वाराणसी स्थित भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् – भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान 03 से 05 फरवरी  2024 तक शहंशाहपुर परिसर में तीन दिवसीय  विशाल क्षेत्रीय किसान मेले का आयोजन कर रहा है। इस मेले में उत्तर प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक भी उपस्थित रहेंगे।

संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कान्ति बेहेरा ने बताया कि उन्नत कृषि उपायों के माध्यम से मानव स्वास्थ्य एवं कृषक समृद्धि पर आयोजित होने वाले इस मेले में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, सब्जियों की उन्नत खेती, पालीहाउस, हाई टेक नर्सरी, जैविक खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, कृषि यंत्रीकरण, ड्रोन, कीट एवं रोग प्रबंधन जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किये जायेंगे, जिसमें देशभर से आये कृषि विशेषज्ञ किसानों के साथ संवाद किया जाएगा।

यह मेला एसोसिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ़ इनोवेशन इन वेजिटेबल्स, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, राज्य सरकार, सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। मेले में मुख्य आकर्षण सब्जी प्रदर्शनी एवं विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा कृषि उत्पादों/ यंत्रों का प्रदर्शन एवं विक्रय है। राज्य और केंद्र सरकार, विश्वविद्यालयों, आईसीएआर संस्थानों, कृषि-व्यवसाय संस्थानों और अनेक कंपनियों के कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और 6 अलग-अलग राज्यों के 5 हज़ार से अधिक किसान तीन दिनों तक आयोजित होने वाले इस मेले में भाग ले रहे हैं।

डॉ बेहेरा ने बताया कि 2022-23 में देश में रिकॉर्ड 330 मिलियन टन खाद्यान एवं 350 मिलियन टन बागवानी उत्पादन हुआ। आज देश ना केवल खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर है बल्कि हम विदेशों में कृषि उत्पादों का निर्यात भी कर रहे हैं। इस सफलता की गाथा में किसानों, नीति निर्धारकों, वैज्ञानिकों एवं अनेक हितधारकों का महत्वपूर्ण योगदान शामिल है। भविष्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन, भंडारण, विपणन, प्रसंस्करण एवं कृषि से स्वरोजगार जैसी मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

देश में व्यवस्थित सब्जी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 1999 में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) की स्थापना वाराणसी में हुई। भारत में पूरी तरह सब्जी अनुसंधान पर समर्पित यह अकेला संस्थान है जहां सब्जी की नई उन्नतशील किस्में, उनकी सस्य प्रोद्योगिकी एवं कीट तथा बीमारियों के प्रभावकारी नियंत्रण के लिए अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। संस्थान द्वारा अब तक सब्जियों की 76 मुक्त परागित तथा 12 संकर किस्मों का विकास किया जा चुका है। इसके साथ-साथ सब्जियों की अनुमोदित किस्मों के बीज का उत्पादन भी किया जा रहा है l संस्थान द्वारा विकसित इन तकनीकों को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, किसान गोष्ठी, प्रशिक्षण, किसान मेला आदि के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है। यह किसान मेला इसी दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है। निदेशक डॉ बेहेरा ने संस्थान के निकटतम गाँवों के किसानों का आवाहन किया है कि वे अधिकतम संख्या में सम्मिलित होकर मेले में आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों के माध्यम से उन्नत कृषि की जानकारी हासिल करें।

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