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मॉनसून से पहले मुंबई में सड़कों के गड्ढे भरने पर बीएमसी 110 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी

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मुंबई: मॉनसून से पहले मुंबई में सड़कों के गड्ढे भरने पर बीएमसी 110 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। इसके लिए बीएमसी ने मुंबई सिटी सहित पश्चिम और पूर्व उपनगर के लिए टेंडर जारी किया है। खासबात यह है कि बीएमसी गड्ढे भरने के लिए फिर से पुरानी पद्धति पर लौट आई है। बीएमसी सड़कों के गड्ढे और पैचेज असफाल्ट और मास्टिक पद्धति से भरेगी। जबकि, बारिश के दौरान एम-60 ग्रेड तकनीक, हॉट मिक्स और कोल्ड मिक्स का इस्तेमाल किया जाता है और बीएमसी दावा करती है कि इससे दोबारा गड्ढे नहीं पड़ेंगे। बारिश के दौरान सड़कों पर बनने वाले गड्ढों और पैचेज की वजह से बीएमसी को नागरिकों से लेकर जनप्रतिनिधियों की आलोचना का सामना करना पड़ता है। बीएमसी ने सड़कों के गड्ढे भरने पर मास्टिक और अस्फाल्ट दोनों का उपयोग करने का फैसला किया है। मुंबई में कुल 2,050 किमी लंबी सड़कें हैं। इन सड़कों को बीएमसी ने दो भागों में बांटा है। इसमें 9 मीटर से कम और 9 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कें शामिल हैं। दोनों का अलग-अलग टेंडर जारी किया गया है।

9 मीटर से कम चौड़ी सड़क में छोटी और मुख्य सड़कों से छोड़कर गलियों की सड़क शामिल होती हैं। इस पर गड्ढे पड़ने से स्थानीय लोगों को अधिक परेशानियां होती हैं। जबकि मुख्य सड़क पर गड्ढे पड़ने से लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।

बीएमसी हर साल मॉनसून पूर्व सड़क पर बनने वाले गड्ढों को भरने के लिए ठेकेदार नियुक्त करती है, लेकिन इसके बावजूद मॉनसून के दौरान बीएमसी को गड्ढे की वजह से आलोचना झेलनी पड़ती है। गड्ढों को भरने के लिए ठेकेदार नियुक्त होने के बाद भी खुद सड़क पर बनने वाले गड्ढों को भरने का काम करती है।
कहां, कितना होगा खर्च
जोन – 1 कोलाबा से लेकर भायखला 17.5 करोड़ रुपये
जोन – 2 महालक्ष्मी से दादर और एंटॉप हिल, धारावी 16 करोड़ रुपये
जोन – 3 बांद्रा पूर्व-पश्चिम से अंधेरी पूर्व-पश्चिम तक 14.5 करोड़ रुपये
जोन – 4 जोगेश्वरी से मालाड तक 14.5 करोड़ रुपये
जोन – 5 गोवंडी, मानखुर्द, चेंबूर और कुर्ला 14.5 करोड़ रुपये
जोन – 6 घाटकोपर मुलुंड तक 14.5 रुपये
जोन – 7 कांदिवली से दहिसर तक 14.5 करोड़ रुपये
हर बारिश में बीएमसी को सड़कों के गड्ढों की वजह से लोगों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ता है। पिछले 25 सालों में बीएमसी सड़कों के गड्ढे भरने पर 21,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। सड़कों के गड्ढे भरने के लिए कई तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी है। इस साल बीएमसी एक बार फिर असफाल्ट और मस्टिक तकनीक पर लौट आई है। पहले भी यह तकनीक इस्तेमाल हुई है, लेकिन पूरी तरह से सफल साबित नहीं हुई। बारिश के दौरान बीएमसी अब तक पेवर ब्लॉक, हॉट मिक्स, कोल्ड मिक्स और एम-60 ग्रेड तकनीक का इस्तेमाल कर चुकी है।
बीएमसी इन पर करोड़ों रुपये भी खर्च कर चुकी है और इसके कई फायदे भी गिना चुकी है। एक बार फिर बीएमसी पुरानी तकनीक पर लौट आई है। हालांकि, बीएमसी के अधिकारियों को भी आशंका है कि यह तकनीक बारिश के दौरान ज्यादा कारगर साबित नहीं होगी। हर साल की तरह इस साल भी सड़कों के गड्ढों की वजह से उन्हें लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ेगा।
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