नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) का आगाज भारत मंडपम में हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत मोरक्को में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए की. बता दें कि अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप के कारण करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अफ्रीकी यूनियन (African Union) को जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से अफ्रीकी संघ का जी20 में स्वागत किया है. अफ्रीकी यूनियन में 55 देश शामिल हैं. यह एक तरह से वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. पीएम मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के आधिकारिक रूप से जी20 ग्रुप में शामिल होने का भी ऐलान किया. साथ ही उन्होंने यूनियन के अध्यक्ष को गले लगाकर बधाई भी दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, ‘आप सभी की सहमति के साथ आज से अफ्रीकी यूनियन जी20 का स्थायी सदस्य बनने जा रहा है.’ उनकी इस घोषणा के साथ तमाम नेताओं ने तालियां बजाईं. इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमनी को साथ लेकर आए और पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर बधाई दी.
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनियन (OAU) को G20 की सदस्यता मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा। इसे 1963 बनाया गया था। इस संगठन में शामिल 55 देशों का कुल सकल घरेलू उत्पाद सिर्फ 18.81 हजार करोड़ रुपए है। लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी इसके निर्माता थे। सन 2009 तक वो इसके अध्यक्ष रहे।
शुरुआत में इस संस्था का उद्देश्य अफ्रीका के गुलाम देशों को आजादी दिलाना था। बाद में इसे आपसी संवाद के मंच के तौर पर विकसित किया गया। अफ्रीकी देश अपने राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को लेकर यहाँ चर्चा करते थे। अब जी-20 का सदस्य बनने के बाद उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल जून में सदस्य देशों के नेताओं को पत्र लिखा था। इस पत्र में पीएम मोदी ने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी यूनियन को पूर्ण सदस्यता प्रदान करने का आग्रह किया था।
पीएम मोदी के पत्र लिखने के कुछ सप्ताह बाद प्रस्ताव को शिखर सम्मेलन के लिए आधिकारिक मसौदा विज्ञप्ति में शामिल कर लिया गया। यह समावेश तीसरी जी20 शेरपा बैठक के दौरान हुआ, जो जुलाई में कर्नाटक के हम्पी में बुलाई गई थी।
पिछले कुछ वर्षों में भारत अफ्रीकी देशों का प्रमुख पैरोकार के रूप में उभरा है। इस महीने की शुरुआत में PTI को दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ है। उन्होंने कहा था कि भारत वैश्विक मामलों में उन लोगों को शामिल का काम करता है, जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही है।
G20 की स्थापना 1999 में विभिन्न वैश्विक आर्थिक संकटों की प्रतिक्रिया के रूप में की गई थी। G20 सदस्य राष्ट्र सामूहिक रूप से दुनिया की जीडीपी का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और वैश्विक आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा रखते हैं।
G20 में शामिल देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं। अब अफ्रीकी यूनियन इसका नया सदस्य है।
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