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जापान ने बनाया सस्ता फॉर्मूला, गाय के गोबर से उड़ान भरेगा रॉकेट

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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अब तक गाय के गोबर का इस्तेमाल जैव उर्वरक, देशी खाद, रसोई गैस जैसी कई बुनियादी जरूरतों और अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठानों तक ही होता था लेकिन अब इसका इस्तेमाल रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए किया जा सकता है। जापान में इंजीनियरों ने गाय के गोबर से प्राप्त तरल मीथेन गैस से संचालित एक नए किस्म के रॉकेट इंजन का परीक्षण किया है, जो अधिक टिकाऊ प्रणोदक के विकास की ओर ले जा सकता है।
स्टार्टअप इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज इंक (IST) ने एक बयान में कहा है कि रॉकेट इंजन, जिसे ज़ीरो कहा जाता है, का जापान के होक्काइडो स्पेसपोर्ट में 10 सेकंड तक “स्थैतिक अग्नि परीक्षण” किया गया है। कंपनी ने कहा कि छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी जीरो, तरल बायोमीथेन (Liquid biomethane- LBM) द्वारा संचालित है। यह बायोमीथेन पशुओं के गोबर से प्राप्त होता है। कंपनी को यह होक्काइडो के डेयरी फार्मों से प्राप्त हुआ है।

IST ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रॉकेट इंजन के परीक्षण का फुटेज साझा किया है। वीडियो में दिख रहा है कि इंजन चालू हो रहा है और उससे शक्तिशाली क्षैतिज नीली लौ निकलती दिखाई दे रही है।

 

कंपनी ने कहा कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा इस तरह का रॉकेट इंजन विकसित करने के बाद किसी निजी कंपनी द्वारा पहली बार इस तरह का LBM ईंधन तैयार किया गया है। कंपनी ने इसे रॉकेट इंजन साइंस के विकास में एक मील का पत्थर करार दिया है और कहा है कि ऐसा विश्व में पहली बार हुआ है। कंपनी ने ये भी कहा है कि एलबीएम ईंधन बायोगैस के मुख्य घटक मीथेन को अलग और परिष्कृत करके और बाद में इसे लगभग 160 डिग्री सेल्सियस पर द्रवीकृत करके तैयार किया गया है।
यह अनूठा प्रयोग ऐसे समय में हुआ है, जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मंथन कर रही है कि कैसे पूरी दुनिया में कार्बन उत्सर्जन कम किया जाय और ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जाय। हाल की कई स्टडीज में यह खुलासा हुआ है कि पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले रॉकेट ईंधन से विश्व पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। रॉकेट इंजन में पारंपरिक ईंधन के जलने से कालिख और अन्य प्रदूषकों के अलावा ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो चिंताएं पैदा करती हैं।
रिसर्च में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन में योगदान देने वाले मवेशियों और अन्य पशुओं से निकलने वाली मीथेन गैस के बारे में भी चिंता जताई है लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि LBM का इस्तेमाल करने से ना सिर्फ रॉकेट इंजन के ईंधन का एक नया विकल्प मिलेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी यह मील का पत्थर साबित हो सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17और 18 दिसंबर को सूरत तथा वाराणसी के दौरे पर

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Narendra Modi, India's prime minister, gestures during a joint news conference with Kyriakos Mitsotakis, Greece's prime minister, in Athens, Greece, on Friday, Aug. 25, 2023. Modi arrived in Greece on Friday for talks to strengthen bilateral ties. Photographer: Yorgos Karahalis/Bloomberg via Getty Images

 

प्रमुख सार
प्रधानमंत्री वाराणसी में 19,150 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे , प्रधानमंत्री लगातार दो दिन वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल होंगे , प्रधानमंत्री स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन करेंगे , प्रधानमंत्री काशी तमिल संगमम 2023 का भी उद्घाटन करेंगे , प्रधानमंत्री वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे ,पर्यटकों को बाधामुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए, प्रधानमंत्री एकीकृत पर्यटक पास प्रणाली का शुभारंभ करेंगे ,प्रधानमंत्री सूरत हवाईअड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री सूरत डायमंड बोर्स का भी उद्घाटन करेंगे

New Delhi – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17-18 दिसंबर को गुजरात के सूरत और उत्तर प्रदेश के वाराणसी का दौरा करेंगे। 17 दिसंबर को सुबह करीब 10:45 बजे प्रधानमंत्री सूरत एयरपोर्ट पर नई एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब 11:15 बजे सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह वाराणसी जाएंगे और करीब साढ़े तीन बजे वह विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। शाम करीब 5:15 बजे वह नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2023 का उद्घाटन करेंगे।

18 दिसंबर को सुबह करीब 10:45 बजे प्रधानमंत्री स्वर्वेद महामंदिर जाएंगे, इसके पश्चात करीब 11:30 बजे एक सार्वजनिक समारोह में इसका उद्घाटन किया जाएगा। दोपहर करीब 1 बजे प्रधानमंत्री विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। इसके बाद, एक सार्वजनिक समारोह में, लगभग 2:15 बजे, प्रधानमंत्री 19,150 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

सूरत में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री सूरत हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। टर्मिनल भवन व्यस्त घंटों के दौरान 1200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है और इसमें सर्वाधिक व्यस्त घंटों के दौरान की क्षमता को 3000 यात्रियों तक बढ़ाने का प्रावधान है, साथ ही वार्षिक प्रबंधन क्षमता 55 लाख यात्रियों तक बढ़ रही है। टर्मिनल भवन एक तरह से सूरत शहर का प्रवेश द्वार है, इसलिए इसे स्थानीय संस्कृति और विरासत के साथ डिजाइन किया गया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि यहां आने वाले आगंतुकों के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों संस्कृतियों का प्रतिबिंब देखने को मिले और उनमें स्थानीय स्थल के प्रति आकर्षण का भाव उत्पन्न हो। अत्याधुनिक टर्मिनल भवन के अग्रभाग को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि सूरत शहर के ‘रांदेर’ क्षेत्र के पुराने घरों की समृद्ध और पारंपरिक लकड़ी के काम का समृद्ध अनुभव यात्रियों के मिल सके। जीआरआईएचए IV के अनुरूप हवाई अड्डे का नया टर्मिनल भवन डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा बचत के लिए कैनोपी, गर्मी को कम करने वाली डबल ग्लेज़िंग यूनिट, वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण और सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए पुनर्नवीनीकरण जल के उपयोग के अलावा अन्य दूसरी सुविधाओं से सुसज्जित है।

प्रधानमंत्री सूरत डायमंड बोर्स का भी उद्घाटन करेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय हीरे और आभूषण कारोबार के लिए दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक केंद्र होगा। यह कच्चे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ आभूषणों के व्यापार का एक वैश्विक केंद्र होगा। आयात-निर्यात के लिए एक्सचेंज में अत्याधुनिक ‘सीमा शुल्क निकासी गृह’, खुदरा आभूषण व्यवसाय के लिए आभूषण मॉल और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट की सुविधा इसमें शामिल होगी।

वाराणसी में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री 17 दिसंबर को वाराणसी के कटिंग मेमोरियल स्कूल मैदान में विकसित भारत संकल्प यात्रा में हिस्सा लेंगे। वहां प्रधानमंत्री पीएम आवास, पीएम स्वनिधि, पीएम उज्ज्वला जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से वार्तालाप करेंगे।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2023 का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री कन्याकुमारी-वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

18 दिसंबर को प्रधानमंत्री वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वह महामंदिर के श्रद्धालुओं को भी संबोधित करेंगे।

इसके पश्चात, प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाके सेवापुरी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। वह काशी संसद खेल प्रतियोगिता 2023 के प्रतिभागियों के कुछ लाइव खेल कार्यक्रमों को देखने के बाद, वह कार्यक्रम के विजेताओं के साथ बातचीत भी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वह विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत करेंगे।

पिछले नौ वर्षों में, प्रधानमंत्री ने वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जीवनयापन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री करीब 19,150 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री लगभग 10,900 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित न्यू पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर-न्यू भाऊपुर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का उद्घाटन करेंगे। जिन अन्य रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा उनमें बलिया-गाजीपुर सिटी रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना, इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन आमान परिवर्तन परियोजना सहित अन्य परियोजनाऐं शामिल है।

प्रधानमंत्री नए उद्घाटन किए गए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, दोहरीघाट-मऊ मेमू ट्रेन और लॉन्ग हॉल मालगाड़ियों की एक जोड़ी को हरी झंडी दिखाएंगे। वह बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा निर्मित 10,000वें लोकोमोटिव को भी रवाना करेंगे।

प्रधानमंत्री 370 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से दो आरओबी के साथ-साथ ग्रीन-फील्ड शिवपुर-फुलवरिया-लहरतारा सड़क का उद्घाटन करेंगे। इससे वाराणसी शहर के उत्तर और दक्षिण हिस्से के बीच यातायात सुगम हो जाएगा और आगंतुकों की सुविधा बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली अन्य प्रमुख परियोजनाओं में 20 सड़कों का सुदृढ़ीकरण और चौड़ीकरण शामिल है, इनमें कैथी गांव में संगम घाट सड़क एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में आवासीय भवनों का निर्माण शामिल है।

इसके अतिरिक्त, पुलिस कर्मियों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पुलिस लाइन और पीएसी भुल्लनपुर में 200 और 150 बिस्तरों वाले दो बहुमंजिला बैरक भवन, 9 स्थानों पर बने स्मार्ट बस शेल्टर और अलाईपुर में बने 132 किलोवाट के सबस्टेशन का भी उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा।

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पर्यटकों की विस्तृत जानकारी के लिए एक वेबसाइट और एकीकृत पर्यटक पास प्रणाली का शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। एकीकृत पास के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम, गंगा क्रूज़ और सारनाथ के लाइट एंड साउंड शो के लिए एकल प्लेटफ़ॉर्म टिकट बुकिंग सुविधा प्रदान की जाएगी, इससे एकीकृत क्यूआर कोड सेवाएं प्रदान की जाएगी।

प्रधानमंत्री 6500 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री लगभग 4000 करोड़ करोड़ रुपये की लागत से चित्रकूट जिले में 800 मेगावाट के सौर पार्क की आधारशिला रखेंगे। पेट्रोलियम आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने के लिए, वह मिर्ज़ापुर में 1050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले एक नए पेट्रोलियम तेल टर्मिनल के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, उनमें 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से वाराणसी-भदोही एनएच 731 बी (पैकेज -2) का चौड़ीकरण; 280 करोड़ की लागत से जल जीवन मिशन के तहत 69 ग्रामीण पेयजल योजनाएं; बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में 150 बिस्तर क्षमता की क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण; 8 गंगा घाटों का पुनर्विकास कार्य, दिव्यांग आवासीय माध्यमिक विद्यालय का निर्माण कार्य सहित अन्य कार्य शामिल हैं।

विकसित भारत संकल्प यात्रा – 100 साल पूरे करे तब भारत पूर्ण विकसित हो उसका संकल्प लेने की यात्रा है , अमित शाह

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विकसित भारत संकल्प यात्रा 2047 में जब देश की आज़ादी के 100 साल पूरे करे तब भारत पूर्ण विकसित हो उसका संकल्प लेने की यात्रा है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में पिछले 10 सालों में सुरक्षा, अर्थव्यवस्था सहित हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं

देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के सपनों का भारत बनाने का समय अब आ गया है

मोदी जी ने देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है, इस योजना के देश के हर गांव तक पहुंचने पर पूरे भारत में सही मायने में परिवर्तन आ जायेगा

मोदी जी ने गुजरात में शांति, विकास, समृद्धि और गरीब से गरीब व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की जो परंपरा बनाई है, ये विकसित भारत संकल्प यात्रा उसी परंपरा को आगे बढाने का काम करेगी

 New Delhi ,  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने आज गुजरात के साणंद में विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित किया।

इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा 2047 में जब देश की आज़ादी के 100 साल पूरे करे तब भारत पूर्ण विकसित हो उसका संकल्प लेने की यात्रा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में पिछले 10 सालों में सुरक्षा, अर्थव्यवस्था सहित हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटाने का स्वप्न सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के समय से अधूरा था, प्रधानमंत्री मोदी इसे पूरा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भव्य राममंदिर भी बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के ही शासनकाल में हमारा चंद्रयान चांद पर पहुंचा और चांद पर तिरंगा फहराया गया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद 75 सालों में पहली बार देश की अर्थव्यवस्था इतनी सुदृढ़ हुई है और औद्योगिक विकास सबसे ज़्यादा हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को उठाने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि यहां चांगोदर में भी हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने हर गांव को सड़क से जोड़ने, हर घर में बिजली पहुंचाने, हर घर में बैंक खाता पहुंचाने और हर गरीब को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त देने की व्यवस्था की है।

श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 75 सालों में देश ने अनेक क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है, लेकिन जिन भी लोगों ने आज़ादी के लिए बलिदान दिया, उन्होंने भारत को दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के सपनों का भारत बनाने का समय अब आ गया है। श्री शाह ने कहा कि जब भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होंगे, तब देश में कोई व्यक्ति ऐसा ना हो जिसके घर में गैस सिलिंडर, शौचालय, खाना, बिजली ना हो, कोई अशिक्षित ना हो, ये कार्यक्रम एक ऐसे विकसित भारत की रचना का संकल्प लेने का कार्यक्रम है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्ष्य रखा है कि देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनानी हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना अगर देश के हर गांव तक सफलता के साथ पहुंच जाये, तो भारत में सही मायने में परिवर्तन आ जायेगा। उन्होंने कहा कि देश की गरीब बहनों की आमदनी में वृद्धि होने से उनके जीवन की अनेक छोटी-छोटी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और इसी प्रकार की व्यवस्था की कल्पना विकसित भारत संकल्प यात्रा में की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं की मोदी गारन्टी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में मोदी जी की सरकार होने से गुजरात को तो डबल फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार औऱ गुजरात में भूपेन्द्र पटेल जी की सरकार के रूप में डबल इंजिन सरकार का लाभ गुजरात में देखने को मिला है। श्री शाह ने कहा कि गुजरात में अच्छी सड़कें बनाने और 24 घंटे बिजली देने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में शांति, विकास, समृद्धि और गरीब से गरीब व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की जो परंपरा बनाई है, ये विकसित भारत संकल्प यात्रा उसी परंपरा को आगे बढाने वाली है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत मंडपम में ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ प्रदान किया

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केंद्रीय रेल मंत्री  अश्विनी वैष्णव ने भारत मंडपम में ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ प्रदान किया


“प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता में भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और रेलवे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा”

रेल मंत्री ने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सभी रेल कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की

रेलवे भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा: अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड

New Delhi – 16 December ,  केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को देश के विभिन्न ज़ोन/मंडलों, उत्पादन इकाइयों और रेलवे पीएसयू के 100 रेल कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ‘अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया। उन्होंने रेल कर्मचारियों के बीच सर्वोत्तम पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 21 शील्ड भी प्रदान कीं। ये पुरस्कार/शील्ड नई दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित 68वें रेल सप्ताह केंद्रीय समारोह में प्रदान किए गए। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, सीईओ और सदस्य, जोनल रेलवे के महाप्रबंधक और रेलवे की उत्पादन इकाइयों और रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख भी मौजूद थे।

ये पुरस्कार और शील्ड प्रदान करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्यों और प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे में बड़े परिवर्तनकारी कार्य पूरी रफ्तार से चल रहे हैं। बीते 40 वर्षों की तुलना में इन हाल के 9.5 वर्षों में ज्यादा विद्युतीकरण किया गया है। इस बदलाव के पीछे बड़ी तस्वीर यह है कि जब 2015 में प्रधानमंत्री ने रेल बजट को आम बजट में मिला दिया, तो रेल अनुदान पर पहले जो ब्याज/पूंजी शुल्क देना पड़ता था, उसकी जरूरत नहीं रही और इससे रेलवे के लिए सभी वित्तीय बाधाएं दूर हो गईं। निवेश की कमी, जो रेलवे के लिए पहले सबसे बड़ी समस्या थी, वह अब गुज़रे कल की बात हो चुकी है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”रेलवे से लोगों की उम्मीदें अब पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि यह रेलवे का स्वर्णिम काल है और इसके पीछे आप सभी की ताकत है। तमाम रेल कर्मचारियों की इस प्रतिबद्धता से हर किसी को गर्व होता है क्योंकि हम सभी अपने देश के लिए ऐसा कर रहे हैं। रेलवे के बुनियादी ढांचे को रिकॉर्ड रफ्तार और पैमाने पर विकसित किया जा रहा है। कई नई चीजें हो रही हैं जो रणनीतिक लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रही हैं।”

रेलवे के जरिए लॉजिस्टिक्स की लागत में बड़े पैमाने पर हो सकने वाले संभावित बचत के बारे में बोलते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, “ऐसा परिवहन, यदि सड़क मार्ग से किया जाए, तो इसमें ईंधन की लागत के साथ-साथ उच्च लागत भी शामिल होगी। एक अनुमान के मुताबिक, भविष्य में 3000 मिलियन टन नया कार्गो आएगा और यदि इसका आधा हिस्सा भी रेलवे को मिलता है तो इससे संभावित रूप से 16,000 करोड़ लीटर ईंधन और 1,28,000 करोड़ रुपये की बचत होगी जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि और बचत साबित होगी।”

देश के आर्थिक विकास के बारे में विस्तार से बताते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में 10वें स्थान पर था, जबकि 2004 में भारत पहले से ही 10वें स्थान कायम पर था और इस दृष्टि से, यह एक गवां दिया गया दशक था। अब, भारत पांचवें स्थान पर है और आने वाले वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं विजन के तहत, भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लेगा। उन्होंने आगे कहा, “हम सभी को औपनिवेशिक मानसिकता को बदलना चाहिए और 2027 तक हम शीर्ष तीन में से एक बन जाएंगे। भारत की विकास यात्रा में रेलवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हम अकेले लॉजिस्टिक की लागत में भारी मात्रा में बचत कर रहे हैं। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो रेलवे से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने अक्सर मेरे साथ इतने सारे अनुभव साझा किए हैं कि जोकि केवल वही व्यक्ति बता सकता है जिसे रेलवे की कार्यप्रणाली के बारे में गहराई से जानकारी हो। वह रेलवे के प्रति बेहद प्रतिबद्ध हैं और सभी रेलवे कर्मचारी एक बेहद ही प्रतिबद्ध एवं समर्पित टीम का हिस्सा हैं जो राष्ट्र के विकास के लिए काम करना जारी रखेंगे।” अपने संबोधन का समापन करते हुए, श्री वैष्णव ने कहा, “आप सभी राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं और मुझे आशा है कि आप भविष्य में भी इसी तरह इसी दक्षता, प्रेरणा और समर्पण के साथ काम करते रहेंगे।”

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए 34 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाई गई हैं और अमृत भारत के तहत 1309 स्टेशनों का पुनर्विकास किया गया है, जिससे यात्रियों के समग्र अनुभव में बदलाव आएगा तथा उनके बहुमूल्य समय की बचत होगी। रेल सुरक्षा के बारे में बात करते हुए रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष ने कहा कि कवच सहित समग्र सुरक्षा में सुधार के लिए रेलवे द्वारा उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे तेज गति और उच्च पैमाने के साथ लागू किया जा रहा है। उन्होंने आगे की योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि भविष्य के लिए कई नई पहल होनी हैं, जिन पर हम शीघ्र ही अमल करेंगे। उन्होंने बताया कि मिशन के अंतर्गत भविष्य की गतिविधियों में 3000 मिलियन टन माल ढुलाई भी शामिल है। इसका अलावा, जीक्यूजीडी में बढ़ती गति के साथ ही पूर्वोत्तर तथा जम्मू कश्मीर सहित सभी असंबद्ध क्षेत्रों को जल्द ही रेलवे मानचित्र से जोड़ा जाएगा। श्रीमती सिन्हा ने पुरस्कार जीतने वाले कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि इन सभी पुरस्कार विजेताओं की उत्कृष्टता एवं प्रतिबद्धता रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे भारत को ‘विकसित भारत’ या एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर भारतीय रेलवे की कायापालट एवं रूपांतरण यात्रा पर एक लघु वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया और मनमोहक नृत्य प्रदर्शन सहित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  अर्जुन मुंडा ने आज रांची स्थित भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया

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अर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर का भी दौरा किया और राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की

New Delhi , 16 DEC  केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने रांची के गढ़ खटंगा में भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया। संस्थान में उनके आगमन पर जनजातीय समुदाय के बच्चों द्वारा उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। श्री अर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर का भी दौरा किया और राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।

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भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान में, श्री अर्जुन मुंडा ने रांची लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद श्री संजय सेठ और निदेशक डॉ. सुजय रक्षित के साथ बेहतर कृषि उत्पादन से संबंधित संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की।

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श्री अर्जुन मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा देश गांवों में बसता है और खेती करना, ग्रामीणों के लिए आजीविका का एक मुख्य स्रोत है। उन्होंने कहा कि कृषि के विकास का ग्रामीणों की तरक्की से गहरा संबंध है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संस्थान देश में कृषि विकास की गति को तेज करने के लिए एकीकृत तरीके से सूक्ष्मजीव जैव प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करने की व्यापक रणनीति के साथ कार्य कर रहा है।

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श्री अर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसंधान परिसर में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओएस) और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया, जो देश की अर्थव्यवस्था में महान योगदान देते हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई प्रौद्योगिकियों जैसे कीट नाशक छिड़काव व फसल निगरानी की अतिरिक्त गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कृषि ड्रोन की शुरूआत के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है।

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श्री मुंडा ने किसान समुदाय से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि जैसी विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठाएं।

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राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों एवं कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए श्री मुंडा ने लाह की खेती, प्रसंस्करण और अन्य देशों में निर्यात की चुनौतियों एवं अवसरों को लेकर संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत चर्चा की।

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लाह के उत्पादन के मामले में झारखंड राज्य देश में पहले स्थान पर है और लाह की खेती के लिए झारखंड का मौसम भी उपयुक्त है।

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मप्र कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी बने प्रदेश अध्यक्ष

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की बात कही जा रही थी। अब कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे कमलनाथ की जगह अब कमान जीतू पटवारी को सौंपी गई है। बता दें, जीतू पटवारी विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्हें राऊ विधानसभा से भाजपा के मधु वर्मा ने हराया था।

उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। उनका नाम काफी समय से चर्चा में था। उन्हें जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने आदिवासियों को भी साधा है। वहीं हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। बता दें कि इन नियुक्तियों से पता चलता है कि कांग्रेस का अब भी मालवा निमाड़ पर फोकस है। जीतू पटवारी और उमंग सिंघार दोनों यहीं से आते हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने भी मालवा के उज्जैन से मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है। उसके जवाब में कांग्रेस ने भी मालवा से ही युवा नेता जीतू पटवारी को कमान सौंपी। वहीं उमंग सिंघार के जरिए आदिवासियों को साधा है। वहीं, हेमंत कटारे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं।

शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर 10 जनवरी तक लेना होगा फैसला

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मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले 10 जनवरी तक फैसला लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट में अयोग्यता मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंदचूड़ ने स्पीकर को आखिरी तारीख दे दी, हालांकि सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई क बाद कहा कि अयोग्यता पर 10 जनवरी तक फैसला लेना होगा। उद्धव ठाकरे की तरफ से लगातार विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने की मांग की जा रही है। स्पीकर ने दोनों पक्षों की तरफ से दावों के बाद कुल 54 विधायकों को नोटिस जारी की थी। इसके बाद विधानसभा में सुनवाई शुरू की थी। विधायकों की अयोग्यता में सीएम एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल है। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट से तीन हफ्ते का और समय देने की मांग की थी।

महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अब हर हाल में 10 जनवरी तक फैसला लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के और अधिक समय देने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर कहा कि स्पीकर ने संकेत दिया है कि अयोग्यता मामले की कार्यवाही 28 दिसंबर को बंद कर दी जाएगी। स्पीकर ने उचित समय विस्तार की मांग की है। पहले निर्धारित समय सीमा को ध्यान में रखते हुए हम स्पीकर को फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी 2023 तक का समय विस्तार देते हैं। मेहता ने कहा था कि करीब 2 लाख 71 हजार पन्ने दाखिल किए गए हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान भी अध्यक्ष इस पर काम कर रहे हैं। ऐसे में और समय दिया जाए। शीर्ष कोर्ट ने पहले के आदेश में 30 दिसंबर तक की डेडलाइन निश्चित की थी।

Parliament Security Breach: आरोपियों के खतरनाक मंसूबे का हुआ खुलासा

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नई दिल्ली. लोकसभा में स्मोक क्रैकर के साथ कूदे लोगों से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि संसद की सुरक्षा में चौंकाने वाला खतरा (Parliament Security Breach) पैदा करने के लिए जिम्मेदार समूह देश में अराजकता पैदा करना चाहता था. उनका इरादा सरकार को अपनी ‘अवैध’ मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करना था. अब जांच का फोकस पांचवें आरोपी ललित मोहन झा (Lalit Mohan Jha) पर केंद्रित हो गया है. जिसे साजिश के पीछे का दिमाग बताया गया. सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए झा ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार होने से पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल अब कथित तौर पर ललित झा से जुड़े दो लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनकी पहचान राजस्थान के नागौर के रहने वाले दो भाइयों कैलाश कुमावत और महेश कुमावत के रूप में हुई है. जांचकर्ताओं ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) हरदीप कौर को एक रिमांड आवेदन सौंपा. जिसमें कहा गया कि झा ने कथित तौर पर मामले में खुद के शामिल होने की बात कबूल कर ली है. इस मामले से परिचित लोगों के मुताबिक रिमांड आवेदन से पता चला कि सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया.

पुलिस ने कोर्ट में जो आवेदन पेश किया, उसमें कहा गया कि ‘झा ने खुलासा किया कि वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें.’ गौरतलब है कि बुधवार को लोकसभा में हुई घुसपैठ 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई. इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को समर्पित एक फेसबुक पेज के सदस्यों के रूप में बातचीत शुरू की. बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा से हासिल विजिटर पास का उपयोग करके संसद में कथित हमले को अंजाम दिया.

मायावती का सन्यास या नयी राजनीतिक चाल ?

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( राकेश अचल- विनायक फीचर्स )
भारतीय दलित राजनीति में चार दशक पूरे कर चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बहुजन समाज पार्टी का उत्तराधिकार अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपकर ये संकेत दे दिया है कि वे अब राजनीति से ‘ अघा ‘ गयीं हैं। सक्रिय राजनीति में मायावती की प्रासंगिकता पिछले कुछ वर्षों से लगातार कम हो रही थी ऐसे में पार्टी को नया नेतृत्व देना उनकी विवशता भी थी और आवश्यकता भी। अब सवाल ये है कि बहन मायावती राजनीति में खुलकर खेलेंगीं या फिर सचमुच वानप्रस्थ ले लेंगी?राजनीतिक विश्लेषक इसे मायावती की सोची समझी राजनीतिक चाल मान रहे हैं।
   मायावती औपचारिक रूप से राजनीति में बसपा संस्थापक कांशीराम की शिष्या के रूप में 1977  में ही सक्रिय हो गयीं थीं ,लेकिन 1984  में बसपा के गठन के बाद उन्होंने लोकसभा का पहला चुनाव 1989  में लड़ा और जीता था। उनका राजनीतिक सफर बिजनौर संसदीय क्षेत्र से प्रारंभ हुआ था। 67  साल की  मायावती ने भारतीय राजनीति में अपनी चौंकाने वाली उपस्थिति दर्ज कराई थी। वे 1994  में लोकसभा के बजाय राज्यसभा की सदस्य बनीं और 1995  में उन्होंने देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तरप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियों की मौजूदगी के बावजूद प्रदेश की ही नहीं अपितु देश की पहली दलित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
देश में दलितों की खैरख्वाह पहले कांग्रेस को माना जाता था ,लेकिन मायावती ने ये भरम तोडा ।  उत्तरप्रदेश की तत्कालीन राजनीति में वे केवल चार महीने में ही अपदस्थ कर दी गयीं।तब मायावती अनथक  योद्धा बनकर मैदान में डटी रहीं। उन्होंने दो साल बाद फिर मुख्यमंत्री का पद हासिल किया। वे एक के बाद एक चार बार मुख्यमंत्री बनीं।उन्होंने राजनीति की तमाम स्थापित मर्यादाओं को तोड़ा लेकिन सत्ता के सूत्र अपने हाथ में रखे।वे कभी समाजवादियों के  साथ रहीं तो कभी भाजपा के साथ और कभी अकेली। 06  मार्च 2012  तक उन्हें सत्ता सुख मिला ,लेकिन उसके बाद से वे राजनीति के अरण्य में भटक गयीं और अब तक सत्ता के नजदीक नहीं आ पायीं।
राजनीति में एक नए तरह का सामंतवाद मायावती की देन है । पहली बार किसी दल के प्रमुख के रूप में सुप्रीमो शब्द उन्हीं के नाम के साथ चस्पा हुआ। मायावती ने पहली बार खुले आम अपनी पार्टी के लोकसभा,राज्यसभा और विधानसभा के टिकिट कीमत वसूलकर चुनाव लड़ने वालों को दिए। उन्होंने बाकायदा अपने वोटबैंक की कीमत उन लोगों से वसूल की जो कांग्रेस,भाजपा या समाजवादी पार्टी में उपेक्षित किये जा चुके थे। जिन्हें कोई टिकिट न देता हो उन्हें बसपा का टिकिट दिया गया। इसका बसपा को लाभ भी मिला और हानि भी हुई ।  बसपा का समर्थक मतदाता बाजार की चीज बन गया। धीरे-धीरे बसपा का जनाधार खिसकने लगा और स्थिति शून्य की ओर बढ़ने लगी ,लेकिन  मायावती ने अपना स्वभाव और कार्यशैली नहीं बदली।
बहन मायावती के नाम से प्रसिद्ध मायावती की माया क्षीण हुई पिछले एक दशक के भाजपा राज में। उनकी खामोशी ने उन्हें भाजपा की ‘ बी ‘ टीम के रूप में बदनाम कर दिया था।  मायावती की मुठ्ठी खुली तो खुलती ही चली गयी ।  उनका अखंड दलित वोटबैंक बिखरने लगा और अनेक राजनीतिक दलों में बंट गया। बावजूद इसके उनके नेतृत्व को किसी ने खुलकर चुनौती नहीं दी। आज की स्थिति में मायावती के पास पार्टी का नेतृत्व छोड़ने के अलावा कोई विकल्प बचा नहीं था। सो उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। शुरू में आकाश आनंद को बसपा में चार राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। पिछले 6 सालों में आकाश की सक्रियता पार्टी में बढ़ती रही है।  मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी कोऑर्डिनेटर जैसा अहम पद दिया था। आकाश ने दूसरे राज्यों में संगठन की बैठक की और सभाएं की। आकाश पढ़े-लिखे युवा है।  मायावती ने उन्हें लंदन से एमबीए कराया ताकि वे पार्टी प्रबंधन में कामयाब हो सकें। मायावती अपने उत्तराधिकारी को कांग्रेस के राहुल गांधी की तरह सड़क मार्ग से सक्रिय करना चाहती है।  आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बसपा  ने अपनी पदयात्रा आयोजित न करने की रणनीति में बदलाव किया है।आकाश आनंद ने 14 दिवसीय ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ संकल्प यात्रा शुरू की, जो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बसपा की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बड़े बदलाव का संकेत है।
अब देखना ये है कि  मायावती आकाश  के जरिये बसपा का लुप्त हुआ आकाश एक बार फिर हासिल कर पाती हैं या नहीं ? इस समय दलित वोटर नेतृत्वविहीन है ।  न कांग्रेस के पास कोई जमीनी नेता है और न भाजपा के पास। समाजवादी पार्टी के पास तो दलित नेता खोजे से नहीं मिलने वाले। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दलित नेता के रूप में हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में एक तरह से ख़ारिज कर दिया गया है। ऐसे में आकाश आनंद के लिए संभावनाएं तो अनंत हैं ,लेकिन इन संभावनाओं का दोहन तभी सम्भव है जब आकाश अपनी बुआ की छत्रछाया से बाहर निकलकर अपनी अलग पहचान बनाएं और बसपा को तनिक लोकतांत्रिक राजनीतिक दल बनाये ।  बसपा को प्राइवेट लिमिटेड की तरह चलना उनकी गलती होगी।(विनायक फीचर्स)

श्रीदेवी के साथ बिताए लम्हों की कहानी : जान्हवी कपूर ने किया भावनात्मक रहस्योद्घाटन

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दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जान्हवी कपूर भारतीय सिनेजगत की सबसे पॉपुलर यंग एक्ट्रेसेज में से एक हैं। जान्हवी कपूर आने वाले दिनों में कुछ सबसे बड़े बजट की फिल्मों में दिखाई देंगी, जिनमें ‘मिस्टर एंड मिसेज माही’ और बहुप्रतीक्षित जूनियर एनटीआर स्टारर एक्शन एंटरटेनर ‘देवरा पार्ट 1’ शामिल है, जो 5 अप्रैल 2024 को सभी सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। पिछले दिनों मुम्बई में आयोजित संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इसी इवेंट में एक इमोशनल पल के दौरान जान्हवी कपूर ने अपनी दिवंगत मां और एक्ट्रेस श्रीदेवी के बारे में खुलकर बात की। भारतीय फिल्म जगत में अमिट छाप छोड़ने वाले करियर के साथ श्रीदेवी, जान्हवी के जीवन में एक प्रेरणा और प्रेरक शक्ति बनी हुई हैं।
अपनी पहली फिल्म के बारे में बात करते हुए, जान्हवी ने यह भी कहा “जब मैंने अपनी पहली फिल्म के लिए काम करना शुरू किया, तो मैं इतनी सचेत थी कि मैं उनसे पूरी तरह से अलग हो जाना चाहती थी क्योंकि लोग वैसे भी सोचते थे कि मुझे मेरी पहली फिल्म इसलिए मिली क्योंकि मैं श्रीदेवी की बेटी हूं। मुझे नहीं पता कि मैं किस अलग दुनिया में चली गई थी कि मैनें फैसला किया कि मैं अपनी मां से कोई मदद नहीं लूंगी, मैं अपनी मां की एक्टिंग से बिल्कुल अलग एक्टिंग करूंगी और उन्हें सेट पर न आने के लिए कहा करती थीं। मुझे लगता था कि मुझे एक अनफेयर फायदा मिला है, एक ट्रंप कार्ड। लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं उस समय बेवकूफ थी। मैं हूं उनकी बेटी और इस सच्चाई से मैं भाग नहीं सकती। अब जब वह यहां नहीं है तो यह मेरा सबसे बड़ा अफसोस है।”
              अपनी माँ श्रीदेवी के साथ बिताए हुए पल की विस्तृत चर्चा करते हुए जान्हवी आगे कहती हैं “मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसा कर सकता है जो उन्होंने किया, कोई भी उनके जितना बहुमुखी है….. वह जिस लेवल पर काम करती थी, मुझे नहीं लगता कोई उससे कॉम्पटीट कर सकता है.. मुझे तो छोड़ ही दो..। लेकिन आज की पीढ़ी में भी, अभिनेत्रियों की तुलना उनके डांस मूव्स, हर कदम, हर प्रदर्शन से की जाती है… मैं और मेरी बहन, शुरू में बहुत स्ट्रेस में रहते थे और बहुत घबरा जाते थे, इस बोझ से दब जाते थे लेकिन फिर मुझे समझ आने लगा कि मेरी तुलना मम्मा (श्रीदेवी) से की जा रही है, तो यही बेंचमार्क है मुझे लगता है कि इसी बात ने मुझे प्रेरित करना शुरू किया और वास्तव में, माँ ने मुझसे केवल इतना कहा था कि मेरी पहली फिल्म और प्रदर्शन की तुलना उनकी पहली फिल्म से नहीं की जाएगी, इसकी तुलना उनकी आखिरी फिल्म से की जाएगी और उन्होंने मुझसे कहा कि ऐसा प्रेशर मैं अपने दुश्मन के लिए भी नहीं चाहुंगी।”
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय