Home Blog Page 173

नवी मुंबई के केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग

0

नवी मुंबई। नवी मुंबई के तलोजा में भीषण आग लगने की वजह से इलाके में अफरा-तफरी मच गई है। मौके पर पुलिस और दमकल की कई गाड़ियां पहुंच चुकी है। पुलिस ने बताया कि तलोजा इंडस्ट्रियल एस्टेट एक केमिकल की फैक्ट्री है जिसमें रात 8 बजे के बाद भीषण आग लग गई। फिलहाल पुलिस और दमकलकर्मी इस आग पर काबू पाने के लिए जुटा हुआ है।

2024 लोकसभा चुनाव – भाजपा की सरकार बनने तक तेलंगाना का दौरा करेंगे शाह

0

पीटीआई, हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पार्टी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में कम से कम 10 सीटें जीतने और 35 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा। तेलंगाना से पार्टी के मंडल अध्यक्षों की एक बैठक में उन्होंने दावा किया कि बीआरएस एक डूबा हुआ जहाज है और राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है, जबकि भाजपा तेलंगाना का भविष्य है। हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा के तीसरे स्थान पर रहने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए शाह ने कहा, एक सूत्र के अनुसार, पार्टी के चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। भाजपा को राज्य के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि यहां कम से कम 10 कमल खिले। 2019 लोकसभा चुनाव में बीआरएस ने नौ सीटें और कांग्रेस ने तीन सीटें जीती थीं।

भाजपा की सरकार बनने तक तेलंगाना का दौरा करेंगे शाह

शाह ने कहा कि कुछ लोग सोच रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद वह राज्य का दौरा क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा,

BRS और कांग्रेस पर बरसे शाह

शाह ने तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार के लिए बीआरएस और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तेलंगाना में सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन इससे लोगों को कोई फायदा नहीं होगा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐतिहासिक चारमीनार से सटे भाग्यलक्ष्मी मंदिर का दौरा किया और पूजा-अर्चना की। उनके साथ केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी और पार्टी के कुछ अन्य राज्य नेता भी थे।

 

 

हम अगले दो वर्षों में इस उपग्रह को लॉन्च करने जा रहे हैं , यह पूरी दुनिया के लिए भारत का योगदान होगा – (ISRO) के प्रमुख एस. सोमनाथ

0

एजेंसी, मुंबई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत ने सदस्य देशों से जी20 उपग्रह के लिए योगदान करने का आग्रह किया है। सदस्य देशों से कहा गया है कि वे प्रस्तावित उपग्रह के लिए पेलोड, उपकरणों के माध्यम से योगदान दें। इस उपग्रह को अगले दो वर्षों में लॉन्च किया जाएगा। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 उपग्रह लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया था।

क्या कुछ बोले इसरो प्रमुख?

आईआईटी बॉम्बे के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव में सोमनाथ ने कहा कि मौसम और जलवायु महत्वपूर्ण पहलू होने वाले हैं। भारत वायु प्रदूषण, ग्रीनहाउस उत्सर्जन, वर्षा, महासागर, मिट्टी की नमी और विकिरण जैसे विभिन्न मापदंडों को मापकर इस क्षेत्र में योगदान देना चाहता है। हमने एक उपग्रह बनाने करने की पेशकश की है। हम जी20 देशों से पेलोड, उपकरणों के जरिये इस उपग्रह में योगदान करने के लिए कह रहे हैं।उन्होंने कहा,

पांच साल में 50 उपग्रह लॉन्च करने की योजना

सोमनाथ ने कहा भारत खुफिया जानकारी जुटाने के लिए पांच साल में 50 उपग्रह लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इन उपग्रहों से सैनिकों की आवाजाही को ट्रैक करने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें भी ली जा सकेगी। इससे देश के लिए खतरों को बेहतर ढंग से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा,

छह जनवरी को अपने गंतव्य पर पहुंचेगा आदित्य एल-1

एएनआई के अनुसार, सोमनाथ ने कहा कि भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल-1 छह जनवरी 2024 को शाम चार बजे लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने वाला है। आदित्य पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल-1) की पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा। इसे दो सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

गौ वंशों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल

0

UP News: गौ वंश हिंदू धर्म में पूजनीय हैं. उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के ग्रामीणों ने गौ वंशों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल की है. उन्होंने श्रावस्ती जिले के एक गौ वंश (नंदी) की शादी बहराइच जिले की एक गाय से कराई है. बीती रात बड़े ही धूमधाम के साथ सैकड़ों ग्रामीण बारात लेकर बहराइच पहुंचे. जहां बैंड बाजे की धुन पर ग्रामीणों ने जमकर नृत्य किया. इस शादी के पीछे ग्रामीणों का उद्देश्य गौ वंशों की न सिर्फ रक्षा करना बल्कि उनके प्रति प्रेम-भावना को बढ़ावा देना है. ग्रामीणों के इस अनोखे कदम की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है. यह पहल अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है.

गौ वंशों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल

दरअसल, श्रावस्ती जिले के इकौना इलाके के रामपुर कटेल गांव निवासी ग्रामीणों ने गौ वंशों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल की है. ग्रामीणों ने उनकी रक्षा के लिए एक नई परंपरा को खोज निकाला है. ग्रामीणों ने श्रावस्ती जिले के एक गौ वंश (नंदी) की शादी बहराइच जिले के पयागपुर इलाके के निहनिया गांव के एक गौ वंश से रचाई है. बीती रात इकौना इलाके से बारात गाजे बाजे के साथ बहराइच पहुंची. जहां सैकड़ों ग्रामीण बाराती बनकर बहराइच पहुंचे.

बैंड-बाजे की धुन पर थिरकते नजर आए ग्रामीण

लोग खुशी के मारे बैंड बाजे की धुन पर थिरकते भी नजर आए. ग्रामीणों में इस शादी की अपार खुशी भी देखने को मिली. तस्वीरों में देखिए किस तरह से गौवंश दूल्हा बना नजर आ रहा है और ग्रामीण हिन्दू रीति-रिवाज के हिसाब से शादी के सारे रस्म अदा कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस खबर की काफी चर्चा हो रही है. श्रावस्ती जिले में भी इस मामले में चर्चा जोरों पर है. श्रावस्ती के ग्रामीणों ने गौ वंशों की रक्षा के लिए एक सराहनीय पहल की है.

रिपोर्ट: संतोष कुमार

उत्तराखंडी जनमनास की समस्याओं का निराकरण करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

0

28 दिसम्बर 2023,गुरुवार, देहरादून /उद्धमसिंह नगर
संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश

देहरादून /खटीमा 28 दिसम्बर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को जनपद ऊधमसिंह नगर स्थित लोहियाहेड कैम्प कार्यालय में क्षेत्र की जनता से मुलाकात की तथा उनकी समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निस्तारण हेतु सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के आधार पर हल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आमजन की परेशानियों को दूर कराने के प्रति गंभीर है और आमजन की समस्याओं का निराकरण करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं के समयबद्ध तरीके से निराकरण करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि लोगों को अपने काम के लिये अनावश्यक रूप से यहां न आना पङे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों की समस्याओं का निदान ग्राम स्तर पर ही हो जाए, इसकी व्यवस्था की जा रही है और रात्रि चौपाल का आयोजन इसी दिशा में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो इसके लिए जिलाधिकारियों को नियमित रूप से जन समस्याओं को सुनने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं जनपदों के भ्रमण के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लगातार फीडबैक ले रहे हैं। जिलाधिकारियों को जनपदों में जनता दरबार, तहसील दिवस आदि की नियमित बैठकें करने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में काम कर रही है और जनहित में जटिल से जटिल मुद्दों को भी सुलझाया जा रहा है।
इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों में गोपाल सिंह बिष्ट, शिव शंकर भाटिया, भगवान जोशी, पार्वती, प्रकाश तिवारी, सर्वेश पाठक, जगदीश चंद्र, सुरेश चंद्र आदि का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिला और सीएम द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन वृद्धि, 10 प्रतिशत आरक्षण, राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण की तिथि को विस्तारित किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
इस दौरान जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, डीएफओ संदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के, अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व अशोक कुमार जोशी, एसडीएम रविंद्र बिष्ट, सहित बड़ी संख्या में सामान्य जनमानस उपस्थित थे.. !

पीएम विश्वकर्मा योजना पर सोनीपत (हरियाणा) में जागरूकता कार्यक्रम

0
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के करनाल स्थित एमएसएमई-विकास कार्यालय  द्वारा 27 दिसंबर, 2023 को जीवीएम गर्ल्स कॉलेज, मुरथल रोड, सोनीपत में पीएम विश्वकर्मा योजना पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोनीपत जिले की राई विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री मोहनलाल बड़ौली थे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001FGWU.jpg

कार्यक्रम का शुभारंभ श्री संजीव चावला निदेशक एमएसएमई डीएफओ करनाल ने सभी अतिथियों के स्वागत से किया और एक वीडियो के माध्यम से पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में चर्चा करते हुए इस योजना के विभिन्न घटकों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्‍होंने ग्राम पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय की पंजीकरण प्रक्रिया और ऑन-बोर्डिंग के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों के समग्र विकास के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी उपलब्‍ध करना है। इस योजना के तीन स्तंभ हैं – सम्मानसामर्थ्‍य और समृद्धि

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002WIRZ.jpg

इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि राई विधानसभा क्षेत्र से विधायक श्री मोहन लाल बडौली ने अपने भाषण के दौरान कहा कि हरियाणा राज्य के सभी कारीगरों को योजना के तहत पंजीकरण कराकर लाभ उठाना चाहिए।

एमएसएमई मंत्रालय की ओर से अपर विकास आयुक्त डॉ. इशिता गांगुली त्रिपाठी ने बताया कि यह योजना 17 सितंबर, 2023 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत कारीगरों को 15000 रुपये तक के कीमत की टूल किट दी जाएगी और 5 प्रतिशत ब्याज पर बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके साथ-साथ 500 रुपये प्रतिदिन का दैनिक भत्ता, मुफ्त कौशल प्रशिक्षण, विपणन सहायता, प्रमाण पत्र तथा कारीगर पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी देते हुए  प्रसन्नता व्यक्त की कि कुल नामांकन में महिलाओं की भागीदारी 55 प्रतिशत है। उन्‍होंने सभी से आत्मनिर्भर बनने और अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिए इस योजना का लाभ उठाने का अनुरोध किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0034MZ8.jpg

इस कार्यक्रम को श्री राकेश कादयान, नगर परियोजना अधिकारी (शहरी स्थानीय निकाय) सोनीपत और श्री परमवीर सैनी एवं श्री दिनेश स्वामी ने जिला प्रशासन की ओर से संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान सीएससी सेंटर की ओर से 10 स्टॉल लगाए गए। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी जैसी 18 विभिन्न श्रेणियों के कारीगरों का मौके पर ही पंजीकरण किया गया और उन्हें पीएम विश्वकर्मा के तहत दिए जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी गई।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004IQE4.jpg

संयुक्त निदेशक श्री वीपी सिंह वालिया, जिला एमएसएमई केंद्र, सोनीपत द्वारा धन्यवाद प्रस्‍ताव दिया गया। इस कार्यक्रम में श्री सौरभ अरोड़ा, सहायक निदेशक, श्री सतपाल, सहायक निदेशक, श्री केसी मीना, सहायक निदेशक, श्री एमके वर्मा, सहायक निदेशक, श्री बलबीर सिंह, सहायक निदेशक, श्रीमती रचना त्रिपाठी, सहायक निदेशक, श्रीमती मीनू बाला धीमान, सहायक निदेशक और श्री हरपाल सिंह, सहायक निदेशक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में लगभग 300 कारीगरों ने भी भाग लिया।

 

प्रधानमंत्री का 30 दिसंबर को अयोध्या दौरा – 11,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और होगा शिलान्यास

0

Highlights 

प्रधानमंत्री अयोध्या में नागरिक सुविधाओं के सुधार और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे

प्रधानमंत्री अयोध्या हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे; आसन्‍न श्री राम मंदिर की वास्तुकला को दर्शाने वाले टर्मिनल भवन के अग्र-भाग का भी उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री द्वारा दो नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के क्रम में देश में अमृत भारत ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो जाएगा

प्रधानमंत्री छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे

आसन्‍न श्री राम मंदिर तक पहुंच बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री अयोध्या में चार नव विकसित, चौड़ी और सौन्‍दर्यपूर्ण सड़कों का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री अयोध्या में 2180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित की जा रही ग्रीनफील्ड टाउनशिप की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में 4600 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे

New Delhi –  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 30 दिसंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश में अयोध्या का दौरा करेंगे।
लगभग 11:15 बजे, प्रधानमंत्री पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे तथा नई अमृत भारत ट्रेनों और वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। वे कई अन्य रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। दोपहर लगभग 12:15 बजे प्रधानमंत्री नवनिर्मित अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। दोपहर लगभग एक बजे प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां वे राज्य में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। ये सभी परियोजनाएं राष्‍ट्र के लिए बहुत महत्‍व रखती हैं। इनमें अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए लगभग 11,100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं और पूरे उत्तर प्रदेश में अन्य परियोजनाओं से संबंधित लगभग 4600 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री की परिकल्‍पना अयोध्या में आधुनिक विश्वस्तरीय अवसंचरना का विकास करना, कनेक्टिविटी में सुधार करना और शहर के समृद्ध इतिहास व विरासत के अनुरूप नागरिक सुविधाओं का कायाकल्‍प करना है। इस परिकल्‍पना को साकार रूप देने के लिए शहर में एक नए हवाई अड्डे, नए पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, नव पुनर्विकसित, चौड़ी और सौन्‍दर्यपूर्ण सड़कों तथा अन्य नागरिक अवसंरचना का उद्घाटन किया जा रहा है। इसके अलावा, कई नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, जो अयोध्या और उसके आसपास नागरिक सुविधाओं के सौंदर्यीकरण और सुधार में योगदान देगी।

अयोध्या हवाई अड्डा

अत्याधुनिक हवाई अड्डे के पहले चरण को 1450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 6500 वर्गमीटर होगा, जो सालाना लगभग 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए सुसज्जित होगा। टर्मिनल भवन का अग्रभाग अयोध्या के आसन्‍न श्रीराम मंदिर की वास्तुकला को दर्शाता है। टर्मिनल भवन के अंदरूनी हिस्सों को भगवान श्रीराम के जीवन को दर्शाने वाली स्थानीय कला, पेंटिंग और भित्तिचित्रों से सजाया गया है। अयोध्या हवाई अड्डे का टर्मिनल भवन विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित है, जैसे इन्सुलेशन छत प्रणाली, एलईडी प्रकाश व्यवस्था, वर्षा जल संचयन, फव्वारे के साथ भूनिर्माण, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्र तथा ऐसी कई अन्य सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ये सभी सुविधाएं गृह – 5 स्टार रेटिंग के अनुरूप होंगी। हवाई अड्डे से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे पर्यटन, व्यावसायिक गतिविधियों और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन

पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का पहला चरण – जिसे अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है – 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। तीन मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन की इमारत लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा-अर्चना की सामग्री की दुकानों, क्लॉक रूम, चाइल्ड केयर रूम, वेटिंग हॉल जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। स्टेशन भवन ‘सभी के लिए सुलभ’ और ‘आईजीबीसी प्रमाणित ग्रीन स्टेशन भवन’ होगा।

अमृत भारत ट्रेनेंवंदे भारत ट्रेनें और अन्य रेल परियोजनाएं

अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी – अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। अमृत भारत ट्रेन गैर वातानुकूलित डिब्बों वाली एक एलएचबी पुश पुल ट्रेन है। बेहतर गति के लिए इस ट्रेन के दोनों छोरों पर इंजन लगे हैं। यह रेल यात्रियों के लिए सुंदर और आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, बेहतर सामान रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर के साथ मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है। प्रधानमंत्री छह नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री दो नई अमृत भारत ट्रेनों अर्थात दरभंगा-अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस और मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री छह नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इनमें श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; अमृतसर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; कोयंबटूर-बैंगलोर कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस; मैंगलोर-मडगांव वंदे भारत एक्सप्रेस; जालना-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं।

प्रधानमंत्री क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2300 करोड़ रुपये की तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। परियोजनाओं में रूमा चकेरी-चंदेरी तीसरी लाइन परियोजना शामिल है; जौनपुर-अयोध्या-बाराबंकी दोहरीकरण परियोजना के जौनपुर-तुलसी नगर, अकबरपुर-अयोध्या, सोहावल-पटरंगा और सफदरगंज-रसौली खंड; और मल्हौर-डालीगंज रेलवे खंड का दोहरीकरण और विद्युतीकरण परियोजना शामिल है।

अयोध्या में नागरिक अवसंरचना में सुधार

आसन्‍न श्री राम मंदिर तक पहुंच बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री अयोध्या में चार नव पुनर्विकसित, चौड़ी और सौन्‍दर्यपूर्ण सड़कों – रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्री राम जन्मभूमि पथ का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे, जो नागरिक अवसंरचना को मजबूत करेंगी तथा अयोध्या और उसके आसपास सार्वजनिक स्थानों को सुंदर बनाएंगी। इन उद्घाटन परियोजनाओं में राजर्षि दशरथ स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय; अयोध्या-सुल्तानपुर रोड-हवाई अड्डे को जोड़ने वाली चार-लेन सड़क; एनएच-27 बाईपास महोबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार श्री राम जन्मभूमि तक फोर-लेन सड़क; शहर भर में कई सुंदर सड़कें और अयोध्या बाईपास; एनएच-330ए का जगदीशपुर-फ़ैज़ाबाद खंड; महोली-बड़ागांव-ड्योढ़ी मार्ग और जसरपुर-भाऊपुर-गंगारामन-सुरेशनगर मार्ग का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण; पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी; ग्राम पिखरौली में ठोस अपशिष्ट उपचार संयंत्र; और डॉ. ब्रजकिशोर होम्योपैथिक कॉलेज और अस्पताल में नई इमारतें और कक्षाएं, सहित अन्य शामिल है। प्रधानमंत्री ‘मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ के कार्य व पांच पार्किंग और वाणिज्यिक सुविधाओं से संबंधित कार्यों का भी उद्घाटन करेंगे।

अयोध्या में नई परियोजनाओं का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे, जो अयोध्या में नागरिक सुविधाओं के सुधार में मदद करेंगी और साथ ही शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करेंगी। इनमें अयोध्या में चार ऐतिहासिक प्रवेश द्वारों का संरक्षण और सौंदर्यीकरण; गुप्तार घाट और राजघाट के बीच नए कंक्रीट घाट और पूर्व-निर्मित घाटों का जीर्णोद्धार; नया घाट से लक्ष्मण घाट तक पर्यटक सुविधाओं का विकास एवं सौन्दर्यीकरण; राम की पैड़ी पर दीपोत्सव और अन्य मेलों के लिए आगंतुक गैलरी का निर्माण; राम की पैड़ी से राजघाट और राजघाट से राम मंदिर तक तीर्थ पथ का सुदृढ़ीकरण और नवीनीकरण शामिल है।

प्रधानमंत्री अयोध्या में 2180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली ग्रीनफील्ड टाउनशिप और लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाली वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री एनएच-28 (नया एनएच -27) लखनऊ-अयोध्या खंड की आधारशिला भी रखेंगे; मौजूदा अयोध्या बाईपास एनएच-28 (नया एनएच -27) का सुदृढ़ीकरण और संशोधन; अयोध्या में सीआईपीईटी केन्द्र की स्थापना तथा नगर निगम अयोध्या एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण कार्यालय का निर्माण कार्य।

उत्तर प्रदेश भर में अन्य परियोजनाएँ

सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण करेंगे। इनमें गोसाईं की बाजार बाईपास-वाराणसी (घाघरा ब्रिज-वाराणसी) (एनएच-233) का चार-लेन चौड़ीकरण शामिल है। इसके अलावा अन्‍य परियोजनाओं में एनएच-730 के खुटार से लखीमपुर खंड का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन; अमेठी जिले के त्रिशुंडी में एलपीजी संयंत्र की क्षमता वृद्धि; पंखा में 30 एमएलडी और जाजमऊ, कानपुर में 130 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट; उन्नाव जिले में नालियों को ठीक करना और मोड़ना तथा सीवेज उपचार कार्य; और कानपुर के जाजमऊ में टेनरी क्लस्टर के लिए सीईटीपी शामिल है।

नए साल की पूर्वसंध्या पर यात्रा: छुट्टियों के मौसम से पहले नए साल की पूर्वसंध्या पर घूमने की जगहें खोजें

0
जैसे-जैसे नए साल की पूर्वसंध्या करीब आती है, लंबे सप्ताहांत के साथ, यात्रियों के लिए नई जगहों का पता लगाने और शहर की हलचल से आराम पाने का यह एक शानदार समय है
 सिक्किम की सुरम्य प्राकृतिक सुंदरता के बीच, आपकी आत्मा को पुनर्जीवित करने के लिए यहां कुछ शानदार अनुभव देने  वाले रास्ते हैं।  वैकल्पिक रूप से, यदि आप प्रकृति और हरे-भरे परिवेश से प्यार करते हैं, तो तुंगी एक आदर्श विकल्प प्रदान करता है।  यदि आप पहाड़ों और पक्षियों की धुनों के बीच रोमांच की तलाश में हैं, जो रोमांच चाहने वाली इच्छाओं को पूरा करने के लिए एकदम सही सेटिंग प्रदान करता है।

अपनी आगामी छुट्टियों के लिए नीचे सुझाए गए गंतव्यों की सूची देखें

क्लब महिंद्रा का ले विंटुना गंगटोक: गंगटोक में क्लब महिंद्रा का ले विंटुना रिसॉर्ट सिक्किम की सुरम्य प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित है। इस आश्चर्यजनक गंतव्य के लिए अपनी यात्रा की योजना बनाते समय, आप आस-पास के पर्यटक आकर्षणों का पता लगा सकते हैं और नए अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।  ले विंटुना गंगटोक गंगटोक के सबसे प्रीमियम रिसॉर्ट्स में से एक है, जो विलासिता, शांति और खुशी का एक आदर्श मिश्रण पेश करता है।  यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी तक है।  रिज़ॉर्ट शीर्ष स्तर का आतिथ्य और आपके और आपके प्रियजनों के लिए डिज़ाइन की गई इनडोर और आउटडोर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जो इसे प्रकृति की गोद में विश्राम और कायाकल्प के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।  इसमें उत्कृष्ट इनडोर सेटिंग, आश्चर्यजनक परिवेश, नदी के किनारे का स्थान, आधुनिक सुविधाएं और स्थानीय सिक्किमी व्यंजनों सहित विविध पाक व्यंजन शामिल हैं।  आप मल्टी कुजीन   रेस्तरां करी में सिक्किम की थाली, विभिन्न प्रकार की पकौड़ी, ताज़ी नदी मछली, शेफ के विशिष्ट व्यंजन और अन्य विदेशी स्वादों का स्वाद ले सकते हैं।

क्लब महिंद्रा का तुंगी: क्या आप शहर की हलचल से दूर एक स्वप्निल छुट्टी की तलाश में हैं?  लोनावाला शहर के पास ऊंचे इलाके में क्लब महिंद्रा तुंगी है, जो रोमांचक गतिविधियों और आसपास के परिदृश्य के लुभावने दृश्यों से भरी छुट्टियां प्रदान करता है।  यह सुरम्य स्थान आगंतुकों को अपने परिवेश की शांति में पूरी तरह से डूबने की अनुमति देकर एक आरामदायक और प्रेरणादायक अवकाश प्रदान करता है।  अपने दिन की शुरुआत आश्चर्यजनक दृश्य वाले शांत बगीचे में एक आरामदायक योग या ध्यान सत्र के साथ करें, अनंत पूल में आराम करें, या हैप्पी हब में गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं। तुंगी विभिन्न प्रकार के आउटडोर रोमांच प्रदान करता है, जिसमें रस्सी गतिविधियाँ, एटीवी सवारी, सफारी, बंजी ट्रैम्पोलिन, क्रिकेट और बहुत कुछ शामिल हैं, जिनका उद्देश्य एक सुखद पारिवारिक छुट्टी सुनिश्चित करना है।

प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं बच्चे और बुजुर्ग

0

प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं बच्चे और बुजुर्ग
सुभाष आनंद – विभूति फीचर्स

पंजाब के किसानों द्वारा धान की पराली को आग लगाने के कारण प्रदूषण बढऩे लगा है। इसी कारण पंजाब के बड़े-
बड़े शहरों और कस्बों में बच्चों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों में बढ़ते प्रदूषण के लिए सांस लेने में
बहुत तकलीफ हो रही है,इससे फेफड़ों की कार्य क्षमता लगातार कमजोर हो रही है। शरीर में आक्सीजन का स्तर
सामान्य से कुछ कम होने के कारण प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती जा रही है। पिछले दिनों पंजाब के शिशु रोग
विशेषज्ञों की एक बैठक में डाक्टरों ने कहा कि जिस प्रकार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहहा है,उससे चौंकाने वाले तथ्य
सामने आ रहे हैं।

फिरोजपुर सिविल अस्पताल और मैडीकल कालेज फरीदकोट मे ंतैनात शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बाल
रोग विभाग की अस्थमा क्लीनिक में सांस से जुड़ी बीमारियों से पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें 5 वर्ष
से 16 वर्ष तक के बच्चों के आंकड़ों को शामिल किया गया है।

अस्थमा से पीडि़त लोगों को सांस लेने में बहुत मुश्किल पेश आ रही है। 30 फीसदी बच्चों में रक्त जांच करने के
पश्चात पाया गया है कि प्रदूषण से शरीर में आक्सीजन का स्तर सामान्य से कम मिला,इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता
भी कम हो रही है।

मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे सर्दी जुकाम बुखार एवं दूसरी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। एलर्जी से पीडि़त लोग
भी ओपीडी में आ रहे हैं।

बच्चों में निमोनिया भी हो रहा है,शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि 50 फीसदी से अधिकतर बच्चों में सांस लेने में
तकलीफ की समस्या है। बार-बार बच्चों के बीमार होने के कारण उम्र के हिसाब से बच्चों का शरीरिक विकास नहीं हो
रहा है। शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे स्कूल में भारी बैग उठाने से थकान महसूस करते हैं,खेलते खेलते उन बच्चों का
दम फूलने लगता है। सीढिय़ां चढ़ते समय उनकी सांस फूलने की समस्या उभर कर सामने आती है।

एंटी बायोटिक दवाईयां हो रही है बेअसर- पंजाब के अधिकतर बाल रोग विशेषज्ञों का एक मत कहना है कि बच्चों में
ज्यों ज्यों फेफड़ों की बीमारी हो रही है,इसमें एंटीबायोटिक्स दवाईयां असर नहीं कर रही। प्रदूषण की समस्या से
निपटने के लिए कार्य योजना बनाना सरकारों की ड्यूटी है। स्कूल बच्चों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराए।

डा. शील सेठी का कहना है कि कुछ चिंताजनक हैं, इसमें बच्चों का शीघ्र थकान महसूस करना, सांस फूलना तथा
सामान्य बीमारियों में दवाईयां प्रभावहीन होना है, डाक्टरों ने तो वृद्धों को सुबह की सैर न करने की भी सलाह दी
है,क्योंकि किसान रात्रि के समय परालियों को आग लगाते हैं,जिससे वायु प्रदूषित हो जाता है। (विभूति फीचर्स)

तुलसी में बड़े-बड़े गुन – हमारे ग्रंथों में वर्णित एक अनोखा और अद्भुत पौधा है।

0

रवीन्द्रनाथ शुक्ल – विभूति फीचर्स

तुलसी हमारे ग्रंथों में वर्णित एक अनोखा और अद्भुत पौधा है। इसमें लगभग सभी रोगों को दूर करने की विलक्षण
शक्ति होती है। तुलसी शब्द का अर्थ ही तीनों प्रकार के अर्थात्- दैहिक, दैविक और भौतिक तापों का संहार करने वाला
है। तुलसी का पौधा भारत के अतिरिक्त ईरान, बर्मा, लंका, अफ्रीका, अरब, ब्राजील, यूरोप, चीन, जापान, आस्ट्रेलिया
तथा मलाया आदि देशों में भी पाया जाता है।

तुलसी का पौधा साधारणत: एक से तीन फुट ऊंचा होता है। कभी-कभी काफी मोटाई के साथ इसकी ऊंचाई छह फीट
तक देखी गई है। तुलसी के इस प्रकार के मोटे पौधे प्राय: तुलसी की माला बनाने के काम में आते हैं। तुलसी की पत्ती
गोलाई लिए लंबी होती है। जिसकी शाखाओं के सिरों पर बालें निकलती हैं। जिन्हें तुलसी के फूलों की मंजरी कहते हैं।
तुलसी की मंजरियों में ही तुलसी के बीज होते हैं तुलसी के फूल साल भर खिलते रहते हैं। तुलसी का पौधा साधारणत:
मार्च से जून तक लगाया जाता है। सितंबर और अक्टूबर में इसमें पुष्प लगने आरंभ होते हैं और जाड़े के दिनों में इसके
बीज पकते हैं। तुलसी के नाम हैं- बृंदा, बहुमंजरी, वैष्णवी, सुरसा, ग्राम्या, सुलभा, देवदुंदुभी, सुगंधा, गंधहारिणी,
अमृता, पत्रपुष्पा, श्यामा, रामा, गौरी, सुरबसल्लरी, विष्णुवल्लभा, सुरभि, शुलहानी। यह दो प्रकार की होती है एक
सफेद और दूसरी काली।

कुछ लोगों के ख्याल से सफेद तुलसी की अपेक्षा काली तुलसी में अधिक गुण पाए जाते हैं। लेकिन भावप्रकाश के
अनुसार काली व सफेद दोनों प्रकार की तुलसी के गुण समान होते हैं- शुक्ला कृष्णा च तुलसी गुणैस्तुल्या प्रकीर्तिता।
तुलसी की देशविभेद से कितनी ही जातियां होती हैं। जिसमें बबुई तुलसी, रामतुलसी, वन तुलसी मुख्य हैं। तुलसी में
स्वास्थ्यवर्धक गंध होती है। जहां तुलसी के पौधे अधिकता से होते हैं वहां की वायु तुलसी की इस गंध की वजह से
शुद्ध और साफ रहती है। इसी कारण भारत के हिन्दू घर में कम से कम तुलसी का एक पौधा रोपना जरूरी समझते
थे। जो एक धार्मिक परंपरा बन गई है।

जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वह घर तीर्थ के समान पवित्र होता है तथा उस घर में (रोग रूपी) यमदूत नहीं
आते। कारण, तुलसी की पत्तियों के संपर्क से वायु शुद्ध होती है और जब मनुष्य ऐसी शुद्ध हवा में सांस लेता है तो
शरीर के प्रत्येक कोष पर बड़ा ही कल्याणकारी प्रभाव पड़ता है। जिसके फलस्वरूप शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है,
फेफड़े निरोग बनते हैं तथा शरीर के सभी स्थूल व सूक्ष्म अवयव स्वस्थ और शक्तिशाली बनकर रोग को पास फटकने
नहीं देते। यही कारण है कि प्राचीन भारत में रोगियों को तुलसी के जंगल या बगीचे में रखने की प्रथा थी। क्योंकि
तुलसी की सुगंध वाली वायु से दसों दिशाएं और चारों भूतग्राम अर्थात आकाश, वायु, जल और पृथ्वी शुद्ध हो जाते हैं
यथा- तुलसी गंधमादाय यत्र गच्छति मारुत। दिशो दश पुनात्याशु भूतग्रामांश्चतुर्विधान्।।

तुलसी के निकट बैठकर प्राणायाम करने से तुलसी की रोगनाशक सुगंधित वायु शरीर में प्रविष्ट होकर रोग के समस्त
कीटाणुओं को नाश कर देती है, जिससे शरीर बलवान, वीर्यवान और मन प्रसन्न बनता है। सौंदर्य, तेज तथा ओज की
वृद्धि होती है। यह बात प्रयोगों से सिद्ध हो चुकी है कि तुलसी की गंधयुक्त वायु में मच्छरों का प्रवेश नहीं होता।
इसीलिए इसमें मलेरिया के कीटाणु नाश को प्राप्त हो जाते हैं। मच्छर ही नहीं, सभी प्रकार के दुखदायी जीवजंतु जैसे
भुनगा, खटमल, झींगुर यहां तक कि सर्प भी तुलसी की गंध से भाग जाते हैं। इसीलिए तुलसी का एक नाम
अपेतराक्षसी भी मशहूर है। जिसका अर्थ है राक्षसरूपी रोग के कीटाणुओं को मार भगाने वाला। कपड़े-लत्तों के बाक्स में
तुलसी की कुछ पत्तियां रख छोडऩे से कपड़ों में कीड़े आदि नहीं लगते और न ही चूहे काटते हैं।

तुलसी की कुछ पत्तियां साधारण जल में डाल देने से वह सारा का सारा जल तुलसी की पत्तियों की गंध से सुवासित
होकर तुलसीदल के समान गुणकारी हो जाता है। यदि किसी जगह का पानी दूषित हो, जिससे स्वास्थ्य हानि पहुंचने
की संभावना हो, उस पानी को दोषमुक्त करने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते छोड़ देने चाहिए। ऐसा करने से वह पानी
कभी नुकसान नहीं करेगा। इसके अतिरिक्त तुलसी के कुछ पत्तों को कुछ देर तक जल में रखकर उन्हें एक घूंट उसी
जल के साथ रोज सुबह स्नानादि से निबट कर सेवन करने से कई रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे बल और
तेज बढ़ता है और मेधा-स्मरणशक्ति तेज होती है। संभवत: प्राचीन ऋषियों ने इसी कारण विष्णुपूजन के बाद
तुलसीदल सहित चरणामृत पान करने की परिपाटी निकाली थी जो आज भी प्रचलित है। वायु और जल की तरह
तुलसी की स्वास्थ्यवर्धक गंध से प्रभावित होकर तुलसी के नीचे एवं आसपास की मिट्टी भी विशुद्ध और तुलसी के
समान गुणकारी हो जाती है। (विभूति फीचर्स)