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ज्ञानवापी – सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई , मुस्लिम पक्ष को झटका लगा,. अदालत ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वे जारी रहेगा

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Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी केस पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (4 अगस्त) को सुनवाई हुई. कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है. अदालत ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वे जारी रहेगा.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाई कोर्ट ने जिला जज के आदेश को मंजूरी दी. हम भी हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते. उन्होंने कहा कि खुदाई को लेकर चिंता जताई गई है, लेकिन एएसआई कह चुका है कि खुदाई या ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाली कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी. हम भी ऐसा निर्देश देते हैं.
फिर मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि आपने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट की बात कही थी. इसे भी आदेश में लिखवा दीजिए. इसके जवाब में जस्टिस पारडीवाला ने कहा कि जो आदेश चीफ जस्टिस ने लिखवाया है, वह पर्याप्त है. यानी सुप्रीम कोर्ट ने ढांचे को नुकसान पहुंचाए बिना ज्ञानवापी के एएसआई के सर्वे की अनुमति दी. रिपोर्ट की गोपनीयता पर कुछ नहीं कहा.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने पिछले आदेशों के बारे में बताया. इसको लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ ने अहमदी से कहा कि हम कल आए हाई कोर्ट के आदेश पर बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एएसआई ने हाई कोर्ट में हलफनामा दिया है कि फिलहाल खुदाई का काम नहीं होगा. ऐसे में फिर अभी हम दखल क्यों दें. इस पर अहमदी ने कहा कि सर्वे की जरूरत ही क्या है? सैकड़ों साल पहले क्या हुआ, यह जानना क्यों जरूरी है? क्या यह प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन नहीं है?
अहमदी ने कहा कि किसी भी निराधार याचिका पर सर्वे हो सकता है? सीजेआई ने इसको लेकर कहा कि जो बात आपके लिए ‘निराधार’ है. वह दूसरे पक्ष के लिए आस्था हो सकती है. हम इस पर क्यों टिप्पणी करें? वहीं यूपी सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एएसआई ने लिखित हलफनामा दिया है कि सर्वे में ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
मेहता ने कोर्ट में दलील दी कि एएसआई ने बोला है कि कोर्ट के आदेश के बिना वहां कोई खुदाई नहीं की जाएगी. इस पर अहमदी ने कहा कि खुदाई की जरूरत ही क्या है? पुराने जख्मों को क्यों कुरेदना है? इसी से बचने के लिए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट बना था.
जस्टिस पारडीवाला ने कहा कि हम यह आदेश दे सकते हैं कि सर्वे हो, लेकिन अभी नतीजों को सार्वजनिक नहीं किया जाए. कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में इसे सौंपा जाए. इस टिप्पणी पर अहमदी ने कहा कि सर्वे फिलहाल होना ही नहीं चाहिए. मुकदमे को चलने दिया जाए. जब किसी दूसरे तरीके से विवाद का निपटारा नहीं हो सके तब सर्वे का आदेश दिया जाए.
योगी आदित्यनाथ का किया जिक्र
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कोर्ट में हाल ही आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता यूपी के लिए पेश हुए हैं, लेकिन राज्य के सीएम ने देखिए क्या बयान दिया है. राज्य को निष्पक्ष होना चाहिए.
सर्वे के पक्ष में क्या तर्क दिए?
हिंदू पक्ष के वकील माधवी दीवान ने कहा कि सर्वे से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. यह पारदर्शी तरीके से हो रहा है. चाहे तो कोर्ट को उसकी लाइव स्ट्रीमिंग दिखाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि 1993 से पहले वहां रोज पूजा होती थी. हिंदू पक्ष पहले से मुकदमा लड़ता आ रहा है.
दीवान ने कहा एक तरफ मस्जिद पक्ष कह रहा है कि वहां देवी-देवताओं की मौजूदगी हमारी कल्पना है, दूसरी तरफ सर्वे का विरोध भी कर रहा है. आप दोनों बातें कैसे कर सकते हैं? अगर हमारी कल्पना है तो सच सामने आने से आपको क्या समस्या है?
एएसआई के सर्वे को लेकर क्या कहा?
मस्जिद पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि हमने मेंटेनिबिलिटी को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम उसे अगले हफ्ते सुनेंगे. फिर अहमदी ने दलील दी कि एएसआई बहुत तेजी दिखा रहा है. यह आशंका को जन्म देता है. हमने हाई कोर्ट से अपील के लिए 3 दिन का समय मांगा था, लेकिन वह भी नहीं मिला.
अहमदी ने आगे कहा कि अगर सर्वे हो ही रह है तो सिर्फ उसकी रिपोर्ट नहीं बल्कि सर्वे की पूरी कार्रवाई गोपनीय रखी जाए.
अहमदी ने कहा कि सर्वे जिन्न को बोतल से निकालने जैसा होगा. इस पर सीजेआई ने कहा कि आप इतना आशंकित क्यों हैं? इस टिप्पणी पर अहमदी ने कहा कि कल को यह फिर पूजा की मांग करेंगे. यह एक-एक कर हमें हमारी संपत्ति से निकालने के जैसा है..
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
वाराणसी की जिला अदालत के निर्णय के बाद एएसआई की टीम ने पिछली 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू किया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष रखने को कहा था.
हाई कोर्ट ने तीन अगस्त को फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी. ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था.  मस्जिद पक्ष ने हाई कोर्ट के निर्णय को गुरुवार (3 अगस्त) को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में है.

6 अगस्त को एक साथ 508 रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प के लिए प्रधानमंत्री मोदी रखेंगे आधारशिला

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Railways Station Redevelopment: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 6 अगस्त को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास (508 Railway Stations) की आधारशिला रखने वाले हैं. यह रिडेवलपमेंट का काम अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Yojana) के तहत किया जाएगा. इस योजना के तहत देशभर मे कुल 1309 स्टेशनों का रिडेलवलपमेंट किया जाना है.

कितना आएगा लागत 

इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 508 रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का काम पूरा करने के लिए आधारशिला रखेंगे. इसके तहत कुल लागत 24,470 करोड़ रुपये से अधिक होगी. इन लागत से इन स्‍टेशनों का निर्माण किया जाएगा. शहर के दोनों किनारों के उचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं.

कहां कितने रेलवे स्‍टेशन होंगे रिडेवलप 

ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22 स्टेशन, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18-18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 शामिल हैं.

कैसे रिडेवलप होंगे ये रेलवे स्‍टेशन 

यह रेलवे स्‍टेशन आधुनिक यात्रियों की सुविधाओं को ध्‍यान में रखकर तैयार किए जाएंगे. इसके साथ ही अच्‍छी तरह से डिजाइन किए गए यातायात सुविधा, अंतर मॉडल रजिस्‍टर्ड और अच्‍छी तरह से डिजाइन किए जाते हैं. स्‍टेशन भवनों का डिजाइन स्‍थानी संस्‍कृति, व‍िरासत और वास्‍तुकला से प्रेरित होगा. यह रेलवे स्‍टेशन उस शहर या स्‍थान की खूबसूरती को प्रदर्शित करेगी.

गुजरात खनिज विकास निगम लिमिटेड खनन पीएसयू एंटरप्राइज अग्रणी ने पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की

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अनिल बेदाग

मुंबई /अहमदाबाद: गुजरात खनिज विकास निगम लिमिटेड खनन पीएसयू एंटरप्राइज अग्रणी और देश में सबसे बड़े लिग्नाइट विक्रेता ने 30 जून, 2023 को समाप्त पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है।
कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, जीएमडीसी के प्रबंध निदेशक, श्री रूपवंत सिंह, आईएएस, ने कहा, “मैं वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के परिणामों को स्वीकार करता हूं, जो औसत प्रदर्शन को दर्शाता है, जो हमारी वांछित अपेक्षाओं से कम है। हालांकि हम पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं। परिणामस्वरूप, हम इस अनुभव से सीखने और इसके सुधार के लिए उत्प्रेरक के रूप में उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम समझते हैं कि चुनौतियाँ किसी भी यात्रा का एक हिस्सा हैं, और हमारी टीम कंपनी को अधिक सफलता की ओर ले जाने के लिए वृद्धि के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए समर्पित है। जैसा कि हम इन परिणामों को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण करने के बाद, हम रणनीतिक उपायों को लागू करने और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए आवश्यक समायोजन करने के लिए दृढ़ हैं।”
श्री रूपवंत सिंह ने कहा, “जीएमडीसी के पास लचीलेपन की एक समृद्ध विरासत है, और हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारी टीम का अटूट समर्पण, नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के साथ, हमें बाधाओं को दूर करने और निरंतर विकास हासिल करने में मदद करेगा। हम अपने संसाधनों के अनुकूलन, नए अवसरों की खोज और अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी परिचालन दक्षता आगामी तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करेगी.”

भविष्यवक्ता पंडित रविंद्र आचार्य ने कृष्णा चौहान को बाबा खाटूश्यामजी का दुपट्टा पहना कर और मोर पंख देकर किया सम्मानित

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मुम्बई। तारा ज्योतिष साधना केंद्र के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविंद्र आचार्य का राजस्थान से मुम्बई आगमन हुआ है। बॉलीवुड में अवार्ड शो के लिए चर्चित कृष्णा चौहान ने मुम्बई में उनसे मुलाकात की तो इस अवसर पर पंडित रविंद्र आचार्य ने कृष्णा चौहान को बाबा खाटूश्यामजी का दुपट्टा पहना कर और मोर पंख देकर सम्मानित किया। और चौहान को आशीर्वाद दिया कि वह खूब आगे बढ़े, खूब उन्नति करें।
निर्देशक के रूप में कार्यरत कृष्णा चौहान ने कहा कि पं. रवीन्द्र आचार्य से मिल के बहुत अच्छा लगा। उन्होंने मुझे जो सम्मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद पं. रवीन्द्र आचार्य एवं पं. हरिओम शर्मा जी।
बता दें कि कृष्णा चौहान फ़िल्म डायरेक्टर प्रोड्यूसर और सोशल वर्कर हैं। पं. रवीन्द्र आचार्य ने कहा कि कृष्णा चौहान समाज हित के लिए काफी काम कर रहे हैं। उनसे मिलना बहुत सुखद क्षण रहा। वह बड़ी श्रद्धा के साथ समाज के लिए काम कर रहे हैं, कृष्णा चौहान बहुत ही इमानदार नेक दिल के व्यक्ति हैं उन्होंने बहुत ही सराहनीय कार्य किया है।

भारत में टिकाऊ और उत्पादक गन्ने की खेती को बढ़ावे के लिए यूपीएल एसएएस ने ओलम एग्री के साथ मिलाया हाथ

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– अनिल बेदाग 
मुंबई : टिकाऊ कृषि उत्पादों और समाधानों की वैश्विक प्रदाता, कंपनी यूपीएल सस्टेनेबल एग्रीकल्चर सॉल्यूशंस लिमिटेड (यूपीएल एसएएस) ने ‘शाश्वत मिठास’ पहल के माध्यम से पूरे भारत में गन्ना उत्पादन के लिए खाद्य और कृषि व्यवसाय आपूर्तिकर्ता ओलम एग्री के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। परियोजना का लक्ष्य ओलम शुगर मिल (चन्नहट्टी-राजगोली, कोल्हापुर, महाराष्ट्र) के जलग्रहण क्षेत्र के किसानों को प्रति एकड़ उपज में 15% की वृद्धि और अतिरिक्त आय का फायदा देना है।
परियोजना का लक्ष्य कुशल सिंचाई पद्धतियों को अपनाकर पानी के उपयोग को 30% तक कम करना और उर्वरक की खपत में 25% की कटौती करना है, साथ ही फसल की पैदावार बढ़ाना और मिट्टी की सेहत में सुधार करना है।
      यूपीएल एसएएस के सस्टेनेबिलिटी हेड हर्षल सोनवाने ने कहा, ‘यूपीएल एसएएस में हम सभी के लिए एक हरित और अधिक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पैकेज किसानों को बेहतर उत्पादकता और ज्यादा मुनाफा देगा साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। बाजार में गन्ने की कमी को दूर करने के लिए यह साझेदारी फसल उत्पादन की दीर्घकालिक स्थिरता को आगे बढ़ाते हुए सभी को फायदा दिलवाने के लिए तैयार है।
      ओलम एग्री के बिजनेस हेड भरत कुंडल ने कहा कि ओलम एग्री का मकसद वैश्विक कृषि और खाद्य प्रणालियों को नए सिरे से तैयार करना है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे गन्ना किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना महत्वपूर्ण है। सहयोगात्मक प्रयासों और नवाचार को अपनाने के माध्यम से, हम किसानों और संपूर्ण कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थायी प्रभाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभिक चरण अपने पहले वर्ष में 2,000 एकड़ को कवर करेगा। इसके 70,000 एकड़ के जलग्रहण क्षेत्र में विस्तार की संभावना है।

अरविंद उपाध्याय की शिक्षादान अभियान फेडरेशन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पद पर नियुक्ति

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By- Ankit Mishra
मुंबई। भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से पंजीकृत संस्था शिक्षादान अभियान फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजेश श्रीवास्तव ने भाईंदर के युवा समाजसेवी अरविंद उपाध्याय को संस्था का राष्ट्रीय संगठन मंत्री नियुक्त किया है। अरविंद उपाध्याय को दिए गए नियुक्ति पत्र में कहा गया है कि उनकी सामाजिक सेवाओं को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है। अरविंद उपाध्याय ने कहा संस्था ने जो मुझे जिम्मेदारी सौंपी है उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। ज्ञात हो कि अरविंद उपाध्याय राष्ट्रीय परशुराम सेना के राष्ट्रीय संरक्षक भी हैं।
धर्म के प्रति अटूट आस्था रखने वाले अरविंद उपाध्याय पिछले 250 सप्ताह से लगातार सुंदरकांड पाठ का आयोजन करते आ रहे हैं। शिक्षादान अभियान फेडरेशन का राष्ट्रीय संगठन मंत्री बनाए जाने पर अनेक सामाजिक संस्थाओं, पत्रकारों और राजनीति से जुड़े लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है।

साउथ स्टार विजय देवरकोंडा और सामंथा रुथ प्रभु एक साथ नज़र आएंगे रोमांटिक फिल्म ‘कुशी’ में

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माइथ्री मूवी मेकर्स द्वारा निर्मित और शिव निर्वाण द्वारा लिखित व निर्देशित रोमांटिक फिल्म ‘कुशी’ में साउथ स्टार विजय देवरकोंडा और सामंथा रुथ प्रभु एक साथ नज़र आएंगे। कुशी के रिलीज़ हुए गानों, ‘तू मेरी रोजा’, ‘अराध्या’ और फिल्म के टाइटल ट्रैक के साथ पहले ही प्यार के मौसम के आने का एलान हो चुका है।
‘कुशी’ एक खूबसूरत, आसानी से समझ में आने वाली प्रेम कहानी है जो दो युवा दिलों के जीवन को दर्शाती है जो सुंदरता, रोमांस और फिर असली दुनिया में प्यार के साथ आने वाले मुश्किलों और क्लेशों का सामना करते हैं। विजय देवरकोंडा की इमेज हमेशा से ही बॉय नेक्स्ट डोर की रही है, जिसे उन्होंने अपने दम पर बनाया है और उनमें ईमानदारी और आकर्षण है जो उन्हें प्यारा बनाता है।
वह खुद एक सिंपल फैमिली से आते हैं और उन्होंने देशभर में अपना फैन बेस बना लिया है। दूसरी तरफ, सामंथा रुथ प्रभु खूबसूरती और टैलेंट की एक परफेक्ट मिसाल के साथ स्टारडम तक एक फीनिक्स के रूप में उभरी हैं और नए जमाने की महिला का प्रतीक रही हैं, जो मजबूत और कड़ी मेहनत करने वाली है लेकिन फिर भी विनम्र हैं और अपनी सफलता का श्रेय अपने कंधों पर उठाती हैं। बड़े पर्दे पर प्यार और रोमांस को फिर से नए अंदाज में परिभाषित करती फिल्म ‘कुशी’1 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

नूंह हिंसा – फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान , कांग्रेस के नूंह के विधायक आफताब अहमद , की अहम भूमिका – गौ रक्षा बजरंग फोर्स के बिट्टू बजरंगी ने लगाया आरोप

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Faridabad News: नूंह हिंसा पर गौ रक्षा बजरंग फोर्स अध्यक्ष बोले- हम तो महिलाओं और बच्चों के साथ थे, उन लोगों ने पूरी प्लानिंग के साथ किया हमला

Faridabad News: नूंह में हुई धार्मिक यात्रा में हिंसा के बाद जहां मोनू मानेसर और गौ रक्षा बजरंग फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी द्वारा भड़काऊ वीडियो वायरल करने के कारण हिंसा भड़काने के आरोप लग रहे हैं, जिसको लेकर तमाम पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. कोई इसको सरकार और प्रशासन का फेलियर बता रहा है तो कोई मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी को इस हिंसा का दोषी बता रहा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ज़ी हरियाणा के अनुसार  इस हिंसा के बाद आज पहली बार फरीदाबाद के गौ रक्षा बजरंग फोर्स के बिट्टू बजरंगी कैमरे के सामने आए और उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की थी. वह केवल धार्मिक यात्रा में पहुंचने से आधे घंटे पहले की थी और जो इस धार्मिक यात्रा पर हमला हुआ और हिंसा भड़की 6 लोगों की जान चली गई. वह एक विशेष समुदाय की तरफ से भड़काई गई थी और यह हमला उनके वीडियो के वायरल करने के बाद कोई आधे घंटे की तैयारी से नहीं हुआ.
उन्होंने कहा की इस हमले की तैयारी कई दिनों से चल रही थी वह लोग तो महिलाओं और बच्चों के साथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे थे और उन पर प्लानिंग के तहत हमला किया गया. वहीं बिट्टू बजरंगी ने कहा कि इस हिंसा को भड़काने का काम फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान ने किया उनके द्वारा विधानसभा में दिए गए मोनू मानेसर को लेकर बयान के बाद विशेष समुदाय में रोष भड़का मामन खान ने विधानसभा में मोनू मानेसर को लेकर एक विवादित बयान दिया था.
वहीं उन्होंने कहा की इस हिंसा को भड़काने में कांग्रेस के नूंह के विधायक आफताब अहमद ने भी अहम भूमिका निभाई है. बिट्टू बजरंगी ने कहा कि इस हमले की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी और इसके लिए बकायदा फेसबुक पेज के माध्यम से मेव आर्मी बनाई गई थी, जिसके माध्यम से इतनी भीड़ हमला करने के लिए एकत्रित की गई थी. वहीं उन्होंने कहा कि वह लोगों से शांति की अपील करते है शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि उन्होंने जो बयान दिया था, उसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसको लेकर वह जमानत ले चुके है और अपने घर पर हैं.

 

उत्तराखण्ड के कांजी हाऊस में गऊ माता की दुर्दशा – गौमाता कांजी हाउस में भूख से भी तड़पती देखी गई -देहरादून के कांजी हाउस में गायों की दुर्दशा पर कांग्रेस ने वीडियो जारी किया

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अविकल उत्तराखण्ड/देहरादून। गौ रक्षा और गौ माता के नाम पर वोटों की उगाही करने वालों की हकीकत देखनी है तो देहरादून का कांजी हाउस उसका बहुत बड़ा नमूना है यह कहना है कांग्रेस नेत्री गरिमा मेहरा दसौनी एवं उर्मिला ढोंढियाल थापा का। दसोनी ने बताया कि गुरुवार जब अचानक एक निरीह और गरीब महिला कांग्रेस मुख्यालय गुहार लगाने आई कि नगर निगम प्रशासन ने उसकी गाय पकड़कर कांजी हाउस में डाल दी है और छोड़ने के बदले ₹9 हजार मांगा जा रहा है और उसने ₹9 हजार देने मैं असमर्थता जाहिर की । और फिर कांग्रेस की पार्षद और महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा ने नगर निगम के डॉक्टर तिवारी से दूरभाष पर बात की और बताया कि महिला के पास 9 हजार देने के लिए नहीं है।
डॉक्टर तिवारी ने कहा कि हमने कांजी हाउस में तीन-चार दिन तक उस गाय की सेवा की है उसको भोजन कराया है उसके एवज में 9 हजार देने ही पड़ेगे। ऐसे में कांग्रेस नेत्रियों ने फैसला लिया कि वह स्वयं कांजी हाउस जाकर देखेंगे कि आखिर गौ माताओं की कितनी सेवा हो रही है ? दसौनी ने बताया की वहां पहुंचकर जो नजारा था वह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण था।गौ माताओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है, आधा दर्जन से अधिक गौ माता मरी पड़ी हुई थी और उनके ऊपर हजारों मक्खियां भिन-भिना रही थी। उसके अलावा चार से पांच गाय गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिली जिन्हें बहुत खून बह रहा था और जख्म बहुत गहरे थे।
जख्मों को देखकर यह साफ पता लगाया जा सकता था कि उनका कोई तीमारदारी या इलाज नहीं किया गया है। गौमाता कांजी हाउस में भूख से भी तड़पती भी देखी गई। पानी और भूसे के लिए बनाए हुए कुंड एकदम खाली थे। केयरटेकर से पूछने पर उसने भूसे का आर्डर दिए जाने की बात कही। कांजी हाउस के लिए नियुक्त वेटरनरी डॉक्टर से जख्मी गायों का पूछा तो उन्होंने अपने पास एडवांस दवाई इंजेक्शन ना होने की बात कही। और तो और कांग्रेस की नेत्रियों के फेसबुक लाइव करने के बाद पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ दिखाई दिया।
महापौर ने तुरंत डॉक्टर तिवारी को कांजी हाउस भेजा जो लीपापोती करने का पूरा प्रयास करते हुए दिखे। इस अवसर पर महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्षा उर्मिला ढौढियाल थापा ने कहा की प्रत्यक्ष किम् प्रमाणम ?कांजी हाउस की स्थिति देखकर कांग्रेस की नेत्रियों ने धामी सरकार ,पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा और नगर निगम महापौर सुनील उनियाल गामा की आलोचना करते हुते गौ माता की रक्षा का झूठा ढोंग ना करने की सलाह दी है। उर्मिला ने कहा कि गौ माताओं को भी अब नगर निगम ने उगाही का केंद्र बना दिया है। गरीब लोगों की गायों को उठाकर कांजी हाउस में पटक दिया जाता है और जहां उनकी कोई देखरेख नहीं की जाती।
ना उनके जख्मों का नाही उनकी भूख का इंतजाम किया जाता है। मरी हुई गायों को दफनाने तक की जहमत नगर निगम नहीं उठा रहा है। गौ माताओं को सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। ऐसे में दसोनी ने भाजपा की सरकारों को धिक्कारते हुए कहा कि जनता को हर बार चुनाव के दौरान गौ माता की रक्षा के दावे और वादे करने वाली भाजपा अंदर से एकदम खोखली है । और जो महापाप गौ माताओं की दुर्दशा करने का भाजपा ने किया है उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।
गरिमा माहरा दसौनी ने शासन एवं प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अन्दर काजी हाऊस के हालात नही सुधरे तो कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोरदार तरिकेे से उठाकर गौ माता की दुहाई देने वाले लोगों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने का एचबी मुख्य प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अन्दर काजी हाऊस के हालात नही सुधरे तो कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोरदार तरिकेे से उठाकर गौ माता की दुहाई देने वाले लोगों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संधर्ष करने का काम करेगी। प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट और महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी मिश्रा थपलियाल भी मौजूद रहे।

मोनू ने कहा गौ तस्करों का किया धरा है – आग गौ तस्करों ने लगाई है मोनू मानेसर ने आजतक से कहा वो बेकसूर है

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Haryana Nuh Violence: इन दिनों हरियाणा सुर्खियों में है। हरियाणा की हिंसा को लेकर हर तरफ बातें हो रही हैं। और इन बातों में एक नाम बड़ी ही प्रमुखता से लिया जा रहा है और वो नाम है मोनू मानेसर का। वही मोनू मानेसर जिसका जिक्र एक बार जब गौ रक्षकों के तौर पर दो हत्याओं के सिलसिले में सामने आया था तब भी बड़ा बवाल हुआ था।

बातों ही बातों में बात का बतंगड़ बन गया

हरियाणा के मेवात से लेकर गुरुग्राम और सोहना तक जिस हिंसा की आग में सारा इलाका झुलसा उसकी तपिश सियासत के गलियारों तक महसूस की गई। यहां तक कि हरियाणा सरकार के गृहमंत्री को सामने आकर यहां तक कहना पड़ा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कोई भी शामिल मिला उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि धुएं के साथ सुलगते इल्जामों के बीच जिस मोनू मानेसर का जिक्र आया उसके बारे में यही कहा जा रहा है कि उसने उस धार्मिक यात्रा में शामिल होने का ऐलान किया तो लोगों को ऐतराज हुआ और उन्होंने जब इस पर आपत्ति जताई तो वहां गुटबाजी शुरू हो गई और देखते ही देखते बात बातों को हद से निकलकर एक बड़े बतंगड़ में बदल गई और उसने एक बवाल की शक्ल अख्तियार कर ली।

मोनू का दावा उसने किसी को नहीं भड़काया

दावा किया जा रहा है कि मोनू मानेसर के एक वीडियो ने सारा बवाल खड़ा किया और दो समुदाय देखते ही देखते हदों को लांघकर एक दूसरे के सामने दुश्मनी निकालने की गरज से आकर खड़े हो गए। जाहिर है इस पूरे वाकये में जिस एक नाम ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा वो था मोनू मानेसर। आजतक ने मोनू मानेसर से इस पूरे मामले में बात की तो उसका कहना है कि उसने ऐसा कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया जिससे आग लग जाए।

मोनू ने कहा गौ तस्करों का किया धरा है

खुद मोनू मानेसर का कहना है कि जो गौ तस्कर हैं ये सब उनका किया धरा है। मैंने न कोई उकसाने वाली बात कही और न ही कोई काम किया। मैं तो इस यात्रा में भी नहीं गया। लेकिन हमारे पदाधिकारियों और भाई बहनों पर, घरवालों पर फायरिंग हुई। हैरानी ये है कि ये फायरिंग AK-47 से की गई है। ऐसे में ये बहुत दुर्भाग्य की बात है और अब हिन्दू किसी भी सूरत में सहने वाला नहीं है।

मोनू ने बताया एक नाम

मोनू मानेसर ने इस पूरे वाकये के लिए जिसे जिम्मेदार ठहराया उसका नाम मामन खान बताया जा रहा है। मैंने यहां तक सुना है कि उसने मुसलमानों को भड़काया कि मैं मदद करूंगा। मोनू ने कहा, मेरा मानना है कि अगर जंग लड़नी है तो युद्ध में जाओ…ये मेरी बदकिस्मती है कि कोई चुहा भी मरता है तो मेरा नाम ले लिया जाता है। गौ माता को बचाना हर हिंदू और सनातनी का काम है। मेरा नाम नासिर और जुनैद की हत्या के लिए भी लिया गया लेकिन मेरा उनसे कोई लेना देना नहीं। हम क्या बता सकते हैं कि किसने जलाया, लेकिन इल्जाम सरासर गलत है। और मुझे कानून और पुलिस पर भरोसा है।

दो होमगार्ड और तीन लोगों की गई जान

ये बात गौर करने वाली है कि नूंह की इस आगजनी और हिंसा के दौरान दो होमगार्र्ड और तीन बेकसूर लोगों की जान गई है। 10 से ज़्यादा पुलिसवाले घायल भी हुए हैं। सोहना में भी आगजनी हुई और हिंसा भड़काने के लिए मोनू मानेसर को दोषी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मोनू ने जब यात्रा में शामिल होने का वीडियो जारी किया बस बात तभी से बिगड़ गई। और माहोल खराब हो गया।

मोनू और बिट्टू की रार का खुलासा

दरअसल, नूंह में हिंदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा में हंगामा हो गया था। मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी। इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि वह खुद भी इस रैली में शामिल होगा, लेकिन वो नहीं आया। कहा जा रहा है कि बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के यात्रा में शामिल होने पर तनाव बढ़ गया। अब क्या मोनू की बिट्टू से रार है? या फिर हिंसा के पीछे दूसरी वजह है, जांच जारी है। नूंह में दूसरे पक्ष के लोगों ने जमकर बवाल काटा और तभी यह पथराव हुआ। इसके बाद इसकी चपेट में कई और जिले भी आ गए।

मोनू मानेसर कौन है

अब आपको मोनू के बारे में बताते हैं। मोनू का असली नाम मोहित यादव है। वो गांव मानेसर का रहने वाला है। मोनू शादी शुदा है और उसके दो बच्चे है। मोनू के पिता की मौत हो चुकी है। उसका एक छोटा भाई है। उसकी बहन की शादी हो चुकी है।  मोनू मानेसर पिछले 10 -12 सालों से बजरंग दल से जुड़ा हुआ है। लेकिन उसके नाम को लेकर अब नूंह  की हिंसा की बात कही जा रही है।

गौ तस्करों पर चला चुका है गोली

मोनू मानेसर का नाम उस वक्त सुर्खियों में सामने आया जब उसने 2019 में गौ तस्करों का पीछा करते हुए गोली चलाई थी। मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का सदस्य भी बताया जाता है। असल में हरियाणा में गाय को सरंक्षण देने के लिए गाय संरक्षण कानून लागू होने के बाद एक टास्क फोर्स बनाई थी और मोनू को उस टास्क फोर्स का सदस्य बनाया गया था।  लेकिन मोनू का नाम उस वक़्त सुर्खियों में छा गया था जब इसी साल फरवरी में एक बोलेरो गाड़ी में दो कंकाल मिले जिनकी पहचान नासिर और जुनैद के तौर पर हुई थी। इल्जाम यही लगाया गया कि मोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर इन दोनों को पकड़ा और दोनों की जमकर पिटाई करने के बाद दोनों को कार समेत आग के हवाले कर दिया।

सोशल मीडिया पर एक्टिव

मोनू अक्सर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ अपनी तस्वीरों और वीडियो को शेयरकिया करता है। हरियाणा में ही मोनू के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हैं। लेकिन किन्हीं वजह से उन मुकदमों को वापस लिया जा चुका है जिसको लेकर सियासत तेज है। पुलिस का दावा है कि वो मोनू मानेसर की तलाश करने के लिए छापामारी कर रही है लेकिन वो उनकी पकड़ से दूर है। राजस्थान की पुलिस का दावा है कि वो मोनू को गिरफ्तार करने के बेहद करीब पहुँच गई थी लेकिन कामयाब नहीं हो सकी।