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शिल्प समागम मेले से सजा ग्वालियर का शिल्प ग्राम

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ग्वालियर – देश के विभिन्न शहरों में शिल्प समागम के सफल आयोजन के बाद अब ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर के शिल्प ग्राम, सूर्य नमस्कार चौक के निकट शुक्रवार को शुरु हुआ। इस शिल्प समागम मेले का औपचारिक उद्घाटन शनिवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में करेंगे ।

भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगमों के माध्यम से आयोजित यह मेला 22 से 30 सितंबर तक चलेगा।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र पर आधिरित इस मेले का उद्देश्य लगभग 20 राज्यों के 120 अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लाभार्थी को अपने उत्पादों के प्रदर्शन के साथ साथ बिक्री के लिए बड़ा मंच प्रदान करना है।

मेले के प्रमुख उत्पादों में असम के बेंत और बांस , हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्पाद,बिहार के हथकरघा कार्य, मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली के कपड़े, गुजरात के ड्रेस मैटेरियल (गुजराती कशीदाकारी) कच्छ शिल्प मनका से बने उत्पाद, हरियाणा के ड्रेस मैटेरियल, सिले-सिलाए कपड़े, हिमाचल प्रदेश के शॉल, स्टोल जैकेट, ऑर्गेनिक हनी, अचार, चाय, जम्मू कश्मीर के आरी वर्क, सोजनी वर्क, कश्मीरी शॉल, कर्नाटक के लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती ,केरल के स्क्रूपिन, जल जलकुंभी उत्पाद, मध्यप्रदेश के पीतल के उत्पाद, माहेश्वरी चंदेरी, बाग प्रिंट, सूट, ड्रेस मैटेरियल, साड़ी और अचार, महाराष्ट्र चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प की वस्तुएं, ड्रेस मैटेरियल, पंजाब के फुलकारी वर्क, पंजाबी जूती, ड्रेस मटेरियल, पुडुचेरी के चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, सिले- सिलाए कपड़े, राजस्थान केराजस्थानी जूती, चादरें, अल्लीक वर्क, अचार, खाखरा, तमिलनाडु के वस्त्र, लकड़ी के खिलौने, त्रिपुरा जूट, बेंत एवं बांस से बने उद, झाड़ू, उत्तराखण्ड के  खेस, लोई, दरी, शॉल, ड्रेस मैटेरियल, जैकेट, कुर्ता और शर्ट, उत्तर प्रदेश के लकड़ी पर नक्काशी, कपड़े का काम, सॉफ्ट टॉय, चिकनकारी वर्क, बनारसी साड़ी, पश्चिम बंगाल के कांथा स्टिच और कट वर्क ड्रेस मटेरियल साड़ी आदि। साथ ही मेले में देश भर के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लिया जा सकता है और प्रतिदिन शाम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होगा। मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक ग्वावियर में अधिक से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय/विदेशी आगंतुकों के आने की उम्मीद है।

मेले के माधयम से समाज के लक्षित वर्ग को सशक्त और  आत्मनिर्भर करना है जिससे इन प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले लाभार्थियों की अच्छी बिक्री होने से उन्हें शीर्ष निगमों को अपना ऋण चुकाने में बहुत मदद मिलेगी।

 

एम.एस.विश्वविद्यालय बड़ौदा में जैव रसायन के पहलुओं पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

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गुजरात , में वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव बड़ौदा विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग,विज्ञान संकाय ने जैव रसायन के पहलुओं पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर(डॉ.) विजय कुमार श्रीवास्तव ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की एवं अध्यक्षीय भाषण दिया।
प्रोफेसर(डॉ.) विजय कुमार श्रीवास्तव ने छात्रों को अभिनव समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और प्लास्टिक का नवीन रुप से प्रयोग पर भी बल दिया। विज्ञान संकाय की डीन प्रोफसर हरिभाई कटारिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के संपूर्ण प्रदर्शन में विज्ञान संकाय के योगदान से लोगों को अवगत कराया। जैव रसायन विभाग की प्रमुख और समन्वयक प्रोफेसर सी. रत्ना प्रभा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियो के संबंध में जानकारी दी और संगोष्ठी की विषय वस्तु और इसके उद्देश्यों के संबंध में सूचित किया। उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-निस्पर) की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल का आईजेबीबी का विशेष प्रकाशन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। सम्मेलन में देश भर से प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं प्रोफेसरों ने भाग लिया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय वीवी नगर,गुजरात के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर हरीश पड़ ने जैव रसायन विभाग के पूर्व छात्र परिषद से परिचय और सीवीआर व्याख्यान श्रृखंला प्रस्तुत की।
उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न पूर्ण सत्रों का आयोजन किया गया। इसमें सुप्रसिद्ध स्ट्रक्चरल बॉयोलोजिस्ट और आईआईएसईआर पुणे के पूर्ण निदेशक प्रोफेसर जयंत बी. उडगांवकर ने भी एक सत्र में भागीदारी की। श्री उडगांवकर की गिनती उन जाने माने अनुसंधानकर्ता में होती है जिन्होंने प्रोटीन फोल्डिंग का अध्ययन करने के लिए एच-डी एक्सचेंज एनएमआर तकनीक का प्रयोग किया है। उन्होंने “हाउ डज प्रीयॉन प्रोटीन मिसफोल्ड??” विषय पर व्याख्यान दिया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर हरीश पड़ ने सत्र की अध्यक्षता  और सीएसआईआर-निस्पर के डॉ. एन के प्रसन्ना ने उपअध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने निस्पर के प्रकाशनों के संबंध में जानकारी दी और बताया कि सीएसआईआर-निस्पर,देश का सार्वजनिक रुप से वित्तपोषित संस्थान है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी की 16 विभिन्न विधाओ में 16 अनुसंधान पत्रिका प्रकाशित कर रहा है एवं यह किसी भी प्रकाशन शुल्क या पहुंच शुल्क के बिना कर रहा है। उन्होंने प्रोटीन फोल्डिंग और प्रोटीन के स्ट्रक्चर फंक्शन रिलेशनशिप के संबंध में विचार विमर्श किया था मिस-फोल्डिंग तथा प्रोटीन के रिफोल्डिंग से जुड़ी बीमारियों पर जोर दिया।
आईआईटी बाम्बे के प्रोफेसर नंदा किशोर सुप्रसिद्ध बॉयोफिजिस्ट और स्ट्रक्चरल बॉयोलोजिस्ट हैं,जो प्रोटीन थर्मोडायनमिक्स में योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने “मोलेक्यलैर फंगक्शनैलिटीज इन प्रिवेन्टिंग प्रोटीन फिब्रिलैशन- क्वान्टिटेटिव बॉयोफिजिकल अप्रोच” पर संबोधन दिया। आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर राजेश पटकर एवं होस्ट पैथजन इन्टरैक्शन के क्षेत्र में विशेषज्ञ ने फंगल पैथजेनिसिस के दौरान स्मॉल सेकेटॉरी प्रोटीन विद बिग टेलरिंग फंक्शन पर एक रुचिकर वार्ता प्रस्तुत की। फार्मेसी विभाग की डीन प्रोफेसर कृतिका के सावत ने लिम्फैटिक डिलीवरी एक न्यू पेरडाइम फॉर सिस्टेमेटिक और साइट स्पेशिक ड्रग डिलिवरी विषय पर संबोधन किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से संकाय सदस्यों एवं वैज्ञानिको को आमंत्रित किया गया था। समापन समारोह में कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर सी.रत्ना प्रभा ने प्रमुख जानकारी और संगोष्ठी के समग्र महत्व के संबंध में बताया। वडोदरा के एम एस बड़ौदा विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रभा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह का समापन हुआ।

Rail Vikas Nigam – के शेयरों में लगातार तेजी

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नई दिल्ली: शेयर बाजार में कई ऐसे स्टॉक्स हैं जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया। है। बाजार में तेजी हो या गिरावट इन शेयरों ने निवेशकों को हमेशा छप्परफाड़ रिटर्न दिया है। निवेशकों को बंपर रिटर्न देने वाला ऐसा ही एक रेलवे स्टॉक है। इस शेयर में आजकल तूफानी तेजी देखने को मिल रही है। यह शेयर रेल विकास निगम का है। रेल विकास निगम (Rail Vikas Nigam) के शेयरों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। पिछले एक वर्ष में शेयरों में 300 फीसदी से ज्यादा का उछाल आ चुका है। मोदी सरकार रेलवे पर विशेष ध्यान दे रही है। इसका फायदा रेल विकास निगम जैसी कंपनियों को हुआ है। बीते शुक्रवार को कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शेयरों में 5 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया था। इस दौरान शेयर अपर सर्किट पर बंद हुआ था।

कंपनी को मिला बड़ा आर्डर

शेयर बाजारों को दी जानकारी में रेल विकास निगम ने बताया है कि ज्वाइंट वेंचर की ओर से कंपनी को कोलकाता, रांची और वाराणसी में ग्रीन फील्ड 6 लेन नेशनल हाई-वे में से एक पैकेज बनाने का मौका मिला है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में बंपर उछाल देखने को मिला है। रेल विकास निगम की इस ज्वाइंट वेंचर में कुल हिस्सेदारी 49 फीसदी की है। जबकि टीटीआईपीएल की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की कीमत 1271,98,50, 000 करोड़ रुपये है।

रेल विकास निगम के शेयर बीते शुक्रवार को बीएसई में 166.85 रुपये के लेवल पर बंद हुए थे। कंपनी के शेयरों में पिछले एक साल में करीब 375 फीसदी का उछाल आया है। रेल विकास निगम के शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा मुनाफा हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 34,788.56 करोड़ का है।
बिना जानकारी न करें निवेश

शेयर बाजार में बिना जानकारी के निवेश न करें। वहीं निवेश करने से पहले एक बार अपने वित्तीय सलाहाकार से बात जरूर कर लें। ऐसा नहीं करने पर आपको आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है – केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

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नई दिल्ली – केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ में बेहतरी लाने और यहां व्यवसाय शुरू करने और चलाने को आसान बनाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने की प्रयास की दिशा में आज नई दिल्ली में आयोजित ‘बड़ा बिजनेस’ के एंटरप्रेन्योर्स लॉन्चपैड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने स्टार्टअप इंडिया पहल की सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि -” देश में 2016 में 450 स्टार्टअप थे, जो बढ़कर आज 1 लाख से अधिक हो गए हैं, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है।
श्री गोयल ने कार्यक्रम में एक प्रोत्साहित करने वाला भाषण दिया और अपनी स्वयं की उद्यमशीलता यात्रा और रास्ते में आई चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बड़े सपने देखने, सुदृढ़ बनने और भारत की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने भारत के उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हुए प्रतिभागियों की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
जी20 की भारतीय अध्यक्षता को मिली वैश्विक मान्यता का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने इस बात पर बल दिया कि कैसे इसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश में किए गए विकास को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने, आत्म-सम्मान और समृद्ध भविष्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने भारतीय युवाओं की महत्वाकांक्षी प्रकृति को स्वीकार किया, जो तेज विकास के लिए उत्सुक है। उन्होंने “अमृत काल” में भारत के विकास की नींव के रूप में देश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। भारत की औसत आयु 30 वर्ष से कम होने और जनसांख्यिकीय लाभांश अगले तीन दशकों तक जारी रहने के साथ, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास हासिल करेगी।
पीयूष गोयल ने बताया कि दुनिया भारत में उपलब्ध अवसरों और इसकी विविधता और आर्थिक विकास के प्रति तेजी से आकर्षित हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के स्टेम स्नातक पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र हैं।
औपनिवेशिक मानसिकता से परे भारत में आए बड़े बदलाव के संकेत के रूप में उन्होंने भारत मंडपम, यशोभूमि, कर्तव्य पथ और प्रधानमंत्री संग्रहालय जैसी विभिन्न परिवर्तनकारी परियोजनाओं का हवाला दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बिजली कनेक्शन, डिजिटल कनेक्टिविटी, रसोई गैस तक पहुंच, पाइप से जलापूर्ति और स्वास्थ्य तथा शिक्षा में प्रगति जैसे कल्याणकारी उपायों के जरिए सभी 140 करोड़ भारतीयों के जीवन में सुधार लाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
श्री गोयल ने सभी नागरिकों से देश के विकास के लिए कर्तव्य और समर्पण की भावना से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रतिभागियों को ऊर्जा और ज्ञान प्रदान करने, उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए इस उद्यमिता लॉन्चपैड की सराहना की।

PM – काशी दौरा – एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है , दूसरा शिवशक्ति का स्थान ये मेरी काशी में है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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वाराणसी – लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का काशी दौरा बेहद खास माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज करीब एक बजे अपने संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने काशी में लगभग छह घंटे प्रवास किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 16 अटल स्कूल का भी लोकार्पण किया। वहीं इस दौरान 30.66 एकड़ में 451 करोड़ (121 करोड़ की जमीन क्रय भी शामिल) की लागत से बनने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, गंजारी की आधारशिला रखी। बता दें कि क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास के दौरान पीएम मोदी के साथ खास मेहमान के तौर पर सचिन तेंदुलकर के साथ 1983 विश्व कप क्रिकेट विजेता टीम भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की उन्होंने कहा कि -” आज फिर से बनारस आवे क मौका मिलल हौ। जौन आनंद बनारस में मिलला ओकर व्याख्या असंभव हौ। एक बार फिर बोलिए…ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव! आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिवशक्ति प्वाइंट तक पहुंचने का भारत का एक महीना पूरा हो रहा है। शिवशक्ति यानि वो स्थान, जहां बीते महीने की 23 तारीख को हमारा चंद्रयान लैंड हुआ था। एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है। दूसरा शिवशक्ति का स्थान ये मेरी काशी में है। आज शिवशक्ति के इस स्थान से, शिवशक्ति के उस स्थान पर भारत की विजय की मैं फिर से बधाई देता हूं।

अपने अंदाज में उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा -” मेरे परिवारजनों, जिस स्थान पर हम सब इकट्ठा हुए हैं, वह एक पावन स्थल जैसा है। यह स्थान माता विंध्यवासिनी के धाम और काशी नगरी को जोड़ने वाले रास्ते का एक पड़ाव है। यहां से कुछ दूर पर भारतीय लोकतंत्र के प्रखर पुरुष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनारायण जी का गांव मोती कोट है। मैं इस धरती से आदरणीय राजनारायण जी और उनकी जन्मभूमि को सर झुकाकर के प्रणाम करता हूं।

मेरे प्यारे परिवारजनों, काशी में आज एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है। ये स्टेडियम ना सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान जैसा होगा। ये स्टेडियम जब बनकर तैयार हो जाएगा, तो इसमें एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग बैठकर के मैच देख पाएंगे। और मैं जानता हूं, जब से इस स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई हैं, हर काशीवासी गदगद हो गया है। महादेव की नगरी में ये स्टेडियम, उसकी डिजाइन, स्वयं महादेव को ही समर्पित है। इसमें क्रिकेट के एक से बढ़कर एक मैच होंगे, इसमें आसपास के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। और इसका बहुत बड़ा लाभ मेरी काशी को होगा।
मेरे परिवारजनों, आज क्रिकेट के जरिए, दुनिया भारत से जुड़ रही है। दुनिया के नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर है, आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। और जब क्रिकेट मैच बढ़ेंगे तो नए-नए स्टेडियम की भी जरूरत पड़ने वाली है। बनारस का ये इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा, पूरे पूर्वांचल का चमकता हुआ ये सितारा बनने वाला है। यूपी का ये पहला स्टेडियम होगा जिसके निर्माण में BCCI का भी बहुत सहयोग होगा। मैं BCCI के पदाधिकारियों का काशी का MP होने के नाते, यहां का सांसद होने के नाते मैं आप सबका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
मेरे परिवारजनों, जब खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, इतना बड़ा स्टेडियम बनता है तो सिर्फ खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका सकारात्मक असर होता है। जब स्पोर्ट्स के ऐसे बड़े सेंटर बनेंगे तो उसमें बड़े स्पोर्ट्स आयोजन होंगे। जब बड़े आयोजन होंगे तो बड़ी तादाद में दर्शक औऱ खिलाड़ी आएंगे। इससे होटल वालों को फायदा होता है, छोटी-बड़ी खाने-पीने की दुकान को फायदा होता है, रिक्शा-ऑटो-टैक्सी इनको भी फायदा होता है, हमारे नाव चलाने वालों के लिए तो दो-दो हाथ में लड्डू हो जाता है। इतने बड़े स्टेडियम की वजह से स्पोर्ट्स कोचिंग के नए सेंटर खुलते हैं, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट सिखाने के लिए नए अवसर बनते हैं। हमारे बनारस के युवा नए खेल स्टार्ट अप के बारे में सोच सकते हैं। फिजियोथेरैपी समेत स्पोर्ट्स से जुड़ी बहुत सी पढाई और कोर्सेज शुरु होंगे, और एक बहुत बड़ी स्पोर्ट्स इंडस्ट्री भी वाराणसी में आएगी।
मेरे प्यारे परिवारजनों, एक समय था जब माता-पिता बच्चों को इस बात के लिए डांटते थे कि हमेशा खेलते ही रहोगे क्या, कुछ पढ़ाई-वढ़ाई करोगे की नहीं, यहीं हुडदंग करते रहोगे क्या, यहीं सुनना पड़ता था। अब समाज की सोच बदली है। बच्चे तो पहले से ही सीरियस थे ही, अब माता-पिता भी, स्पोर्ट्स को लेकर के गंभीर हुए हैं। अब देश का मिजाज ऐसा बना है, कि जो खेलेगा, वही खिलेगा।

आदिवासी इलाका शहडोल का ज़िक्र
पिछले 1-2 महीने पहले, मैं मध्यप्रदेश का एक आदिवासी इलाका शहडोल के आदिवासी गांव में गया था, वहां मुझे कुछ नौजवानों से मिलने का अवसर मिला और मैं सचमुच में वहां का दृश्य और उनकी बातें सुनकर के इतना प्रभावित हुआ, उन युवकों ने मुझे कहा कि ये तो हमारा मिनी ब्राजील है, मैंने कहा भई तुम मिनी ब्राजील कैसे बन गए हो, बोले हमारे यहां हर घर में फुटबॉल का खिलाड़ी है और कुछ लोगों ने मुझे कहा कि मेरे परिवार में तीन-तीन पीढ़ी National Football Player रही है। एक प्लेयर रिटायर होने के बाद, उसने वहां अपनी जान लगा दी। और आज हर पीढ़ी का व्यक्ति आपको वहां फुटबॉल खेलता नजर आएगा। और वो कहते कि हमारा जब annual function होता है तो कोई घर में आपको नहीं मिलेगा इस पूरे इलाके के सैकड़ों गांव और लाखों की तादाद में लोग 2-2, 4-4 दिन मैदान में डटे रहते हैं। ये culture, उसे सुनकर के देखकर के देश के उज्ज्वल भविष्य का विश्वास मेरा बढ़ जाता है। और काशी का सांसद होने के नाते, मैं यहां आए बदलावों का भी साक्षी बना हूं।
सांसद खेल प्रतियोगिता के दौरान जो उत्साह यहां रहता है, उसकी जानकारी मुझे लगातार पहुंचती रहती है। काशी के युवा, स्पोर्ट्स की दुनिया में अपना नाम कमाएं, मेरी यही कामना है। इसलिए हमारा प्रयास वाराणसी के युवाओं को उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं देने का है। इसी सोच के साथ इस नए स्टेडियम के साथ ही सिगरा स्टेडियम पर भी करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सिगरा स्टेडियम में 50 से अधिक खेलों के लिए, जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। और इसकी एक और खास बात है। ये देश का पहला बहुस्तरीय Sports Complex होगा जो दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसे भी बहुत जल्दी ही काशीवासियों को समर्पित किया जाएगा। बड़ालालपुर उसमें बना सिंथेटिक ट्रैक हो, सिंथेटिक बास्केट बाल कोर्ट हो, अलग-अलग अखाड़ों को प्रोत्साहन देना हो, हम नया निर्माण तो कर ही रहे हैं, पर शहर की पुरानी व्यवस्थाओं को भी सुधार रहे हैं।
खेलों में आज भारत को जो सफलता मिल रही है
खेलों में आज भारत को जो सफलता मिल रही है, वो देश की सोच में आए बदलाव का परिणाम है। हमने स्पोर्ट्स को युवाओं की फिटनेस और युवाओं के रोज़गार और उनके करियर से जोड़ा है। 9 वर्ष पहले की तुलना में, इस वर्ष केंद्रीय खेल बजट 3 गुणा बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के बजट में तो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत वृद्धि की गई है। सरकार आज स्कूल से लेकर ओलंपिक पोडियम तक हमारे खिलाड़ियों के साथ टीम मेम्बर बनकर साथ चलती है। खेलो इंडिया के तहत देशभर में स्कूल से यूनिवर्सिटी तक की खेल प्रतियोगिताएं हुईं हैं। इनमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियों ने भी हिस्सा लिया है। सरकार कदम-कदम पर खिलाड़ियों की हर संभव मदद कर रही है। ओलंपिक पोडियम स्कीम भी ऐसा ही एक प्रयास है।
इसके तहत देश के शीर्ष खिलाड़ियों को सरकार पूरे साल में खाने-पीने, फिटनेस से लेकर ट्रेनिंग तक लाखों रुपए की मदद देती है। इसका परिणाम हम आज हर अंतर्राष्ट्रीय कंपटीशन में देख रहे हैं। अभी कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में कुल मिलाकर भारत ने जितने मेडल जीते थे, पिछले कई दशकों में उससे ज्यादा मेडल सिर्फ इस बार, इस साल जीतकर के हमारे बच्चे ले आए हैं। वैसे आज से एशियन गेम्स भी शुरू हो रहे हैं, एशियन गेम्स में हिस्सा लेने गए सभी भारतीय खिलाड़ियों को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।
भारत के गांव-गांव में, कोने-कोने में खेल प्रतिभाएं मौजूद
भारत के गांव-गांव में, कोने-कोने में खेल प्रतिभाएं मौजूद है, खेलों के महारथी मौजूद हैं। जरूरी है इन्हें तलाशना और इन्हें तराशना। आज छोटे से छोटे गांवों से निकले युवा, पूरे देश की शान बने हुए हैं। ये उदाहरण बताते हैं कि हमारे छोटे शहरों के खिलाड़ियों में कितना Talent है, कितनी प्रतिभा है। हमें इस Talent को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने हैं। इसलिए खेलो इंडिया अभियान से आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेंट की पहचान की जा रही है। खिलाड़ियों की पहचान करके उन्हें इंटरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है। आज इस कार्यक्रम में बहुत से दिग्गज खिलाड़ी हमारे बीच विशेष तौर पर पधारे हैं, स्पोर्ट्स की दुनिया में उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। काशी से ये स्नेह दिखाने के लिए मैं उन सबका विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूँ।
आज खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे कोच और अच्छी कोचिंग का होना उतना ही जरूरी है। यहां जो दिग्गज खिलाड़ी मौजूद हैं, वो इसकी अहमियत जताते हैं और इसको जानते हैं। इसलिए आज सरकार खिलाड़ियों के लिए अच्छी कोचिंग की व्यवस्था भी कर रही है। जो खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में खेलकर आते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अनुभव है, उन्हें बतौर कोच काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश में बीते कुछ वर्षों में युवाओं को अलग-अलग खेलों से जोड़ा गया है।
सरकार गांव-गांव में जो आधुनिक खेल के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है, उससे गांव के, छोटे कस्बों के खिलाड़ियों को भी नए मौके मिलेंगे। पहले बेहतर स्टेडियम, सिर्फ दिल्ली-मुंबई-कोलाकाता-चेन्नई ऐसे बड़े शहरों में ही उपलब्ध थे। अब देश के हर कोने में, देश के दूर-सुदूर इलाकों में भी, खिलाड़ियों को ये सुविधाएं देने की कोशिश हो रही है। मुझे खुशी है कि खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत जो स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है, उसका बहुत अधिक लाभ हमारी बेटियों को हो रहा है। अब बेटियों को खेलने के लिए, ट्रेनिंग के लिए घर से ज्यादा दूर जाने की मजबूरी कम हो रही है।
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में खेल को उसी कैटेगरी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को सिर्फ एक एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब स्पोर्ट्स को स्कूलों में बकायदा एक विषय की तरह पढ़ाया जाना तय हुआ है। ये हमारी ही सरकार है जिसने देश की पहली नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में स्थापित की है। यूपी में भी स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गोरखपुर के स्पोर्ट्स कॉलेज के विस्तार से लेकर मेरठ में मेजर ध्यान चंद खेल यूनिवर्सिटी बनाने तक, हमारे खिलाड़ियों के लिए नए स्पोर्ट्स सेंटर बनाए जा रहे हैं।
देश के विकास के लिए खेल सुविधाओँ का विस्तार बहुत आवश्यक है। ये ना सिर्फ खेलों के लिए बल्कि देश की साख के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। हममें से कई लोग दुनिया के कई शहरों को सिर्फ इसलिए जानते हैं, क्योंकि वहां पर बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। हमें भारत में भी ऐसे सेंटर बनाने होंगे, जहां ऐसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजित किए जा सकें। यह स्टेडियम, जिसकी आधारशिला आज रखी गई है, खेलों के प्रति हमारे इसी संकल्प का साक्षी बनेगा। ये स्टेडियम बस ईंट और कंक्रीट से बना हुआ एक मैदान नहीं होगा, बल्कि ये भविष्य के भारत का एक भव्य प्रतीक बनेगा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हर विकास कार्य के लिए मेरी काशी अपना आशीर्वाद लिए मेरे साथ खड़ी रहती है। आप लोगों के बिना काशी में कोई भी कार्य सिद्ध नहीं हो सकता है। आपके आशीर्वाद से हम काशी के कायाकल्प के लिए इसी तरह विकास के नए अध्याय लिखते रहेंगे। एक बार फिर काशी के लोगों को, पूरे पूर्वांचल को क्रिकेट स्टेडियम के शिलान्यास की मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

BREAKING News : छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष के भतीजे का बदमाशों ने गला काटा

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राजनांदगांव। मीडिया रिपोर्ट की खबरों के अनुसार  राजनांदगांव से एक बड़ी खबर आ रही है। छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष के भतीजे पर जानलेवा हमला हुआ है। घटना की वजह अब तक सामने नहीं आयी है। जानकारी के मुताबिक गर्दन मे चाकू से वार किया गया है। घायल को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। वहीं आरोपी फरार बताये जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष मन्ना यादव के भतीजे यशवंत यादव पर हमला हुआ है। घटना की सूचना के बाद पुलिस जांच में जुट गयी है। मामला कोतवाली थाना के जीई रोड का बताया जा रहा है। फिलहाल आरोपी का पता नहीं चल पाया है। राजनांदगांव पुलिस उनकी तलाश में है. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस जल्द आरोपी को पकड़ लेने का दावा कर रही है। 

Video News – निहारिका रायजादा ने भारतीय सिनेमा में किये 10 साल पूरे, मीडिया के साथ ये ख़ास मौका किया सेलिब्रेट

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इंडो-यूरोपियन ब्यूटी निहारिका रायजादा ने फिल्म जगत में एक दशक पूरा कर लिया है और इस ख़ास मौके को उन्होंने मुंबई के क्रेक्राफ्ट रेस्टोरेंट में मीडिया के साथ किया सेलिब्रेट।

निहारिका ने साल 2013 में सिनेमा जगत में फिल्म डामाडोल से अपना कदम रखा था। उसके बाद उन्होंने कई भाषाओं में काम किया और मसान, बेबी, वारियर सावित्री जैसी फिल्मों में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए काफी तारीफ बटोरी। उन्होंने इन दस सालो में अपने आप को एक बेहतरीन कलाकार के रूप में स्थापित कर लिया है और आईबी 71 और सूर्यवंशी जैसी रिलीज के साथ बड़ी लीग में शामिल हुई ।

क्रेक्राफ्ट जो कि मुंबई में सेलिब्रिटी का जाना माना रेस्टोरेंट है, उस के अक्षय शेट्टी और लता चेट्टी ने निहारिका के इन दस साल पूरा होने की ख़ुशी में उनके दोस्त सिद्धार्थ डोंगले, नसीम खान और पुनीत हरजानिया के साथ मिलकर एक पार्टी रखी।

निहारिका इस पार्टी को लेकर काफी सरप्राइज और इमोशनल हुई और वह हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी। उन्होंने पार्टी के बारे में बात करते हुए कहा, “मेरे लिए यह बहुत ख़ास है और आज तक ऐसा मेरे लिए किसी ने कुछ नहीं किया। मेरी सालों की मेहनत फाइनली रंग लाई है। मुझे सरप्राइज हो रहा है कि अक्षय शेट्टी, लता चेट्टी, सिद्धार्थ डोंगले , नसीम खान और पुनीत सबने मेरे डेब्यू को याद रखा। मैं बहुत इमोशनल हूँ और ऐसा लग रहा है मानो ऑफिशल रूप से में इंडस्ट्री में आ गयी हूँ।”

बता दें, निहारिका संगीतकार ओपी नैय्यर की पोती हैं। वह लक्ज़मबर्ग की रहने वाली है, वह  फ्रेंच बोलती है और उन्होंने कोयोट्स नामक एक अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से अपने करियर की  शुरुआत की।

फिलहाल, अभी वह दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हो रहे मोटोजीपी भारत 2023 कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए काफी एक्साइटेड है।

गाय भारतीय संस्कृति में पूजनीय है। भारत में हमारे भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शंकर ने नन्दनी और नन्दी को महत्व दिया है – राज्यपाल कलराज मिश्र

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जयपुर/पाली, 23 सितंबर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति और समाज में गुरु और गाय का स्थान अत्यंन्त महत्वपूर्ण है। गाय भारतीय संस्कृति में पूजनीय है। भारत में हमारे भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शंकर ने नन्दनी और नन्दी को महत्व दिया है जिसमें इन गौवंश को अहम स्थान दिया गया है।
राज्यपाल कलराज मिश्र  शनिवार को पाली में रूप रजत विहार में रूप रजत विशिष्ट अथिति गृह व वाचनालय का उदघाटन अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी जीवों के कल्याण में मानव मात्र का कल्याण निहित है। उन्होंने उपस्थित आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि संत महात्माओं के चिंतन को आगे बढ़ाएं और उनके सेवा संकल्पों से समाज को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि मनुष्य बनने का अर्थ मानवीय मूल्यों से ओत प्रोत व्यक्तित्व है। मिश्र ने कहा कि सभी जीवों के कल्याण में मानव मात्र का कल्याण निहित है यही सनातन है। आरंभ में संविधान की प्रस्तावना व मूल कर्तव्यों का वाचन किया गया।
उन्होंने कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया तथा उपस्थित भामाशाहों को सम्मानित भी किया। इससे पहले पाली आगमन पर राज्यपाल कलराज मिश्र को हेलीपैड पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया व जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने स्वागत व अगवानी की। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया, विधायक ज्ञानचंद पारख उपस्थित रहे।

 

निर्माता दिलीप सोनकर के धारावाहिक “काशी विश्वनाथ” का मुहूर्त

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अनिल बेदाग, मुंबई 
कमलाश्री फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड, वाराणसी के बैनर तले बन रहे टीवी धारावाहिक “काशी विश्वनाथ” का मुहूर्त 21 सितंबर को मुंबई के मढ आइलैंड क्षेत्र में हुआ। जहां काशी से आगत आचार्य सुरेश चंद्र शुक्ल जी, पंडित अतुल शुक्ल जी के नेतृत्व में विद्वान आचार्यों द्वारा पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ मुहूर्त कर शूटिंग शुरू की गई। निर्माता दिलीप सोनकर ने इस अवसर पर कहा कि टीवी सीरियल काशी विश्वनाथ के माध्यम से विश्वभर में विराट सनातन संस्कृति को पहुंचाने के उद्देश्य से इसे बनाया जा रहा है।|कमलाश्री फिल्म्स के मुंबई कार्यालय पर इस धारावाहिक के निर्माण के लिए वर्ष भर से लगभग 50 लोगों की टीम की कड़ी मेहनत के बाद इसे फ्लोर पर लाया गया है। इस धार्मिक धारावाहिक के गहरे शोध का कार्य एफटीआई पासआउट डॉक्टर डी एल कश्यप ने किया है जिनको 25  सालों से काशी पर संपूर्ण रूप से शोध करने का अनुभव प्राप्त है।  इस धारावाहिक में फिल्म और टीवी जगत के प्रसिद्ध कलाकार और अभिनेता पुराणों में वर्णित भूमिका में नज़र आने वाले हैं। प्रमुख पात्र भगवान विश्वनाथ की भूमिका गगन मालिक, पालनकर्ता भगवान श्रीहरी की भूमिका विशाल करवाल के साथ टीवी जगत के विख्यात कलाकार नज़र आएंगे। हरीश बिमानी का पार्श्व स्वर इसमे प्रयोग किया गया है जो बॉलीवुड के जाने माने पार्श्व सूत्रधार हैं, जिन्होंने बी आर चोपड़ा के सीरियल महाभारत से लेकर तमाम फ़िल्मों और धारावाहिकों में अपनी बुलंद आवाज़ दी है।
     इस धारावाहिक के क्रिएटिव प्रोड्यूसर रंजीत कावले ने कहा कि टीवी सीरियल काशी विश्वनाथ में ज्ञानवापी में स्थित आदि विशेश्वर शिव लिंग की कथा से लेकर विराट हिंदू सनातन धर्म की उत्त्पति और संस्कृति पर विस्तृत रूप से चित्रण किया जा रहा है जैसे वेदों और पवित्र पौराणिक ग्रंथों में उल्लिखित हैं।
बता दें कि पवित्र पावन भूमि काशी और उसके महत्व को दर्शाने वाली कथाओं को हुबहू पर्दे पर उतारने का अथक प्रयास सृजनात्मक निर्माता रणजीत कावले द्वारा किया जा रहा है। इसके सहयोगी निर्माणकर्ता हिमांशु तिवारी, धनजय सिंह और अजय सिंह हैं। इस सीरियल के निर्माण का बीड़ा काशी के लाल दिलीप सोनकर ने उठाया है।
उल्लेखनीय है कि इनके लोकप्रिय धारावाहिक “रणभेरी, लाल रेखा और “परशुराम” रहे हैं जो लोगों को काफी पसन्द रहे हैं। अब दिलीप सोनकर काशी विश्वनाथ की महिमा, ज्ञानवापी की कथा, आदि विशेश्वर से गौरी श्रृंगार तक की कथा को जन जन तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं।
      उन्होंने कहा कि अगले साल तक इस सीरियल को दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल के अलावा देश के कई चैनलों और ओटीटी प्लेटफार्मों पर दर्शक देख पाएंगे।
श्री दिलीप सोनकर ने बताया कि काशी महादेव शिव का आनंदवन, महाकाल का महाश्मशान, भोले शंकर की प्रिय नगरी काशी जहाँ स्वयं भगवान् शिव, बाबा विश्वनाथ के रूप में सदैव उपस्थित रहते हैं उनका कहना है कि हमारे धर्म ग्रन्थ पुराण मिथक नहीं अपितु इतिहास हैं, हमारे सनातन धर्म का आइना हैं तथा हमारी प्राचीन संस्कृति और सभ्यता के द्योतक है। उन्हीं धर्म ग्रंथों में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि काशी संसार की प्राचीनतम नगरी है, जो भगवान् शिव के त्रिशूल के अग्रभाग पर स्थित है।
      धारावाहिक की रचना में बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद डॉ. विजय सोनकर शास्त्री जी के नेतृत्व में काशी के विद्वानों का विचार लिया जा रहा है, जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े और तीर्थ पुरोहित से लेकर वहाँ की तमाम विभूतियों को जोड़ा गया है, ताकि इस टीवी धारावाहिक काशी विश्वनाथ से जुड़ी कोई भी गाथा छूट ना जाय और पुराणों में उल्लेखित प्राणमिकता भी बनी रहे। काशी से जुड़ी  घटनाक्रमों को मनोरंजक तरीके से तैयार करने के लिए इसकी पटकथा तमाम पौराणिक धारावाहिकों की पटकथा लिखने वाले गोपाल वर्मा द्वारा तैयार की गई हैI धारावाहिक का निर्देशन शरद पाण्डेय जी द्वारा किया जा रहा है। गीतों की रचना स्वर्गीय रवीन्द्र जैन के सहयोगी सुरेश तिवारी जी कर रहे हैं। इस टीवी सीरियल में गगन मलिक, विन्ध्या तिवारी, झलक देसाई,  दीपक दत्त शर्मा,रंजीत कावले, कुणाल सिंह राजपूत, रमेश गोयल , निर्भय वाधवा, अष्टभुजा मिश्रा, ओम शंकर पाण्डेय, शिव यादव ,रिया सोनी, ब्रावनी पराशर,अरुण बक्शी, मुकुल नाग, अमन माहेश्वरी, स्वरनीम नीमा, साक्षी परिहार, राजा कापसे ,सुनील नागर आदि अनेक प्रसिद्ध टीवी सितारे नज़र आयेंगे।
     सीरियल रामायण की सीता दीपिका चिखलिया भी मुहूर्त के समय हाजिर हुईं। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ का कॉन्सेप्ट बहुत ही अच्छा है। मेरी भी कोशिश होगी कि इस धारावाहिक में मैं किरदार निभाऊं। मैं प्रोड्यूसर दिलीप सोनकर सहित पूरी टीम को बधाई व शुभकामनाएं देती हूं।

अमिका शैल अमेजोन की ‘बिल्डर्स’ वेब सीरीज में दर्शकों को मोहित करेंगी

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अनिल बेदाग, मुंबई 
अभिनेत्री अमिका शैल एक बार फिर अपनी नई हास्यपूर्ण भूमिका में दर्शकों को मोहित करने के लिए तैयार हैं, वह आने वाले अमेज़न वेब सीरीज़ ‘बिल्डर्स’ में नई भूमिका निभाएंगी। इस बेहद प्रत्याशित कॉमेडी-ड्रामा का निर्माण आनंदेश्वर द्विवेदी, प्रशांत कुमार, और विकास शर्मा द्वारा किया गया है, और इसका निर्देशन ललितम आनंद ने किया है। ‘बिल्डर्स’ एक भारतीय शहर में एक सामान्य संघर्ष कर रहे जिम की कहानी है, जो नई सदस्यता सुनिश्चित करने की दुर्भाग्यपूर्ण चुनौती का सामना कर रहा है। स्वास्थ्य से लेकर मनोरंजन तक, जिम ब्रदर्स की सहयोग से हँसी तक, ‘बिल्डर्स’ एक अनूठी यात्रा का वादा करता है। इस सीरीज़ का निर्माण ‘द वायरल फीवर’ की एक इकाई द्वारा किया गया है, जिसे ‘द स्क्रीन पटी’ के नाम से भी जाना जाता है।
     अमीका शैल, जो अपनी विविधता और करिश्माई व्यक्तित्व के लिए प्रसिद्ध हैं, ‘बिल्डर्स’ के कलाकारों के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें अंकित मोटघरे, स्वप्नील कोकम, अनुषा मिश्रा, विधुषी कौल, और अवतार गिल शामिल हैं। उनका जुड़ाव इस श्रृंखला को एक अद्वितीय और आनंददायक आयाम देने की उम्मीद है। अपनी उत्साह साझा करते हुए, अमिका ने कहा, “‘बिल्डर्स’ पर काम करना पूरी तरह से मजेदार रहा है। स्क्रिप्ट में हास्य और दिल से भरपूर है, पूरी टीम में सभी बहुत ही प्रतिभाशाली हैं और सर्वोत्तम शो बनाने के बारे में उत्सुक हैं। मुझे यकीन है कि दर्शक पात्रों और उनकी हास्यपूर्ण गुप्तचरों से जुड़ेंगे, जिससे यह श्रृंखला देखने योग्य हो जाएगी। मैं दर्शकों का इसके प्रति लगाव  देखने के लिए उत्सुक हूं।”
     अमीका शैल सीरीज़ में एक फिटनेस उत्साही  किरदार निभाएंगी, और उनका किरदार सीरीज़ में एक फिट मॉडल के प्रति प्यार में पड़ जाता है। “मेरे सभी प्रशंसक जानते हैं कि मैं असल जीवन में एक फिटनेस उत्साही हूं। स्क्रीन पर भी अपने आप का एक हिस्सा बनाना खुशी थी। यह किरदार किसी भी तरह से ‘साधारण’ नहीं है, और यही वजह है कि मुझे इस प्रोजेक्ट की ओर खींच लिया। यह एक मजेदार भावनाओं का रोलरकोस्टर है और दोस्ती, प्यार, और अपने सपनों का पालन करने के महत्व के बारे में है।”
    अमीका शैल के पास 2023 के अगले हिस्से के लिए रोमांचक रिलीज़ की लाइनअप है। वह एक विविधतापूर्ण गायक-अभिनेत्री हैं, जो अपने टेलीविजन और ओटीटी स्पेस में गतिशील प्रदर्शनों के लिए प्रसिद्ध हैं। अपने हास्य कौशल और पर्दे पर आकर्षक उपस्थिति के साथ, वह अपनी प्रतिभा और आकर्षण से दिलों को जीतने का काम जारी रखती हैं।