कॉमन सिविल कोड के प्रारूप तय करने को बनेगी कमेटी

-कांग्रेस ने कहा, असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश

अहमदाबाद, 29 अक्टूबर। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की भाजपा नीत सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक में राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही कॉमन सिविल कोड का प्रारूप तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया है।

इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि देश में एक कानून हो तो कई तरह से फायदा होगा। सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिलेगा। सर्वानुमति से निर्णय लिया जाए तो यह लोकतंत्र की ताकत होगा। पूर्व में अलग-अलग कानून थे। कैबिनेट में लिए गए निर्णय के संबंध में रुपाला ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया जाएगा। कमेटी गठित करने का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है। कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज करेंगे, वहीं कमेटी में तीन से चार सदस्य होंगे।

गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि जनता की मांग को लेकर सरकार ने आज यूनिफार्म सिविल कोड के मामले में निर्णय किया है।

कांग्रेस ने की आलोचना

भाजपा सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हिम्मत सिंह पटेल ने कहा कि भाजपा ऐन चुनाव के पहले जनता से जुड़ी समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। भाजपा इन मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाहती है, इस वजह से वह यूनिफार्म सिविल कोर्ड के मुद्दों को उछाल रही है।

जानकारी के अनुसार हाल में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में कहा था कि यूनिफार्म सिविल कोड कानून के लिए राज्य अपने स्तर पर प्रयास करे। इसके बाद मार्च 2022 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की घोषणा की थी।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड

कॉमन सिविल कोर्ड एक धर्मनिरपेक्ष कानून है जिसमें सभी धर्म को मानने वालों के लिए समान कानून लागू होगा। अभी अलग-अलग धर्म से संबंधित अलग-अलग कानून हैं। मुस्लिम, ईसाई, पारसी समुदाय के लिए अलग कानून है। वहीं हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लिए अलग कानून है।

भाजपा इस मुद्दे को अपने केन्द्रीय घोषणा पत्र में शामिल कर चुकी है। अब तक राममंदिर, अनुच्छेद 370 हटाने के अपने वायदे पूरा करने वाली भाजपा का तीसरा महत्वपूर्ण मुद्दा यूनिफार्म सिविल कोड को राज्यों में लागू करवाना है। फिलहाल वह भाजपा शासित राज्यों में इसे अमलीजामा पहनाने में जुट गई है। इस मुद्दे से गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा कितना फायदा उठाएगी यह जानना भी महत्वपूर्ण होगा।

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