केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से आगे बढ़कर एक पेड़ मां के नाम 2.0 पहल में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने नागरिकों से 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मिशन लाइफ’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। एक पेड़ मां के नाम 2.0 पहल का लक्ष्य 5 जून से 30 सितंबर, 2025 की अवधि में 10 करोड़ पेड़ लगाना है।

 

श्री प्रधान ने अपने संदेश में कहा कि यह पहल पेड़ों की संख्याओं से कहीं बढ़कर प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की प्रतीक है। उन्होंने, खासकर छात्रों सहित सभी को अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे अपनी मां और प्रकृति दोनों के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर सकें।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की यह पहल प्रत्येक नागरिक को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2024 में इसकी शुरुआत के बाद से यह पहल एक जन आंदोलन बन गयी है। उन्होंने याद दिलाया कि किस प्रकार पिछले साल 5 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां की याद में एक पेड़ लगाया था। श्री प्रधान ने बताया कि देश भर में अब तक 5.5 करोड़ से ज़्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं। उन्होंने सीड बॉल, बायो फेंसिंग आदि जैसी अभिनव पहल करने वाले छत्तीसगढ़, त्रिपुरा और राजस्थान के बच्चों और माताओं के प्रयासों की भी सराहना की।

श्री प्रधान ने जोर दिया कि यह पहल प्रकृति के प्रति प्रेम को हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने वाले भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। श्री प्रधान ने यह भी बताया कि वैश्विक सतत विकास प्रयासों का मार्गदर्शन करने वाले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार जलवायु परिवर्तन का समाधान न केवल नई तकनीकों में बल्कि बदलती जीवनशैली में भी निहित है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइफ की शुरुआत की थी।

केंद्रीय मंत्री ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को उनकी सक्रिय भागीदारी और जिम्मेदारी तथा संवेदनशीलता के साथ बदलाव लाने के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी बताया कि 29 लाख से अधिक छात्रों ने अपने लगाए गए पेड़ों के लिए 50 लाख से अधिक क्यूआर कोड तैयार किए हैं। इस प्रकार भारत के लिए एक विशाल, डिजिटल और सुलभ पर्यावरण डेटाबेस बनाने में योगदान मिला है।

श्री प्रधान ने सभी से आग्रह किया कि वे अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं, उसकी देखभाल करें, उसे बढ़ते हुए देखें और उसकी कहानी दुनिया के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि लगाया जाने वाला प्रत्येक पौधा प्रकृति और उसकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली संदेश है। प्रत्येक पौधा आशा का बीज भी बोता है – जो एक हरे-भरे कल की शुरुआत का प्रतीक है।

एक पेड़ मां के नाम

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी, जो पर्यावरण की जिम्मेदारी के साथ-साथ माताओं को आदर देने वाली एक अनूठी पहल है। इस अभियान की शुरुआत 5 जून 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पीपल का पेड़ लगाने के साथ की गयी थी। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया और पिछले दशक में वन क्षेत्र बढ़ाने में भारत की प्रगति के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह अभियान सतत विकास के लिए देश की आवश्यकता के अनुरूप की गई पहल है।

‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का सार प्रतीकात्मक रूप से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाना है। यह सरल कार्य दोहरे उद्देश्य को पूरा करता है: जीवन को पोषित करने और धरती के स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए माताओं की भूमिका का सम्मान करना। पेड़ जीवन का आधार हैं और एक मां की तरह वे अगली पीढ़ी के लिए पोषण, सुरक्षा और भविष्य प्रदान करते हैं। इस पहल के माध्यम से, लोग अपनी माताओं के लिए आदर स्वरूप एक पेड़ लगाकर एक स्थायी स्मृति प्रतीक बनाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को भी पूरा कर सकते हैं।

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