मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (सुधा डेयरी) अपने लोकप्रिय उत्पाद ”सुधा दूध” के साथ अब एक नये उत्पाद देसी गाय का एटू दूध बाजार में उतारने जा रही है.
नीरज कुमार, गया जी. मगध दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (सुधा डेयरी) अपने लोकप्रिय उत्पाद ””सुधा दूध”” के साथ अब एक नये उत्पाद देसी गाय का एटू दूध बाजार में उतारने जा रही है. कंपनी द्वारा यह दूध अगले महीने से शहर के सुधा मिल्क पार्लरों के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा. खुदरा बाजार में इसकी कीमत लगभग ₹100 प्रति लीटर हो सकती है. मगध संघ के महाप्रबंधक ज्ञान शंकर ने जानकारी दी कि देसी गायों के संरक्षण, संवर्धन और उनके दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इस परियोजना के तहत सामान्य नस्ल की गायों के साथ-साथ देसी नस्ल की गायों के दूध के लिए अतिरिक्त दो रुपये प्रति लीटर इंसेंटिव दिया जा रहा है. संघ का मानना है कि इससे पशुपालकों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे अधिक संख्या में देसी गायों का पालन करेंगे. पायलट परियोजना में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से तीन से पांच पीढ़ियों तक विशेष नस्ल का सीमेन प्रयोग किया जायेगा, जिससे देसी गायों की दूध देने की क्षमता में 10 गुना तक वृद्धि हो सकती है. वर्तमान में सुधा डेयरी मगध प्रमंडल के गया, जहानाबाद, अरवल और नवादा जिलों में प्रतिदिन औसतन 80 हजार लीटर दूध का कारोबार कर रही है.
पांचवीं पीढ़ी की गाय दे सकेगी 50 लीटर तक दूध
महाप्रबंधक के अनुसार, विशेष नस्ल के सीमेन के प्रयोग से यदि पहली पीढ़ी की देसी गाय औसतन पांच लीटर दूध देती है, तो दूसरी और तीसरी पीढ़ी में यह बढ़कर 10–15 लीटर, और पांचवीं पीढ़ी में 50 लीटर तक पहुंच सकती है. यह बदलाव पशुपालकों के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है.
1130 दूध उत्पादक समितियां कर रहीं आपूर्ति
मगध प्रमंडल में 1130 दूध उत्पादक समितियां प्रतिदिन औसतन 72 हजार लीटर दूध की आपूर्ति कर रही हैं. मांग अधिक होने की स्थिति में अन्य जिलों और राज्यों से भी दूध मंगाया जाता है. कंपनी द्वारा 1360 सुधा मिल्क पार्लर और 50 होल्डे मिल्क बूथ संचालित किये जा रहे हैं. अगले दो महीनों में इन बूथों की संख्या बढ़ाकर 80 करने का लक्ष्य रखा गया है. सुधा डेयरी मगध संघ की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी. प्रारंभ में केवल 650 समितियां और 22 हजार लीटर दूध की आपूर्ति होती थी. समय के साथ यह आंकड़ा चार गुना से अधिक बढ़कर 80 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है.
भविष्य में बिनौला घी और अन्य उत्पादों का भी प्लान
सुधा डेयरी का लक्ष्य केवल एटू दूध तक सीमित नहीं है. बिनौला घी, देसी पनीर और अन्य देसी उत्पादों को भी भविष्य में बाजार में उतारने की योजना है. कंपनी के अनुसार, जैसे-जैसे देसी गायों की संख्या और दूध उत्पादन बढ़ेगा, इन उत्पादों की भी मांग को पूरा किया जायेगा.
मिनरल मिक्सर डाइट देने से दूध की गुणवत्ता की कमी को किया जा सकेगा दूर
विशेष नस्ल के कृत्रिम सीमेन के उपयोग से गर्भाधारण होने वाली देसी गाय के स्वास्थ्य व उसके दूध की गुणवत्ता में कमी हो सकती है. इन कमियों को दूर करने के लिए इस तरह की देसी गाय को मिनरल मिक्सर डाइट देना जरूरी होगा. विशेष किस्म के सीमेन का उपयोग करने से इस तरह की देसी गाय के दूध में वृद्धि तो होगी, लेकिन उस दूध में फैट की मात्रा काम हो सकती है. इस कमी को पूरा करने के लिए इस तरह की देसी गाय को मिनरल मिक्सर डाइट खिलाना जरूरी होगा.
डॉ ओकेश मुर्तजा, चिकित्सा पदाधिकारी, पशु अस्पताल, गया