जहानाबाद: जिले के काको प्रखंड के महमदपुर काजीसराय के 25 वर्षीय युवा किसान बिट्टू ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और बड़े पैमाने पर गौ पालन शुरू कर एक सफल किसान बने. बिट्टू आज 17 गायों का पालन कर रहे हैं, जिनमें एचएफ, क्रॉस साहिवाल, गिर और देसी नस्ल की गायें शामिल हैं. उन्होंने 2023 में बड़े पैमाने पर गौ पालन की शुरुआत की और अब इससे अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.
15 साल की उम्र में माता-पिता को खोया
बिट्टू ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा, जब मैं 15 साल का था, तब मेरे माता-पिता का निधन हो गया. 2014 में एक सड़क दुर्घटना में मां की मृत्यु हो गई और एक साल के भीतर पिता भी गुजर गए. हम चार भाई-बहन थे और सबसे बड़ा होने के कारण घर की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई. उस वक्त आर्थिक तंगी के कारण मैंने प्राइवेट नौकरी करनी शुरू की, लेकिन उससे बहुत ज्यादा आमदनी नहीं होती थी. कुछ सालों तक नौकरी की, फिर छोड़ दी और पूरा ध्यान पशुपालन पर केंद्रित कर दिया.
2023 में बड़े पैमाने पर शुरू किया गौ पालन
बिट्टू बताते हैं, शुरुआत में कुछ सालों तक 2-3 गायों से ही परिवार का खर्च चलाता था. फिर मैंने कृषि विज्ञान केंद्र गंधार से पशुपालन की ट्रेनिंग ली और 2023 में बड़े पैमाने पर गौ पालन शुरू किया. आज मेरे पास उन्नत नस्ल की 17 गायें हैं. इनमें 3 एचएफ (होल्सटीन फ्रिसियन) नस्ल की गायें शामिल हैं. इसके अलावा, मेरे पास गिर, क्रॉस साहिवाल और कुछ देसी नस्ल की गायें भी हैं.
गौ पालन से हो रही है अच्छी कमाई
बिट्टू का कहना है कि गौ पालन से अच्छी कमाई की जा सकती है. वर्तमान में उनकी गायें रोजाना लगभग 70 लीटर दूध दे रही हैं और आने वाले समय में यह उत्पादन और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि कई गायें गाभिन हैं. उनकी एक गाय रोजाना 20 लीटर तक दूध देती है और जैसे-जैसे अन्य गायें तैयार होंगी, दूध उत्पादन बढ़ेगा. बिट्टू ने अपने गायों के लिए शेड तैयार किया है और उन्हें चोकर दर्रा, सरसों खल्ली खिलाते हैं. एक गाय पर सालाना लगभग 65,000 रुपये का खर्च आता है, लेकिन इससे होने वाली कमाई उससे कहीं अधिक है. बिट्टू की कहानी न केवल संघर्ष की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पशुपालन में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है. उनका यह सफर अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा है.