वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने का रविवार को आखिरी दिन है। शनिवार रात 8.36 बजे तक 5 करोड़ से अधिक लोग आईटीआर दाखिल कर चुके हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 5.89 करोड़ आईटीआर दाखिल हुए थे। हालांकि, तब इसकी सीमा 21 दिसंबर तक बढ़ाई गई थी।

अब इसकी आखिरी तिथि समाप्त होने में कुछ ही घंटे बचे हैं ऐसे में अगर आपने अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो आपको बिना समय गंवाए इसे फाइल कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं कैसे खुद फाइल कर सकते हैं आईटीआर:-

  • अगर आपने भी अब तक अपना आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो इसके लिए आपको पहले आधिकारिक लिंक https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाना है।
  • फिर ‘ई-फाइल’ पर जाकर ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ वाले विकल्प पर क्लिक करें। अब साल चुनें और अगर ऑरिजनल भरना है तो उसे चुनें। लेकिन अगर रिवाइज्ड भर रहे हैं, तो ‘रिवाइज्ट रिटर्न’ चुनें।
  • फिर ‘Prepare and Submit Online’ वाले ऑप्शन पर क्लिक करें। अब वेरिफिकेशन पेज पर जाकर वेरिफाई पर क्लिक करें। आखिर में ‘प्रिव्यू एंड सबमिट’ पर क्लिक कर दें।

लग सकता है जुर्माना
अगर आप करदाता हैं, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी हो जाता है। लेकिन अगर आप आखिरी तारीख तक भी ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आयकर प्रावधानों के मुताबिक आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है। वहीं, आपको नोटिस भी आ सकता है।

टैक्स डिडक्शन की सुविधा
इनकम टैक्स के तहत आने वाले कई प्रावधानों के तहत टैक्स डिडक्शन की सुविधा मिलती है पर इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित है 80C। इसका फायदा नौकरीपेशा लोगों को सबसे अधिक मिलता है। इसके अलावे इसके उपसेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत होम लाेन, एजुकेशन लोन और बीमा पॉलिसी टैक्स बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं टैक्स बचाने के लिए हमें अपनी रणनीति कैसे बनानी चाहिए।

स्टैंडर्ड डिडक्शन (5 लाख रुपये)
सबसे पहले इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 87ए के तहत पांच लाख रुपये तक की आय पर किसी तरह की टैक्स की देनदारी नहीं होती है। ऐसे में अगर आपकी आमदनी 10 लाख रुपये है तो सबसे पहले तो 87ए की तहत मिलने वाली राहत के अनुसार दस लाख में से पांच लाख रुपये घटाएं तो आप पर टैक्स की देनदारी पांच लाख रुपये की आमदनी पर ही बनेगी। इसके अलावे नौकरीपेशा लोगों और पेंशनधारकों को 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिलती है। इस आधार पर 50 हजार रुपये और घट जाते हैं और आप पर टैक्स की देनदारी 4.5 लाख रुपये की आमदनी के लिए बनती है।

80सी डिडक्शन (1.5 लाख रुपये)
इनकम टैक्स कानून की धारा 80सी के तहत सालाना डेढ़ लाख रुपये तक की निवेश पर आयकर में छूट का लाभ लिया जा सकता है। 80सी के तहत आयकर में छूट लेने की स्थिति में 4.5 लाख रुपये में से 1.5 लाख रुपये और घट जाएंगे इस तरह आप पर महज तीन लाख रुपये की आमदनी पर टैक्स की देनदारी बचेगी। 80सी के तहत पांच वर्ष से अधिक समय के लिए किए गए किसी भी तरह निवेश पर आपको आयकर में छूट की सुविधा मिल सकती है।

एनपीएस डिडक्शन  (50 हजार रुपये)
अगर आपने नेशनल पेंशन स्कीम के तहत निवेश किया हुआ है तो आपको 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त छूट आयकर में मिल सकता है। यानी 50 हजार रुपये तीन लाख रुपये की आमदनी में से घटाने पर आप पर 2.5 लाख रुपये पर ही टैक्स की देनदारी बनेगी।

होम लोन पर छूट (2 लाख रुपये)
अगर आपने होम लोन ले रखा है तो आयकर बचाने में यह सबसे अहम कड़ी साबित हो सकता है। होमलोन के ब्याज पर आपको दो लाख रुपये तक की कर राहत मिल सकती है। इस तरह 2.5 लाख रुपये में दो लाख रुपये कम हो जाएंगे और आपको 50 हजार रुपये पर ही आयकर भरना होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस से भी बचा सकते हैं टैक्स (75 हजार रुपये) 
अगर आपकी आमदनी दस लाख रुपये सालाना है और आप ऊपर दिए गए सभी अर्हताओं को पूरा करते हुए 9.5 लाख रुपये पर टैक्स बचाने में सफल हो जाते हैं तो आप टैक्स बचाने की जंग लगभग जीत चुके हैं। अब आप बचे हुए 50 हजार रुपये पर भी टैक्स देने से बच सकते हैं, अगर आपने स्वास्थ्य बीमा लिया हुआ है। स्वास्थ्य बीमा लेने वालों को भी आयकर में 75 हजार रुपये तक की छूट मिलती है। अगर आपने अपना और अपने परिवार वालों का स्वास्थ्य बीमा करवा रखा है तो आपको इसके सालाना 25000 रुपये के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिल सकती है। अगर आपने अपने माता-पिता का भी स्वास्थ्य बीमा करवा रखा है तो आपको 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट भी मिल सकती है। ऐसे में ऊपर दी गई सारी शर्तों को पूरा करते हुए दस लाख रुपये आमदनी होने के बावजूद एक भी रुपया इनकम टैक्स देने से बच सकते हैं।

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