*समस्त महाजन के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन समस्त महाजन अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से कई राष्ट्रीय विभूतियां को सम्मानित किया गया….
“गौ संरक्षण के बिना पर्यावरण संरक्षण नहीं हो सकता: अजीत मोहापात्रा
विशेष हाईलाइट:
# समस्त महाजन ने किया 3 इंटरनेशनल अवार्ड का शुभारंभ
# गौशाला पशुओ के भरण पोषण की अनुदान धनराशि ₹100 बढ़ाई जाए
# भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण 21 अगस्त के अध्यादेश को वापस लें
भाभर/शंखेश्वर (गुजरात) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संस्था समस्त महाजन के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गौशाला विकास एवं पशु कल्याण के तीन दिवसीय कार्यक्रम जहां 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने धर्मज गांव के चारा विकास, नाली के पानी से खेत की सिंचाई और ग्राम विकास का राष्ट्रीय उदाहरण देख,वहीं पर अहमदाबाद के निकट संचालित अत्यंत लोकप्रिय बंसी गिर गौशाला की पारंपरिक आधारित वैज्ञानिक संवर्धन की आंखों देखा हाल भी देखी। सेमिनार के दूसरे दिन, 24 अगस्त 2024 को विरमगाम पंजरापोल के व्यवस्था को देखा, जहां चार विकास के अद्भुत ऐसे प्रकल्प को देखा जहां 200 एकड जंगल साफ सुथरा कर के चार विकास का ऐसा अद्भुत नमूना पैदा किया जिससे 13 लाख के वार्षिक चारे की खर्च को घटाकर ₹4 लाख के खर्च पर गौशाला पशुओं को चारा उपलब्ध कर रहे हैं।
विरमगाम पंजरापोल के प्रांगण में समस्त महाजन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में समस्त महाजन के द्वारा शुरू की गई पुरस्कारों की एक श्रृंखला की उद्घोषणा की गई। इन पुरस्कारों में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत शिप्रा पाठक को पर्यावरण रक्षक अवार्ड, जल रत्न अवॉर्ड दिलीप भाई को तथा विजय भाई को वृक्ष रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में पांच बच्चों को समस्त महाजन का गोपाल सेवा सम्मान प्रदान किया गया। समस्त महाजन दो संस्थाओं को 15 लाख और 11 लाख का चेक भी प्रदान किया।
इस अवसर पर समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ गिरीश जयंती लाल शाह ने सभी गौशाला प्रतिनिधियों के साथ गौशाला पशुओं के भरण पोषण की एक समान राशि ₹100 प्रति पशु प्रतिदिन जारी करने के लिए अपील की। डॉ शाह ने यह भी कहा कि सभी लोग एक जुट होकर के यह समन्वित प्रयास करें कि यह मिशन सफल हो जाए और देश भर में भरण पोषण की धनराशि ₹100 हो जाए। डॉक्टर जयंतीलाल शाह ने यह भी भी कहा कि अभी अगस्त 2024 को जारी किए गए ए 1/ ए 2 दूध के मामले में जारी किए गए निर्देश को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण वापस ले। क्योंकि इससे तमाम तरह की भ्रामक स्थितियां पैदा हो रही है और इससे गौसेवा या पशुपालन के क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन किस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को नुकसान होगा।
कार्यक्रम का समाप्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गौ रक्षा प्रकोष्ठ के प्रभारी अजीत महापात्रा ने गौ संरक्षण से पर्यावरण संरक्षण की कई ज्वलंत उदाहरण दिए। लोकेशन मोहोपात्र जी ने अभी कहां की पृथ्वी पर जब जीव जंतुओं का उसे समय वृक्षों की उत्पत्ति हुई और बृक्षो की रक्षा के लिए मनुष्य तथा अन्य जीव जंतु पैदा हुए और यही पारिस्थितिकी संतुलन का नियम है। उन्होंने अपने संबोधन में शाकाहार की प्रशंसा की और कहां की मनसाहर पोषित बच्चे कई तरह की नकारात्मक विचारों से गिर जाते हैं और अपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं। राष्ट्रीय सेवक संघ के गौ सेवा गतिविधि एवं पर्यावरण संरक्षण के राष्ट्रीय प्रभारी गोपाल आर्यन गौ सेवा के कई पर्यावरणीय महत्व को बताते हुए गोपालन को बढ़ावा देने तथा गौशालाओ के विकास की बात बताई।
इस कार्यक्रम में समस्त महाजन के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे जिसमें गिरीशभाई सतरा, मित्तलभाई खेतानी, देवेंद्रभाई जैन, परेशभाई शाह, आकाश भाई साह आदि महान भाव ने सेमिनार की व्यवस्था में अमूल्य योगदान दिया।