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हमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में सदियों से रचे बसे है श्रीराम।

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– डॉo सत्यवान सौरभ,*
राम-राम जी। हरियाणा में किसी राह चलते अनजान को भी ये ‘देसी नमस्ते’ करने का चलन है। यह दिखाता है कि गीता और महाभारत की धरती माने जाने वाले हरियाणा के जनमानस में श्रीकृष्ण से ज्यादा श्रीराम रचे-बसे हैं। हरियाणवियों में रामफल, रामभज, रामप्यारी, रामभतेरी जैसे कितने ही नाम सुनने को मिल जाएंगे। रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 रामकथा का नया अध्याय है, यह 493 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का अपना ‘उत्तरकांड’ है। अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की ‘अग्निपरीक्षा’ भी अब पूरी हुई।
 हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ हिम्मत सिंह के अनुसार हरियाणा के आम जनमानस में बरसात होने पर रामजी खूब बरस्या या बरसात न होने पर रामजी बरस्या कोनी का उलाहना सुनने को मिलेगा। किसी से अच्छा प्यार-पहचान जताने के लिए उस गेल्यो बढ़िया राम-राम है या अनजानापन जताने के लिए उसतै तो मेरी राम-राम बी कौना, कहवात का इस्तेमाल करते हैं। यहां सांग में राम के प्रसंग जुड़े हैं तो भजनों में भी राम का जिक्र मिलता है। ‘लाड्डू राम नाम का खाले नै हो ज्यागा कल्याण’.. या ‘मनै इब कै पिलशन मिल जा मैं तो ल्याऊ राम की माला’… जैसे हरियाणवी भजन हिट रहे हैं। किसी को सांत्वना देने के लिए ‘राम भली करैगा या आंधे की माक्खी राम उड़ावै’ जैसी कहावतें हैं।
रामायण पर चार पीएचडी करवा चुके 90 वर्षीय डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा कहते हैं कि सन् 1999 तक हिंदी भाषी क्षेत्रों में राम व रामायण पर 150 से ज्यादा शोध थे। अब इनकी संख्या 250 से ज्यादा होगी। गैर हिंदी प्रदेशों में भी काफी शोध हुए हैं। हरियाणा व हिंदी भाषी क्षेत्र में राम के लोकजीवन में रचने बसने का श्रेय कई संतों व कवियों और आर्य समाज को जाता है। कबीर को निम्न जाति का मानते हुए उस काल में मंदिरों में नहीं जाने देते थे। तब कबीर ने राम को निर्गुण मानते हुए प्रचार किया।
पहले आदि कवि वाल्मीकि, संत रविदास, नामदेव ने निर्गुण रूप का प्रचार किया। हरियाणा में आर्य समाज का काफी प्रभाव रहा है और आर्य समाज ने राम को आदर्श पुरुष माना है। प्रदेश में कबीरपंथ का प्रचार करने के लिए डेरे भी हैं। कबीर के दोहों में रा को छत्र और म को माथे की बिंदी माना है। यानी सभी को रक्षा व सम्मान का प्रतीक माना है। हरियाणा के पुराने सांगों में राम के प्रसंगों का खूब जिक्र होता रहा है, इस वजह भी पीढ़ी दर पीढ़ी राम की असर जनमानस है, जबकि कुरुक्षेत्र जैसी धर्मनगरी समेत प्रदेश में कहीं भी श्रीराम के प्राचीन मंदिर नहीं हैं। रामराज्य की कल्पना में ही नैतिक मूल्य व राजनीतिक दर्शन है। राजनीति में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली आया राम-गया राम की कहावत भी हरियाणवी राजनीति से निकली है। जब 1967 में एक विधायक ने एक ही दिन में 3 बार में दल-बदल किया था।
हरियाणा के गांव मुंदडी में लव-कुश ने रामायण कंठस्थ की थी और सीवन गांव में माता सीता समाई थी। कैथल दडी में भगवान राम व सीता के पुत्रों लव-कुश ने महर्षि वाल्मीकि से इसी तीर्थ पर रामायण को कंठस्थ कर दिया था, जिसके बाद महर्षि वाल्मीकि ने मौन धारण कर दिया था। इससे ही गांव का नाम मुंदडी हो गया। इस तीर्थ पर शिव, हनुमान व लव-कुश के मंदिर हैं। मंदिर के गर्भगृह की भित्तियों पर राम, लक्ष्मण को कंधे पर बैठाए हुए हनुमान, गोपियों के साथ कृष्ण, रासलीला व गणेश इत्यादि के चित्र बने हुए हैं। नारद पुराण के अनुसार चैत्र मास की चतुर्दशी को इस तीर्थ में स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंदिर के सरोवर की खुदाई से कुषाणकाल (प्रथम-द्वितीय शती ई.) से लेकर मध्यकाल 9-10वी शती ई. के मृदपात्र एवं अन्य पुरावशेष मिले थे। जिससे इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध होती है। यहां महर्षि वाल्मीकि संस्कृत यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है।
वहीं, कैथल के गांव सीवन या शीतवन को जनमानसे जनकनंदिनी सीता जी से संबंधित मानती है। प्रचलित विश्वास के अनुसार सीता इसी स्थान पर धरती में समा गई थीं। इसीलिए इस तीर्थ को स्वर्गद्वार के नाम से भी जाना जाता है। इस तीर्थ का उल्लेख महाभारत एवं वामन पुराण के अतिरिक्त पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण, कूर्म पराण, नारद पुराण तथा अग्नि पुराण में भी पाया जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि यही शीतवन अपभ्रंश हो कर परवर्ती काल में सीतवन के नाम से विख्यात हो गया। वामन पुराण में इस तीर्थ को मातृतीर्थ के पश्चात् रखा गया है।
 राममंदिर आंदोलन के पलों को हरियांवासी कभी भूल नहीं सकते, जब गांव-गांव राममंदिर के लिए रामशिलाएं आई और देश के असंख्य लोग कारसेवा के लिए अवधपुरी की तरफ कूच कर गए थे। आधुनिक भारत का राममंदिर सत्य, अहिंसा और न्यायप्रिय भारत की अनुपम भेंट है। यह सर्वसत्य है कि यह मंदिर तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक बनेगा। ये शाश्वत मंदिर आस्था और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। वास्तव में हमें जब भी कोई काम करना हो तो हम भगवान राम की ओर देखते हैं। भगवान राम की जय बोलते हैं। राम हमारे मन में बसे हैं। राम हमारी संस्कृति के आधार हैं।
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आओ मेरे राम
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राम भक्त की धार हैं, राम जगत आधार।
राम नाम से ही सदा, होती जय जयकार।।
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जगह-जगह पर इस धरा, है दर्शनीय धाम।
बसे सभी में एक से, है अपने श्री राम।। 
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राम सदा से सत्व है, राम समय का तत्व।
राम आदि  है अन्त हैं, राम सकल समत्व।।  
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राम-राम सबसे रखो, यदि चाहो आराम 
पड़ जायेगा कब पता, सौरभ किससे काम।।
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राम नाम से मैं करूँ, मित्रों तुम्हे प्रणाम। 
जीवन खुशमय आपका, सदा करे श्रीराम।। 
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राम-राम मुख बोल है, संकटमोचन नाम।  
ध्यान धरे जो राम का, बनते बिगड़े काम।।  
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रोम रोम में है बसे, सौरभ मेरे राम।
भजती रहती है सदा,जिह्वा आठों याम।।
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उसका ये संसार है, और यहाँ है कौन। 
राम करे सो ठीक है, सौरभ साधे मौन।।
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हर क्षण सुमिरे राम को, हों दर्शन अविराम। 
राम नाम सुखमूल है, सकल लोक अभिराम।।
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राम नाम है हर जगह, राम जाप चहुंओर।
चाहे जाकर देख लो, नभ तल के हर छोर।।
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नगर अयोध्या, हर जगह, त्रेता की झंकार। 
राम राज्य का ख्वाब जो, आज हुआ साकार।।
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रखो लाज संसार की, आओ मेरे राम।
मिटे शोक मद मोह सब, जगत बने सुखधाम।।
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मानव के अधिकार सब, होने लगे बहाल।
राम राज्य के दौर में, रहते सभी निहाल।।
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रामराज्य की कल्पना, होगी तब साकार।
धर्म कर्म सच श्रम बने, उन्नति के आधार।।
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राम नाम के जाप से, मिटते सारे पाप।
राम नाम ही सत्य है, सौरभ समझो आप।।
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मद में डूबे जो कभी, भूले अपने राम। 
रावण-सा होता सदा, उनका है अंजाम।।
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-डॉ. सत्यवान सौरभ

गोदरेज इंडस्ट्रीज (केमिकल्स) ने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन से पहले गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर ~ वालिया में 600 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना

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गांधीनगर5 जनवरी2024: भारतीय रसायन उद्योग की अग्रणी कंपनीगोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केमिकल्स) ने आज घोषणा की है कि उसने गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।  एमओयू के हिस्से के रूप मेंकंपनी अगले चार वर्षों में लगभग 250 लोगों को रोजगार के साथ वालिया में महत्वपूर्ण विस्तार पर 600 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में हुआ समझौतागुजरात के औद्योगिक विकास और कुशल कार्यबल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

एमओयू वालिया में विस्तार का मार्ग प्रशस्त करता है जहां गोदरेज इंडस्ट्रीज के पास पहले से ही एक विनिर्माण सुविधा है।  गुजरात के भरूच जिले में स्थित, यह इकाई जैविक सामग्री से प्राप्त ओलेओ रासायनिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करती है। ये उत्पाद व्यक्तिगत देखभाल, फार्मास्युटिकल और खाद्य उद्योगों सहित विभिन्न बाजार क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

इस अवसर पर गोदरेज इंडस्ट्रीज (केमिकल्स) के सीईओ विशाल शर्मा ने कहा, “यह रणनीतिक सहयोग विकास, नवाचार और क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।  गुजरात हमेशा प्रगति का प्रतीक और व्यापार-अनुकूल गंतव्य रहा है, और हमें विश्वास है कि हमारा निवेश न केवल हमारी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर भी पैदा करेगा और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा।

उन्होंने आगे कहा, “हम परिचालन उत्कृष्टता, पर्यावरणीय स्थिरता और इसमें शामिल सभी हितधारकों के लिए मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध हैं।  गुजरात सरकार को उनके सक्रिय दृष्टिकोण और समर्थन के लिए धन्यवाद, और हमें विश्वास है कि हमारे संयुक्त प्रयास एक सफल और पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी को स्वरूप देंगे।“

गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसोसिएट कंपनियों के कॉर्पोरेट मामलों के समूह अध्यक्ष, राकेश स्वामी ने कहा, “गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड गुजरात के शुरुआती निवेशकों में से एक है और हम राज्य की उल्लेखनीय विकास कहानी का हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्साहित हैं। हम राज्य में अनुकूल औद्योगिक नीतियों, एकल खिड़की मंजूरी और अत्यधिक कुशल कार्यबल की सराहना करते हैं जो हमारे लिए महत्वपूर्ण अतिरिक्त निवेश करना आदर्श बनाता है।  हम उद्योग विभाग के समर्थन के लिए आभारी हैं और 10वें वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एमओयू पर हस्ताक्षर 10 जनवरी, 2024 को होने वाले आगामी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के तुरंत बाद हुआ। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम निवेश और आर्थिक विकास के लिए राज्य के दृष्टिकोण को उजागर करता है, और गोदरेज इंडस्ट्रीज को इस जीवंत  पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा होने पर गर्व है।

गुजरात सरकार के उद्योग, नागरिक उड्डयन, ग्रामीण विकास, श्रम और रोजगार के कैबिनेट मंत्री श्री बलवंत सिंह राजपूत ने कहा, “गोदरेज समूह गुजरात में एक महत्वपूर्ण निवेशक है और हम वालिया में वैश्विक ओलियोकेमिकल विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में राज्य में अतिरिक्त निवेश के उनके इरादे की सराहना करते हैं। हम इस निवेश का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है और माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप गुजरात को शून्य-प्रभाव और हरित भारत के लिए आगे रखता है।

गुजरात में अपने परिचालन का विस्तार करने की जीआईएल केमिकल्स की प्रतिबद्धता कंपनी के विकास के दीर्घकालिक दृष्टिकोण और राज्य के विकास लक्ष्यों के साथ इसके रणनीतिक रुख का प्रतीक है।  नवाचार, स्थिरता और सामुदायिक जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, जीआईएल केमिकल्स आने वाले वर्षों में गुजरात के औद्योगिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

‘गोदान’ के एक गाने की रिकॉर्डिंग सम्पन्न, शान ने दिया स्वर

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मुम्बई। दीनदयाल कामधेनु गऊ अनुसंधान केंद्र की नवीनतम प्रस्तुति ‘गोदान’ के एक गाने की रिकॉर्डिंग पिछले दिनों अंधेरी (पश्चिम), मुम्बई स्थित साउंडियाज Soundideaz स्टूडियो में सम्पन्न हुई।
रिकॉर्डिंग के पूर्व मुम्बई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संचालक डॉ सतीश ने नारियल तोड़ कर भगवान श्री गणेश की पूजार्चना की। गाने की रिकॉर्डिंग के क्रम में जयनन्द कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बाला साहेब चौधरी करवा क्षेत्र संघ संचालक (पश्चिम उत्तरप्रदेश), महेश गुप्ता अध्यक्ष कामधेनु गऊ अनुसंधान केंद्र मथुरा, हरिशंकर कामधेनु अनुसंधान केंद्र मथुरा, महेंद्र जी भाई क्षेत्र प्रचारक पश्चिम उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड और सभी संघ समितियों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी ज़ूम मीटिंग के द्वारा ऑनलाइन रिकॉर्डिंग स्टूडियो से जुड़े रहे।
इस अवसर पर रिकॉर्डिंग स्टूडियो में प्रोड्यूसर संदीप मारवाह का जन्मदिन केक काटकर पूरी प्रोडक्शन टीम के द्वारा मनाया गया। गीतकार समीर द्वारा लिखे गीत ‘जय गऊ जय गोपाला…’ को बॉलीवुड के प्रसिद्ध सिंगर शान एवं कोरस ने स्वर दिया।

विश्व प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘गोदान’ पर आधारित इस फिल्म के निर्मातद्वय विनोद कुमार चौधरी व संदीप मारवाह हैं। भारतीय फिल्म जगत के चर्चित निर्देशक अशोक त्यागी के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म के कैमरामैन बिनोद प्रधान, एक्शन डायरेक्टर बब्बू खन्ना, ध्वनि अनूप देव और संगीतकार ऋजु रॉय हैं।

रिपोर्ट – संतोष साहू

Rajasthan Crime News: डीग में गौ तस्करों ने पुलिस पर की ताबड़तोड़ फायरिंग, 25 गोवंशों को कराया मुक्त, दो गिरफ्तार

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राजस्थान के भरतपुर से सटे डीग जिले में देर रात पुलिस ने गौ तस्करों से 25 गोवंशों को मुक्त कराया. डीग जिले में पुलिस और गौ तस्करों की भिड़ंत हो गई. पुलिस की कार्रवाई से बौखलाए गौ तस्करों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गौ तस्करों के फायरिंग के बावजदू पुलिस ने बहादुरी से उनका पीछा किया और दो गौ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने गौ तस्करों के कब्जे से 25 गोवंश को मुक्त कराया है.

इस संबंध में पुलिस की जिला स्पेशल टीम को सूचना मिली थी कि कई दिनों से गौ तस्कर, गोवंशों को ट्रक में भरकर ले जाते हैं. विगत रात भी गौ तस्कर एक ट्रक में गौवंश भरकर ले जा रहे थे. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस टीम एक्टिव हो गई. पुलिस ने गौ तस्करों को पकड़ने के लिए नाकाबंदी कर दी. इसी दौरान पुलिस टीम को गौ तस्कर एक ट्रक में 25 गोवंश भरकर हरियाणा की तरफ ले जाते हुए दिखे. जिसके बाद पुलिस की गाड़ी ने गौवंश से भरे ट्रक का पीछा किया, तो गौ तस्करों ने पुलिस पर फायरंगि शुरू कर दी.

गौ तस्करों के ट्रक का फटा टायर 
गोवंश को लेकर जा रहे गौ तस्करों के ट्रक का टायर फट गया और उसके बाद पुलिस ने दो गौ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी गौ तस्करों के पास से जब्त किए गए ट्रक से 25 गोवंश मुक्त कराए. गौ तस्करों के द्वारा पुलिस पर की गई फायरिंग से किसी भी पुलिसकर्मी को चोट नहीं लगी है. गौ तस्करों द्वारा पुलिस पर हमला करने की घटना नगर थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस ने ट्रक को जब्त कर 25 गोवंश को मुक्त कराकर गौशाला में शिफ्ट कर दिया है.

क्षेत्र में गौ तस्करों के हौसले बुलंद
पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान दो गौ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है. गौ तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है. गिरफ्तार गौ तस्कर की पहचान असलम और सलमान के रुप में हुई, जो डीग जिल के रहने वाले हैं. गौरतलब है कि साल 2014 में बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार ने भरतपुर के मेवात क्षेत्र में गौ तस्करी पर लगाम लगाने के लिए 5 गौरक्षा पुलिस चौकी खोली गई थी, लेकिन यहां पर पुलिस स्टाफ की तैनाती नहीं होने से सभी चौकियां ठप्प पड़ी हुई हैं. इससे गौ तस्करों के हौसले बुलंद हैं.

फिल्म ‘सलार’ के सेट पर चढ़ा प्रभास और पृथ्वीराज की मित्रता का रंग, प्रभास ने बातों बातों में बताई बातें

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प्रश्न – एस एस राजमौली ने आपको ‘सलार’ करने के लिए प्रोत्साहित किया और आप अपने आने वाले परियोजनाओं पर अक्सर उनसे सलाह लेते हैं। जब फिल्ममेकर प्रशांत नील ने आपको “सलार” के बारे में बताया, तो आप सीधे उनके पास गए। क्या आपको लगता है कि एसएस राजमौली की इस चयन में बाहुबली के बाद विश्वास बढ़ा था? आपके ख्याल में उनकी सलाह पर कितना विश्वास है?

प्रभास – हाँ, लगभग 15 साल हो गए हैं फिल्म ‘छत्रपति’ के बाद, हमने दोस्ती बनाई है। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। जब प्रशांत या कोई और आता है, हम सामान्य चर्चा करते हैं। राजमौली ऐसा नहीं करते कि, ‘तुम्हें ऐसा करना चाहिए’, या ‘तुम्हें वैसा करना चाहिए’। हम दोस्तों की तरह बातचीत करते हैं। मैंने राजमौली को प्रशांत के साथ काम करने की सूचना दी और हमारी चर्चाओं के बारे में जानकारी दी। मैं हमेशा अपनी योजनाओं और अपने मन के बारे में साझा करता हूँ, और हमारी बातचीत एक दोस्ताना चैट की तरह होती है जहां उन्होंने भी मुझे अपने परियोजनाओं के बारे में अपडेट दिया। हमारे इंटरएक्शन का स्वभाव – व्यक्तिगत जीवन की चर्चाएं और फिल्म से संबंधित बातें करने का एक मिश्रण है। मेरे दोस्त और परिवार दोनों ही प्रशांत के साथ मेरे काम पर उत्सुक हैं और वे ‘सलार पार्ट 2’ के लिए भी बेताब हैं।”

प्रश्न – अब जब ‘सलार 2’ का ऐलान हो गया है, तो हम इसे कब देख सकते हैं, और आप सभी के साथ फिर से जुड़ने के लिए कितने उत्सुक हैं?

प्रभास – हाँ, कहानी पहले से ही तैयार है, और हम बहुत जल्दी इसे शुरू करेंगे, लक्ष्य यह है कि हम दर्शकों को जल्दी से फिल्म पहुंचा सकें। मुझे पता है कि मेरे कई प्रशंसक इसके रिलीज़ के लिए बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। हम जल्द ही ‘सलार पार्ट 2’ के विवरणों को उजागर करेंगे।

प्रश्न – आपके और पृथ्वीराज के बीच स्क्रीन के बाहर कैसा रिश्ता है?

प्रभास – पृथ्वी सर का इस प्रोजेक्ट को स्वीकार करना मुझे बहुत प्रभावित किया और मैं उसकी विशेषता और महत्ता को महसूस करता हूं। वह एक सुपरस्टार और एक शानदार व्यक्तित्व हैं। मुझे बेहद खुशी है कि उन्हें फिल्म पसंद आई और वह इस फ़िल्म से जुड़े, अब हम पार्ट 2 के लिए तैयार हो रहे हैं। पृथ्वी सर के साथ काम करना शानदार रहा है, वह सेट पर हमेशा कूल रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया, ‘अगर एक खूबसूरत लेख है, तो इसे देवा को ना नही कहना चाहिए, क्योंकि इससे उसके पात्र के लिए बेहतर काम करेगा। पृथ्वी सर एक अद्भुत बहु-प्रतिभागी हैं, वे केवल एक टॉप के निर्देशक और सुपरस्टार ही नहीं हैं, बल्कि एक शानदार व्यक्तित्व भी हैं। मैंने उसके साथ काम करने का बहुत आंनद उठाया, मैं उनके साथ और भी कई सालों तक कॉलेब्रेशन करने के लिए उत्सुक हूं। हम एक मजबूत दोस्ती बना रहे हैं। मैं पृथ्वी सर का आभारी हूं कि उन्होंने इस फिल्म का हिस्सा बनाया। उनकी विनम्रता की सराहना की जाती है। मैं उनके साथ काम करने के अनुभव को महत्वपूर्ण मानता हूं और भविष्य में उनके साथ और अधिक परियोजनाओं में सहयोग करने की आशा करता हूं।

प्रश्न – प्रशांत नील यूनिवर्स के बारे में आपकी दो पसंदीदा चीजें क्या हैं?

प्रभास – मुझे उसकी कला के कई पहलुओं की सराहना है—उसके अभिनेताओं की प्रस्तुति, कला, कैमरा काम (सहित फोटोग्राफी), संपादन, और स्क्रीनप्ले। मुझे यह पसंद है कि वह अपने हीरोज को उच्चतम स्थान पर लेकर जाते हैं और क्रिया दृश्यों को डिज़ाइन करते हैं। उनके साथ काम करना आनंददायक है, और मैं हमेशा उसके साथ सहयोग करना चाहता था। हम जल्द से जल्द पार्ट 2 को रिलीज़ करने के लिए उत्सुक हैं।

प्रश्न – आपकी फिल्मों में ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में प्रतिष्ठा बन गई है, पहले ‘बाहुबली’ और अब ‘सलार’! आप अपने पात्रों में तेज़ी कैसे लाते हैं?

प्रभास – मुझे ऐसा प्रतिष्ठान प्राप्त होने पर भाग्यशाली मानता हूँ, लेकिन मैं मानता हूँ कि यह मुख्य रूप से कहानी और निर्देशक की दृष्टि के कारण है। जिसे निर्देशक ने तेज़ दृश्य को शक्तिशाली तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों को असर हुआ। मुझे खुशी है कि मेरे प्रशंसक मेरे गंभीर, या जिसे आप ‘एंग्री’ कह सकते हैं, दृश्यों को सराहते हैं। मौजूदा स्थिति के अनुसार दिखाई जाने वाले ‘एंग्री मैन’ का चित्रण निर्देशक के विवेचन और सीन के साथ समर्थन होने के कारण प्रभावी है।

प्रश्न – ‘डार्लिंग’ शब्द आपके प्रशंसकों के साथ जुड़ा हुआ है। इन वर्षों आपके साथ यह अद्वितीय बंधन कैसे विकसित हुआ?

प्रभास – शब्द ‘डार्लिंग’ एक फिल्म ‘बुज्जीगड़ु’ से आया था, ‘डार्लिंग’ के रूप में संदर्भित होने के लिए मेरे प्रशंसकों के साथी रूप से समय के साथ यह बंधन स्वतंत्र रूप से विकसित हुआ। उनका प्यार और समर्थन स्थिर रहा है, और यह संबंध मैं गहराई से मूल्यांकित करता हूं।

प्रश्न – फैंस आपकी और पृथ्वीराज के बीच की केमिस्ट्री को बहुत पसंद करते हैं। क्या हम भविष्य में और सहयोगों की उम्मीद कर सकते हैं जो आपके स्क्रीन पर की जाने वाली दोस्ती को दिखाते हैं?

प्रभास – मुझे खुशी है कि लोग पृथ्वीराज और मेरे बीच की यारी का आनंद ले रहे हैं। मैंने उसके साथ काम करने में पूरी तरह से आनंद लिया और हां, आप सलार 2 में और स्क्रीन ब्रोमैंस को देखेंगे। मैं सबको पार्ट 2 दिखाने के लिए बेताब हूँ। और मुझे यकीन है कि हमारा सहयोग तब तक जारी रहेगा जब तक कि मैं इस इंडस्ट्री में हूँ।

महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ 8 मार्च को रिलीज होगी

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फिल्म निर्माता राजन लूथरा की बहुप्रतीक्षित संदेशपरक फिल्म ‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ 8 मार्च को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है और इसे अंग्रेजी, हिंदी और विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं सहित कई भाषाओं में प्रस्तुत किया जाएगा। त्रिलोक फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म ‘महायोगी हाईवे वन टू वननेस’ की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो सभी धर्मों और सभी जीवित प्राणियों की अच्छाई में विश्वास करता है और ‘एक ईश्वर’ में दृढ़ विश्वास रखता है। ईश्वर के बुलावे से उसे एहसास होता है कि विश्व की वर्तमान आवश्यकता एकता, शांति और प्रेम है। मूलरूप से इस फिल्म की कहानी कलयुग से सतयुग में गहन परिवर्तन को उजागर करती है। यह सत्य और सदाचार की विशेषता वाले स्वर्ण युग की ओर बदलाव का प्रतीक है। कथा का दूसरा भाग सतयुग की सुखद स्थिति की अंतर्दृष्टि का वादा करता है, जहां हर कोई अपने भीतर भगवान की उपस्थिति महसूस करेगा। महायोगी द्वारा निर्देशित संदेश आध्यात्मिक क्रांतिकारी पहल सतयुग का द्वार खोलेगी। इस फिल्म में महायोगी की परिकल्पना के साथ परिवारों में सद्भाव, मित्रता और सच्चाई, पड़ोसी देशों हेतु एकता, राजनीति में सद्भाव, स्वर्ण युग की पहल, आंतरिक जागृति, अंतरधार्मिक सद्भाव से जुड़े तथ्यों को कथावस्तु में समावेश कर आध्यात्मिक जागृति और सार्वभौमिकता पर जोर देते हुए सकारात्मक संदेश दिया गया है कि सभी के धर्म पर विश्वास करें, सम्मान करें और प्यार करें और एक साथ मिलजुल कर खुशी से रहें। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम भारत की सच्ची संस्कृति को सभी के सामने ला सकते हैं। दिल्ली में जन्मे राजन लूथरा अमेरिका में रहते हैं। वह अपने परोपकारी स्वभाव के कारण समाजसेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं। एक सफल उद्यमी होने के बावजूद, श्री लूथरा का सच्चा जुनून उनके गैर-लाभकारी, हेल्प फाउंडेशन ग्रुप में निहित है, जिसके वे संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह संस्था 2014 से भारत में पंजीकृत है। बकौल फिल्मकार राजन लूथरा ‘महायोगी’ को तीन भागों में बनाया गया है। आज दुनिया में युद्ध को विराम देकर शांति स्थापित करने की आवश्यकता है। ईश्वर ने हमें प्रेम बांटने के लिए भेजा है न कि लड़ने झगड़ने के लिए। परस्पर एकता की अवधारणा धार्मिक सीमाओं से परे होना चाहिए। सभी समस्याओं के समाधान के लिए हम सभी को एकमत होना होगा। यह फिल्म लोगों की दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव लाने में सहायक साबित होगी।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

कन्यादान सर्वश्रेष्ठ पुण्य, किंतु उससे पूर्व करें विद्यादान -पुष्कर सिंह धामी,मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

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मुख्यमंत्री ने कपकोट में किया 100 करोड़ की 37 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री ने कपकोट, बागेश्वर में आयोजित चेलि ब्वारयूं कौतिक (मातृशक्ति उत्सव) कार्यक्रम में हुए सम्मिलित

2 जनवरी 2024,मंगलवार,देहरादून
संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश

देहरादून/कपकोट ,2 जनवरी, मंगलवार को जनपद बागेश्वर के विकास खण्ड कपकोट के केदारेश्वर मैदान में आयोजित (चेलि ब्वार्यूं कौतिग) मातृशक्ति उत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 100 करोड़ की विभिन्न विभागों की विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 19 करोड़ की 11 विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण तथा 81 करोड़ की 26 योजनाओं का शिलान्यास है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना, बागनाथ मंदिर बागेश्वर के संग्राहलय में 90 प्रतिमाओं की स्थापना किये जाने, बदियाकोट कर्मी तलाई में 100 एम.टी. गोदाम तथा आवासीय भवन का निर्माण किये जाने, विधानसभा क्षेत्र कपकोट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अपर जिला चिकित्सालय बनाये जाने, शामा में मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण किये जाने के साथ जनपद बागेश्वर के भराड़ी में मल्टी पार्किंग से संबंधित प्रस्तावों को मंजूर किये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सरयू के मूल स्थान को पर्यटन स्थल बनाये जाने की भी घोषणा की।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न घाटियों में निर्मित हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी तांबे के बर्तन में कलाकृतियां एवं रिंगाल की टोकरी भी बनाई। उन्होंने सशक्त मातृशक्ति सशक्त उत्तराखंड के तहत मातृशक्ति का पूजन कर शहीदों की वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया। जनपद में साहसिक पर्यटन, आपदा प्रबन्धन गतिविधियों का भी अवलोकन कर मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हुये लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री ने बाबा बागनाथ की पावन भूमि के साथ ही चेलि ब्यारयूं कौतिक कार्यक्रम में बडी संख्या में उपस्थित माताओं एवं बहनों को नमन करते हुये कहा कि बागेश्वर जिले हेतु लगभग 100 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास, बागेश्वर जनपद के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने रैली एवं कार्यक्रम में जनता द्वारा दिए गए सम्मान के प्रति भी सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मातृ शक्ति अपने परिवार के साथ ही समाज और प्रदेश हितों का भी ख्याल रखती हैं। मातृ शक्ति के सहयोग से ही समाज या राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव है। परिश्रम और मातृ शक्ति एक दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्र की मातृ शक्ति शिक्षित होने से उस राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य सुरक्षित रहता है। बेटियां अपने ज्ञान से दो-दो घरों को प्रकाशित करती हैं। भारतीय संस्कृति में ’’कन्यादान’’ करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है, परंतु हम सभी ’कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ भी करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉल तथा प्रदर्शित किए उत्पाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘’आत्मनिर्भर भारत’‘ के मंत्र को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। ’’सुविधा के साथ सुरक्षा भी’’ का सिद्धांत अपनाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया रहा है, बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से निरंतर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। प्रदेश की जनता की जरूरतों एवं हितों के लिये जो भी कदम उठाये जाने होंगे बिना देरी के उठाएं जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू करने के साथ ही धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार बड़े स्तर पर सरकारी भूमि में हुए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी निरंतर कार्रवाई जारी है। राज्य सरकार उत्तराखंड में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप हम राज्य के विकास और कल्याण के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’विकल्प रहित संकल्प’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिति के तहत 3.5 लाख करोड़ के एमओयू साइन किए गए हैं जिन पर निरंतर कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में बाहरी व्यक्तियों द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने पर राज्य सरकार ने अंतरिम रोक लगाई है।यह रोक भू माफियाओं एवं गलत नीयत से जमीन खरीदने वालों पर लगाई गई है। यदि कोई व्यवसाय उद्योग एवं किसी अन्य स्टार्टअप के लिए जमीन खरीदेगा, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को फायदा मिले, तो उसका उत्तराखंड में स्वागत है।

सांसद अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में निरंतर प्रगति के पद पर अग्रसर है। हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर समिति के तहत दुनिया भर से उद्योग जगत के लोगों को उत्तराखंड में बुलाया गया। आज उत्तराखंड के प्रत्येक क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है।

विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि पहली बार कपकोट क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए हैं। विभिन्न घाटियों से भी बढ़-चढ़ के लोगों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य एवं बागेश्वर जनपद निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कपकोट क्षेत्र की प्रत्येक मांग को प्राथमिकता से लेते हैं। क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में खेल मैदान, चिकित्सालय में डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जो भी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई वह पूरी हुई है।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक बागेश्वर पार्वती दास, शिव सिंह बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, भाजपा जिला अध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण, वीरेंद्र वल्दिया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल सहित बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता भी उपस्थित थी।

नज़ारा’ टीवी पर प्रसारित धारावाहिक ‘धरतीपुत्र नंदिनी’ ने पुरे किये 100 एपिसोड

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नज़ारा’ टीवी पर सोमवार से शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे प्रसारित हो रहे धारावाहिक ‘धरतीपुत्र नंदिनी’ ने 100 एपिसोड पूरा कर लिया है। डीसीटी मूवीज के बैनर तले दीपिका चिखलिया टोपीवाला द्वारा निर्मित धारावाहिक ‘धरतीपुत्र नंदिनी’ को दर्शक पहले एपिसोड से लेकर अब तक के एपिसोड के प्रति दर्शकों का आकर्षण बना हुआ है और दर्शकों का प्यार शो के हर किरदार तक पहुँच रहा है जिसके लिए इस धारावाहिक की पूरी मेकिंग टीम ने सभी दर्शकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है।
100 एपिसोड पूरे होने की खुशी के इस मौके पर शो की निर्मात्री और अभिनेत्री दीपिका चिखलिया टोपीवाला कहती हैं “पहले दिन से लेकर अब तक का सफ़र काफ़ी रोमांचक रहा। बतौर प्रोड्यूसर मुझे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पर यह टीम का सपोर्ट, लोगों के सहयोग व प्यार के बदौलत ‘डीसीटी मूवीज’ हर चुनौतियों को सफ़लता में बदलता गया। जिसका श्रेय मैं पूरी टीम को देती हूँ।”
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

गोदरेज लॉक्स का लक्ष्य है 2024 में डिजिटल लॉक बाज़ार में अपनी आय 10% तक बढ़ाना

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मुंबई, 2 जनवरी 2024: डिजिटल नवोन्मेष से प्रेरित आज के दौर में, गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस का व्यवसाय गोदरेज लॉक्स ने वित्त वर्ष 2025 तक बाज़ार हिस्सेदारी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और वह अपने डिजिटल लॉकिंग समाधानों को निरंतर विस्तार कर रही है। इस 125 साल से अधिक पुराने ब्रांड को उम्मीद है कि 25 से अधिक नए उत्पादों के साथ वह बाज़ार पर हावी होगा, जिनमें से 50% से अधिक जंप एंड लीप इनोवेशन से आएंगे।

गोदरेज लॉक्स की एक हालिया रिपोर्ट- ‘लाइव सेफ, लिव फ्री’ में यह पाया गया कि दो तिहाई से अधिक उत्तरदाता अपने घर की सुरक्षा के लिए स्मार्ट लॉक का उपयोग करते हैं। यह अध्ययन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में दर्ज सुरक्षा की दृष्टि से 5 प्रमुख संवेदनशील शहरों, अर्थात् मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, भोपाल और बेंगलोर में किया गया था।

उन्नत सुरक्षा के साथ सुविधा प्रदान करने वाली स्मार्ट होम तकनीक और डिजिटल होम सुरक्षा समाधानों को अपनाने के साथ, गोदरेज लॉक्स इस विशेष श्रेणी को बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। फिलहाल, डिजिटल लॉक की आय में हिस्सेदारी 4% है और इस व्यवसाय इकाई का लक्ष्य है इसे अगले तीन साल में इसे बढ़ाकर लगभग 20% करना।

गोदरेज लॉक्स एंड आर्किटेक्चरल फिटिंग्स एंड सिस्टम्स के बिजनेस हेड, श्याम मोटवानी के अनुसार, “सुरक्षा समाधान उद्योग में एक विश्वसनीय नाम, गोदरेज लॉक्स नवोन्मेषी डिजिटल होम सुरक्षा समाधानों की ओर बदलाव का नेतृत्व करता है जो ब्रांड के नवोन्मेषी और स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ सुविधा को सहजता से जोड़ता है। हम अत्याधुनिक तकनीक के साथ उन्नत घरेलू सुरक्षा समाधान प्रदान करने पर ध्यान देते हैं। मेकेनिकल और पारंपरिक तालों में खुद को अग्रणी के रूप में स्थापित करने के बाद, हमने प्रभावशाली 23% बाजार हिस्सेदारी के साथ अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। इस बीच, हम समग्र व्यवसाय में डिजिटल लॉक श्रेणी के योगदान को बढ़ा रहे हैं, और हम अपनी नई पेशकशों के साथ अगले साल इसे 10% तक ले जाना चाहते हैं, जो बेहद खूबसूरत हैं और उपभोक्ताओं की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किये गए हैं। घरेलू सुरक्षा के इस निरंतर विकसित हो रहे डिजिटल युग में, हमारा लक्ष्य है, घरेलू सुरक्षा के लिए विश्वसनीय और बेहतरीन लॉकिंग समाधान प्रदान कर ग्राहकों को सशक्त बनाना।”

गोदरेज लॉक्स ने आवासीय और आतिथ्य क्षेत्र के लिए भारत का पहला इंटरकनेक्टेड डिजिटल लॉक लॉन्च कर भारत के डिजिटल लॉक बाजार में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। कुल मिलाकर, उपभोक्ता अपनी विशिष्ट विशेषताओं और प्रौद्योगिकियों के साथ डिजिटल लॉक के विस्तृत पोर्टफोलियो में से चुन सकते हैं। बिना चाभी के प्रवेश, रिमोट एक्सेस कंट्रोल और वास्तविक समय की निगरानी जैसी सुविधाएं समग्र उपयोगकर्ता को बेहतरीन अनुभव प्रदान करती हैं। डिजिटल लॉक पर कंपनी की ध्यान देने की रणनीति नवोन्मेष और उपभोक्ताओं को केंद्र रखने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

ऊधमपुर व मजालता में गौ तस्करी के तीन प्रयास विफल, तीस मवेशी कराए गए मुक्त

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ऊधमपुर। ऊधमपुर जिला पुलिस ने ऊधमपुर और मजालता थाना क्षेत्रों में मवेशी तस्करी के तीन प्रयासों को विफल किया है। पुलिस ने तीनों वाहनों में से 30 मवेशियों को मुक्त कराया है। मजालता पुलिस स्टेशन की टीम ने बट्टल मोड़ में लगाए।
तलाशी अभियान में 24 गोवंशी मवेशियों को किया बरामद
नाके पर ट्रक नंबर जेके032115 व टैंकर नंबर जेके03बी-9363 को तलाशी के लिए रोका। तलाशी के दौरान पुलिस ने दोनों वाहनों में छिपा कर ले जाए जा रहे 24 गोवंशी मवेशियों को बरामद किया।
इसी तरह से ऊधमपुर थाना पुलिस की टीम ने भी नाके के दौरान वाहन नंबर जेके03सी-0130 को तलाशी के लिए रोका। पुलिस ने उसमें से चार गोवंशी मवेशियों को मुक्त कराया।

2023 में कुल मिलाकर मवेशी तस्करी के 336 मामले दर्ज

मजालता और ऊधमपुर थानों में उक्त तीनों तस्करी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।पुलिस के मुताबिक वर्ष 2023 में कुल मिलाकर मवेशी तस्करी के 336 मामले दर्ज किए गए।