अंजनी सक्सेना – 

भारत ही नहीं बल्कि विश्व के हर देश में लंबी और पतली गर्दन सौन्दर्य का प्रतीक मानी जाती है। भारत में लंबी,
पतली और खूबसूरत गर्दन को सुराहीदार गर्दन की उपाधि प्रदान की गयी है। आजकल महिलायें चेहरे की सुंदरता पर
तो भरपूर ध्यान देती हैं, लेकिन गर्दन काली भद्दी और बदसूरत। ऐसी स्थिति से बचने के लिये चेहरे के साथ-साथ
गर्दन पर भी ध्यान देना चाहिये।

ग्रीवा सौंदर्य उचित साफ-सफाई, खानपान और व्यायाम के द्वारा बढ़ाया जा सकता है। इसके लिये बस थोड़ी सी
मेहनत करना होती है। आप भी जानिये अपनी ग्रीवा को स्वस्थ, सुंदर, सुडौल और सुराहीदार बनाने के कुछ आसान से
उपाय-
– प्रतिदिन सुबह-शाम गर्दन को चारों तरफ आगे-पीछे दांयें-बांये घुमाये, इस प्रकार के व्यायाम से गर्दन में
लचीलापन बना रहेगा।
– फेस पेक जब भी लगायें तो चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी अवश्य लगायें।
– फेशियल करवाते समय भी ध्यान रखें कि आपकी ब्यूटीशियन जितना ध्यान चेहरे का रख रही है उतना ही
गर्दन का भी रखें।
– यदि गर्दन काली हो, तो प्रतिदिन दही, बेसन और हल्दी का मिश्रण अच्छी तरह फेंटकर गर्दन पर लगायें,
सूखने पर हाथ से मलकर निकाल दें। कुछ ही दिनों में गर्दन साफ-सुथरी दिखाई देने लगेगी।
– नहाने से पहले गर्दन पर तेल मालिश करें और नहाते समय अच्छी तरह साबुन लगाकर तेल और मैल
निकाल दें।
– कोशिश करें कि बाल ज्यादा देर तक गर्दन पर न बिखरे रहें। जूड़ा या पोनीटेल बनाकर बालों को ऊपर रख
सकती हैं।
– भारी ज्वेलरी ज्यादा समय तक पहने रहने से भी गर्दन काली पड़ जाती है। इसलिये छोटे गहने दैनिक
उपयोग में लें। बाहर आते-जाते समय भारी ज्वेलरी पहन सकती हैं।
– कृत्रिम गहने भी त्वचा पर बुरा असर डालते हैं इसलिये इनका उपयोग भी कम से कम करें।
– गर्दन को सुडौल रखने के लिये सख्त बिस्तर पर सोयें तथा तकिये का उपयोग न करें।
यदि आप इन सब उपायों को आजमाती हैं तो आप भी पा सकती हैं खूबसूरत और आकर्षक गर्दन जो सबकी नजरों की
प्रशंसा का केंद्र बनेगी।
गर्दन शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य के सिर की खोपड़ी गर्दन पर ही टिकी होती है। रीढ़ की हड्डी में 33
मनके होते हैं, जिनमें से सात मनके गर्दन में होते हैं। ये सर्वाइकल वर्टिब्रा कहलाते हैं। पहला मनका एटलस कहलाता
है, जिसके द्वारा सिर 180 डिग्री तक घूम सकता है। दूसरा एक्सिस होता है, जो सिर और गर्दन को जोड़ता है। इन्हीं के
बीच से सुष्मना नाड़ी निकलकर मस्तिष्क और सारे शरीर का आपस में सम्बबन्ध जोड़ती है।
गर्दन के अग्र भाग पर स्वर यंत्र होता है, जो मनुष्य को बोलने में सहायता देता है।
लंबी गर्दन हर जगह सौंदर्य का प्रतीक मानी जाती है। गर्दन को लंबा करने के लिये हर जगह उपाय किये जाते हैं,
लेकिन कई देशों में लंबी गर्दन करने के लिये इतने अमानवीय उपाय किये जाते हैं कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो
जायें।
अफ्रीका के कुछ देशों में लड़की के छह वर्ष के होते ही उसके गले में छल्ले डाल दिये जाते हैं। जैसे-जैसे लड़की की उम्र
बढ़ती जाती है वैसे-वैसे गले के छल्लों की संख्या में भी वृद्धि कर दी जाती है।
बढ़ते-बढ़ते छल्लों की संख्या 24-25 तथा गर्दन की लंबाई 18 इंच तक हो जाती है। ऐसी स्थिति में महिला को हर
समय इन छल्लों को पहने रहना होता है। छल्ले निकाल देने की स्थिति में उस महिला की मौत हो जाती है। स्थिति
यह होती है कि निरंतर खिंचाव के कारण गर्दन तो लंबी हो जाती है लेकिन गर्दन की पेशियां और मनके इतने कमजोर
हो जाते हैं कि वे बगैर किसी सहारे के खोपड़ी का भार सहन नहीं कर पाते और अंतत: वह महिला मौत के मुंह में समा

जाती है। जीवित रहते हुये भी ये महिलायें कम यंत्रणा नहीं भोगती है, इन्हें हर समय ये छल्ले पहने रहने होते हैं। सोते-
जागते, उठते-बैठते हर समय ये छल्ले इनके गले में कसे रहते है।
खूबसूरत, सुडौल, आकर्षक व सुराहीदार गर्दन पाने के लिए भारतीय महिलाओं को तो इतने अमानवीय उपाय करने
की आवश्यता ही नहीं है क्योंकि यहां की महिलाओं की गर्दन तो प्राकृतिक तौर पर ही थोड़ी तो लंबी होती ही है। आगे
निरंतर देखभाल उचित पोषण और सही व्यायाम द्वारा आप भी 18 इंच लंबी न सही तो भी स्वस्थ और सुंदर गर्दन तो
पा ही सकती हैं।
भले ही आपकी गर्दन लंबी न हो, लेकिन साफ और स्वस्थ हो, साथ ही आपका व्यवहार शिष्ट, सौम्य हो, आवाज में
प्यार और अपनापन हो, तो फिर आपको तो ऐसे अमानवीय उपाय अपनाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है, देखने
वालों की नजरें अपने आप ही आपकी प्रशंसा करने लगेगी। तब सब आपके गले पडऩा और गले लगना चाहेंगे।

विभूति फीचर्स

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