सरिया (गिरिडीह)। सरिया पुलिस ने सघन जांच अभियान चलाकर गोवंश लदे 11 वाहनों को जब्त कर लिया है। यह अभियान सरिया थाना के मुख्य गेट पर चलाया गया। सोमवार रात करीब एक बजे से सुबह तीन बजे तक यह अभियान चला।

खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने की कार्रवाई

एसपी दीपक शर्मा को सूचना मिली थी कि सरिया से होकर धनबाद के रास्ते बंगाल के गोवधशालाओं में बड़ी संख्या में गोवंश की तस्करी होगी। इसके बाद उक्त कार्रवाई की गई।

अभियान के बाद पुलिस ने पांच बड़े ट्रक व छह पिकअप वाहन में ठूंस-ठूस कर अमानवीय तरीके से गाय व गोवंशों को ले जाते हुए पाया।

सुबह जब सभी पशुओं की गिनती की गई, तो पांच ट्रकों में लगभग 90 बड़े भैंस और दर्जनों उनके बछड़े लदे हुए थे। वहीं छह पिकअप वाहन में लगभग 35 गाय और दर्जनों बछड़े लदे थे।

जब्त पशुओं को पचंबा गौशाला भेजा

उक्त अभियान में पांच ट्रकों से जब्त लगभग 90 बड़े गोवंश (भैंस) व दर्जनों बछड़ों को गिरिडीह के पचंबा स्थित गोशाला भेजा गया। जब्त सभी पशु दुधारू थे। शेष छह पिकअप वैन में लगभग 35 गायों को कसाई खाना ले जाया जा रहा था।

समाचार लिखे जाने तक सभी गायों को सरिया थाना में ही रखा गया है। इस मामले में 11 वाहनों के चालकों को सरिया पुलिस ने हिरासत में लेकर गिरिडीह भेजा। वाहनों में सवार दर्जनों खलासी, मजदूर व व्यापारी को सरिया थाना में ही पूछताछ के लिए रखा गया है।

अमानवीय तरीके से ले जाए जा रहे थे पशु

सरिया थाना प्रभारी अनिश पांडेय ने बताया कि पशुओं को व्यापारी या तस्कर अमानवीय ढंग से पशु क्रूरता अधिनियम की अनदेखी करते हुए ले जा रहे थे।

वाहनों में ठूंस-ठूंस कर मवेशी लदे गए थे। इससे कई जानवर आपस में दबकर बुरी तरह से घायल भी हो गए। फिलहाल सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

रोड को ब्लाॅक कर की गई कार्रवाई

बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी कर ले जाने की सूचना पर सरिया पुलिस ने सबसे पहले थाना गेट पर चार बड़े-बड़े छड लदे ट्रकों को खड़ा कर रोड ब्लाॅक करने के बाद उक्त कार्रवाई की। रोड ब्लाॅक होने के कारण पशुओं को ले जा रहे वाहन भागने में सफल नहीं हो सके। सभी वाहनों को जब्त कर थाना में रखा गया है।

बिहार के कई ठिकानों से धनबाद व बंगाल ले जाने की थी तैयारी

जब्त वाहनों के चालको व उप चालकों ने बताया कि उक्त सभी पशुओं को बिहार के गया जिला स्थित इस्लामपुर हाट, रोहतास के तारकटा हाट सहित विभिन्न मंडियों से धनबाद के कतरास और बंगाल की कई मंडियों में ले जाया जा रहा था।

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