प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आशीर्वाद मांगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के एक जैन मंदिर में दिगंबर जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आशीर्वाद मांगा।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:
‘‘छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि जैन मंदिर में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त करके धन्य महसूस कर रहा हूं।’’
Feeling blessed to receive the blessings of Acharya Shri 108 Vidhyasagar Ji Maharaj Ji at the Chandragiri Jain Mandir in Dongargarh, Chhattisgarh. pic.twitter.com/wNfvbbwfKH
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2023
भारतीय नौसेना की परियोजना 15बी युद्धपोत “सूरत” का अनावरण समारोह
New Delhi – भारतीय नौसेना के नवीनतम, स्वदेशी, निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, ‘सूरत’ का अनावरण गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल द्वारा 06 नवंबर 2023 को सूरत में आयोजित एक समारोह में किया जाएगा। इस समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इसको 17 मार्च, 2022 को मुंबई में लॉन्च किया था।
निर्माणाधीन नवीनतम अग्रिम युद्धपोत परियोजनाओं में ‘परियोजना 15 बी’ इस कार्यक्रम की चौथी अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का निर्माण है, जिनमें ‘सूरत’ चौथा और अंतिम जहाज है। यह युद्धपोत वर्तमान समय में मझगांव डॉक्स शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में निर्माणाधीन है। इस युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी अत्याधुनिक युद्धपोत निर्माण प्रौद्योगिकी और रणनीतिक सैन्य प्रगति के लिए राष्ट्र को समर्पित है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय देश की नौसेना छोटी थी लेकिन वर्तमान में भारतीय नौसेन एक बहुत सक्षम, युद्ध के लिए तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और भविष्य के लिए सक्षम बल बन चुकी है।
सर्वविदित है कि सूरत शहर 16वीं से 18वीं शताब्दी तक भारत और कई अन्य देशों के लिए सबसे महत्वपूर्ण समुद्री व्यापारिक केंद्र रहा है। सूरत शहर जहाज निर्माण कार्यों के लिए एक समृद्ध केंद्र भी रहा है और इस अवधि में यह अपने यहां निर्मित जहाज के लिए प्रसिद्ध भी रहा है क्योंकि यहां निर्मित अनेक जहाज 100 वर्षों से ज्यादा समय तक अपनी सेवाएं प्रदान की है। भारत देश में यह एक समुद्री परंपरा और एक नौसैनिक परंपरा बनी हुई है कि हमारे नौसैना के जहाजों का नाम हमारे देश के प्रमुख शहरों के नाम पर रखा जाता है और इसलिए देश की नौसेना को सूरत शहर के नाम पर अपने नवीनतम और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत युद्धपोत का नाम देने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। यह गुजरात के किसी भी शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला युद्धपोत है और यह पहली बार है कि एक युद्धपोत के शिखर का अनावरण उसी शहर में किया जा रहा है जिसके नाम पर इसका नाम रखा गया है।
इस युद्धपोत का अनावरण समारोह गुजरात नौसेना द्वारा पश्चिमी नौसेना कमान के तत्वावधान में 06 नवंबर 2023 की शाम को सूरत में आयोजित किया जा रहा है।
12वीं फेल’ की सक्सेस पार्टी एक्ट्रेस विद्या बालन की मौजूदगी में सम्पन्न…!
गाय के दूध पी कर जिन्दा रही १२३ साल पार्वती देवी
नई दिल्ली – गुरुग्राम के कार्टरपुरी में रहने वाली पार्वती देवी ने 123 साल का स्वस्थ जीवन जीने के बाद इस दुनिया से विदाई ली है. अपनी चार पीढ़ी देख चुकी पार्वती बेटे, बेटियां, पौत्र, पौत्री, पड़पौत्री और सड़पौत्र-पौत्रियों से भरा पूरा परिवार छोड़ कर गई हैं. 7 जुलाई 1900 में जन्मी पार्वती देवी के बारे में सबसे खास बात तो यह रही कि इस लंबे जीवन के दौरान कभी ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं हुईं. परिवार के लोगों ने पार्वती के स्वस्थ जीवन और लंबी आयु का मुख्य कारण गाय का दूध बताया.
कुछ दिन पहले हुई थी उनकी तबीयत खराब
पार्वती देवी के पुत्र कृष्ण यादव ने बताया कि उनकी माता जी सदा गाय का दूध पीती रहीं, जोकि उनके लिए अमृत के समान था. कृष्ण के अनुसार कुछ दिन पहले उनकी तबीयत खराब रहने लगी थी. तब उन्होंने कामधेनु गौशाला में जाकर गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव और गौसेवक बलजीत यादव से मुलाकात की और उन्हें पार्वती के स्वास्थ्य को लेकर दूध उपलब्ध कराने के बारे में कहा. गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव ने तुरंत पार्वती देवी के लिए दूध की व्यवस्था की, जिससे उनकी तबीयत फिर से ठीक हो गई थी और उन्होंने खाना-पीना स्वस्थ व्यक्ति की तरह शुरू कर दिया था.
पार्वती देवी के दोबारा दांत आने लगे थे
पार्वती देवी 123 साल की उम्र में भी देखने और सुनने में सक्षम थी. इसके अलावा उनके मुंह में दोबारा से दांत भी आ गए थे, जो किसी चमत्कार से कम नहीं. 1 जुलाई 1900 में गुरुग्राम जिला के गांव बोहड़कलां में जन्मी पार्वती देवी का 123 साल की उम्र में 26 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया.
चार पीढ़ी देख चुकी है पार्वती देवी
उल्लेखनीय है कि चार पीढ़ी देख चुकी पार्वती के परिवार में उनके तीन पुत्र और चार पुत्रियां हुई. तीनों पुत्रों में फौज में देश की सेवा की और उनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है. पांच पौत्र और छह पौत्री हैं. तीन पौत्र भोज में भर्ती हुए और दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इसके अलावा सात पड़पौत्र, तीन पड़पौत्री के अलावा एक षडपौत्री है. चार पीढ़ी देख चुकी पार्वती के निधन पर समाज के प्रबुद्ध लोगों ने ईश्वर से मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है
‘मानसून फुटबॉल’ की एक्ट्रेस रोहिणी मुंजाल को पसंद हैं संजू बाबा
जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘मानसून फुटबॉल’ रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में अभिनेत्री रोहिणी मुंजाल ने बेहतरीन भूमिका निभाई है। रोहिणी एक अच्छी मॉडल, अभिनेत्री और नेकदिल इंसान है। हिंदी के साथ साथ कई प्रादेशिक भाषाओं की फिल्म, म्यूजिक एलबम और वेबसीरिज में वह काम कर चुकी है और आगे भी अभिनय में उनका भविष्य उज्ज्वल है। रोहिणी को अपने कला और कौशल में पूर्ण विश्वास है। जल्द ही टीसीरीज़ के म्यूजिक एलबम में यह दर्शकों से रूबरू होगी। रोहणी बीइंग यंग टी शर्ट की ब्रांड एंबेसडर है।
रोहिणी मुंजाल अभिनेता संजय दत्त को बेहद पसंद करती है। संजय दत्त का व्यक्तित्व और अभिनय उसे अच्छा लगता है। अभिनेता शाहरुख खान और रितिक रोशन भी रोहणी के पसंदीदा अभिनेता हैं।
बिग बॉस शो देखना रोहणी को बेहद पसंद है। काम की व्यस्तता के कारण वह अपने समयानुसार यह शो देखती है मगर शो मिस नहीं करती। लगभग बिग बॉस का हर सीजन वह देखती है। साथ ही क्रिकेट देखना भी रोहणी को पसंद है। एम एस धोनी और सचिन तेंडुलकर की यह बहुत बड़ी प्रशंसक है। रोहणी की इच्छा है कि वह इन दोनों क्रिकेट जगत के महान दिग्गजों से एक बार मिले। वह क्रिकेट आईपीएल देखती है और अभी उसको वर्ल्ड कप का बेसब्री से इंतजार है। क्रिकेट वर्ल्ड कप देखने को उनकी उत्सुकता और खुशी की सीमा ही नहीं है।
रोहणी अभी अपने आगामी प्रोजेक्ट में व्यस्त है। उनकी फिल्म ‘मानसून फुटबॉल’ रिलीज होने को तैयार है। इस फिल्म में वह एक गृहणी है जिसका पति पूजा-पाठ करता है। वह आस्तिक तो है मगर एक बाबा का अंधभक्त है जिसके कारण उनके दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट आती है। अपने पति को सच्चाई दिखाने के आखिर एक पत्नी क्या क्या करेगी यही फिल्म का ट्विस्ट है। इस फिल्म में कई महिलाओं का जीवन दिखाया गया है जो गृहणी है उनको यह समाज और परिवार महिला के त्याग को कैसे अनदेखा करता है। समाज और परिवार में अपनी जगह एक महिला कैसे स्थापित करती है यही फिल्म का सार है।
यह फिल्म महिला सशक्तिकरण पर आधारित होने के साथ साथ एक पारिवारिक ड्रामा और हास्य से भरा मनोरंजन का पूरा पैक है। जिसमें रोहणी का किरदार एक अलग और अच्छी छवि को दर्शता है।
रोहिणी मुंजाल मॉडलिंग, विज्ञापन, फिल्म, वेबसीरिज और म्यूजिक एलबम में काम करती है। धारावाहिकों में भी अगर अच्छा किरदार मिलेगा तो वह उसमें भी काम करना चाहती है।
रोहणी का कहना है कि वह हर प्रकार का किरदार निभाना चाहती है अभी तो उनके कैरियर की शुरुआत है वह अपने अभिनय से अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती है। उसे प्रकृति से बेहद प्यार है उनका मानना है कि इंसान को पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह प्रकृति है हमारा अस्तित्व है। आज प्रदूषण हमारे जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है इस ओर सबको ध्यान देना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधों को अपने आसपास लगाकर पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।
बापू को अर्पित की श्रद्धांजलि! बाल्य काल से गांधी जी से रहा हूँ प्रेरित -पुष्कर सिंह धामी
अहमदाबाद ,02 नवम्बर 2023, अपने गुजरात प्रवास के मध्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम पहुँचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कुछ देर चरखा भी चलाया और अपने अनुभव,अतिथि उपस्थिति पुस्तिका (विजिटर बुक) में साझा किए।
ज्ञात हो कि -मुख्यमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर आजकल अहमदाबाद दौरे पर हैं। इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम पहुँचे जहां पर उन्होंने राष्ट्रपिता को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक आश्रम में चरखा चलाया और आश्रम का अवलोकन भी किया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य, अहिंसा और सदद्भाव का संदेश पूरी दुनिया को देने वाले राष्ट्रपिता बापू को मैं नमन करता हूँ।
चुंकि गांधी जी से हम बचपन से प्रेरित हैं। भारत विश्व का अग्रणी राष्ट्र बने यह हम संकल्प लेते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता बापू के स्वाधीनता आंदोलन में किये गए कार्य सदैव हमें प्रेरित कर मार्गदर्शन करते रहेंगे ।
आरईसी ने ₹3,773 करोड़ के साथ दर्ज किया अपना अब तक का सबसे अधिक तिमाही मुनाफा
नई दिल्ली: आरईसी लिमिटेड ने 30 सितंबर 2023 को समाप्त दूसरी तिमाही और छमाही की अवधि के लिए अपने अलेखापरीक्षित वित्तीय परिणामों (स्टैंडअलोन) की घोषणा की है। आरईसी लिमिटेड, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक ‘महारत्न’ कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। ए सेट क्वालिटी में सुधार, उधार दरों में वृद्धि और वित्त लागत के प्रभावी प्रबंधन के कारण, आरईसी ने ₹3,773 करोड़ का अपना अब तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ दर्ज किया है। परिणामस्वरूप, 30 सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही के लिए प्रति शेयर वार्षिक आय बढ़कर ₹51.14 प्रति शेयर हो गई, जबकि 30 सितंबर 2022 को यह ₹39.32 प्रति शेयर थी।मु नाफे में वृद्धि के कारण, 30 सितंबर 2023 तक नेट वर्थ बढ़कर ₹ 63,117 करोड़ हो गई है, जो साल-दर-साल 18% की वृद्धि है।कं
कंपनी की लोन बुक ने अपनी विकास यात्रा को कायम रखा है और 30 सितंबर 2022 के ₹ 3.94 लाख करोड़ के मुकाबले 20% बढ़कर लोन बुक ₹ 4.74 लाख करोड़ तक पहुँच गई है।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) मलेरिया उन्मूलन और डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता
मुंबई, पुणे, 2 नवंबर, 2023: उभरते बाज़ारों की अग्रणी कंपनी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) ने सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन (सीएचआरआई-पाथ) और फैमिली हेल्थ इंडिया (एफएच इंडिया) के साथ मलेरिया उन्मूलन और डेंगू, चिकनगुनिया की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम में सरकार का समर्थन करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के साथ समझौता किया है। लॉन्च के मौके पर जीसीपीएल की सीएसआर पहल द्वारा समर्थित दो एजेंसियों, सीएचआरआई-पाथ और एफएच इंडिया की तकनीकी सहायता के ज़रिये महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को समर्थन की शुरुआत हुई।
मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियां, महाराष्ट्र में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या हैं। महाराष्ट्र श्रेणी 2 का राज्य है, जहां अधिकांश जिलों में वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) प्रति 1,000 जनसंख्या पर 1 से कम जोखिम वाले मामले आते हैं, लेकिन कुछ जिले ऐसे हैं जो 1 या उससे अधिक के एपीआई वाले मामले सामने आते हैं। ऐसा ही एक जिला, गढ़चिरौली का आदिवासी बहुल, पूर्वी वन जिला है। कार्यक्रम का प्राथमिक फोकस है, मलेरिया को खत्म करना, जिसमें गढ़चिरौली जिले पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, कार्यक्रम का उद्देश्य है, ठाणे-पालघर जिले पर ध्यान केंद्रित करते हुए डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को नियंत्रित करना।
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, इस सहायता कार्यक्रम के तहत तीन राज्य-स्तरीय विशेषज्ञ और 24 जिला-स्तरीय स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त होंगे। ये लोग मानव और कीट विज्ञान निगरानी को मज़बूत करने, मामले की रिपोर्टिंग बढ़ाने और इन बीमारियों के नैदानिक प्रबंधन में सुधार करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. अंबाडेकर (अतिरिक्त निदेशक स्वास्थ्य)/डॉ. सरनीकर (संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य) ने की और इसमें सुश्री अहोना घोष (महाप्रबंधक, सस्टेनेबिलिटी गुड एंड ग्रीन, जीसीपीएल), डॉ. सपकल (क्षेत्रीय निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), डॉ. कमलापुरकर (सहायक निदेशक स्वास्थ्य), डॉ. जगताप (राज्य कीटविज्ञानी), डॉ. सचिन गुप्ते (निदेशक, पीएटीएच), डॉ. राउट्रे (निदेशक पीएटीएच), डॉ. अमरेश कुमार (उप निदेशक पीएटीएच), डॉ. बिस्वाल (तकनीकी सलाहकार, पीएटीएच), डॉ बित्रा जॉर्ज (निदेशक, फैमिली हेल्थ इंडिया), सोम कुमार शर्मा (एसोसिएट डायरेक्टर, फैमिली हेल्थ इंडिया) आदि ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मलेरिया को खत्म करने और डेंगू और चिकनगुनिया को नियंत्रित करने के मिशन में शामिल सभी पक्षों की सामूहिक प्रतिबद्धता और एकजुटता पर जोर दिया गया।
महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. सरनीकर (संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य) ने कहा, “मलेरिया, डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियां महाराष्ट्र में एक बड़ी चिंता का विषय हैं, खासकर गढ़चिरौली, चंद्रपुर और ठाणे-पालघर जैसे जिलों में। जलवायु परिवर्तन के कारण ठंडे क्षेत्रों में भी ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। डेंगू के प्रकार घातक हो सकते हैं और हमें आवश्यक प्रौद्योगिकी और रोकथाम के तरीकों में निवेश करने की ज़रूरत है। हमें कोविड-19 से सीखना चाहिए और किसी भी वेक्टर जनित बीमारी के प्रकोप से निपटने के लिए हर तरह से तैयार रहना चाहिए। हम मलेरिया को खत्म करने के अपने उद्देश्य में मदद करने के लिए गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, सीएचआरआई-पाथ और एफएचआई टीमों के साथ सहयोग कर खुशी हो रही है।
गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एसोसिएट कंपनियों में सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी की प्रमुख सुश्री गायत्री दिवेचा ने कहा, “हम 2016 से मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में निवेश कर रहे हैं और उच्च जोखिम वाले तीन करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच चुके हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हमारे इसी तरह के निवेश ने उन राज्यों को श्रेणी 1 सूचकांक में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दौरान हमने सबसे बड़ी चीज़ यह सीखी है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं, गहरी जड़ें जमा चुकी हैं और बड़े पैमाने पर प्रणालीगत परिवर्तन और नवोन्मेष की ज़रूरत है। इस सफलता को दोहराने के लिए, राज्य के स्वास्थ्य विभागों, जिला कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और लोगों के साथ विभिन्न सरकारी संस्थाओं के साथ साझेदारी आवश्यक है। हम इसे संभव बनाने और 2030 तक भारत में मलेरिया को खत्म करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की प्रतिबद्धता, समर्पण और रणनीतिक दृष्टि के आभारी हैं।
संक्रामक रोगों के निदेशक डॉ. सत्यब्रत राउतराय ने कहा, “भारत में पाथ के एक सहयोगी के रूप में सीएचआरआई (सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च एंड इनोवेशन), एम-एनटीडी (मलेरिया और उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग) सहित राष्ट्रीय कार्यक्रमों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों के क्रियान्वयन में कई राज्य सरकारों का समर्थन कर रहा है। इस परियोजना के तहत सीएचआरआई, जीसीपीएल सीएसआर पहल की वित्त पोषण सहायता के साथ राष्ट्रीय स्तर और महाराष्ट्र में टीएसयू (तकनीकी सहायता इकाइयां) स्थापित करेगा, जो मुख्य रूप से डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया को प्राथमिकता देते हुए वेक्टर जनित बीमारियों के उन्मूलन और नियंत्रण के लिए विशिष्ट तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों के साथ-साथ अनियंत्रित शहरीकरण और अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों के कारण, वेक्टर गतिशीलता और वेक्टर-घनत्व तेजी से बदल रहा है और इसके साथ डेंगू-चिकनगुनिया के प्रकोप का संभावित नकारात्मक असर भी आता है। यह अपने साथ विभिन्न किस्म के खतरे लाता है। बीमारी और मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रकोप की जांच और प्रतिक्रिया के साथ-साथ आईवीएम (एकीकृत वेक्टर प्रबंधन) के संबंध में विशिष्ट हस्तक्षेप की ज़रूरत है। इससे देश में डेंगू-चिकनगुनिया नियंत्रण और मलेरिया उन्मूलन लिहाज़ से राज्य की प्रगति में तेज़ी आएगी।
फैमिली हेल्थ इंडिया के निदेशक डॉ. बिट्रा जॉर्ज ने कहा, “फैमिली हेल्थ इंडिया, ठाणे, पालघर और गढ़चिरौली जिलों में व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकता के अनुसार सामुदायिक लामबंदी, व्यवहार परिवर्तन संबंधी संचार, आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं की क्षमता निर्माण के प्रत्यक्ष क्रियान्वयन के माध्यम से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, महाराष्ट्र को सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। हमें 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के के लिए स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड सीएसआर और सीएचआरआई के साथ सहयोग कर खुशी है।