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गोदरेज इंटेरियो ने अपने गुड एंड ग्रीन उत्पाद पोर्टफोलियो से वित्तीय वर्ष 24 में 42% राजस्व का रखा लक्ष्य

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गोदरेज इंटेरियो ने अपने गुड एंड ग्रीन उत्पाद पोर्टफोलियो

से वित्तीय वर्ष 24 में 42% राजस्व का रखा लक्ष्य

~वित्त वर्ष 2024 में 94% लोकल वैल्यू एडिशन से प्रेरित ~

मुंबईगोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के गोदरेज इंटेरियो बिजनेस में पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ उत्पादों की मांग में वृद्धि देखी गई है। इसी को देखते हुए अग्रणी फर्नीचर सॉल्यूशन ब्रांड ने उम्मीद जताई है कि कि वित्त वर्ष 2024 में उनके राजस्व का 42% तक हिस्सा गुड एंड ग्रीन प्रोडक्ट से हासिल होगा। यही नहीं, गोदरेज इंटेरियो ने 2032 तक इस सेगमेंट से अपने रेवेन्यू का कम से कम 50% पाने की महत्वाकांक्षी योजना भी बनाई है।

अपनी मूल कंपनी के मूल्यों और दर्शन का पालन करते हुए गोदरेज इंटेरियो का लक्ष्य हरित, कुशल और सबसे महत्वपूर्ण एक स्थानीय आपूर्ति शृंखला वाले ईकोसिस्टम के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करके अपने गुड एंड ग्रीन टारगेट को प्राप्त करना है। वर्तमान में वित्त वर्ष 24 में बिजनेस में 94% स्थानीय वैल्यू एडिशन हुआ है। गोदरेज इंटेरियो आपूर्तिकर्ताओं के साथ ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जीएचजी उत्सर्जन, अपशिष्ट प्रबंधन, सामग्री संरक्षण, पुनर्चक्रण और पुनर्चक्रण, हरित आपूर्ति श्रृंखला और हरित बुनियादी ढांचे और ईकोसिस्टम जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी तरह से इंटीग्रेट सप्लाई चेन के माध्यम से इस तेजी को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए काम कर रहा है।

इस सस्टेनेबिलिटी पहल पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज इंटेरियो के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड स्वप्निल नागरकर ने कहागोदरेज इंटेरियो अपनी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में टिकाऊ और अच्छी तरह से इंटीग्रेट सप्लाई चेन विकसित करने को बहुत अधिक प्राथमिकता देता हैं। हमारा मानना है कि एक मजबूतकुशलविश्वसनीय और लचीली सप्लाई चेन हमें अपने बिजनेस को बढ़ाने में मदद करती है। इस लक्ष्य को एक बहुत मजबूत सप्लाई प्रोग्रामक्वॉलिटी एसेसमेंट और लोकलाइजेशन के माध्यम से हासिल किया गया है। हमारे बियॉन्ड सोर्सिंग सप्लायर प्रोग्राम से हम एक सप्लाई चेन इकोसिस्टम की सुविधा प्रदान कर रहे हैं जो हमारे ग्राहकों को उपभोग विकल्प प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता से जुड़ा है और बदले में एक ग्रीन और अधिक आत्मनिर्भर भविष्य का निर्माण होता है।

सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, हमारी सस्टेनेबिलिटी रणनीति पर्यावरण के प्रति अनुकूल सामग्रियों और एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किए गए फर्नीचर की एक विस्तृत रेंज को प्राथमिकता देती है। ‘ग्रीनप्रो‘ प्रमाणित फर्नीचर उत्पादों पर हमारा ‘ग्रीन एश्योर्ड‘ लोगो एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता हैजो ग्राहकों को पर्यावरण के अनुकूल और स्वस्थ विकल्पों की ओर ले जाता है। कस्टमाइज्ड डिजाइन के साथसाथ इंजीनियर्ड मटेरियल और कुशल प्रक्रियाओं के उपयोग के माध्यम से गोदरेज इंटेरियो ने ऐसी कुर्सियां ​​बनाई हैंजिनमे सामान कम लगा है लेकिन परफॉर्मेंस बहुत अच्छी है। इससे ग्राहक को भी फायदा है।

गोदरेज इंटेरियो की अपने सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता इसके विनिर्माण स्थानों पर भी दिखाई देती है। अधिक विनिर्माण सुविधाएं जोड़ते जाने के बावजूद गोदरेज इंटेरियो ने गर्व से वॉटर पॉजिटिविटी का दर्जा हासिल किया है, कार्बन तीव्रता में 28% की कमी, विशिष्ट ऊर्जा खपत में 41% की कमी और वित्तीय वर्ष 2011 से विशिष्ट जल खपत में 10% की कमी आई है। हमारी धरती पर दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ब्रांड ने अपने सभी विनिर्माण स्थानों पर विभिन्न तकनीकों को भी लागू किया है।

माता सावित्रीबाई फुले –

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तमन्ना मतलानी – विभूति फीचर्स
क्रांतिज्योति माता सावित्रीबाई का जन्म नायगांव तालुका खंडाला जिला सातारा (महाराष्ट्र) में हुआ। उनके पिता का
नाम खंडोजी नेवसे पाटिल था।
महात्मा ज्योतिराव फुले का धर्म के ठेकेदारों ने बहुत अपमान किया। महात्मा फुले ने इन सभी की परवाह न करते हुए
1 जनवरी 1948 को पूना में लड़कियों के लिये देश का प्रथम विद्यालय आरंभ किया जिसमें पढऩे के लिये बड़ी
मुश्किल से उन्हें केवल छ: लड़कियां ही मिली थी। लड़कियों के विद्यालय में पढ़ाने के लिए कोई महिला शिक्षिका नहीं
मिली तब उन्होंने पत्नी सावित्रीबाई को लड़कियों को पढ़ाने का कार्य सौंपा। इस प्रकार सावित्रीबाई फुले इतिहास में
प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में अमर हो गई। तत्कालीन समय के अनुसार फुले दम्पत्ति का यह प्रयास धर्मविरोधी
आचरण था। जब सावित्रीबाई, घर से स्कूल जाने के लिए निकलती थी, तब लोग उन पर गोबर-पत्थर मारते थे। उस
समय सावित्रीबाई कहती थी, 'मेरे भाईयों, मुझे प्रोत्साहन देने के लिये आप मुझ पर पत्थर नहीं, फूलों की वर्षा कर रहे
हैं। तुम्हारी इस करनी से मुझे यही सबक मिलता है कि मैं निरंतर अपनी बहनों की सेवा करती रहूं, ईश्वर तुम्हें सुखी
रखे।Ó
लड़कियों को पढ़ाने का तोहफा उन्हें अपना घर-परिवार को छोडऩे के रूप में मिला। लड़कियों की पढ़ाई का
उच्चवर्णियों ने जमकर विरोध किया। उन्होंने ज्योतिराव फुले के पिता को धमकी दी। इस धमकी से डरकर ज्योतिराव
फुले के पिता ने ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई को घर से निकाल दिया। इतना सब कुछ होने के बाद भी पति-पत्नी
दोनों ने लड़कियों की शिक्षा का कार्य बंद नहीं किया एवं विधवा आश्रम तथा अनाथ आश्रम भी प्रारंभ किये। विधवा
आश्रम में करीब 100 महिलाएं रहती थी। विधवाओं तथा अनाथ बच्चों की सेवा में माता सावित्रीबाई को बहुत आनंद
मिलता था। उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक अनाथ बच्चे को गोद लेकर उसका नाम यशवंत
रखा। आगे चलकर यशवंत डॉक्टर बना और उसने भी निर्धनों की सेवा की। ज्योतिनराव फुले का 28 नवंबर 1890 को
अकस्मात निधन हो गया। सावित्रीबाई ने समाज के ठेकेदारों की परवाह न करते हुए ज्योतिराव के पार्थिव शरीर को
स्वयं अपने हाथों से मुखाग्नि दी। हजारों वर्षों के इतिहास में सावित्रीबाई ऐसी पहली महिला थी जिन्होंने अपने पति
के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। पति की मृत्यु के पश्चात भी माता सावित्री बाई ने धर्म सुधार का कार्य सतत प्रारंभ

रखा। सत्यशोधक समाज एवं अन्य संगठनों का कार्यभार अपने कंधों पर लेकर गरीब एवं समाज से उपेक्षित लोगों की
हमेशा मदद की।
सन् 1897 को पुणे में प्लेग की महामारी फैली। इस महामारी का मुकाबला करने के लिए सावित्रीबाई ने अपने डॉक्टर
पुत्र यशवंत को सरकारी अस्पताल से छुट्टी लेकर पूना बुलाया। अपने पुत्र के साथ मिलकर उन्होंने प्लेग की बीमारी
से पीडि़त लोगों की सेवा का कार्य आरंभ किया। सावित्रीबाई को मालूम था प्लेग छूत की बीमारी है। मरीजों के साथ
रहते हुए, उन्हें भी बीमारी हो सकती थी परन्तु धन्य थी माता सावित्रीबाई जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह न करते
हुए मरीजों की सेवा चालू रखी। अंत में जिस बात का डर था वही हुआ। मरीजों की सेवा करते माता सावित्रीबाई भी
प्लेग बीमारी से पीडि़त हो गयी और इसी बीमारी के चलते 10 मार्च 1897 को उनका निधन हो गया। सावित्रीबाई
फुले के द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों का आज की पढ़ी-लिखी सभी महिलाओं को अनुकरण करना चाहिए तथा
उन्हीं की तरह अडिग, अविचल होकर समाज के ठेकेदारों के तानों की परवाह न करते हुए जीवन के जटिल रास्तों पर
सतत आगे बढऩा चाहिए। (विभूति फीचर्स)

पंजाब के मल्टी स्पैशिलिस्ट हस्पताल बने लूट के अड्डे

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सुभाष आनंद -विभूति फीचर्स
पंजाब में पिछले दिनों से जिस प्रकार स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं,यह किसी से छिपी नही हैं, खासकर ग्रामीण
और सीमावर्ती क्षेत्रों के हालात राम भरोसे हैं। पाकिस्तान के शहर कसूर से विषैला पानी आने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रोंं
में कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों और सीमावर्ती क्षेत्रों में सरकारी डाक्टरों की कमी को पूरा
करने के लिए पंजाब के मल्टी स्पैशिलिस्ट हस्पतालों ने अपना स्थान बनाना शुरू कर रखा है।
पंजाब में मल्टी स्पैशिलिस्ट हस्पतालों के प्रबंधकों ने मरीजों को अपनी तरफ खींचने के लिए अब गांवों में मुफ्त
मैडीकल कैंपों का आयोजन करना शुरू कर दिया है। मैडीकल कैंप लगवाने के लिए वह शहरी संगठनों का सहयोग ले
रहे हैं। मैडीकल कैम्पों को सफल बनाने के लिए बड़े बड़े विज्ञापन दिए जाते हैं। कैम्पों में मुफ्त चेकअप के के नाम पर
ग्रामीण लोग इनके चक्कर में फंस जाते हैं। कैम्पों में आने वाले लोगों को फिर अपन हस्पतालों में बुलाकर कई प्रकार
के महंगे टैस्ट करवाए जाते हैं, ह्रदय रोगियों को वाल्व बदलने और स्टेंट डलवाने के नाम पर लाखों रुपए की लूट
मचाई जाती हैं और वहां रोगियों का तरह तरह का शोषण किया जाता है। रोगियों पर इतना मानसिक दबाव डाला
जाता है कि यदि तुरंत आपरेशन नहीं हुआ तो स्थिति विकट हो सकती है।
सतलुज के किनारे बसे भारतीय कई प्रकार की बीमारियों से पीडि़त सिविल अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण
लोगों को प्राईवेट हस्पतालों का रुख करना पड़ता है। बड़े-बड़े हस्पतालों के मालिकों ने आगे कस्बों में मरीजों को देखने
के लिए अपनी अपनी शाखाएं स्थापित कर रखी हैं,जहां विशेषज्ञ डाक्टर सप्ताह में एक दिन जाकर रोगियों को खींचते
हैं।
इन बड़े अस्पतालों में स्पर्धा इतनी बढ़ चुकी है कि कई हस्पतालों में ओ.पी.डी फीस 10 रुपए से 30 रुपए तक कर दी है।
इन बड़े बड़े अस्पतालों ने अपने मैडीकल स्टोर और लैबार्टी स्थापित कर रखे है जो बड़ी कमाई का स्रोत है। मालिकों ने
गांवों और शहरों में कई एजेंट भी रखे हुए हैं जो नीम हकीम डाक्टरों के साथ साथ छोटे मोटे डाक्टरों से संपर्क बनाए

रखते हैं ताकि वह अधिक से अधिक मरीजों को उनके अस्पतालों में भेजे,इसके लिए उन्हें उचित कमीशन दी जाती है।
मोटी कमाई करने के लिए कई बार डाक्टर मरीजों को वहम में डाल देते हैं। मेडीकल कैम्पों के नाम पर ग्रामीणों और
सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है,कुछ मरीजों को ह्रदय रोगी बताकर उनका
खुलेआम शोषण किया जा रहा है।
भारतीय समाज में जहां डाक्टरों को दूसरा भगवान कहा जाता था,अब डाक्टर की परिभाषा पूरी तरह बदल दी है।
चक्क जानीसर के सरपंच ने बताया कि यदि एक बार इन अस्पतालों में कोई मरीज दाखिल हो जाए तो उन्हें छुट्टी के
लिए जितनी बार विनती कर ली जाए उन्हें छुट्टी निर्धारित समय पर ही दी जाती है और इन हास्पिटल मीटर चलता
रहता है। लोगों का कहना है कि प्राईवेट लोगों द्वारा बनाए गए मल्टी स्पैशिलिस्ट अस्पताल लूट के अड्डे बनते जा
रहे हैं,इसकी गतिविधियों को रोकने के लिए पंजाब सरकार द्वारा एक एक्ट विधानसभा में लाना जरूरूी होगा।
अमृतसर में किस प्रकार की हड्डियां बदलने के लिए अंग डाले जाते है उसको लेकर कई प्रकार के प्रश्न उठ रहे हैं।
आंखों के आपरेशन के लिए भी भोलीभाली जनता को लूटा जा रहा है। 200 रुपए वाला लैंस 20,000 में बेचा जा रहा है।
इस खुली लूट के लिए मल्टीस्पैशिलिस्ट हस्पतालों के बारे डायरेक्टर हैल्थ पंजाब चंडीगढ़ से पूछा गया कि इन
अस्पतालों में पर आप का क्या कंट्रोल है,उन्होंने इसको लेकर कोई पुख्ता उत्तर नही दिया।
कुछ मल्टी स्पैशिलिस्ट अस्पतालों में पूरा योग्यता प्राप्त स्टाफ काम कर रहा है, जबकि कई अस्पतालों में पूरी तरह
स्टाफ काम कर रहा है,जिससे अप्रिय घटनाएं घटती है तो अस्पताल प्रबंधक पूरी तरह दोषी हैं। सूत्रों से पता चला है कि
जिन मरीजों को इन मल्टी स्पैशल अस्पतालों में उचित इलाज नही मिल रहा उनके द्वारा कोर्ट में केस इन मालिक के
खिलाफ दायर किए हुए हैं। कुछ केस जिलों की कंज्यूमर कोर्ट में भी चल रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 7 फीसद केसों में न्याय पालिका और कंज्यूमर कोर्ट बड़े -बड़े अस्पतालों के विरुद्ध
निर्णय दे चुकी है और उन पर बड़े बड़े जुर्माने लगा चुकी है। कंज्यूमर कोर्ट में बड़े अस्पतालों में लापरवाही के केसों की
संख्या बढ़ती जा रही है,स्टेट कंजूमर कोर्ट के प्रवक्ता का कहना है कि गांवों के अधिकतर भोलेभाले लोग
न्यायपालिका से परहेज कर रहे हैं। (विभूति फीचर्स)

राज्य के बुनियादी विकास से जुडी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा क्रियान्वित. -पुष्कर सिंह धामी,मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

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राज्य के बुनियादी विकास से जुडी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा क्रियान्वित.
-पुष्कर सिंह धामी,मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

 

9 जनवरी 2024,मंगलवार, देहरादून
संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश

 

देहरादून,9 जनवरी, मंगलवार सचिवालय में उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में पहली बोर्ड बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बोर्ड एवं कार्य समिति की संरचना के साथ ही 10 करोड के प्रारम्भिक कॉरपस कोष के गठन को भी मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास से जुडी परियोजनाओं की पहचान कर उनका प्राथमिकता के साथ उनका सफल क्रियान्वयन हो इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। राज्य में हवाई अड्डों के विकास एवं विस्तार, दूरसंचार अवसंरचना, मेडिकल कॉलेजों के विकास, नई टाउनशिप-आवास, औद्योगिक लॉजिस्टिक गलियारे, पर्यटन संबंधी निर्माण विकास जैसी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र की परियोजनाओं के विकास के लिए अत्यधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि राज्य में वित्तीय संसाधनों की सीमितता के दृष्टिगत राज्य के आधारभूत अवसंरचनात्मक ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इस क्षेत्र के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पूंजी निवेशकों को आकर्षित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए लोक निजी सहभागिता (पी०पी०पी०) परियोजनाओं के प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के बुनियादी ढांचागत विकास के क्षेत्र में निरन्तर परिवर्तित हो रहे परिदृश्य एवं विकास की नवीन आवश्यकताओं के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने हेतु और पी०पी०पी० परियोजनाओं को विकसित करने हेतु उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) गठित किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यू.आई.आई.डी.बी. का गठन किया गया उसके परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखाई दे इसके लिये प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किया जाय।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बोर्ड की संरचना तथा कार्यकारी समिति से संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों सहित अच्छे विषय विशेषज्ञों को भी नामित किया जाय। यदि बोर्ड से अच्छे और अनुभवी विशेषज्ञ जुडेंगे तो कार्यों का संचालन भी बेहतर ढंग से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है उनकी प्राथमिकता तय कर समयबद्धता के साथ उन्हें पूरा करने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि हरिद्वार, ऋषिकेश कोरिडोर, शारदा कोरिडोर के साथ वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर स्थान चयन में प्राथमिकता दी जाय।
उन्होंने कहा कि राज्य वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये त्रिजुगीनारायण के अलावा कई और भी सुरम्य स्थल है। राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी निर्देश है।
अतः इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाय। इसके लिये उन्होंने वेडिंग प्लानर की सेवा लेने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो नई टाउनशिप के प्रस्तावों पर भी शीघ्र कार्यवाही के साथ बिहारीगढ के आसपास के क्षेत्रों के विकास के साथ रेसकोर्स, यमुना कॉलोनी, एच.एम.टी. रानीबाग के पुनर्विकास की योजनाओं पर भी ध्यान देने को कहा।

क्लब महिंद्रा ने दक्षिण पूर्व एशिया में उपस्थिति मजबूत की

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 ~पने मेंबेर्स को सर्वोत्तम रूम ऑफर करने के लिए वियतनाम और इंडोनेशिया के शानदार रिसॉर्ट्स से साझेदारी

मुंबई 9 जनवरी 2024: महिंद्रा हॉलिडेज एंड रिसॉर्ट्स इंडिया लिमिटेड (एमएचआरआईएल) के प्रमुख ब्रांड क्लब महिंद्रा ने अपने सदस्यों को सर्वोत्तम रूम की पेशकश करने के लिए वियतनाम और इंडोनेशिया के बेहतरीन रिसॉर्ट्स के साथ साझेदारी करते हुए दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। इस साझेदारी से मेंबर्स को वियतनाम में दो उत्कृष्ट रिसॉर्ट्स – सिटाडाइन्स पर्ल होई एन और सिटाडाइन्स बेफ्रंट के साथ ही बाली के एक्जॉटिक एन्क्लेव में से एक, अयोध्या रिज़ॉर्ट तक पहुंच प्रदान करेगी। यह रणनीतिक कदम अविस्मरणीय हॉलिडे एक्सपीरियंस देने में क्लब महिंद्रा की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और दक्षिण पूर्व एशिया में अद्वितीय अनुभव चाहने वाले पर्यटकों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करता है।

इन वर्षों में, समूह ने कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम सहित दक्षिण पूर्व एशिया में रिसॉर्ट्स में सफलतापूर्वक अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। इन नई साझेदारियों के साथ, क्लब महिंद्रा अब दक्षिण पूर्व एशिया में 12+ रिसॉर्ट्स और कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 60+ डेस्टिनेशंस पर लीश़र हॉलिडे का शानदार ऑफर दे रहा है।

सिटाडाइन्स पर्ल होई एन, एन बैंग बीच पर बसा एक उष्णकटिबंधीय शानदार ट्रॉपिकल हैवन है, जहां क्लासिकल वास्तुकला कन्टेम्परेरी कम्फर्ट के साथ सहजता से दिखाई देती है। होई एन प्राचीन शहर के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल से केवल 10 मिनट की दूरी पर बसा हुआ है। मेहमान यहां पर वोट टूर्स, रात की सैर, ट्रा क्यू वीलेज एक्सप्लोरेशन करने के साथ ही कई रोमांचक वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद उठा सकते हैं। बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित रिज़ॉर्ट में एक विशाल आउटडोर स्विमिंग पूल भी है, बीच एक्टिविटिज के साथ ही यहां आउटडोर गेम के शौकीनों के लिए एक टेनिस कोर्ट है, जो एक आरामदायक विश्राम के लिए सही व उपर्युक्त जगह है। मेंबर्स 13 जनवरी 2024 से चेक-इन के लिए वेब और ऐप के माध्यम से रिसॉर्ट बुक कर सकते हैं।

सिटाडाइन्स बेफ्रंट लालित्य और वियतनामी आकर्षण का अनुभव कराता है। यहां का मनु स्पा और एनगॉन गैलरी सीफूड बुफे सी फूड शौकीनों के साथ मेहमानों को हमेशा से लुभाता रहा है। कैम रैन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सुविधाजनक रूप से 35 किमी दूर स्थित है यह रिजॉर्ट। पास में ही लॉन्ग सोन पैगोडा है, जहां की शांति लोगों को सुखद अनुभूति देती है। विनपर्ल मनोरंजन पार्क का रोमांच महसूस करने के साथ ही कोस्टल एस्केप के लिए आपको बस 40 मिनट की जर्नी तय करनी होगी। मेंबर्स 14 जनवरी 2024 से चेक-इन के लिए सिटाडाइन्स पर्ल होई एन वेब और ऐप पर अपना स्टे बुक कर सकते हैं।

बाली का अयोध्या रिज़ॉर्ट, 29 एकड़ में फैला यह रिजॉर्ट बालीनुसा समुद्र तट के करीब एक भव्य वॉटर पैलेस है, जहां स्वर्ग जैसी अनुभूति होती है। यहां का प्राकृतिक उद्यान और बेजोड़ समुद्र तट का शानदार नजारा आगंतुकों को आकर्षित करता है। रणनीतिक रूप से यह रिज़ॉर्ट उलुवातु मंदिर और गरुड़ विष्णु केनकाना (जीडब्ल्यूके) कल्चरल पार्क के पास स्थित है, जो मेहमानों को सांस्कृतिक अनुभव और लुभावने समुद्री दृश्य का आनंद प्रदान करता है। 13 जनवरी 2024 से चेक-इन के लिए वेब और ऐप पर बुकिंग खुली है।

500 वर्षीय कथा हिंदू आस्था से जुड़े श्रीराम के मंदिर निर्माण के संघर्ष पर आधारित है फिल्म ‘695’

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मुम्बई। एक ऐतिहासिक साक्ष्य के साथ सनातन धर्म की महत्ता एवं अयोध्या राम जन्मभूमि में श्री राम मंदिर की स्थापना को दर्शाने के प्रयास में, निर्देशक रजनीश बेरी, शदानी फिल्म्स Shadani Films के सहयोग से, लेकर आए हैं फिल्म ‘695’।
फिल्म में एक 500 वर्षीय कहानी है जो अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण के लिए की गई अड़ंगों से भरी है।
निर्माता श्याम चावला के नेतृत्व में, ‘695’ सिर्फ कथा नहीं है, बल्कि यह घटनाओं के गहरे अन्वेषण में बहुतायती दृष्टिकोण में गहरा है, जिन्होंने एक सदियों पुराने सपने की सच्चाई की प्राप्ति की।
इस फिल्म में अरुण गोविल, गोविंद नामदेव, मुकेश तिवारी, अशोक समर्थ, मनोज जोशी, के. के. रैना, शैलेंद्र श्रीवास्तव, दयाशंकर पांडेय, विकास महंते और गरिमा अग्रवाल ने अभिनय किया है। इस फिल्म के मीडिया कोऑर्डिनेटर सुशीलाजीत साहनी (70MM) हैं।
निर्माता के अनुसार यह फिल्म हर भारतीय के साथ समर्थन करने का वादा करती है।
मुम्बई में जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर में ट्रेलर रिलीज के अवसर पर अपने उत्साह को व्यक्त करते हुए, अरुण गोविल ने कहा कि इस अमर कथा को पुनः आत्मसात करना एक सम्मान है जो लाखों दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। ‘695’ बस एक फिल्म नहीं है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और श्रद्धा की जीत का उत्सव है।
फिल्म का विषय आने वाली पीढ़ी को ये बताने का प्रयास है कि किस प्रकार हिंदू आस्था केंद्रों पर आक्रांताओं ने आक्रमण किया और धर्म परिवर्तन के साथ ही अतिक्रमण किया गया।
फिर लंबे अंतराल के बाद किस प्रकार सदियों के संघर्ष उपरान्त पुनः प्राप्त किया गया है।
फिल्म में एक राजनैतिक दल एवं हिंदू संघठनो, साधु संत समाज की भूमिका को भी दर्शाया गया है
ताकि इस गौरवशाली अतीत को भुलाया ना जा सके।
फिल्म का शीर्षक इन्हीं घटनाओं की तिथियों पर आधारित है।
695 जो राम भक्तों के लिए अब पवित्र अंक माना जा सकता है।
श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को ढांचा विध्वंस,
9 नवम्बर 2019 को न्यायालय का फैसला। फिर 5 अगस्त 2020 को मंदिर का शिलन्यास।
‘695’ के साथ, निर्माताओं का लक्ष्य महाकाव्य से पीछे छुपे तथ्यों को प्रस्तुत करना है, जिससे दर्शकों को प्रभावित किया जा सके और विशेष रूप से भगवान राम और राम मंदिर के समर्थन में बुने गए श्रृंगारी सूत्रों की शोभा का उत्सव मनाया जा सके। यह सिनेमाटिक अद्भूतकला एक कथा से अधिक होने का वादा करती है।
यह केवल एक फिल्म ही नहीं अपितु एक भावनात्मक यात्रा है, सहनशीलता का उत्सव है और विश्वास की स्थायिता का साक्षात्कार है।

प्रस्तुति – संतोष साहू

शाहरूख खान ने 2023 में ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘डंकी’ के साथ बॉलीवुड की कुल 4400 करोड़ की कमाई में 2600 करोड़ का दिया योगदान

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शाहरूख खान ने 2023 में ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘डंकी’ के साथ बॉलीवुड की कुल 4400 करोड़ की कमाई में 2600 करोड़ का दिया योगदान……!
                      जियो स्टूडियोज, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और राजकुमार हिरानी फिल्म्स के बैनर तले राजकुमार हिरानी और गौरी खान द्वारा निर्मित फिल्म ‘डंकी’ रिलीज होने के बाद भारत में 200 करोड़ और दुनिया भर में 400 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यह फिल्म दुनिया भर के दर्शकों के लिए एक बेहद आकर्षक और रिलेटेबल  कहानी लेकर आई जिसने वास्तव में दर्शकों के दिलों को छू लिया है। शाहरुख खान की एक नॉन-एक्शन फिल्म होने के नाते ‘डंकी’ ने हाल के दिनों में सबसे ज्यादा कलेक्शन और लोकप्रियता देखी है। ‘डंकी’ चार दोस्तों की एक दिल छू लेने वाली कहानी लाई, जिनके सपने विदेश जाने के थे लेकिन इसके लिए जब वे ‘डंकी’ रूट चुनते हैं, तो उन्हें कई बाधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह फिल्म देश के प्रति प्रेम की भावना को उजागर करती है और न केवल ‘डंकी’ फ्लाइट पर रोशनी डालती है, बल्कि सीमा पार करने और बेहतर अवसरों के लिए पलायन करने के इच्छुक लोगों पर भी प्रकाश डालती है। यह ध्यान देने वाली बात है कि इस फिल्म को जिस तरह का प्यार मिला है वह वाकई शानदार है और इसने फिल्म को 2023 की सबसे पसंदीदा फिल्म बना दिया है। ‘डंकी’ की शानदार सफलता के साथ, शाहरुख खान ने 2023 में हैट्रिक बनाई है। ‘पठान’, ‘जवान’ और अब डंकी के साथ, शाहरुख खान ने पूरे साल बॉक्स ऑफिस पर राज किया है। ‘पठान’ ने 1,050.30 करोड़ की कमाई की, जबकि ‘जवान’ ने दुनिया भर में 1,148.32 करोड़ का लाइफटाइम कलेक्शन किया और अब ‘डंकी’ ने एक ही साल में ब्लॉकबस्टर देने के किंग खान के सिलसिले को बरकरार रखते हुए 400 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। डंकी में शानदार कलाकारों की टोली है, जिसमें शाहरुख खान के साथ-साथ बेहद टैलेंटेड अभिनेता बोमन ईरानी, ​​तापसी पन्नू, विक्की कौशल, विक्रम कोचर और अनिल ग्रोवर द्वारा रंगीन किरदार निभाए गए हैं।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

आमिर खाम एक पिता के रूप में भी है परफेक्ट, इरा की शादी की जिम्मेदारियों को बाखूबी निभाया

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अनिल बेदाग, मुंबई
आमिर खान कितने भी बड़े सुपरस्टार क्यों न हो, लेकिन जब बात एक पिता के रूप में आमिर खान की होती हैं तो वो भी एक आम पिता की तरह ही फील और बिहेव करते हैं, जिसका नजारा उनकी बेटी इरा खान की वेडिंग फेस्टिवीज में खूब देखने मिला है। जी हां, जबकि वह अपनी बेटी इरा खान के बिग डे के लिए तैयारी कर रहे हैं, वह यह भी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि सभी परंपराओं और रीति-रिवाजों को उसी तरह पूरा किया जाए, जिस तरह दूल्हे का परिवार चाहता है। दुल्हन के पिता की भूमिका निभाते हुए, आमिर महाराष्ट्रीयन प्री-वेडिंग रिचुअल्स की पेचीदगियों को देखते हुए असली ट्रेडिंशन को फॉलो करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
आमिर खान की बेटी इरा खान ने 3 जनवरी को एक सेरेमनी में अपने लॉंग टर्म बॉयफ्रेंड नुपुर शिखारे से अपनी शादी को रजिस्टर किया। जबकि कपल ने 2022 में डेटिंग शुरू की, आखिरकार उन्होंने मुंबई के ताज लैंड्स एंड में शादी कर ली, जो एक ग्रैंड सेलिबेशन था जिसमें दुनिया के मशहूर लोग नजर आएं। ऐसे में एक केयरिंग और डॉटिंग डैड का फर्ज निभाते हुए आमिर खान ने व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित किया कि शादी की तैयारियों में कोई कमी न रह जाए और हर छोटी बात का ध्यान रखा जाए।
     उन्होंने शगुन की मेहंदी और हल्दी समारोह को दूल्हे के परिवार के साथ मिलकर मनाने का फैसला किया। ऐसे में  हर कोई नथ, गजरा और सभी खूबसूरत गहनों को पहने नजर आया।  उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके परिवार की महिलाएं शिखरे महिलाओं की तरह ही पारंपरिक नववारी साड़ी पहनें। तस्वीरें सामने आने पर हम देख सकते हैं कि निशा, गौरी, रीना, आमिर खान, निकहत (बहन), लक्ष्मी, लीना और फरहत (बहन) को देख सकते हैं।  चूँकि बेटी की शादी एक महाराष्ट्रीयन परिवार में हो रही है, आमिर वह सब कुछ कर रहे हैं जो दूल्हे के परिवार ने कहा है।
    दुल्हन के पिता की भूमिका निभाते हुए, मेगास्टार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करते नजर आए जिसकी जरूरत थी। वह हर रस्म महाराष्ट्रीयन परंपराओं के अनुसार की, जैसा कि दूल्हे का परिवार चाहता है।
     जिस ईमानदारी से उन्होंने इस सांस्कृतिक समृद्धि में न केवल वर पक्ष की महिलाओं को बल्कि इरा के पक्ष की महिलाओं को भी शामिल किया है, वह उनकी प्रतिबद्धता का सबूत है। अपनी बेटी की शादी को एक यादगार अनुभव बनाने में आमिर खान का पूरा ध्यान दिया और यह चीज इस बात की याद दिलाती है कि वह एक पॉपुलर सुपरस्टार होने के बावजूद, उनकी सफलता का असल पैमाना अपने बच्चों की खुशी में है।
     साफ है, आमिर खान हमें हर उस भारतीय पिता की याद दिलाते हैं जो चाहता है कि उसकी बेटी एक हैप्पी ब्राइड बने और उसकी शादी एक यादगार पल बन जाए। और इरा खान की शादी में आमिर खान का जो रूप देखने मिला है उससे साबित होता है कि भले ही आप देश के सबसे बड़े सुपरस्टार हों और सारा स्टारडम आपके कदमों में हो, लेकिन जब पिता बनने की बात आती है, तो वह हमेशा चिंतित, विनम्र और अभिभूत और अपनी बेटी के लिए खुशियां ही चाहते हैं।

Rajasthan News: BJP सरकार बनने के बाद मेवात में गौ तस्करों के खिलाफ एक्शन

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Rajasthan News: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. डीग जिले के मेवात इलाके में इन दिनों गौ तस्करी के खिलाफ पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है. गुरुवार को भी पुलिस ने पीछा कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया था और आज (5 जनवरी) की सुबह भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा के रहने वाले चार गौ तस्करों को गिरफ्तार किया है. साथ ही गोवंश से भरी पिकअप गाड़ी को जब्त किया है. इसके अलावा पुलिस ने एक लग्जरी कार को भी जब्त किया है.
जानकारी के अनुसार डीग जिले की सीकरी थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि गौ तस्कर एक गोवंश से भरी पिकअप गाड़ी ले जा रहे हैं. साथ ही चार गौ तस्कर एक लग्जरी कार से गोवंश से भरी पिकअप गाड़ी को एस्कॉर्ट कर रहे हैं. गौ तस्करी की सूचना पर डीएसटी टीम ने कई किलोमीटर तक गौ तस्करों का पीछा कर चार गौ तस्करों को गिरफ्तार किया और 6 गोवंश को मुक्त कराया है.
बीते दिनों भी हुई थी कार्रवाई
गौरतलब है कि बीते दिन भी डीग जिले के नगर थाना क्षेत्र में गौ तस्करों ने पुलिस द्वारा पीछा करने पर पुलिस पर फायरिंग की थी और पुलिस ने पीछा करते हुए दो गौ तस्करों को गिरफ्तार किया था. साथ ही 25 गोवंश को मुक्त कराकर गौशाला में पहुंचाया था. साल 2014 में बीजेपी की वसुंधरा सरकार ने भरतपुर के मेवात क्षेत्र में गौ तस्करी पर लगाम लगाने के लिए 5 गोरक्षा पुलिस चौकी खोली थी, लेकिन पुलिस स्टाफ उपलब्ध नहीं होने की वजह से यह चौकियां ठप पड़ी हुई हैं और गौ तस्करों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.
गोवंश को पहुंचाया गौशाला
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए चारों गौ तस्कर हरियाणा के रहने वाले हैं, जिनकी पहचान लियाकत, जावेद, आजाद और जानू के रूप में हुई है. यह गौ तस्कर गोवंश से भरी पिकअप गाड़ी में 6 गोवंश को भरकर हरियाणा की तरफ ले जा रहे थे. साथ ही यह गौ तस्कर एक लग्जरी कार में बैठकर उसको एस्कॉर्ट कर रहे थे. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है और गोवंश से भरी पिकअप गाड़ी और लक्जरी कार को जब्त कर गौवंश को गौशाला पहुंचा दिया है.

बातचीत ‘सालार’ के अभिनेता प्रभास के साथ…! फिल्म ‘सलार’ के सेट पर मित्रता का रंग : प्रभास और पृथ्वीराज की अनकही बातें आई सामने

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बातचीत ‘सालार’ के अभिनेता प्रभास के साथ…!
फिल्म ‘सलार’ के सेट पर मित्रता का रंग : प्रभास और पृथ्वीराज की अनकही बातें आई सामने……!
* एस एस राजमौली ने आपको ‘सलार’ करने के लिए प्रोत्साहित किया और आप अपने आने वाले परियोजनाओं पर अक्सर उससे सलाह लेते हैं। जब फिल्ममेकर प्रशांत नील ने आपको ‘सलार’ के बारे में बताया, तो आप सीधे उनके पास गए। क्या आपको लगता है कि एसएस राजमौली की इस चयन में ‘बाहुबली’ के बाद विश्वास बढ़ा था? आपके ख्याल में उनकी सलाह पर कितना विश्वास है ?
—- “हाँ, लगभग 15 साल हो गए हैं फिल्म ‘छत्रपति’ के बाद, हमने दोस्ती बनाई है। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। जब प्रशांत या कोई और आता है, हम सामान्य चर्चा करते हैं। राजमौली ऐसा नहीं करते कि, ‘तुम्हें ऐसा करना चाहिए’, या ‘तुम्हें वैसा करना चाहिए’। हम दोस्तों की तरह बातचीत करते हैं। मैंने राजमौली को प्रशांत के साथ काम करने की सूचना दी और हमारी चर्चाओं के बारे में जानकारी दी। मैं हमेशा अपनी योजनाओं और अपने मन के बारे में साझा करता हूँ, और हमारी बातचीत एक दोस्ताना चैट की तरह होती है जहां उन्होंने भी मुझे अपने परियोजनाओं के बारे में अपडेट दिया। हमारे इंटरएक्शन का स्वभाव—व्यक्तिगत जीवन की चर्चाएं और फिल्म से संबंधित बातें करने का एक मिश्रण है। मेरे दोस्त और परिवार दोनों ही प्रशांत के साथ मेरे काम पर उत्सुक हैं और वे ‘सलार पार्ट 2’ के लिए भी बेताब हैं।”
 * अब जब ‘सलार 2’ का ऐलान हो गया है, तो हम इसे कब देख सकते हैं, और आप सभी के साथ फिर से जुड़ने  के लिए कितने उत्सुक हैं?*
—-“हाँ, कहानी पहले से ही तैयार है, और हम बहुत जल्दी इसे शुरू करेंगे, लक्ष्य यह है कि हम दर्शकों को जल्दी से फिल्म पहुंचा सकें। मुझे पता है कि मेरे कई प्रशंसक इसके रिलीज़ के लिए बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। हम  जल्द ही ‘सलार पार्ट 2’ के विवरणों को उजागर करेंगे।”
 * आपके और पृथ्वीराज के बीच स्क्रीन के बाहर कैसा रिश्ता है ?
——- “पृथ्वी सर का इस  प्रोजेक्ट को स्वीकार करना मुझे बहुत प्रभावित किया और मैं उसकी विशेषता और महत्ता को महसूस करता हूं। वह एक सुपरस्टार और एक शानदार व्यक्तित्व हैं। मुझे बेहद खुशी है कि उन्हें फिल्म पसंद आई और वह इस फ़िल्म से जुड़े , अब हम पार्ट 2 के लिए तैयार हो रहे हैं। पृथ्वी सर के साथ काम करना शानदार रहा है, वह सेट पर हमेशा कूल रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया, ‘अगर एक खूबसूरत लेख है, तो इसे देवा को ना नही कहना चाहिए, क्योंकि इससे उसके पात्र के लिए बेहतर काम करेगा। पृथ्वी सर एक अद्भुत बहु-प्रतिभागी हैं, वे केवल एक टॉप के निर्देशक और सुपरस्टार ही नहीं हैं, बल्कि एक शानदार व्यक्तित्व भी हैं। मैंने उसके साथ काम करने का बहुत आंनद उठाया, मैं उनके साथ और भी कई सालों तक कॉलेब्रेशन करने के लिए उत्सुक हूं। हम एक मजबूत दोस्ती बना रहे हैं। मैं पृथ्वी सर का आभारी हूं कि उन्होंने इस फिल्म का हिस्सा बनाया। उनकी विनम्रता की सराहना की जाती है। मैं उनके साथ काम करने के अनुभव को महत्वपूर्ण मानता हूं और भविष्य में उनके साथ और अधिक परियोजनाओं में सहयोग करने की आशा करता हूं।”
* प्रशांत नील यूनिवर्स के बारे में आपकी दो पसंदीदा चीजें क्या हैं ?
—–“मुझे उसकी कला के कई पहलुओं की सराहना है—उसके अभिनेताओं की प्रस्तुति, कला, कैमरा काम (सहित फोटोग्राफी), संपादन, और स्क्रीनप्ले। मुझे यह पसंद है कि वह अपने हीरोज को उच्चतम स्थान पर लेकर जाते हैं और क्रिया दृश्यों को डिज़ाइन करते हैं। उनके साथ काम करना आनंददायक है, और मैं हमेशा उसके साथ सहयोग करना चाहता था। हम जल्द से जल्द पार्ट 2 को रिलीज़ करने के लिए उत्सुक हैं।”
 * आपकी फिल्मों में ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में प्रतिष्ठा बन गई है, पहले ‘बाहुबली’ और अब ‘सलार’! आप अपने पात्रों में तेज़ी कैसे लाते हैं ?
——“मुझे ऐसा प्रतिष्ठान प्राप्त होने पर भाग्यशाली मानता हूँ, लेकिन मैं मानता हूँ कि यह मुख्य रूप से कहानी और निर्देशक की दृष्टि के कारण है। जिसे निर्देशक ने तेज़ दृश्य को शक्तिशाली तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों को असर हुआ। मुझे खुशी है कि मेरे प्रशंसक मेरे गंभीर, या जिसे आप ‘एंग्री’ कह सकते हैं, दृश्यों को सराहते हैं। मौजूदा स्थिति के अनुसार दिखाई जाने वाले ‘एंग्री मैन’ का चित्रण निर्देशक के विवेचन और सीन के साथ समर्थन होने के कारण प्रभावी है।”
* ‘डार्लिंग’ शब्द आपके प्रशंसकों के साथ जुड़ा हुआ है। इन वर्षों आपके साथ यह अद्वितीय बंधन कैसे विकसित हुआ ?
—– “शब्द ‘डार्लिंग’ एक फिल्म ‘बुज्जीगड़ु’ से आया था, ‘डार्लिंग’ के रूप में संदर्भित होने के लिए मेरे प्रशंसकों के साथी रूप से समय के साथ यह बंधन स्वतंत्र रूप से विकसित हुआ। उनका प्यार और समर्थन स्थिर रहा है, और यह संबंध मैं गहराई से मूल्यांकित करता हूं।”
* फैंस आप और पृथ्वीराज के बीच की केमिस्ट्री को बहुत पसंद करते हैं। क्या हम भविष्य में और सहयोगों की उम्मीद कर सकते हैं जो आपके स्क्रीन पर की जाने वाली दोस्ती को दिखाते हैं” ?
——“मुझे खुशी है कि लोग पृथ्वीराज और मेरे बीच की यारी को आनंद ले रहे हैं। मैंने उसके साथ काम करने में पूरी तरह से आनंद लिया और हां, आप सलार 2 में और स्क्रीन ब्रोमैंस को देखेंगे। मैं सबको पार्ट 2 देखने के लिए बेताब हूँ। और मुझे यकीन है कि हमारा सहयोग तब तक जारी रहेगा जब तक कि मैं इस इंडस्ट्री में हूँ।”
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय