रति कर्मचारी ₹3,000 प्रति माह की रोजगार सृजन सहायता (एक वर्ष के लिए)।
• IP पंजीकरण लागत का 50% सब्सिडी (अधिकतम ₹20 लाख)।
• तीन वर्षों के लिए बैंडविड्थ लागत की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹50,000 प्रति वर्ष)।
• एआर, वीआर, और एआई जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
• अंतर्राष्ट्रीय सह-उत्पादन और साझेदारियों के लिए 30% व्यय की प्रतिपूर्ति (अधिकतम ₹2 करोड़)।
• महिला उद्यमिता और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के लिए विशेष समर्थ

इन नीतियों के माध्यम से, डॉ. मोहन यादव की मध्य प्रदेश सरकार तकनीकी नवाचार, निवेश, और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करते हुए डिजिटल क्रांति के स्वर्णिम पथ पर निरंतर आगे बढ़ रही है, जिससे राज्य को एक प्रमुख तकनीकी हब के रूप में स्थापित किया जा सके। (विभूति फीचर्स)(लेखक मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हैं।)

देवेंद्र फडणवीस 2034 तक राज्य के सीएम रहेंगे – बावनकुले

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पुणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को  संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘बावनकुले यदि चाहें तो मुझे 100 साल तक सीएम पद पर बनाए रख सकते हैं। फडणवीस ने कहा, वह मेरा भला चाहते हैं, लेकिन राजनीति में बसकी भूमिकाएं बदलती रहती हैं। सबकी भूमिकाएं बदलना चाहिए, क्योंकि कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक एक पद पर नहीं रहता, इसलिए जब समय आएगा तो मेरी भूमिका भी बदल जाएगी।’’ बता दें कि राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बावनकुले ने शुक्रवार को कहा था कि फडणवीस महाराष्ट्र के अब तक के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं और वे 2034 तक मुख्यमंत्री रहेंगे।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान ऐसे समय आया है जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने एक दिन पहले ही कहा था कि फडणवीस 2034 तक अपने पद पर बने रहेंगे। बावनकुले ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि फडणवीस 2034 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और ‘विकसित महाराष्ट्र’ के सपने को साकार करेंगे। फडणवीस ने महाराष्ट्र के विकास के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार किया है, जिसे पूरा करने के लिए अगले 9 साल तक उनका नेतृत्व आवश्यक है। वे अबतक के सबसे सफल सीएम हैं।

शिंदे के बाद क्या बोले रामदास कदम 

बावनकुले के इस बयान पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से जब सवाल किया गया तो उन्होंने संक्षेप में कहा था, “शुभकामनाएं।” इसके साथ ही शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, “अगर फडणवीस 2080 तक भी मुख्यमंत्री रहते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। हमारी शुभकामनाएं फडणवीस, बावनकुले और एकनाथ शिंदे, तीनों के साथ हैं। हम सब एकजुट हैं, कोई भी व्यक्ति हमारे बीच दरार पैदा नहीं कर सकता।”

भारत में कराना चाहते हैं हिंदू-मुस्लिम दंगा – ओवैसी

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से वक्फ कानून में किए गए संशोधनों के खिलाफ आज यानी रविवार (27 अप्रैल) को महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. इस सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन के जरिए असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और वक्फ कानून के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अगर महाराष्ट्र को बचाने के लिए दो भाई (ठाकरे बंधु) एक हो सकते हैं तो हमें भी एकजुट होना पड़ेगा.” उन्होंने ठाकरे बंधुओं के एक होने पर टिप्पणी करते हुए मुस्लिम समाज से भी एकजुट होने की अपील की. अपने भाषण में ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चंद्रबाबू नायडू, अजित पवार, नीतीश कुमार और जयंत चौधरी पर भी जमकर निशाना साधा.

ओवैसी ने वक्फ बोर्ड को लेकर बनाए गए कानून को “काला कानून” करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार को यह कानून वापस लेना ही होगा. उन्होंने कहा, “अगर आप आज नहीं बोले तो कल नुकसान आपका ही होगा.”

सम्मेलन के दौरान ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तान की आर्थिक नाकेबंदी करने की मांग की. ओवैसी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे देश की सेना का जितना बजट है, उतना तो तुम्हारे पूरे देश का बजट है. तुम हमें धमकी नहीं दे सकते. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.”

उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाने की साजिश रची जा रही है, जबकि हमें एकजुट रहना चाहिए. पाकिस्तान, ISIS और LET जैसे आतंकी संगठनों की मंशा है कि भारत में हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे हों, लेकिन हमें उनकी इस साजिश को नाकाम करना है.

इस बीच, महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे के एक साथ आने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. राज ठाकरे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि महाराष्ट्र बड़ा है और उनके और उद्धव ठाकरे के बीच का विवाद नगण्य है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी अपने एक भाषण में इस पर सकारात्मक संकेत देते हुए कुछ शर्तें रखी थीं. इसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं की ओर से मनसे-शिवसेना के एकजुट होने के समर्थन में बैनर लगाए जा रहे हैं.

 

दृष्टिकोण मज़हबी उन्माद का घिनौना चेहरा है आतंकवाद

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(डॉ. सुधाकर आशावादी-विनायक फीचर्स)

किसी भी भूभाग पर रहने वाले लोगों का जीवन उस भूभाग पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर ही निर्भर रहता है। इसलिए पृथ्वी का जो भूभाग व्यक्ति के लिए अन्न, जल व आवास की व्यवस्था करता है। उस भाग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना व्यक्ति का प्रथम दायित्व होना चाहिए। विश्व भर में ऐसा ही है जहां राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से प्रत्येक नागरिक राष्ट्र के प्रति समर्पित रहता है । कई देशों का विधान ही ऐसा है, जहां व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत आस्थाओं के अनुपालन में राष्ट्र धारा के प्रतिकूल आचरण करने का दुस्साहस नही कर सकता। विडंबना है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र में मज़हब के नाम पर लोगों को मनमानी की छूट प्राप्त है, जिस कारण कुछ लोग मज़हबी उन्माद में जीयो और जीने दो के सिद्धांत की अवहेलना करने में पीछे नहीं रहते, जिसके परिणाम स्वरूप देश में धार्मिक उन्माद आतंकवाद जैसी अमानवीय हिंसा को निमंत्रण देता है।

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के उपरांत सैलानियों की सुरक्षा और गुप्तचर एजेंसियों की विफलता पर सवाल तो उठेंगे ही, मगर इस आतंकी हमले में समूचे देश में विगत अनेक बरसों से राष्ट्र से पहले मजहब को मानने का प्रचलन भी कम दोषी नहीं है। कौन नहीं जानता कि किसी भी पंथ निरपेक्ष राष्ट्र में सभी को अपने अपने धार्मिक मूल्यों के आधार पर पूजा पद्धति अपनाने और सांस्कृतिक व परम्परागत उत्सव मनाने का अधिकार है, किन्तु यह अधिकार राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर प्रहार करने तथा राष्ट्रय अनुशासन को अस्वीकार करने की स्वतंत्रता प्रदान नहीं करता। किसी भी समृद्ध लोकतंत्र में आम आदमी के लिए दो विधान नहीं हो सकते। भारत का दुर्भाग्य है कि कतिपय राजनीतिक स्वार्थ के चलते कुछ राजनीतिक दलों ने सत्ता बहुमत के आधार पर संविधान में मनमाने संशोधन करके खास धर्म के अनुयायियों को विशेषाधिकार प्रदान किए। अल्पसंयकों में भी भेदभाव किया।

अल्पसंख्यकों की गणना हेतु समुचित मानक निर्धारित नहीं किए, जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि अल्पसंख्यक होने का अधिकाधिक लाभ केवल एक ही मजहब के अनुयायियों ने अधिक उठाया। सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जी संस्थान स्थापित करके करोड़ों रूपये के अनुदान प्राप्त किए। बिना किसी आधार के सरकारी और व्यक्तिगत सम्पत्तियों को वक्फ की संपत्ति घोषित करके समाज में विघटनकारी स्थिति उत्पन्न की। देश की संसद में भी अपने अनुरूप संविधान में संशोधन कराया तथा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयों को भी अपने मजहबी मामलों में दखल घोषित करके नकारा। इतिहास साक्षी है कि विश्व के किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसी दबाव की एक पक्षीय नीतियों को कोई मान्यता नहीं दी जाती। विश्व में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से ही व्यवस्था सुचारू रहती हैं। जिन मजहबी रिवायतों को इस्लामिक राष्ट्र भी अपने देश में लागू नहीं करते, उन मजहबी रिवायतों के नाम पर भारत में धरने प्रदर्शन करके राष्ट्र को नकारने में भी संकोच नहीं किया जाता। यह चिंताजनक स्थिति है, जिससे निपटने के लिए एक देश एक कानून और समस्त लोकतान्त्रिक मूल्यों को धार्मिक आस्थाओं से ऊपर उठकर स्वीकारने पर बल दिया जाना आवश्यक है। भारत जैसे देश में मजहब के नाम पर कट्टरपन और आतंक को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जा सकता। सो आवश्यक है कि संविधान से अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक जैसे शब्दों की जगह केवल नागरिक शब्द को मान्यता दी जाए। कोई भी मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता, सो समान नागरिक संहिता, कठोर जनसँख्या नीति, नागरिक पंजीकरण की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर हो। राष्ट्र के समग्र विकास और आत्मनिर्भर भारत बनाने हेतु मुफ्त में प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ तत्काल प्रभाव से बंद हों। यदि समय रहते मजहबी उन्माद को नहीं रोका गया, तो वह दिन दूर नहीं, कि जब कट्टरपंथी सिर्फ कश्मीर में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी धर्म पूछकर अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने से का दुस्साहस न करें। सो समय से ही यदि आतंकियों पर कठोर कार्यवाही अपेक्षित है। (विनायक फीचर्स)

योद्धा के लुक में सूरज पंचोली का दमदार  पोस्टर जारी 

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मुंबई (अनिल बेदाग) : सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय और सूरज पंचोली अपनी आगामी पीरियड एक्शन फिल्म केसरी वीर: लेजेंड्स ऑफ सोमनाथ में स्क्रीन पर धूम मचाने के लिए तैयार हैं। जहां फिल्म दो अनुभवी अभिनेताओं को एक साथ लाती है, वहीं सूरज पंचोली इस बार बिल्कुल नए और चुनौतीपूर्ण किरदार में नजर आएंगे — एक अनसुने योद्धा और साहसी राजपूत राजकुमार वीर हमीरजी गोहिल के रूप में।
फिल्म के प्रति बढ़ते उत्साह को और हवा देते हुए, निर्माताओं ने सूरज पंचोली का एक दमदार नया पोस्टर जारी किया है, जिसमें वे योद्धा के पूरे लुक में, तलवार लिए हुए दिखाई दे रहे हैं। उनकी तीव्र और गंभीर अभिव्यक्ति कहानी की गहराई और उनके किरदार की वीरता को बखूबी दर्शाती है।
इस ऐतिहासिक महागाथा में सूरज पंचोली **वीर हमीरजी गोहिल** के रूप में नज़र आएंगे — एक ऐसा साहसी योद्धा, जो आक्रमणकारियों से पवित्र सोमनाथ मंदिर की रक्षा करने के लिए संकल्पबद्ध है। अपने प्रभावशाली शारीरिक अवतार और भावनात्मक गहराई के साथ सूरज इस बहुआयामी और चुनौतीपूर्ण किरदार के लिए एकदम उपयुक्त प्रतीत होते हैं।
इससे पहले, सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय के जोशीले पोस्टर सामने आ चुके हैं, लेकिन अब सूरज पंचोली की झलक ने दर्शकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि यह तिकड़ी किस तरह से साहस, बलिदान और शौर्य की इस गाथा को परदे पर जीवंत करेगी।
जहां सुनील शेट्टी निडर योद्धा वेगदा जी की भूमिका निभा रहे हैं, वहीं विवेक ओबेरॉय खूंखार खलनायक जफ़र के किरदार में नज़र आएंगे। फिल्म में अकांक्षा शर्मा की डेब्यू भी देखने को मिलेगी, जो सूरज के साथ एक रोमांटिक कहानी में जुड़ी हैं और इस वीरता, निष्ठा और विरासत की गाथा में एक कोमलता का स्पर्श जोड़ती हैं।
सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय, अकांक्षा शर्मा और सूरज पंचोली जैसे कलाकारों से सजी इस फिल्म का निर्देशन प्रिंस धिमान ने किया है और इसे कनु चौहान ने चौहान स्टूडियोज के बैनर तले प्रोड्यूस किया है। **पैनोरमा स्टूडियोज द्वारा वर्ल्डवाइड रिलीज़ की जाने वाली यह फिल्म एक्शन, इमोशन और ड्रामा से भरपूर रोमांचक अनुभव का वादा करती है — जो 16 मई 2025 को दुनियाभर के दर्शकों का दिल जीतने आ रही है।

लू लगने के लक्षण, बचाव के उपाय और जरूरी सावधानियां*

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(डॉ.शिप्रा शर्मा-विनायक फीचर्स)
 तेज गर्मी ने इन दिनों सभी को परेशान किया हुआ है। पारा 40 के ऊपर पहुंच रहा है। तेज गर्मी के बीच, हीट स्ट्रोक से बचना जरूरी है। लू लगने के लक्षण क्या है, इससे बचाव करने में कौन-से घरेलू नुस्खे मदद कर सकते हैं, चलिए  समझते हैं।
इन दिनों गर्मी तेजी से बढ़ती जा रही है और पारा रोज ऊपर की ओर बढ़ रहा है। अप्रैल  माह में ही पारा 40 के आस-पास पहुंच चुका है। ऐसे में मई-जून में गर्मी क्या रिकॉर्ड तोड़ेगी, इसे लेकर अभी से सभी के मन में चिंता के बादल छाए हुए हैं। तेज गर्मी का असर हमारी सेहत पर भी होता है। तपिश वाले मौसम का असर, शरीर के हर अंग पर होता है और ऐसे में अपना खास ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। गर्मी के महीनों में हीट स्ट्रोक से बचना बहुत जरूरी हो जाता है। हीट स्ट्रोक क्या है, गर्मी के मौसम में इससे कैसे बचना चाहिए, लू लगने पर शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं और किन घरेलू नुस्खों से आप खुद को इससे बचा सकते हैं।
*हीट स्ट्रोक या लू के क्या लक्षण होते है ?*
गर्मियों के मौसम में अधिक तापमान, सेहत के लिए खतरा बन जाता है। ऐसे में हीट स्ट्रोक से बचना बहुत जरूरी है। जब शरीर बहुत अधिक गर्म हो जाता है और खुद को ठंडा नहीं कर पाता है, तो हीट स्ट्रोक होता है। ऐसा हाई टेम्परेचर में बहुत अधिक समय तक रहने या अधिक एक्सरसाइज के कारण होता है। इसके लक्षणों को समय पर पहचानकर, तुरंत इलाज करने से खतरे को कम किया जा सकता है। लू लगने पर स्किन लाल हो जाती है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सिर में दर्द होता है, उल्टी महसूस होती है, मांसपेशियों में दर्द होता है और पसीना अधिक आता है। हीट स्ट्रोक की वजह से कई बार काम करने में और किसी चीज पर ध्यान देने में भी मुश्किल होती है। इसकी वजह से बेहोशी भी आ सकती है।
*हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें ?*
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खुद को हाइट्रेट रखना बहुत जरूरी है। दिन भर अधिक से अधिक पानी पिएं। शुगर वाली ड्रिंक्स, कॉफी और एल्कोहल से दूर रहें। इनसे डिहाइड्रेशन हो सकता है। अगर आप कोई फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं, तो इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर ड्रिंक्स जरूर लें।
हवादार, हल्के रंग के और ढीले-ढाले कपड़े पहनें। इनसे शरीर ठंडा रहता है। वहीं, टाइट और गहरे रंग के कपड़े हीट को सोखते हैं और शरीर को गर्म रख सकते हैं।
धूप में अधिक समय न बिताएं। दिन में आउटडोर फिजिकल एक्टिविटी न करें। फिजिकल एक्टिविटी सुबह या शाम के वक्त करें।
बाहर निकलते वक्त खुद को यूवी रेज से प्रोटेक्ट करने के लिए, टोपी और चश्मे पहनें। सनस्क्रीन भी जरूर लगाएं।
दिन में 10 बजे से 4 बजे के बीच घर के अंदर ही रहें। इस समय पर गर्मी अधिक होती है।
जब आप बाहर जाएं, तो पेड़ों या छाते की छाया में ही रहें और सीधा धूप के संपर्क में आने से बचें।
बाहर काम या एक्सरसाइज करते वक्त खुद को एकसाथ ज्यादा न थकाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक जरूर लें।
बच्चे, बड़े-बुजुर्गों और जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है, उनका ज्यादा ख्याल रखें क्योंकि उन्हें गर्मी से जुड़ी बीमारियां जल्दी घेर सकती हैं।
बच्चों को फॉर्मूला मिल्क या ब्रेस्ट मिल्क से हाइड्रेट रखें और उन्हें हल्के कपड़े पहनाएं।
डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक का मुख्य कारण है। ऐसे में दिन भर खूब सारा पानी पिएं। आप जूस, हेल्दी ड्रिंक्स को भी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
आप लोग बुखार महसूस करते हैं तो पेरासिटामोल /बुखार की कोई दवा अपने आप न ले पहले अपने चिकित्सक की सलाह लें।(विनायक फीचर्स)

गौ तस्करी पर पुलिस की कार्रवाई

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रायपुर। राजधानी के विधानसभा थाना क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पिकअप वाहन से आठ गौवंश को बरामद किया है। गौ सेवकों की सतर्कता से इन पशुओं को सुरक्षित बचा लिया गया। मामले में नाबालिग समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात करीब 1 बजे गुढ़ियारी गौ सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य यादव को सूचना मिली थी कि कुछ लोग गौवंश को अवैध रूप से कत्लखाने ले जा रहे हैं। सूचना पर आदित्य यादव ने अपने साथियों सोहन निषाद, जागेश्वर विश्वकर्मा और योगेश वर्मा के साथ मिलकर रिंग रोड नंबर 3 स्थित आमासिवनी ओवर ब्रिज के पास पिकअप वाहन को रोकने की योजना बनाई।

जैसे ही संदिग्ध वाहन मौके पर पहुंचा, गौ सेवकों ने उसे रोकने का प्रयास किया। इस दौरान वाहन चालक मौके से फरार हो गया, जबकि वाहन में मौजूद दो व्यक्तियों, रोहित कुमार जांगड़े (निवासी मोखली, थाना आरंग) और धीरज (निवासी भखारा, थाना भखारा) को पकड़ लिया गया। पिकअप वाहन में आठ गौवंश को अमानवीय ढंग से ठूंसकर भरा गया था। आदित्य यादव ने थाना प्रभारी को लिखित शिकायत देकर गौवंश की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।