एजेंसी, मुंबई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत ने सदस्य देशों से जी20 उपग्रह के लिए योगदान करने का आग्रह किया है। सदस्य देशों से कहा गया है कि वे प्रस्तावित उपग्रह के लिए पेलोड, उपकरणों के माध्यम से योगदान दें। इस उपग्रह को अगले दो वर्षों में लॉन्च किया जाएगा। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया था।

क्या कुछ बोले इसरो प्रमुख?

आईआईटी बॉम्बे के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव में सोमनाथ ने कहा कि मौसम और जलवायु महत्वपूर्ण पहलू होने वाले हैं। भारत वायु प्रदूषण, ग्रीनहाउस उत्सर्जन, वर्षा, महासागर, मिट्टी की नमी और विकिरण जैसे विभिन्न मापदंडों को मापकर इस क्षेत्र में योगदान देना चाहता है। हमने एक उपग्रह बनाने करने की पेशकश की है। हम जी20 देशों से पेलोड, उपकरणों के जरिये इस उपग्रह में योगदान करने के लिए कह रहे हैं।उन्होंने कहा,

पांच साल में 50 उपग्रह लॉन्च करने की योजना

सोमनाथ ने कहा भारत खुफिया जानकारी जुटाने के लिए पांच साल में 50 उपग्रह लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इन उपग्रहों से सैनिकों की आवाजाही को ट्रैक करने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें भी ली जा सकेगी। इससे देश के लिए खतरों को बेहतर ढंग से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा,

छह जनवरी को अपने गंतव्य पर पहुंचेगा आदित्य एल-1

एएनआई के अनुसार, सोमनाथ ने कहा कि भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 छह जनवरी 2024 को शाम चार बजे लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने वाला है। आदित्य पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल-1) की पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा। इसे दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

Previous articleगौ वंशों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल
Next article2024 लोकसभा चुनाव – भाजपा की सरकार बनने तक तेलंगाना का दौरा करेंगे शाह

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here