Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar addressed the birth anniversary celebrations of Shrimad Rajchandraji, in Mumbai today. @maha_governor @SRMDharampur pic.twitter.com/UC3c61dKzA
— Vice President of India (@VPIndia) November 27, 2023
मुंबई में भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने श्रीमद राजचंद्र जयंती- ‘आत्मकल्याण दिवस’ पर अयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और श्रीमद राजचंद्र जी की प्रतिमा का अनावरण किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा यहां आकर मैं धन्य हो गया। गुरुदेव राकेश जी का आशीर्वाद सदैव मेरी स्मृति में रहेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे और इस शताब्दी के युग पुरुष नरेंद्र मोदी हैं, महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा से हमें अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया था और भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी देश को उस रास्ते पर लाए हैं जिस रास्ते पर हम सदियों से देश को देखना चाहते थे उन्होंने आगे कहा कि इन दोनों महानुभावों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में एक समानता है और वह समानता यह है कि ये दोनों ही लोग श्री राजचंद्र जी का हृदय से सम्मान करते हैं। राजचंद्र जी जितना महत्वपूर्ण व्यक्तित्व इतिहास में मिलना मुश्किल है।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीमद राजचन्द्र मिशन लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं, लोगों का जीवन बदल रहा है इसमें कोई संदेह नहीं है यह मिशन मानव कल्याण के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। भारत सदियों से महापुरुषों की जननी रहा है। भारत विश्व संस्कृति का केंद्र है। भारत की सभ्यता 5000 वर्षों से भी प्राचीन है दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जिसकी सभ्यता इतनी प्राचीन और समृद्ध हो जितना कि हमारे देश की। उन्होंने कहा कि आज के दिन की खासियत देखिए श्रीमद् राजचंद्र जी की जयंती, कार्तिक पूर्णिमा और प्रकाश पर्व इन तीनों का एक दिन पर मिलन हमारी सांस्कृतिक गहराई को इंगित करता है।
हमारी ताकत हमारा आध्यात्मिक ज्ञान और संस्कृतिक है, दुनिया के महान देशों के लोग शांति की खोज में हमारे देश में आते हैं और यह देखकर बहुत सुकून मिलता है। भारत सदियों से संस्कृति और सभ्यतागत लोकाचार का केंद्रबिंदु रहा है। उन्होंने कहा पृथ्वी सिर्फ मनुष्य मात्र के लिए नहीं है यह धरा सभी प्राणियों के लिए है, वसुधैव कुटुंबकम का धेय वाक्य एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य इसे आत्मसात करता है।
उपराष्ट्रपति ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान और महिलाओं को प्रदान किए गए आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा यदि आज राजचंद्र जी और महात्मा गांधी जी साक्षात रूप में उपस्थित होते तो वे भी इन कार्यक्रमों की सराहना करते। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा उन्हें उनका अधिकार मिलेगा।
श्री धनखड़ ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने एक बहुत महान काम किया है अमृत काल में उन सब लोगों को ढूंढ निकला है जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए त्याग और बलिदान किया। भारत की दुनिया में आज एक अलग पहचान है, भारत 140 करोड़ की जनसंख्या वाला एक प्रतिभाशाली देश है।
श्री धनखड़ ने श्री धनखड़ ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को आगाह करते हुए कहा कि देश में बदलाव शिक्षा समानता और अच्छे व्यवहार से आता है उन्होने कहा कि यदि सड़क पर हमारा आचरण कानून के अनुरूप होगा तो दुनिया देखेगी कि भारत बदल गया है, उन्होंने आगे कहा कि मैं मुंबई शहर सड़कों पर अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है।
श्री धनखड़ ने कहा जो लोकतंत्र के मंदिर डिबेट, चर्चा और विचार विमर्श की परंपराओं से फलने फूलने चाहिए वहां शोर-शराबा और व्यवधान होता है। राष्ट्रपति ने संविधान सभा का जिक्र करते हुए कहा कि जब संविधान का निर्माण हुआ संविधान सभा में तीन साल तक बहस चली, चर्चा हुई वहां बहुत से विभाजनकारी मुद्दे थे लेकिन किसी भी प्रकार का शोर-शराबा नहीं हुआ, हंगामा नहीं हुआ कोई वेल में नहीं आया, किसी ने प्लेकार्ड नहीं दिखाए।
आज भारत दुनिया में तेज गति से आगे बढ़ रहा है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवा स्थान प्राप्त किया है, भारत ने यूके और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है और वर्ष 2030 तक जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा।
उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया की 20 बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों में भारत के लोग महत्पूर्ण पदों को सुशोभित कर रहे हैं। भारत तेज गति से विकास कर रहा है, जल थल और नभ तीनों में तेज़ गति से तरक्की कर रहा है। उन्होने कहा कि जब देश या कोई व्यक्ति बहुत आगे जाता है तो कुछ लोग खिलाफत में उतर आते हैं, कुछ शक्तियां हमारे देश के विकास को रोकते हैं, कुछ शक्तियां हमारे देश के विकास को हजम नहीं कर पा रही हैं, कुछ लोगों का हाजमा खराब हो गया है, जब भी देश में कोई अच्छा काम होता है वह एक दूसरे ही मोड में चले जाते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसी स्थिति में आप जैसे महानुभाव चुप नहीं रह सकते, यह खतरा बहुत बड़ा है यह खतरा छोटा नहीं है, देश को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
देश में ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत है, हम एक ऐसी संस्कृति विकसित करें जिसमें सभी लोग राष्ट्र को सर्वोच्च रखें, हमें भारतीयता में विश्वास करना चाहिए, हमें भारतीय होने पर गर्व करना चाहिए, हमें हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए, हमने जिस चीज का सपना नहीं देखा था, कभी कल्पना नहीं की थी आज वह सब जमीनी हकीकत है। अपने सम्बोधन के अंत में उपराष्ट्रपति ने श्रीमद राजजचंद्र मिशन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी गतिविधियों की सराहना की और अपना आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर के प्रमुख श्री गुरुदेव राकेश जी, मिशन के उपाध्यक्ष श्री आत्मर्पित नेमीजी, महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर एवं अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।