अल्मोड़ा। उत्तराखंड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष डाॅ. राजेंद्र प्रसाद अणथ्वाल ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति की रीढ़ है। इसके लिए शासन स्तर पर भी पशु कल्याण बोर्ड को और अधिक सशक्त बनाया जा रहा है ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में बद्री गाय को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को गोवंश की तस्करी को पूर्णरूप से रोकने के निर्देश दिए। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में निराश्रित गोकल्याण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने गोवंश को सड़कों पर छोड़ने वाले पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य पशुचित्साधिकारी को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर, नगर निकाय और नगर पंचायत स्तर पर पशु जन्म-मृत्यु रजिस्टर अनिवार्य रूप से बनाया जाए। गो सदन संचालक लक्ष्मण सिंह कडाकोटी ने सुझाव दिया कि गो सदनों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने अध्यक्ष को सुझाव दिया कि गो सदनों में गोमूत्र, अर्क प्लांट, वर्मी कंपोस्ट पीट एवं गोबर गैस प्लांट का निर्माण कराया जाए ताकि और लोग भी गो सदन से प्रेरणा ले सकें। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. योगेश अग्रवाल ने बताया कि जिले में वर्ष 2024-25 में 1081 निराश्रित पशुओं की निशुल्क चिकित्सा की गई। बैठक में संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत राहुल आनंद, भौमिक पशु सेवा सुरक्षा समिति की संचालक कामिनी कश्यप, श्री गुरुकृपा गौ सुरक्षा समिति गौसदन संचालक खीमानंद नैनवाल, ग्राम्य समाज कल्याण समिति गौसदन संचालक लक्ष्मण सिंह कैडाकोटी, श्री नीम करौली महाराज मां गायत्री ट्रस्ट गौ सदन संचालक यशवंती टम्टा, गौ सेवा न्यास गुरुकुल के संचालक दयाकृष्ण कांडपाल, गौ ग्राम उत्थान ट्रस्ट के संचालक आनंद सिंह असवाल आदि मौजूद रहे।

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