नैनीताल, 4,नवम्बर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नैनीताल स्थित प्रेमा जगाती सरस्वती विहार विद्यालय के 36 वें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि उपस्थित हुए ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने शिक्षा के महत्व पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि -हमारी संस्कृति में शिक्षा ग्रहण करने का अर्थ मात्र किताबी ज्ञान अर्जित करना तक ही सीमित नहीं है, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें हम स्वयं की और अपने अस्तित्व की खोज करते हैं। एक व्यक्ति के रूप में हमारे सर्वांगीण विकास और एक श्रेष्ठ समाज के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। हम बाल्यकाल में जिस प्रकार की शिक्षा और संस्कार ग्रहण करते हैं उसी प्रकार से हमारा चरित्र निर्माण होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र किताबी ज्ञान तक ही सीमित ना रहें स्वयं के अस्तित्व की खोज कर अपने जीवन को सफल व अर्थपूर्ण बनायें।
चुंकि बचपन के संस्कार मानव के सम्पूर्ण जीवन में ब्यक्तित्व का निर्माण है इसलिए हमें बच्चों को बचपन से ही संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर भविष्य के निर्माण के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन का लक्ष्य तय करते हुए पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी,कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने को कहा। यही मूल मंत्र जीवन को सफल बनाएगा।

मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक मनुष्य में अनंत ऊर्जा शक्ति का भण्डार है उसे सिर्फ जानने व दिशा देने की जरूरत है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में कभी यह शिक्षा का कालखण्ड दोबारा आपके जीवन में कभी नहीं आयेगा, एक-एक पल जीवन के लिए उपयोगी है !
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, गुरुकुलों की भूमि है, यहां ऐसे ऋषि- मुनि हुए जिन्होंने सनातन ग्रंथो की रचना की। वीरभड़ों की इस महान धरती पर पढ़ने वाले आप सभी विद्यार्थी भी ऋषि संतानें हैं !
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नए भारत का निर्माण हो रहा है, जिसके अंतर्गत देश में अभूतपूर्व रूप से नित- नए कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा वर्तमान समय के अनुसार बनाई गई नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर ’’कौशल विकास’’ से ’’युवा कुशलता’’ के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे शोध एवम् अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री जी के लक्ष्य को पूर्ण करने में नई शिक्षा नीति अवश्य ही कारगर साबित होगी।
आप सभी जानते हैं कोरोनाकाल में देश के प्रधानमंत्री ने अभिभावक की तरह देश व विश्व में कार्य किया।
उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य है। हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय के इस गरिमामय समारोह में आकर वे अभिभूत हैं। उनकी छात्र जीवन की स्मृतियां जीवंत हो गयी। विद्यालय अत्यंत ही कठिन परिस्थितियों में स्थापित हुआ परंतु आज ये विद्यालय एक विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है। जगाती परिवार ने इस शिक्षण संस्थान के लिए अपनी भूमि दान कर जो शिक्षा सेवा का पुण्य अर्जित किया है, उसके लिए जगाती परिवार बधाई का पात्र है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर समस्त उपस्थित छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय के विद्यार्थी आज इंजीनियर,व्यवसायी , प्रशासनिक अधिकारी व राजनीतिज्ञ बनकर अपनी बुलंदियों को छू रहे हैं। विद्यालय परिवार द्वारा इस स्थान पर एक विश्वविद्यालय बनाए जाने का संकल्प लिया है। उनका संकल्प अवश्य पूर्ण होगा, इस संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर जो भी सहयोग होगा वह किया जायेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि इस विद्यालय से पढ़कर विद्यार्थी देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों की कमान संभाल रहे हैं । उन्होंने अध्ययनरत विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य और गुरुजनों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य और गुरुजनों की मेहनत से यहाँ के विद्यार्थियों ने देश के विविध क्षेत्रों में अपनी सुगंध फैलाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल मंत्र विद्या भारती से लिए गया है। इस शिक्षा नीति से विद्या भारती ही नहीं अपितु देश के समस्त सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को इंडिया से भारत बनने की संकल्पना को पूरा किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ ही व्यवसायिक विषयों पर जोर दिया गया है। इससे देश को कौशल युक्त उच्च कोटि के मानव संसाधन मिलेंगे जो राष्ट्र को विश्व गुरु बनने में पूर्ण सहयोगी बनेंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी के सर्वागींण विकास के लिए आध्यात्मिक इंटेलिजेंस से जोड़ने की बात पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा विद्यालय के 12 वीं के तीन और 10वी के 15 मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ सूर्या प्रकाश ने विद्यालय की आगमी वार्षिक कार्ययोजना के साथ ही विद्यालय की सम्पूर्ण गतिविधियों, उपलब्धियों की जानकारी दी। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिव तांडव, हनुमान, गणेश वंदना नृत्य और नाटक सिक्का बदल गया मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।

इस अवसर पर कार्यक्रम में विद्यालय के संरक्षक कामेश्वर प्रसाद काला,विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो के पी सिंह, प्रबंधक श्याम अग्रवाल,, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, वि. भीमताल राम सिंह कैड़ा, वि. लालकुआ डॉ मोहन सिंह बिष्ट, कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया,
सहित विद्यालय के शिक्षकगण, विद्यार्थी व कई गणमान्य उपस्थित थे !

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संजय बलोदी प्रखर ( मिडिया समन्वयक उत्तराखंड प्रदेश एवं पीआरओ पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र )

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