सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम देवल में 15,000 गोवंशों के लिए अत्याधुनिक गौ अभ्यारण्य का निर्माण प्रस्तावित है। यह अभ्यारण्य 4,000 एकड़ भूमि पर बनेगा और क्षेत्र के जलस्रोतों के संरक्षण में मदद करेगा। इससे गोवंशों की सुरक्षा और किसानों को राहत मिलेगी।
सागर जिले के बीना तहसील के ग्राम देवल में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित अत्याधुनिक गौ अभ्यारण्य का निर्माण शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है। यह अभ्यारण्य 15,000 गोवंशों को आश्रय देने की क्षमता वाला होगा, जिससे बीना और आसपास के क्षेत्रों के गोवंशों को सुरक्षित और संरक्षित स्थान मिलेगा।
पशुपालन और डेयरी विभाग के मंत्री लखन पटेल ने रविवार को इस अभ्यारण्य स्थल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर बीना विधायक निर्मला सप्रे, एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार सुनील शर्मा सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। यह अभ्यारण्य 4,000 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा, जिसमें 443 एकड़ राजस्व भूमि और 3,615 एकड़ वन भूमि शामिल है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बीना क्षेत्र के भ्रमण के दौरान गौ अभ्यारण्य की घोषणा की गई थी, जिसके तहत पशुपालन विभाग को 178.67 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, पेयजल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन विस्तार की अनुमति अंतिम चरण में है। इससे पहले, ग्राम देवल में अंग्रेजी शासनकाल में एक बड़ी गौशाला थी, जो समय के साथ नष्ट हो गई। अब एक बार फिर, इस क्षेत्र में गोवंशों के संरक्षण के लिए अभ्यारण्य का निर्माण किया जाएगा, जिससे आसपास के जलस्रोतों का संरक्षण और बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
गौ अभ्यारण्य बनने से न केवल गोवंशों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। सड़क पर घूमते गोवंशों से होने वाली समस्याओं का समाधान होगा, और क्षेत्रवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। यह गौ अभ्यारण्य स्थानीय ग्रामीणों और किसानों के लिए एक बड़ा लाभ लेकर आएगा, क्योंकि गोवंशों के सुरक्षित रहने से कृषि कार्यों में भी रुकावटें कम होंगी।
इस गौ अभ्यारण्य के निर्माण से न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि गोवंशों के जीवन स्तर को भी सुधारने का अवसर मिलेगा। इसके निर्माण कार्य की शुरुआत जल्द ही की जाएगी और यह क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।