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बिजनेसमैन डॉ निकेश जैन माधानी टूरिज्म, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी अवॉर्ड से सम्मानित

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मुंबई। 31 जनवरी को पवई स्थित मेलुहा द फर्न एन इकोटेल होटल, मुंबई में हॉस्पिटैलिटी इंडिया पब्लिकेशन समूह के चीफ एडिटर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीत कालरा द्वारा 8वें टुरिज्म, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी अवॉर्ड्स का आयोजन हुआ एवं हॉस्पिटैलिटी इंडिया कॉफी टेबल बुक (कवर पेज) के 9वें संस्करण का विमोचन किया गया।
उसी अवसर पर युवा बिजनेसमैन डॉ निकेश जैन माधानी इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित हुए। उन्हें चीफ गेस्ट फिल्म निर्माता विनोद बच्चन के हाथों अवॉर्ड प्राप्त हुआ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील कुमार आर (अध्यक्ष ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) ग्लोबल अध्यक्ष, यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन (यूएफटीएए), योगेश मुद्रास (प्रबंध निदेशक इंफॉर्मा मार्केट्स इंडिया एवं एसएटीटीई के आयोजक) थे। वहीं विशेष अतिथि के रूप में शिव शेखर शुक्ला (आईएएस, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन तथा प्रबंध निदेशक मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड), मनीष दय्या (महाप्रबंधक, सोफिटेल मुंबई बीकेसी), भगवान बलानी (महाप्रबंधक, आईटीसी मराठा, मुंबई महाराष्ट्र), बिनोद श्रेष्ठ (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, कैसीनो माहजोंग नेपालगंज, काठमांडू – नेपाल), अमूल्य राणा (महाप्रबंधक कैसीनो माहजोंग नेपाल काठमांडू – नेपाल), राजन सहगल (सह-संस्थापक, पैशनल्स एवं अध्यक्ष इंडिया गोल्फ टूरिज्म एसोसिएशन एवं सदस्य ईसी-टीएएआई), फिल्म निर्माता विनोद बच्चन और बिजनेसमैन डॉ निकेश जैन माधानी थे।

कट्टर ईमानदारी की बात करने वाले बन गए कट्टर भ्रष्टाचारी – मुख्यमंत्री धामी

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31 जनवरी 2025,शुक्रवार ,नई दिल्ली  सीएम धामी ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना

कस्तूरबानगर में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा

नई दिल्ली / कस्तूरबा नगर ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली के कस्तूरबानगर से भाजपा प्रत्याशी नीरज बसोया के समर्थन में जनसभा कर भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताने की अपील की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिल्ली की जनता के जोश को देखकर इस बार प्रचंड बहुमत से दिल्ली विधानसभा में डबल इंजन सरकार बनने जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। आज दुनिया का हर निवेशक भारत में निवेश करना चाहता है।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कारण लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खुद को कट्टर ईमानदार कहने वाले भ्रष्टाचार के पर्याय बने हुए हैं। उनके 22 विधायक, आठ मंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री तक को जेल जाना पड़ा है। झूठ बोलकर सत्ता में आए केजरीवाल ने कहा था कि हम बंगले नहीं लेंगे लेकिन उन्होंने आठ बंगले तोड़कर शीशमहल बना डाला।

आज दिल्ली में साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने राशन कॉर्ड, बस और पैनिक बटन घोटाला तक किया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू बताते हैं। एक विशेष वोट बैंक की खातिर इन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने तक को ठुकरा दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी माह 27 जनवरी को हम यूसीसी लागू कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा जो कहती है कि हम घोषणा पत्र जारी नहीं करते हम संकल्प पत्र जारी करते हैं और अपने संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाते हैं।

कांग्रेस और आप दिल्ली में अलग-अलग होने का वादा करते हैं लेकिन, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण में एक साथ हैं। ये लोग यूपी, बिहार, उत्तराखंड के लोगों से नफरत करते हैं लेकिन, रोहिंग्याओं और घुसपैठियों से प्रेम करते हैं।
धामी ने कहा कि ये दिल्ली की जनता को निर्णय करना है कि वे यूसीसी करने वालों के साथ हैं या फिर मुस्लिम लॉ बोर्ड का समर्थन करने वाले लोगों के साथ हैं।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद धैर्यशील मोहन पाटिल, विनय रोहिला, नरेंद्र बिष्ट, यशोदा घिल्डियाल, कमल घिल्डियाल, बाबूलाल, रोशनी खंतवाल, विकास पोखरियाल, प्रकाश जोशी, अमिट भाटी समेत कई गणमान्य उपस्थित थे …!

गौड़ीय मिशन द्वारा श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद के 150 वें जन्मोत्सव पर ‘विश्व वैष्णव सम्मेलन’ संपन्न

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मुंबई : गौड़ीय मिशन, श्री राधा कृष्ण मंदिर, बांद्रा पूर्व, मुंबई के तत्वावधान में गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद के 150 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में एक भव्य नगर संकीर्तन शोभायात्रा एवं “विश्व वैष्णव सम्मेलन” का आयोजन किया गया। जिसमे घनसावंगी विधानसभा के विधायक हिकमत उढाण प्रमुख अतिथि के रूप में पहुंचे थे तो वहीं शिवसेना के विभागप्रमुख कुणाल सरमलकर विशेष अतिथि व पूर्व नगरसेवक सुभाष कांता सावंत अतिथि के तौर पर विराजमान हुए।
सम्मेलन के प्रथम सत्र अर्थात 28 जनवरी को शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। शोभायात्रा के पश्चात  वैष्णव सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें वक्ता के रूप में गौड़ीय मिशन के आचार्य एवं अध्यक्ष श्रीमद् भक्ति सुंदर संन्यासी गोस्वामी महाराज, श्रीचैतन्य गौश्री गौड़ीय मिशन मुंबई के अध्यक्ष एवं आचार्य श्रीपाद भक्ति विचार विष्णु महाराज तथा गौड़ीय मिशन वृंदावन अध्यक्ष श्रीपाद भक्ति भास्कर भारती महाराज आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का समापन गौड़ीय मिशन के युवा मंडली द्वारा महामंत्र की धुन पर गौड़ीय नृत्य की प्रस्तुति के साथ हुआ।


विश्व वैष्णव सम्मेलन का दूसरा सत्र 29 जनवरी को सम्पन्न हुआ, जिसकी शुरुआत भजनों की अमृतवर्षा से हुई। सभी भक्त भजनों की रसधारा में सराबोर हो गए। सभा में वक्ता के रूप में श्रील भक्ति विचार विष्णु महाराज, श्रीपाद भक्ति विजय वैखानस महाराज, अध्यक्ष और आचार्य, श्री गौर गोबिंद गौड़ीय मठ, मायापुर श्रीपाद भक्ति सुहृद परमाद्वैती महाराज, आध्यात्मिक प्रचारक, श्री चैतन्य मिशन, एवं अध्यक्ष, श्री राधा गोविंद मंदिर उपस्थित थे। सभा का संबोधन करते हुए श्रीपाद भक्ति रक्षक ऋषिकेश महाराज ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया एवं यथोचित सत्कार किया। श्रीमद् भक्ति वैखानस महाराज ने अपनी व्यकत्व बताया कि जिस प्रकार जीवों के कल्याण के लिए महर्षि वेदव्यास ने भारी तपस्या करके वेदों का विभाजन किया, अष्टादश पुराण उपनिषद आदि की रचना की। और उन सभी का ज्ञान संपत्ति के रूप में’ अपने पुत्र को प्रदान  करके सम्पूर्ण विश्व में वितरित किया ठीक उसी प्रकार श्रील भक्ति विनोद ठाकुर ने भी भक्ति प्राप्ति के लिए संपूर्ण सिद्धांत विश्व के कल्याण हेतु अपने पुत्र श्रील प्रभुपाद को प्रदान किया। जिसका श्रील प्रभु‌पाद में पूरे विश्व में प्रचार किया। इसके बाद श्रीपाद भक्ति सुहृद परमाद्वैती महाराज ने अपनी वक्तव्य में उल्लेख किया कि आज जितने भी गौड़ीय मिशन, मठ या इस्कॉन हैं, उन सबके मूल में श्रील प्रभुपाद ही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह केवल हमारी वाणी ही नहीं बल्कि सभी शास्त्रों की वाणी है। “उत्कले पुरुषोतमात् अर्थात उड़ीसा में जिसका जन्म होगा उन्हीं के द्वारा संपूर्ण विश्व में महाप्रभु की वाणी प्रचारित होगी। इसके उपरांत सभा में गौड़ीय मिशन के वर्तमान आचार्य एवं अध्यक्ष श्रील भक्ति सुंदर संन्यासी गोस्वामी महाराज का आगमन हुआ। उन्होंने बताया कि जगत में उत्पन्न शुद्ध हरिकथा के अकाल को श्रील प्रभुपाद ने किस प्रकार दूर किया और किस प्रकार गौड़ीय मिशन संसार में भवरोग के अस्पताल के रूप में कार्य करता है।उन्होंने उन सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने इन कार्यक्रम को सफल बनाने में तन-मन-धन से सहायता करी। तत्पश्चात् श्रील प्रभुपाद की भव्य आरती हुई एवं श्रील प्रभुपाद के त्रिवर्षव्यापी उत्सव पर एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण हुआ। तदुपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें गौड़ीय युवा गोष्ठी द्वारा बाउल नृत्य एवं संन्यासी ब्रहाचारियों द्वारा महामंत्र कीर्तन हुआ। हरे कृष्ण हल्दार एवं अन्य युवा बच्चों द्वारा भव्य मृदंग वादन, भरतनाट्यम आदि का प्रदर्शन हुआ। इसके बाद श्रील भक्ति विचार विष्णु महाराज ने सभा का संबोधन किया।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे किसी विशेष आवश्यक कार्य के कारण श्रील प्रभुपाद की जन्म जयंती में नहीं पधार सके, इसके लिए उन्होंने खेद व्यक्त किया। उनके प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे शिवसेना नेता और घनसावंगी विधानसभा के विधायक हिकमत उढाण, विभाग प्रमुख कुणाल सरमलकर विशेष अतिथि व पूर्व नगरसेवक सुभाष कांता सावंत ने बताया कि जल्द ही उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राधा कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए पधारने वाले हैं.

शङ्कराचार्य के परमधर्म संसद् में पारित हुआ योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमन्त्री पद से त्याग पत्र का प्रस्ताव

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कुम्भ क्षेत्र में अनेक स्थानों पर हुई भगदड की घटनाओं को छिपाए जाने के कारण शङ्कराचार्य के परमधर्म संसद् में पारित हुआ योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमन्त्री पद से त्याग पत्र का प्रस्ताव

सनातन वैदिक हिन्दू आर्य परमधर्मसंसद् १००८

प्रासंगिक प्रस्ताव

संवत् २०८१ माघ शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार दिनाङ्क 30 जनवरी 2025 ई.

1- सम्प्रति प्रयागराज में कुम्भ महापर्व आयोजित हो रहा है जिसमे केन्द्र और उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकारें बहुत ही मनोयोग से व्यवस्था बनाने में लगी दिखायी देती हैं। उनकी ओर से कहा गया है कि ४० से ५० करोड़ लोग उसमें भाग लेने वाले हैं। स्वाभाविक है कि उनसे अपेक्षा थी थी कि वे इतने लोगों की व्यवस्था भी समुचित रूप से करेंगे, कर रहे होंगे।
विगत अमावास्या के आगमन की पूर्व रात्रि २८/२९ जनवरी २०२५ ई० की रात्रि में ही मेला क्षेत्र में किसी कारणवश (जिसका कारण अभी तक ज्ञात नहीं है) भगदड़ मच गई और अब (३० जनवरी २०२५ की दोपहर तक) यह ज्ञात तथ्य हो गया है कि विगत पूरे दिन एक ही नहीं, अपितु अनेक स्थानों पर भगदड़ हुई और अनेक श्रद्धालु काल-कवलित हो गए।
घटना दुःखद और मर्माहत कर देने वाली है। हम सब मृतकों की सद्गति और उनके परिवारों के धैर्य के लिए सदन प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं और आशा करते हैं कि शासन-प्रशासन घटना की जांच कर सच्चाई सामने लाएगा ताकि यदि कोई दोषी हो तो उसे दण्डित किया जा सके और वर्तमान कुम्भ (जो कि अभी और कई दिन चलने वाला हैं) में कोई और दुर्घटना न हो पाए।
इसी के साथ उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी के उस कृत्य की निन्दा के प्रस्ताव भी पारित कर रहे हैं जिसमें उन्होंने न केवल मृतकों की मृत्यु को छिपाना अपितु अफ़वाह कहकर मखौल भी उड़ाया। अपमानित भी किया और सन्तों/ श्रधालुओं के साथ छल भी किया।
ध्यान रहे देश के प्रधानमन्त्री रहे स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री जी जब रेल मन्त्री थे, उन्होंने आन्ध्र प्रदेश में हुई रेल दुर्घटना पर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
मुम्बई में २६/११ आतंकी हमले से समय देश के तत्कालीन गृहमन्त्री श्री शिवराज पाटिल को मात्र इसलिए त्यागपत्र देना पड़ा था कि उन्होंने उसी दिन दो-तीन बार अपने कपड़े बदल लिए थे। कपड़ा बदलने का कारण भी उनसे नहीं पूछा गया और देशव्यापी निन्दा के माध्यम से उनका त्याग पत्र ले लिए गया था।
अब मुख्यमन्त्री श्रीमान् योगी आदित्यनाथ जी ने जिस तरह मौनी अमावस्या पर्व पर हुई भगदड़ में मृतकों को मृत्यु जैसे अटल सत्य को दिन भर देश की जनता और कुम्भ में समवेत साधु-सन्तों-आचार्यों और संस्थाओं से छिपाकर रखा और बार-बार अफ़वाह से बचने की सलाह देकर श्रद्धालुओं की मृत्यु को अफवाह कहकर अपमानित करते रहे उसके लिए यह परमधर्मसंसद् उनके इस आचरण की निन्दा करती है और भारतीय जनता पार्टी से माँग करती है कि ऐसे मुख्यमन्त्री को तत्काल पदमुक्त कर किसी योग्य व्यक्ति को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जो अभी शेष कुम्भ के दिनों में सुव्यवस्था बनायें और समवेत हिन्दू समाज को यह गारण्टी दे कि अब कुम्भ क्षेत्र में कोई दुर्घटना नहीं होने दी जाएगी। यदि दुर्योग से कुछ अघटित घटे भी तो उसे आगे बढ़कर संभाला जाएगा, न कि उसे छिपाकर लीपापोती की जाएगी और मीडिया के माध्यम से घटना को ही छिपाकर वाहीवाही ली जाएगी। यदि भारतीय जानता पार्टी इतनी बड़ी घटना के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया को नहीं बदलती तो मानना होगा कि वे भी वर्तमान मुख्यमन्त्री के इस कृत्य के बराबर के सहयोगी हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कैसे श्रद्धालुओं की मृत्यु को छिपाकर/अफ़वाह बताकर अपमानित किया है।
-२८ जनवरी २०२५ की रात ९:११ बजे वे अपने ब्लू टिक योगी आदित्यनाथ एक्स प्लेटफॉर्म पर अमावस्या स्नान की शुभकामनाएँ दे रहे।
-इसी रात १ से २ बजे के बीच पहली घटना घटती है जिसमें अब बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
-सबेरे 4 बजे उठने पर सोशल मीडिया और अखबारों के समाचारों में समाचार दिखाई दिए कि रात मेला में भगदड़ हुई है और 17 लोग काल-कवलित हो गए हैं।
-जब स्पेशल मीडिया और अखबार यह कह रहे थे तब कैसे माना जाए कि मुख्यमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं थी?
-हम सब जब अधिकारिक/प्रामाणिक जानकारी के लिए चिन्तित होकर प्रतीक्षा कर रहे थे तब ८ बजकर ८ मिनट पर योगी आदित्यनाथ का एक्स सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वक्तव्य आया कि शान्तिपूर्ण स्नान हो रहा है, किसी भी अफवाह पर बिल्कुल ध्यान न दें। तब लगा कि अफ़वाह है भगदड़ की खबर।-और फिर १० बजकर २० मिनट पर आदित्यनाथ का बोलते हुए वीडियो आया जिसमे जिसमें उन्होंने कहा कि घटना हुई है, लोग घायल हैं, इलाज चल रहा है।
पर उन्होंने तब भी किसी की मृत्यु की बात नहीं बतायी और उन पर भरोसा कर सभी सन्त-महन्त- आचार्य-श्रद्धालु स्नान-भोजनादि सम्पन्न करने लगे।
कैसे माना जाए कि उन्हें तब तक किसी भी श्रद्धालु की मृत्यु का समाचार नहीं मिला था। अतः सिद्ध है कि उन्होंने देश-प्रदेश और कुम्भ में उपस्थित जनता-सन्तों से धोखा किया और तथ्य छिपाए रखा।
-जबकि सायंकाल ७:५४ बजे उन्होंने एक्स पर अपने वीडियो से बेशर्मी दिखाते हुए स्वीकार किया कि मृत्यु हुई है।
-ऐसे में उनके प्रति जनता और सन्तों का विश्वास कम हुआ है। ऐसे में तथ्यों को छिपाकर वाहवाही लूटने के चक्कर में पड़ा नेता मानते हुए यह सदन उनसे अपने पद से त्यागपत्र की माँग करता है।

प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के लिए साथ हुए री सस्टेनेबिलिटी एंड रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड और आरती सर्कुलरिटी लिमिटेड

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मुंबई। री सस्टेनेबिलिटी एंड रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड (ReSRL), री सस्टेनेबिलिटी कंपनी (ReSL), और आरती सर्कुलरिटी लिमिटेड (ACL), जो कि स्पेशियलिटी केमिकल्स की एक प्रमुख कंपनी, आरती इंडस्ट्रीज लिमिटेड (AIL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने भारत में अपनी तरह की पहली परिवर्तनकारी संयुक्त उद्यम कंपनी (JVCo) की स्थापना के लिए हाथ मिलाया है। इसका उद्देश्य पूरे भारत में प्लास्टिक सामग्री रिसाइक्लिंग सुविधाओं (पीएमआरएफ) के विकास को आगे बढ़ाना है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक संसाधन पुनर्प्राप्ति और टिकाऊ संसाधन प्रबंधन प्रथाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
पीएमआरएफ प्लास्टिक सहित विभिन्न अपशिष्ट धाराओं से संसाधनों को अलग करने, निकालने और पुनर्चक्रण करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, ताकि उन्नत परिपत्र सामग्री (एसीएम) का उत्पादन किया जा सके जिसका उपयोग कच्चे माल, ईंधन या पुनर्चक्रित पॉलिमर फीडस्टॉक के रूप में किया जा सके। साझेदारी 2030 तक प्रति दिन 500 टन की न्यूनतम संसाधन पुनर्प्राप्ति क्षमता प्राप्त करने और सामग्री और ऊर्जा परिपत्रता को अधिकतम करने के लिए ReSL के मुख्य संचालन से विभिन्न फीड स्टॉक की खोज करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस साझेदारी के तहत पहली प्लास्टिक सामग्री रीसाइक्लिंग सुविधा हैदराबाद, तेलंगाना में स्थापित की जाएगी, और इस क्षेत्र में उन्नत रीसाइक्लिंग बुनियादी ढांचे के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। यह टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी होगा। यह रणनीतिक साझेदारी स्थिरता और प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। संयुक्त उद्यम कंपनी भारत के रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्रों में नए मानक स्थापित करते हुए अत्याधुनिक पीएमआरएफ विकसित करने और संचालित करने के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकी भागीदारों का मूल्यांकन और संलग्न करेगी।

री सस्टेनेबिलिटी के प्रबंध निदेशक और सीईओ मसूद मलिक ने कहा, “यह सहयोग स्थायी संसाधन प्रबंधन की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह साझेदारी हमारे अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन पुनर्प्राप्ति विशेषज्ञता को आरती इंडस्ट्रीज की समृद्ध विरासत और विशेष रासायनिक विनिर्माण में इसकी 40 वर्षों की विशेषज्ञता के साथ जोड़ती है, जिससे हम महत्वपूर्ण अपशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने वाले अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में सक्षम होते हैं। उन्नत प्रौद्योगिकियों और सतत प्रथाओं का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य एक मजबूत ढांचा तैयार करना है जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है और संसाधन दक्षता और परिपत्रता के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। साथ मिलकर, हम भारत और उसके बाहर संधारणीय विकास के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करेंगे।
आरती सर्कुलरिटी लिमिटेड के निदेशक मिरिक गोगरी ने कहा, “एसीएल और आरईएसएल के बीच यह व्यवस्था एक अग्रणी विकास है जो दो अग्रणी कंपनियों की तालमेल और दक्षताओं पर आधारित है, जो नवाचार को स्थिरता के साथ जोड़कर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करती है। इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से, हमारा लक्ष्य भारत और उसके बाहर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में क्रांति लाना है, जो एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, अपशिष्ट उत्पादन को कम करने, नए संसाधनों पर निर्भरता को कम करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के एसीएल के व्यापक मिशन के साथ जुड़ा है।

वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव ही सनातन धर्म का भाव : योगी आदित्यनाथ

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– कहाँ असली अमृत का महाकुम्भ दिखा सद्भावना सम्मेलन में

प्रयागराज 27 जनवरी : मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में विराट सद्भावना सम्मेलन, सेक्टर 8, नागवासुकी जोन, बजरंगदास मार्ग, बेनीमाधव मार्ग एवं पद्मामाधव मार्ग के बीच में स्थित कुम्भ मेला क्षेत्र के त्रिदिवासीय मानव धर्म शिविर में उपस्थित लाखों जन समूह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाँ कि प्रख्यात समाज सेवी प्रखर धर्म गुरू उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ मंत्री और सदैव मानवता के सेवा के समर्पित भाव के साथ कार्य करने वाले आदरणीय सद्गुरु श्री सतपाल जी महाराज और उनके धर्म परिवार को प्रयागराज का इस धरती पर हृदय से सुस्वगत व अभिनन्दन करता हूँ । श्री महाराज जी देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लिए उनके पूज्य गुरुदेव एक सिद्ध योगी थे। जिनकी साधना भारत के सनातन धर्म की पवित्र परम्परा से आगे बड़ करके मानव कल्याण के महत्व को प्रशस्त की और श्री सतपाल जी महाराज ने दुनिया के अलग अलग क्षेत्रों में जाकर इस सद्भावना सम्मेलन का माध्यम से सनातन धर्म के मूल्यों को पूरी माझबूती के साथ स्थापित करने का काम किया है। जब हम वसुधैव कुटुंबकम की बात करते है। यह तेरा है यह मेरा है यह बातें संकुचित बुद्धि के लोग कहते है। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव है यही सनातन धर्म का भाव है वही यह सद्भावना का संदेश पूरे मानवता को देने के लिए विश्व मानवता आज करा रही है उसको देने का संदेश श्री सतपाल जी महाराज के माध्यम से देश के कोने कोने से पूरे दुनिया के कोने कोने तक जाता है। इसी सद्भावना सम्मेलन में अपने आप महाकुम्भ का दर्शन कर रहा हूँ। संगम मोक्ष पर एरावत घाट पर श्रद्धालु द्वारा गंगा जमुना सरस्वती की इस त्रिवेणी में डुबकी लगाकर आनंद की अनुभूति हो रही है पुण्य के भागीदारी बन गए है। लेकिन असली अमृत का महाकुम्भ यह सद्भावना सम्मेलन में है। यही असली अमृत का महाकुम्भ है। जहाँ पर देश, समाज सद्भावना के बारे में और एकता के बारे में महाकुम्भ का त्रिवेणी पर माँ गंगा, जमुना और सरस्वती का संगम पर महाकुम्भ का संदेश एकता से ही अखंड लहराएगी। बिना भेद भाव से सबको गले लगाकर सबको जोड़ने का काम हो रहा है। योगी जी ने कहाँ कि इस महाकुम्भ पर आये श्रद्धालुओं को भगवान प्रयागराज व माँ गंगा का आशिर्वाद सदैव बनी रहे और सबकी मनोकामना पूर्ण करें।
इस अवसर पर श्री सतपाल जी महाराज ने सद्भावना सम्मेलन में पधारने के लिए योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री महाराज जी ने कहाँ कि सद्भावन सम्मेलन का व्यवस्था व स्थान देने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने सहयोग दी इसके लिए आभार प्रकट की। आगे उन्होंने कहाँ कि योगी जी आप आगे बढ़ो हम आपके साथ है हम सब मिलकर अमृत का सोपान कराएँगे।

प्रयाग में युगों पूर्व अमृत की बूंदें गिरी, इसलिए लोग यहां आयोजित होता है कुम्भ : सतपाल जी महाराज

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– महाकुम्भ का विशाल आयोजन के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी साधुवाद के पात्र
– आज होगा विशाल रथयात्रा, लाखों भक्तगण होंगे शामिल

प्रयागराज 27 जनवरी : प्रयाग में युगों पूर्व अमृत कुम्भ से अमृत की बूंदें गिरी, इसलिए लोग यहाँ कुम्भ मनाने आते है। अगर अमृत की बून्द नहीं गिरता तो यहाँ लोग नहीं आते। इसलिए वह अमृत क्या है इसकी खोज होनी चाहिए। यह बातें आज सुविख्यात अध्यात्म तत्त्ववेत्ता एवं लब्ध प्रतिष्ठित समाजसेवी परम पूज्य श्री सतपाल जी महाराज ने कही। मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में विराट सद्भावना सम्मेलन, सेक्टर 8, नागवासुकी जोन, बजरंगदास मार्ग, बेनीमाधव मार्ग एवं पद्मामाधव मार्ग के बीच में स्थित कुम्भ मेला क्षेत्र के त्रिदिवासीय मानव धर्म शिविर में उपस्थित अपार जन समूह को प्रथम दिन सम्बोधित करते हुए श्री महाराज जी ने कहाँ कि जो संगम में स्नान करने वाले है, कुम्भ में आने वाले वह जिज्ञासु या भक्त है उन्हें अमृत कि तलाश करनी चाहिए। उस अमृत से ही कुम्भ पर्व का महत्व काफी बड़ गया है। ‘मृत्योर्मा अमृतँ गमय’ की वैदिक सूक्ती मृत्यु से अमरता की और अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। उसी अमृत का स्मरण कराकर उसके पान कराने के उद्देश्य से भारत की पवित्र भूमि में कुम्भ महापर्वो का आयोजन होता है। श्री महाराज जी ने आगे कहाँ कि प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक ये चार पुण्य स्थल है जहाँ युगों पूर्व अमृत कुम्भ से अमृत की बुँदे गिरी थी तथा इन तिर्थो से प्राचीन ऋषि मुनियों ने पूरे विश्व को शान्ति, सौहार्द, प्रेम ओर सद्भावना का संदेश दिया। श्री गुरू महाराज जी ने कहाँ कि प्रयागराज विश्व में सबसे बड़ा मेला महाकुम्भ का विशाल आयोजन किया इसके लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी साधुवाद के पात्र है। श्री योगी जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना चाहते है। उनका अथक प्रयास से यह सब शुभ कार्य संपन्न हो रहा है।
श्री सतपाल जी महाराज ने सद्भावना सम्मेलन के मंच से कहाँ कि मंगलवार को सद्भावना सम्मेलन प्रांगण से ताकरीबन 7 किलोमीटर का विशाल रथयात्रा सुबह 10 बजे से प्रारम्भ होगा। इस शुभयात्रा में लाखों कि संख्या में भक्तगण शामिल होंगे।
सनातन धर्म, संस्कृति और अध्यात्म ज्ञान का प्रचार प्रसार कर सद्भावना, पारस्परिक प्रेम एवं सौहार्द कि भावना को देश के कोने कोने में जागृत करना तथा भारत विश्व गुरू बनाना ही परम पूज्य श्री सतपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य है।

इस विराट सद्भावना सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, मुम्बई, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल तथा देश विदेश के लाखों श्रद्धालु भक्तगण पधार चुके है। सम्मेलन में भाग लेने आये भक्तो के लिए भोजन आवास एवं शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था कि गयी है।

कुम्भ में उठी किसान बोर्ड की मांग

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देवकीनन्दन ठाकुर की धर्म संसद के दिन सनातन बोर्ड की मांग के बाद अब कुम्भ में स्थापित किसान देवता मंदिर से उठी किसान बोर्ड की माग

देवकी नंदन ठाकुर के सनातन बोर्ड के मांग के बाद अब उठी किसान बोर्ड की मांग। विश्व के पहले किसान पीठाधीश्वर किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने मांग किया है। और कहा कि सनातन बोर्ड व बप्फ बोर्ड से लोगों का पेट नहीं भरेगा और यह भी कहा किसान ही है जो संतों के भोजन के लिए फल और फलाहार की वस्तु पैदा करता है और अन्य सभी लोगों के लिए भोजन की सामग्री।

तथा पूजन की भी सामग्री किसान ही पैदा करता है। इस लिए सभी संतों महात्माओं को सबसे पहले अन्नदाता किसान के लिए किसान बोर्ड के गठन की मांग करना चाहिए उन्होंने ने कहा कि किसी के लिए किसान कुछ भी हो ।लेकिन हमारे लिए भगवान व देवता से कम नहीं है किसान। आज योगिराज सरकार ने कहा कि भारतवर्ष में किसान बोर्ड का गठन किया जाए। जिससे सब का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान्न देवता को फसल का उचित दाम मिल सके। जिससे किसान की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सके। क्योंकि पेपरों व सूचना तंत्र के माध्यम से अक्सर सुनने को मिलता है कि अन्नदाता किसान खेत खलिहान में ठंडी में खेती करते हुए ठंड से ठिठुर कर मर गया। हमारे आपके भरण पोषण के लिए गर्मी में लूं से मर जाता है। बारिश में बिजली गिरने से मर जाता है। खेतों में काम करते हुए सर्पदंश से मर जाता है। लेकिन किसान हिम्मत नहीं हार रहे हैं अभी भी हमारे आपके लिए अन्न फल फूल पैदा कर रहे हैं। लेकिन फिर भी उनकी उपेक्षा हो रही है। जब किसान बोर्ड बन जाएगा तो किसानों के लिए प्रोटोकॉल बन जाएगा। तभी जाकर किसान का भला होगा और किसान मजबूत होगा। एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान को किसान सबसे प्रिय है।क्योंकि हिन्दू राज्य तो कंश का भी था। रावण का भी था। तब क्या हुआ था कंस और रावण के हिन्दू राज्य में सबको पता है।

 

और भगवान को जन्म लेना पड़ा इन दोनों के अत्याचार और पापाचार को खत्म करने के लिए। हमारा मानना है कि किसान बोर्ड का गठन कर देने से समाज को एक किया जा सकता है। नहीं तो इस प्रकार से तो इस देश का रहने वाला मुसलमान मुस्लिम राष्ट्र की मांग करने लगेगा। इस देश का ईसाई ईसाई राष्ट्र की मांग करने लगेगा। और अभी बप्फ बोर्ड फिर सनातन बोर्ड फिर क्रिस्चियन बोर्ड। और इसी प्रकार से तो कई बोर्ड की मांग उठने लगेंगी।इस लिए किसान बोर्ड बना कर सभी विवाद पर विराम लगाया जा सकता है और सभी को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। सिर्फ किसान ही एक ऐसा है जिसके माध्यम से सब एक हो सकतें हैं। और कोई दूसरा रास्ता नहीं है सभी को एक करने का।क्योंकि देश की 70 फीसदी आबादी गांव में बसती है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। भारत गांव में बसता है। भारत की आत्मा प्राण प्रतिष्ठा यूं कहे तो भारत की जान किसानों में बसती है। देश की आर्थिक समृद्धि और विकास का रास्ता हमारे गांव से होकर गुजरता है। और भी सच कहूं तो बड़े-बड़े ऋषि मुनि मनीषी विद्वान डॉक्टर इंजीनियर जज और आप जैसे बड़े-बड़े पत्रकार भी किसानों के ही वंशज हैं। अन्नदाता किसान्न देवता देश का भाग्य विधाता है। यह अन्नदाता किसान्न देवता जीव जंतु पशु पक्षी पेड़ पौधों मनुष्यों संत महात्माओं आदि का पेट भरता है।इतना ही नहीं बल्कि देवी देवताओं को चढ़ाने वाले प्रसाद भोजन सामग्री पीर पैगंबर गॉड आदि को प्रस्तुत करने वाली सामग्री भी किसान ही पैदा करता है। इसलिए किसान बोर्ड का गठन होना चाहिए। सोचो अगर किसान न होता तो धरती पर भगवान न होता। शास्त्रों में कहा गया है अन्नम ब्रह्म।

 

अन्न ब्रह्म है। अन्न से रस, रस से रक्त, रक्त से मांस,मांस से मेद,मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा, मज्जा से वीर्य। और फिर मैथुनी प्रक्रिया से अब सृष्टि बढ़ रही है। कहने का मतलब यह है इस अन्न को अन्नदाता किसान पैदा करता है और वह सर्वोपरि है। शास्त्रों में तो यहां तक कहा गया है कि सतयुग में प्राण हड्डियों में रहते थे। त्रेतायुग में प्राण रक्त में रहते थे। द्वापरयुग में प्राण मांस में रहते थे।अब कलयुग में प्राण अन्न में रहते हैं। और अन्न को कौन पैदा करता है अन्नदाता किसान।और अन्न से ही जीवन का अस्तित्व बना रह सकता है। उसके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। अतः प्राण शक्ति संपन्न अन्न से ही जीवन का उद्गम और रक्षण होता है। अतः अन्न को ब्रह्म के रूप में कहा गया है। जिस प्रकार से पसवो न गाव:। गाय पशु नहीं है। गाय पशु होते हुए भी पशु नहीं है वह माता है। जिस प्रकार से गुरुर्रब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वर गुरुर साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः। जैसे की गुरु मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है। उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है। इसी प्रकार से किसान मनुष्य होते हुए भी मनुष्य नहीं है। वह अन्नदाता है किसान्न देवता है। देश का भाग्य विधाता अन्नदाता है। किसान्न देवता द्वारा उपजाई हुई वस्तु ही सभी देवी देवताओं मसीहा पैगंबर दिगंबर आदि को चढ़ने वाली वस्तु जैसे मंदिर में लड्डू। दरगाह में चादर। चर्च में कैंडल केक आदि चढ़ाई जाती है। वह सब किसान की ही होती है किसान द्वारा ही पैदा की जाती है। हमारी आस्था और श्रद्धा के अनुरूप हमारे द्वारा चढ़ाई गई वस्तु देवी देवता आदि ग्रहण करते हैं।तो वह भी किसान की ही होती हैं। इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि किसान सर्वोपरि है। और इसलिए किसान्न देवता है। सोचो अगर किसान न होता मस्जिद में अल्लाह। चर्च में गाड। गुरुद्वारा में वाहेगुरु। मंदिर में भगवान न होता। कौन पूजता इनको अगर किसान न होता। कैसे चढ़ती इनको पूजन सामग्री अगर किसान न होता। सभी देवी देवताओं महापुरुषों गुरुओं के मंदिर दुनिया में है लेकिन अन्नदाता किसान्न देवता का मंदिर नहीं था। इसी लिए मेरे मन में किसान मंदिर बनाने की इच्छा उत्पन्न हुई।इसीलिए हमने विश्व का पहला किसान्न देवता का मंदिर उत्तर प्रदेश के पट्टी प्रतापगढ़ जिले में बनवाया। मैं चाहता हूं कि किसान्न देवता की गांव-गांव घर-घर पूजा अर्चना इबादत प्रेयर होनी चाहिए किसान की कोई जाति नहीं होती है किसान सभी जाति धर्म का होता है।वह हिंदू मुस्लिम सिख इसाई जैनिस्ट बौधिष्ट आदि सब में होता है। किसान का ही बेटा समस्त धर्म का धर्मगुरु धर्माचार्य राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री नेता अभिनेता खिलाड़ी उद्योगपति पूंजीपति सिंगर डायरेक्टर प्रोड्यूसर वैज्ञानिक प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार बंधु आदि आईएएस पीसीएस डॉक्टर इंजीनियर जज आदि बनता है।हमारा देश ऋषि और कृषि प्रधान देश रहा है। किसानों का एक धर्म गुरु ऋषि योगिराज सरकार पुनः इस देश को कृषि प्रधान बनाते हुए किसान बोर्ड की मांग कर रहा है। पहले कहा जाता था कि उत्तम खेती मध्यम बान। निकृष्ट चाकरी भीख निदान।किसानी सर्वोपरि है इसलिए इस देश में किसान बोर्ड का गठन किया जाए। यह विश्व की पहली अन्नदाता पीठ है। किसान्न देवता और किसान देवी की प्रतीक पूजा स्थल मेला ग्राउंड पट्टी जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में है। किसान बोर्ड का गठन हो। साहब हम किसान है हम भी हैं सम्मान के हकदार हैं। हमें भी अपनी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए। जैसे उद्योपतियों को उनकी उत्पादन का मूल्य मिलता है और उद्योगपति स्वयं अपने उत्पाद की कीमत तय करता हैं।
1 उसकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता है 2 ब्रम्ह सत्यं जगत मिथ्या। अर्थात ब्रम्ह ही सत्य है और जगत मित्था। ब्रम्ह सबके अंदर है।3 वह सब में है किसान में भी है आपमें भी है हममें भी है गुरु के अंदर भी है इसलिए तो गुरु को और अपने अपने धर्मों के धर्मगुरु धर्माचार्य को पूजते हैं। वह गाय मे भी है इसीलिए गया को पूजते हैं। वह पीपल में भी है इसीलिए पीपल व नीम की भी पूजा करते हैं। वह अन्न में भी इसीलिए अन्न की पुजा करते हैं। वह पत्थर में भी है इसीलिए पत्थर की भी पूजा करते हैं। वह किसान देवता मे भी है इसीलिए हम किसान देवता की पूजा कर रहे हैं। वह किसान देवी में भी है इसीलिए हम किसान देवी की पूजा कर रहे हैं। इतनी सी बात है। तैंतीस करोड़ देवी-देवता हैं उसी में यह भी है किसी को तैंतीस कोटि देवी-देवता का नाम नहीं पता है। जितने देवी देवताओं का लोग नाम जानते हों पहचाने हो उसी में आज से इन दो देवी-देवता का नाम जोड़ ले आज से मैं बता दें रहा हूं। यह किसान पहले भी था आज भी है और कल भी रहेगा। हम रहें या न रहे। हां हम किसान भी भजन करते हैं हम किसान भी नमाज पढ़ते हैं हम किसान भी प्रेयर करते हैं इबादत करते हैं। हम किसान भी आपकी सुख समृद्धि के लिए पूजा अर्चना प्रार्थना प्रेयर इबादत करते हैं। इतना ही नहीं आपके लिए गर्मी में लूं खा कर ठंड में ठिठुर कर बारिश में भीग कर आपके लिए भोजन की फलहार की भगवान के लिए पूजन सामग्री पैदा करतें हैं। सीमा पर सुरक्षा कर रहे सुरक्षा कर्मियों के लिए खेत में काम करते हैं डाक्टर बैज्ञानिक इंजीनियरिंग पत्रकार वकील आदि के लिए खेतों में काम करते हैं।साहब हम किसान है।हम भी सम्मान के हकदार हैं। हम अन्नदाता है हम भी देश की उन्नति और समृद्धि में सहयोगी है।साहब हम भी सम्मान के हकदार हैं। हम किसान कम पढ़े लिखे जरूर है लेकिन किसानों ने बड़े बड़े संतों महात्माओं को जन्म दिया है। हम कम पढ़े लिखे जरूर है कि लेकिन किसानों ने धर्म गुरु को पैदा किया है। हम किसानों ने देस में बड़ी बड़ी हस्तियां राजनेता पैदा किया। हम सबके पूर्वज किसान थे और है। हा साहब हम किसान है और हम भी सम्मान के हकदार हैं। बस साहब किसान बोर्ड का गठन कर दो। हमें भी अपनी फसल का उचित मूल्य मिल जाए जैसे सभी बिजनेस मैन व पूंजीपतियों को उनकी उत्पादन की कीमत मिलती है। हा साहब हम किसान है हम सम्मान के हकदार हैं। इस देश में सबका अपना-अपना योगदान है किसी के योगदान को नकारना नहीं जा सकता है। लेकिन अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा योगदान किसान और पत्रकार का है। किसान खेती में जान की बाजी लगाकर काम कर रहा है और पत्रकार जान की बाजी लगाकर खबर कवर कर सासन तक आवाज पहुंचा रहा है।
कहते हैं घूर के भी दिन बदले हैं।अब वह समय आ गया है। अब किसान के भी दिन बदलेंगे। किसान बोर्ड का गठन होगा। और किसान भी अपनी फसल का मूल्य तय करेंगा। मै देवी देवताओं व तीर्थस्थलों व महापुरुषों के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर शक्ति इकठ्ठा कर रहा हूं। किसान बोर्ड का गठन हो की मांग करता हूं। किसी के लिए किसान चाहें कुछ भी हो लेकिन हमारे लिए भगवान व देवता से कम नहीं है।

स्थान — सेक्टर नंबर 15 में मुक्ति मार्ग पूर्वी पटरी। सौम्य देवी चौराहे के पास विश्व का पहल किसान्न देवता मंदिर शिविर कुम्भ मेला क्षेत्र प्रयागराज

भवदीय

किसान पीठाधीश्वर किसानाचार्य स्वामी शैलेन्द्र योगिराज सरकार
विश्व के पहले किसान देवता मंदिर का किसान पीठाधीश्वर 9839642008

धर्मान्न उगायें किसान अन्न-जल की शुद्धि की गारण्टी दे सरकार -परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज

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सं. २०८१ माघ कृष्ण दशमी तदनुसार दिनाङ्क २४ जनवरी २०२५ ई

तैत्तिरीयोपनिषद् में “अन्नं ब्रह्मेति व्यजनात” वाक्य कहकर सनातन वैदिक हिन्दू आर्य परमधर्म में अन्न को देवता अथवा भगवान् ही नहीं, अपितु ब्रह्म के रूप में स्वीकार कर अन्न की आराधना करने का उपदेश किया गया है। इस अन्न के उत्पादन और खाए गये अन्न को पचाने के लिए जल की भी अपरिहार्य भूमिका है। यादृशं भक्षयेदन्नं तादृशी जायते मतिः। दीपो भक्षयते ध्वान्तं कज्जलं च प्रसूयते।। जैसा अन्न खाते हैं वैसी ही शुद्धि होती है। दीपक अन्धकार का भक्षण करता है। अतः काजल उगलता है। लोक में भी “जैसा खाएं अन्न वैसा हो तन-मन” कहा जाता है। इस आलोक में हर सनातनी को अन्न-जल का न केवल सम्मान करना चाहिए अपितु शुद्ध अन्न-जल का आग्रह रखना चाहिए। भारत की सरकार का यह कर्तव्य है कि अपनी हर गारण्टी से पहले वह देश के नागरिकों को खाने के लिए शुद्ध अन्न और पीने के लिए शुद्ध जल की गारण्टी दे।

उक्त बातें परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती १००८ ने आज अन्न-जल की शुद्धि विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कही।

आगे कहा कि देश के किसानों से भी हम कहना चाहेंगे कि वे हम सनातन धर्मानुयायियों के उपयोग के लिए “धर्मान्न” का उत्पादन आरम्भ करें और इसके लिए धर्मान्न उत्पादक कम्पनी बनाकर परमधर्मसंसद् १००८ द्वारा बताई गई विधि से धर्मान्न उगाएं और उसे अपनी स्वयं की निर्धारित कीमत पर हम परमधार्मिकों को उपलब्ध कराएं। हमारा मानना है कि अन्न देवता हैं और किसान उसका आवाहक पुजारी। इन्हीं किसान पुजारी के माध्यम से हम अन्न देवता का आराधन कर सकते हैं।

शङ्कराचार्य जी ने कहा कि अतः किसानों को उनके उत्पाद पर उनकी निर्धारित क़ीमत देना आवश्यक भी है और उचित भी। अन्न-जल में अशुद्धि आ ही इसलिए रही है क्योंकि हमने किसानों को उसके उत्पाद की सही क़ीमत देना बन्द कर दिया। सोने-चाँदी के बिना हमारा जीवन चल सकता है तब भी उनकी क़ीमत बढ़ रही है और जिस अन्न-जल के बिना हम जीवित भी नहीं रह सकते उस अन्न-जल की निरन्तर अनदेखी हो रही है।

आज विषय स्थापना हर्ष मिश्रा जी ने किया।
चर्चा में सन्त गोपालदास जी ने अन्न-जल की शुद्धि तथा देश में किशनों की समस्या पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा की देश की संसद् जब हमारी बटे नहीं सुन रही तो यह आवश्यक है कि एक वैकल्पिक संसद बने जो स्थायी हो। इस निर्माण हेतु उन्होंने अपनी २५ एकड़ भूमि देने की घोषणा की। इसी क्रम में पूर्व विधायक व किसान नेता सरदार वरियन्द्र मोहन सिंह जी, किसान नेता बलराज भाटी जी, विश्व के पहले किसान देवता मंदिर के किसानपीठाधीश्वर शैलेन्द्र योगीराज जी, साध्वी संगमेश्वरी जी, रोहित जाखड जी, लेखा शिवाल जी, दीपक पाण्डेय जी आदि लोगों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। पूर्व विधायक सरदार विरेन्द्र मोहन सिंह ने धर्म संसद में शंकराचार्य जी को एक पत्र दिया जिससे किसानों को एम एस पी मिलें इसके लिए आशीर्वाद मांगा। जिसपर शंकराचार्य जी ने कहा कि हम आपकी बात को केन्द्र की सरकार को अवगत कराएंगे।
प्रकर धर्माधीश के रूप में श्री देवेन्द्र पाण्डेय जी ने संसद् का सञ्चालन किया।

सदन का शुभारम्भ जायोद्घोष से हुआ। अन्त में परमाराध्य ने धर्मादेश जारी किया जिसे सभी ने हर-हर महादेव का उदघोष कर पारित हुआ।
उक्त जानकारी शंकराचार्य जी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने दी है।

यादों के ग़ुब्बारे काव्य पुस्तक का विमोचन समारोह संपन्न

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मुंबई -गुजरात के प्रसिद्ध गुजराती कवि लेखक , साहित्यकार , समाजसेवी दीपक देसाई दीपक द्वारा लिखी काव्य पुस्तक ‘ यादों के ग़ुब्बारे ” के दूसरे संस्कण का विमोचन क्लासिक क्लब अँधेरी में मुख्य अतिथि विधायक हारुन खान , प्रशांत काशिद उपाध्यक्ष एकता मंच , अभिजीत राणे मुंबई भाजपा सचिव कामगार नेता , सिने अभिनेता सुनील पाल , एसीपी संजय पाटिल , शायरा ज़ीनत एहसान कुरैशी , संगीतकार दिलीप सेन ,आदि के हाथों भरी जनसभा के बीच संपन्न हुआ।

गऊ भारत भारती द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अपने पहले संस्करण से ही लोकप्रिय है। मुम्बई के रहेजा क्लासिक क्लब में इस अवसर पर कामगार यूनियन के अभिजीत राणे, एसीपी संजय पाटिल, विधायक हारून खान, सुनील पाल, रमेश गोयल, ज़ीनत एहसान कुरैशी, दिलीप सेन, प्रशांत काशिद, कशिश खंडेलवाल, डिज़ाइनर आर राजपाल, सिंगर एन के नरेश उपस्थित रहे साथ ही संगीतकार एसपी सेन , प्रिय सेन , सुरुचि शर्मा , डॉ कृष्णा चौहान , भगवत तिवारी अब्दुल कदीर आदि मौजूद थे।  इस अवसर पर ज़ाकिर रहबर , रुश्तम घायल , ज़ीनत कुरैशी ने काव्य पाठ किया।

विशेष तौर पर महाराष्ट्र कराड से जानी मानी एस्ट्रोलॉजर ज्योति कुमारी ने आ कर भाग लिया। और अपना आशीर्वाद संस्थान को दिया। और अपना आशीर्वाद संस्थान को दिया। अन्य में सिनेमा से जुड़ी बहुत सी मॉडल एक्टर और भाभी जी घर पर है के कलाकार भू इस अवसर पर मौजूद रहे।

कार्यक्रम का सञ्चालन गऊ भारत भारती के संपादक संजय अमान ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत गायक , संगीतकार प्रकाश तिवारी मधुर ने अपनी मधुर आवाज़ से की , इस अवसर पर दीपक देसाई और उनके परिवार की तरफ से एवं गौ भारत भरतिकी तरफ से आये हुए सभी मेहमानो को ‘ यादो के ग़ुब्बारे का सम्मान के तौर पर प्रतिक चिन्ह दे कर किया गया। अंत में दीपक देसाई दीपक और संजय अमान द्वारा सभी का धन्यवाद दे कर कार्यक्रम का समपन्न किया गया।