भाजपा संसदीय बोर्ड ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल राजस्थान मूल के जगदीप धनखड़ को उप-राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाने पर सहमति जताई है। शनिवार को इसका एलान शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया। जगदीश धनखड़ (NDA VP candidate Jagdeep Dhankhar) अब एनडीए के उप-राष्ट्रपति के प्रत्याशी होंगे। जानिये जगदीश धनखड़ का कैसा रहा है सियासी सफर…

सीएम ममता बनर्जी के मुखर आलोचक

जगदीप धनखड़ वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। 2019 में बीजेपी ने उनको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया। तब से लेकर अब तक उनकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ठनती रही। पिछले महीने उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ शामिल हुए और उन्होंने कहा था कि ‘पश्चिम बंगाल में कानून का नहीं, शासक का राज है

बंगाल में हुई हिंसा पर मुखर रुख

जगदीप धनखड़ ने कहा था- चुनाव के बाद जो हिंसा का तांडव मैंने देखा, वो बयां नहीं कर सकता। मैंने मौतें देखीं, मार-काट देखी। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में वोट देने की कीमत मौत हो सकती है। ये मैंने खुद देखा है। मैंने बंगाल की अवाम की पीड़ा महसूस की है।

स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुई

राजस्थान के छोटे से गांव से निकले धनखड़, सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के छात्र रहे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ राजस्थान के शेखावाटी अंचल के झुंझुनूं जिले के एक सुदूर गांव किठाना के रहने वाले हैं। किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने की स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुई। भौतिकी में स्नातक करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विश्वविद्यालय से विधि स्नातक किया और वकालात करने लगे।

अग्रणी वकीलों में शुमार

जगदीप धनखड़ राजस्थान के ही नहीं, वरन देश के अग्रणी वकीलों में शुमार रहे हैं। बार कौंसिल आफ राजस्थान के विभिन्न पदों पर रहने वाले धनखड़ ने साल 1989 में राजनीति में प्रवेश किया। पहली बार झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से सांसद निर्वाचित हुए। 1990 में वह देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री बने। इसके बाद अजमेर जिले की किशनगढ़ से वह विधायक निर्वाचित हुए।

जाट समाज के मुखर नेता

भाजपा ने साल 2019 में जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया था। जाट समाज से आने वाले धनखड़ के दो और भाई हैं, जिनमें से एक कांग्रेस के नेता है, जबकि दूसरे बिजनेस मैन।

ममता बनर्जी से हमेशा ठनी रहती

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कभी नहीं बनी। उन्होंने कहा था कि ‘बंगाल में कानून का नहीं, शासक का राज है। जो किसी भी तरह से प्रजातांत्रिक मापदंडों से मेल नहीं खाता है। राज्यपाल के रूप में धनखड़ ने ममता बनर्जी के कई फैसलों को पलट दिया। कुछ दिनों पहले बीजेपी के खिलाफ जेहाद वाले बयान को लेकर धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच जमकर वाद विवाद हुआ।

बच्चों को दिया था संदेश

उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बच्चों को संदेश देते हुए कहा था कि आप सभी को भारत के संविधान की प्रस्तावना अवश्य पढ़नी चाहिए। इससे उन्हें राष्ट्रीयता समझ आ जाएगी।

 

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