Home Feature News आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पथ पर बढ़ता मध्यप्रदेश

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पथ पर बढ़ता मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश की नवगठित सरकार ने अपने 2 माह के कार्यकाल में प्रदेश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर विशेष जोर दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सांस्कृतिक अभ्युदय के संकल्प की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार मजबूती से कदम बढ़ा रही है।

87
0
मध्यप्रदेश की नवगठित सरकार ने अपने 2 माह के कार्यकाल में प्रदेश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर विशेष जोर दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सांस्कृतिक अभ्युदय के संकल्प की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार मजबूती से कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव प्रदेश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व सनातन परंपरा के गौरव को संरक्षित करने और सहेजने की पहल करते हुए अभूतपूर्व निर्णय ले रहे हैं। सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और विकास से न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक भाव का जागरण हो रहा है, बल्कि दुनिया भी भारतीय संस्कृति और मूल्यों से परिचित हो रही है। पर्यटन के विकास से रोजगार के अवसर पहले से अधिक बढ़ेंगे साथ ही प्रदेश भी धार्मिक एवं आर्थिक रूप से समृद्ध एवं खुशहाल होगा। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा थीम आधारित पर्यटक सर्किट के विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना भी शुरू की गई, जिसमें कुल 76 परियोजनाओं को मंजूरी मिली। प्रदेश के लिए यह खुशी की बात है कि इस परियोजना में ग्वालियर और चित्रकूट जैसे पर्यटन स्थल भी शामिल हैं।
पर्यटन विकास के लिए ब्याज मुक्त ऋण देगी केन्द्र सरकार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत में पर्यटन की अपार संभावनाओं का जिक्र अक्सर करते हैं। देश की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत पर्यटन को समग्रता प्रदान करती है। केन्द्र सरकार की प्राथमिकता देश में पर्यटन के विकास और इस क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की है। हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि ‘आध्यात्मिक पर्यटन समेत सभी तरह के पर्यटन में स्थानीय उद्यमियों के लिए व्यापक संभावनाएं नजर आ रही हैं। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यह अंदाजा लग गया  है कि देश में आध्यात्मिक पर्यटन में काफी संभावनाएं हैं। हाल ही में जैफरी रिपोर्ट में कहा गया था कि अयोध्या में राम मंदिर प्रतिवर्ष 5 करोड़ आध्यात्मिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय को इस अंतरिम बजट में 2,449.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार लक्षद्वीप समेत देश के द्वीपीय क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई विकास परियोजनाएं शुरू करेगी।  इन विकास परियोजनाओं के शुरू करने से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि विशिष्ट पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन पर्यटन स्थलों के विकास और इनकी विश्व स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए उन्हें लंबी अवधि के लिए ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा। सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर पर्यटन केंद्रों के लिए रेटिंग ढांचा स्थापित किया जाएगा।
अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट का विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी प्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन के विकास पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने चित्रकूट को अयोध्या के तर्ज पर विकसित किए जाने की घोषणा की है साथ ही चित्रकूट सहित राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य करने की बात भी कही। इसके लिये पूरी कार्य योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल किया जायेगा।
सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनेगा राम वन पथ गमन मार्ग
प्रदेश सरकार के निर्णयानुसार 1450 किलो मीटर की दूरी वाला राम वन पथ गमन मार्ग प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन की दृष्टि से अद्भूत धार्मिक केंद्र होगा। राम वन पथ गमन मार्ग के विकास से आस-पास के क्षेत्रों का भी विकास होगा और नागरिकों के लिए पर्यटन के साथ ही रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। राम वन पथ गमन के लिए तैयार की गई कार्य योजना के अनुसार 1450 किलोमीटर की दूरी में 23 प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जिनमें सतना, पन्ना, कटनी, अमरकंटक, शहडोल, उमरिया आदि जिले भी शामिल हैं,मंदिरों के कायाकल्प से इन जिलों को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चित्रकूट में भगवान कामतानाथ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की बात कही।  इसके साथ ही उन्होंने जिला पर्यटन संवर्धन परिषद को सक्रिय कर चित्रकूट में पर्यटन गतिविधियां को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
पर्यटन विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक होगा विक्रमोत्सव-2024
मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठा रही है।  प्रदेश सरकार पर्यटन विकास के माध्यम से रोजगार की संभावनाओं पर भी बल दे रही है। इसी उद्देश्य से मध्यप्रदेश के प्राचीन आध्यात्मिक पर्यटन के केंद्र एवं राजा विक्रमादित्य की ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में आगामी महाशिवरात्रि पर्व से गुड़ी पड़वा पर्व तक विक्रमोत्सव-2024 एवं विशाल व्यापार मेले के आयोजन का निर्णय लिया है। उज्जैन को व्यवसाय, पर्यटन एवं विकास की राह में आगे बढ़ाने के उद्देशय के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार इस वर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर उज्जैन में मनाए जाने वाले गौरव दिवस के पूर्व 40 दिनों तक भव्यता के साथ विभिन्न सांस्कृतिक, व्यापरिक एवं औद्योगिक आयोजन किये जायेंगे। जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ इन्वेस्टर समिट का शुभारंभ 1 मार्च 2024 को उज्जैयनी विक्रम व्यापार मेले के अवसर पर किया जाएगा तथा समापन 9 अप्रैल 2024 को शिवज्योति अर्पण कार्यक्रम के साथ होगा। मोदी जी की सांस्कृतिक अभ्युदय की गारंटी को पूरा करने में जुटे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रयासों से एक तरफ जहां प्रदेश के विकास को गति मिल रही है तो वहीं धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि का भी नव सूर्योदय हो रहा है।(विभूति फीचर्स)
Previous articleगौ सेवा करने के साथ ही कमाई भी करना चाह रहे हैं – करना होगा ये काम
Next articleराजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लाहौर 1947’ में अभिमन्यु सिंह निभाएंगे विलेन का किरदार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here