समस्त महाजन का अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 23 अगस्त से….
गौशाला संस्थाओं को स्वावलंबी बनाएं: डॉ गिरीश जयंतीलाल शाह
हाइलाइट्स:
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> भारत सरकार के एनिमल वेल्फेर बोर्ड के सहयोग से समस्त महाजन द्वारा 23 से 25 अगस्त तक धर्मज (गुजरात) और पिंडवाड़ा(राजस्थान) तक ‘राष्ट्रीय जीवदया पर्यावरण यात्रा’का डॉ. गिरिशभाई शाह के मार्गदर्शन में आयोजन
> अजीत प्रसाद महापात्र, गोपाल आर्य, नवल किशोरजी, सुनील विदवंश, गुजरात के कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल, भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय,एनिमल वेल्फेर बोर्ड के विभिन्न राज्यों के गौ सेवा आयोग और राज्य एनिमल वेल्फेर बोर्ड आदि के अधिकारी, पदाधिकारी शामिल होंगे।
> गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेलने शुभकामनाएं दीं
> विभिन्न राज्यों के लगभग 500 गौशाला-पांजरापोलो -जीवदया संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
> गुजरात और राजस्थान के विभिन्न शहरों में पशुपालन एवं पर्यावरण पर आंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

( गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेलने शुभकामनाएं दीं )
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित स्वयंसेवी संस्था समस्त महाजन के तत्वावधान में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबोधित करते हुए भारत सरकार के पशु कल्याण विषय के सलाहकार मित्तल खेतानी डॉ गिरीश जयंतीलाल शाह की ओर से संबोधित करते हुए कहा कि समूचे देश में लावारिस पशुओं की बहुत बड़ी समस्या है जिसके लिए देश भर में गौशाला का विकास करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बनाने के लिए समस्त महाजन समर्पित है और तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कर रहा है।
भारत सरकार के भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस विषय पर विशेष विवरण देते हुए बताया कि डॉ गिरीश जयंती लाल शाह भारतीय जीवन कल्याण रोड के मार्गदर्शन में एनिमल वेलफेर बोर्ड के सहयोग से समस्त महाजन ने 23 से 25 अगस्त 2024 (शुक्रवार- शनिवार -रविवार) तक धर्मज (गुजरात) और पिंडवाड़ा (राजस्थान) तक ‘राष्ट्रीय जीवदया पर्यावरण यात्रा’ का आयोजन किया हैं। यह यात्रा गौशालाओं, पांजरापोलो के बारे में जानने-समझने और अबोल जीवों को शाता देने के लिए की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि आज वैश्विक स्तर पर जल, जन, जमीन, जंगल, जानवरों की सेवा में कार्यरत सभी समाजों की गतिविधियों में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, बचाव कार्य, गौशालाओं और पांजरापोलो को सहायता प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना, आत्मनिर्भर कृषि, जल भंडारण शामिल हैं। जीवदया रथ, भोजन रथ, सामाजिक उत्थान, विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तत्काल सहायता, पशु वध और बलि की रोकथाम, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवन रक्षा, गौसेवा, मानव सेवा सहित विभिन्न सेवाएँ शामिल हैं।
डॉ गिरीश जयंती लाल शाह के उद्देश्यों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, गौ सेवा गतिविधि के अखिल भारतीय गौसेवा संयोजक अजीत प्रसाद महापात्रा, अखिल भारतीय पर्यावरण गितिविधि संयोजक गोपाल आर्य, अखिल भारतीय गौसेवा संयोजक नवल किशोरजी, अखिल भारतीय गौसेवा क्षेत्र संयोजक सुनील विदवंश, गुजरात के कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल, पशुपालन मंत्रालय, भारत सरकार, एनिमल वेल्फेर बोर्ड ,विभिन्न राज्यों के गौ सेवा आयोग और राज्य एनिमल वेल्फेर बोर्ड आदि के अधिकारी, पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। विभिन्न राज्यों की लगभग 500 गौशालाओं-पंजारापोलो-जीवदया संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। गुजरात के जीवदयाप्रेमी मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेलने इस संबंध में अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के बारे में कहा कि 23 अगस्त 2024 को यात्रा के दौरान 146 एकड़ भूमि पर घास उगाकर गांव के पशुधन का भरण-पोषण कैसे किया जाए, 6000 पशुओं को ग्राम पंचायत से मूल मूल्य पर घास मिलेगी, हर साल रु. 50 लाख की आय आदि तथा 17000 इमली, आँवला तथा आम के वृक्षों की मुलाकात तथा अहमदाबाद में सायं 5 बजे से 9 बजे तक 700 गिर गाये जहां निवास करती है ऐसी बंसी गिर गौशाला की मुलाकात, गौशाला में एक शैक्षणिक कक्षा का आयोजन किया गया है । 24 अगस्त सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक वीरमगाम में 4 तालाब, 5000 पेड़, 2700 पशुओं तथा 1200 एकड़ गौचर भूमि का दौरा और दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक गुजरात में बनासकांठा जिले के भाभर में 11000 गायों के साथ वैज्ञानिक मॉडल से बनी जलाराम गौशाला का दौरा, 25 अगस्त सुबह 9 बजे से राजस्थान आबू रोड के पास 12 बजे तक पावापुरी में 6000 गायों वाली गौशाला और 1 लाख पेड़ों की सुंदर व्यवस्था का दौरा और पिंडवाड़ा में वैज्ञानिक ढंग से निर्मित सुविधाजनक गौशाला का निरीक्षण करने की भी योजना है। जिसमें गुजरात और राजस्थान के विभिन्न शहरों में पशुपालन एवं पर्यावरण विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किये जायेंगे।
इसके साथ ही गौशालाओं को स्वावलंबन की ओर परिवर्तित करना, गौ-आधारित संस्कृति की पुनर्स्थापना, पशु-विकास, गौ-आधारित कृषि-स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर जन-जागरूकता, गौ-पालन, जीवदया के संबंध में विभिन्न कानूनों का निर्माण तथा मौजूदा कानून का कड़ाई से कार्यान्वयन करना, गाय संस्कृति को बढ़ावा देना, गौशाला-पंजरापोलों की बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करना, जानवरों और पक्षियों का स्वास्थ्य संरक्षण, रासायणिक कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध, भारत में 6.50 लाख ग्राम गौचरों का विकास, देशी वृक्षों का रोपण बढ़ाना, जल संरक्षण, भावना और विज्ञान का एकीकरण, मनुष्यों में पक्षियों, पशुओं के प्रति अधिक दया पैदा करना, वर्षा जल संचयन, स्वच्छ दूध उत्पादों की उपलब्धता, फसल सुरक्षा के लिए अहिंसक स्वदेशी उपचार, शाकाहारी प्रसार के मुद्दों सहित सभी मुद्दों पर परिणामलक्षी तरीके से चर्चा की जाएगी।
यात्रा में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति पंजीकरण शुल्क रु. 1000 जिसमें तीन दिनों का आवास और भोजन शामिल है। सभी को अपने वाहन की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। संस्था द्वारा की जानीवाली बस की व्यवस्था का लाभ लेना है तो रु. 1000/- अलग से भुगतान करना होगा। बस बड़ौदा या अहमदाबाद से चलेगी। इन दोनों राशियों का भुगतान अलग-अलग करना होगा।गायें हमेशा से भारत की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही हैं। ‘राष्ट्रीय जीवदया पर्यावरण यात्रा’ एक ऐतिहासिक प्रयास है जिसमें गाय-केंद्रित और गाय-आधारित उद्योगों से जुड़े सभी क्षेत्रों के सैकड़ों लोग भाग लेंगे। इस ‘राष्ट्रीय जीवदया पर्यावरण यात्रा’ में गाय के पंचगव्य से बने शैंपू, साबुन और गोमूत्र से बने सौंदर्य प्रसाधन, औषधि सहित गाय आधारित उत्पादों के बारे में ज्ञान और समझ प्रदान की जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए भारत सरकार के एनिमल वेलफेर बोर्ड के सदस्य डॉ. गिरीश शाह (मो. 98200 20976), भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय के मानद सलाहकार समिति सदस्य मित्तल खेताणी (मो. 98242 21999), देवेन्द्र जैन (मो. 98251 29111), डॉ. आर. बी. चौधरी (मो. 861 083 7079) का संपर्क करने की बिनती है।