भारत में गाय को माता कहकर पुकारा जाता है, वहीं भारत के अंदर यूं तो गाय की कई नस्लें मौजूद हैं, लेकिन इनमें से भी कुछ नस्ल ऐसी हैं, जिनका इतिहास और हिंदू धर्म से एक अनोखा रिश्ता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं कपिला गाय के बारे में | ये एक ऐसी नस्ल है, जो न केवल हिंदू आस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके जरिए प्राप्त दूध और अन्य उत्पादों से ओटिज्म जैसे रोगों से भी बचा जा सकता है। आज हम अपने इस लेख में कपिला गाय के महत्व से लेकर इससे जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां साझा करने जा रहे हैं जैसे – कपिला गाय की पहचान कैसे करें, कपिला गाय 1 दिन में कितना दूध दे सकती है, कपिला गाय कहां पाई जाती है और सस्ती कपिला गाय कैसे खरीदें आदि। ऐसे में अगर आप कपिला गाय से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो इस लेख पर अंत तक बने रहें।
कपिला गाय की नस्ल सबसे पहले भारत में ही पाई गई थी, लेकिन ये सबसे पहले कर्नाटक में मिली थी या गोवा में इसके बारे में कुछ भी साफ नहीं कहा जा सकता। हालांकि जानकार कपिला गाय को दोनों ही स्थानों की गाय मानते हैं। कपिला गाय अपने गुणों के चलते आज देश के लगभग हर कोने तक पहुंच गई है।
कपिला गाय की नस्ल को गौंटी और गवती के नाम से भी जाना जाता है। इस नस्ल की गाय अधिकतर सफेद रंग की होती हैं, लेकिन इन्हें काले, ब्राउन या हल्के लाल रंग में भी देखा जा सकता है। कपिला गाय की नस्ल मध्यम आकार की होती हैं और इनका चेहरा सफेद एवं इनकी बोंहे भी सफेद होती हैं। इसके अलावा इस कपिला गाय की नस्ल का कूबड़ उठा हुआ होता है और इनका वजन 200 से लेकर 225 किलो तक जा सकता है।
कपिला गाय भारत की उन चुनिंदा नस्लों में से एक है जिन्हें पालना काफी सरल है। इन्हें अधिक आहार की आवश्यकता नहीं होती .