अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक एवं भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि सात वर्ष पहले श्री पिंजरापोल गौशाला में शिवरतन चितलांगिया (महामंत्री) एवं राधेश्याम पाठक के नेतृत्व में गाय के गोबर से लकड़ी बनाने का काम शुरू किया गया था।
इस बार पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जयपुर में पांच सौ जगहों पर होलिका दहन के लिए गौ काष्ठ की बुकिंग हो चुकी है। वहीं उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु के चेन्नई से भी गौ काष्ठ की मांग की गई है। यहां से दस राज्यों में गौ काष्ठ भेजा जाएगा और इसके प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया जाएगा।
प्रदेश से भेजे जाने वाले गौ काष्ठ के लिए सौ से अधिक स्वयं सहायता समूहों ने 2000 टन गोबर की लकड़ी बनाई है और लगभग 70 प्रतिशत की खपत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि गौ काष्ठ की मांग लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन जब राज्य सरकारें इसके लिए आगे आएंगी तो इसकी मांग और बढ़ेगी। साथ ही पर्यावरण और गौ संरक्षण को और मजबूती मिलेगी।