पिछले दस -पंद्रह दिनों से लगभग आठ से बारह मिनट देरी से चल रही और यात्रियों को उसकी सूचना भी नहीं देनेवाली मुंबई की लोकल रेलगाड़ियां अब हांफने लगी है।
अव्यवस्था ऐसी है कि दो स्टेशनों के बीच के ट्रैक पर आधे घंटे से पैंतालीस मिनट तक लोकल गाड़ियाँ खड़ी रखी जा रही हैं और उसकी सूचना भी यात्रियों को नहीं दी जाती कि लोकल ट्रैन किस कारण से खड़ी है।

आज सुबह ५ बजकर ४५ मिनट पर बोरीवली पहुंचने वाली विरार -चर्चगेट लोकल इन पंक्तियों के लिखे जाने तक यानी ६ बजकर ३० मिनट तक ट्रैक पर खड़ी ही हैं। इसकी कोई सूचना नहीं है कि यह लोकल बोरीवली कब पहुंचेगी। लोग लोकल ट्रैन से उतर अपने प्राणों को खतरे में डालकर ट्रैक पर चल रहे हैं। इनमें महिलाओं एवं विद्यालय जानेवाले बच्चों की संख्या अच्छी खासी है। स्वयं इस संवाददाता को दादर से पुणे की साढ़े छह बजे की रेल पकड़नी थी जो रेलवे की लापरवाही से छूट गई। अब किसी तरह जल्दी बोरीवली पहुँचकर वैकल्पिक उपाय करने के सिवा कोई राह नहीं है।

चिंताजनक बात यह है कि स्टेशन मैनेजर की लापरवाही से दो रेलगाड़ियां एक ही ट्रैक पर विपरीत दिशाओं से आ जाने की अपुष्ट खबर है।

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