उनका नाम शिवरंजनी तिवारी (Shivranjani Tiwari) है। उम्र 20 साल बताई जा रही। मीडिया रिपोर्टों में उन्हें एमबीबीएस की छात्रा और भजन गायिका बताया जा रहा है। वे बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) को अपना ‘प्राणनाथ’ बता रही हैं। दावा कर रही हैं कि 16 जून 2023 को बागेश्वर सरकार उनके साथ लाइव होंगे। उनके मन की बात बताएँगे।

क्यों चर्चा में हैं शिवरंजनी तिवारी

शिवरंजनी तिवारी अपनी पदयात्रा को लेकर चर्चा में हैं। पदयात्रा उन्होंने गंगोत्री धाम से शुरू की है। बागेश्वर धाम तक जाने का संकल्प है। सिर पर गंगाजल से भरा कलश रखकर वह यह यात्रा कर रही हैं। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि ऐसा वह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी की मनोकामना लेकर कर रही हैं। एक मई को गंगोत्री धाम से यात्रा शुरू कर वह 6 जून को चित्रकूट पहुँची। शिवरंजनी का कहना है कि अपने गुरुदेव के आदेश पर वह इस यात्रा पर निकली हैं।

कौन हैं शिवरंजनी तिवारी

शिवरंजनी तिवारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के सिवनी की रहने वाली हैं। पैतृक गाँव चंदौरीकला (दिघौरी) है। परिवार करीब 25 साल से हरिद्वार में रहता है। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के परिवार से उनका ताल्लुक बताया जाता है। आध्यात्म के प्रति बचपन से लगाव रहा है। चार साल की उम्र से भजन गा रही हैं। भागवत कथा भी सुनाती हैं। फिलहाल एमबीबीएस कर रही हैं। लेकिन किस कॉलेज से, यह साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि 2021 में NEET की परीक्षा पास की थी।

शिवरंजनी के पिता बैजनाथ तिवारी एक निजी कंपनी में महाप्रबंधक थे। अब नौकरी छोड़ बेटी के भजन कार्यक्रमों में सहयोग करते हैं। उनकी पत्नी कैंसर दवाओं की विशेषज्ञ हैं। फिलहाल अमेरिका के सेंट फ्रांसिस में एक निजी कंपनी कार्यरत हैं।

16 जून को क्या करेंगी शिवरंजनी तिवारी?

शिवरंजनी तिवारी के 16 जून 2023 को बागेश्वर धाम पहुँचने की उम्मीद है। पिता, भाई सहित कई और लोग भी यात्रा में उनके साथ हैं। आज तक से बातचीत में उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ‘प्राणनाथ’ कहकर संबोधित किया। शिवरंजनी ने कहा, “जब से गंगा कलश यात्रा गंगोत्री धाम से शुरू की तरह-तरह की बातें हो रही है। लोग कह रहे कि मनचाहा वर पाने के लिए मैंने यह यात्रा शुरू की है। कई लोग कह रहे हैं कि मैं अपने हाथों में फूलों की माला लेकर जा रही हूँ, जिसे धीरेंद्र शास्त्री के गले में डालने वाली हूँ। लोगों को बताना चाहूँगी कि महाराज श्री अंतर्यामी हैं। प्राणनाथ हैं। भगवान हैं। वे मन की बात जान लेते हैं। मैं सभी से कहना चाहती हूँ कि 16 जून तक का इंतजार कीजिए।”

शिवरंजनी ने अपने मन की बात प्रकट करने से इनकार करते हुए बताया है कि वह 2021 से ही बागेश्वर सरकार का हर वीडियो देखती हैं। इससे उनके मन में भक्ति जगी और उन्होंने बागेश्वर धाम तक कलश यात्रा का संकल्प लिया। इस यात्रा से बागेश्वर बाबा के साथ उनकी शादी को लेकर जो अटकलें शुरू हुई हैं अब 16 जून को उससे पर्दा उठेगा।

Previous articleप्राकृतिक कृषि – देशी गाय के एक ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ तक सूक्ष्म जीवाणु होते हैं
Next articleपूर्व शेरिफ और लायंस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ. जगन्नाथ राव हेगड़े का जन्मदिन बना जलसा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here