डीग जिला स्थित श्याम ढाक गौशाला में चारे-पानी, चिकित्सा और देखरेख के अभाव में गाय मौत के मुंह में समा रही हैं. मृत गायों के शवों की ऐसी दुर्दशा है कि कुत्ते उन्हें नोंच रहे हैं. हाल ही में मानसूनी बारिश के चलते गौशाला संचालक की अनदेखी के कारण गौशाला की जमीन में दलदल बन जाने से मवेशियों के पैर कीचड़ में फंस रहे हैं जिससे कमजोर मवेशियों की मौत हो रही है. मृत गायों के शवों को दफनाने की बजाय ऐसे ही गौशाला मे छोड़ दिया जाता है.
गौशाला से बदबू आई तो लगा पता
मृत गायों के शव कंकाल के रूप में पड़े रहते हैं. पिछले कई दिनों से ग्रामीणों को गौशाला से बदबू आ रही थी. जब मौके पर जाकर देखा तो गौशाला में कई गोवंश मृत पड़े हुए थे और उन्हें कुत्ते खा रहे थे. वहीं कुछ गोवंश दलदल में फंसे हुए थे. ग्रामीणों ने एंबुलेंस की मदद से दलदल में फंसी घायल गायों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. हालांकि जिला प्रशासन को अवगत कराने के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
नहीं दिया चारा और पानी
गांव बरौली चौथ निवासी रामवीर सिंह ने बताया कि गांव में श्याम ढाक गौशाला है. जिसके अंदर से कई दिनों से बदबू आ रही थी. जब ग्रामीणों ने गौशाला के अंदर जाकर देख तो गौशाला में कई गोवंश मृत पड़े हुए थे और उन्हें कुत्ते नोच रहे थे. मानसूनी बारिश से जमीन का दलदल होने से दर्जन भर से भी ज्यादा गौवंश उसमें फंसे हुए थे. साफ झलक रहा था कि पानी, चिकित्सा और देखरेख के अभाव में गाय मौत के मुंह में समा रही हैं.
गौशाला में 1500 गौवंश, संभाल में लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया कि यह गौशाला रजिस्टर्ड नहीं है और वन विभाग की जमीन पर संचालित है. इस गौशाला के संचालक की जिम्मेदारी वृंदावन निवासी राम दास महाराज को सौंप रखी है. इस गौशाला में करीब 1500 गौवंश है. जिनकी की देखभाल के लिए गौशाला संचालक ने दो कर्मी लगा रखे है. गौ संचालक राम दास महाराज कभी-कभार ही आते हैं. इस गौशाला में गायों के लिए चारा भी समाज सेवियों के द्वारा उपलब्ध कराया जाता हैं