लखनऊ शहर में बेसहारा पशुओं के लिए ‘जीव आश्रय’एक आशा की किरण,संस्था ने गत वर्ष 141,536 से अधिक जानवरों को बचाया

रिपोर्ट: डॉ. आर.बी. चौधरी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश): देश के अग्रणीय पशु कल्याण संगठनों में से एक ‘जीव आश्रय’ ने 2024-2025 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है जिसमें अपनी सेवाओं में उल्लेखनीय विस्तार पर प्रकाश डाला गया है। सीमित संसाधनों के बावजूद भी संगठन असाधारण पशु कल्याण सेवाएं जारी रखा है जिससे लखनऊ के पशु प्रेमियों और निवासियों के बीच व्यापक लोकप्रियता हासिल किया है।

यह बता दे कि वर्ष 2011 में स्थापित ‘जीव आश्रय’ लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पशु बचाव, पुनर्वास और चिकित्सा देखभाल के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी संस्था है। “पशु-सेवा” के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, संगठन उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और सबसे सक्रिय पशु कल्याण गैर सरकारी संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। पिछले 15 वर्षों में संस्था ने 141,536 से अधिक जानवरों को बचाया और उन्हें उचित स्थान पर प्राकृतिक जीवन प्राप्त करने के लिए रिलीज किया है।

अपने मिशन के मूल सिद्धांत में ‘जीव आश्रय’ का उद्देश्य निराश्रित और दूसरों के द्वारा सड़क पर छोड़े गए जानवरों के लिए बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपचार और प्राकृतिक स्थान पर रिलीज करने जैसे मानवीय कार्यों को अपना कर संस्था ने मैन-एनिमल बॉन्डिंग की एक नई पहल है। संस्था आज एक दयावान समाज की स्थापना करने में निरंतर आगे बढ़ रहा है। यह एक ऐसा कार्य है जहां मुख्य पशु पक्षियों के गरिमा और सुरक्षा के साथ मनुष्यों और जानवरों के बीच प्यार और सम्मान की गहरी भावना पैदा हो रही है।’जीव आश्रय’ पशु कल्याण को बढ़ावा देने और सभी जीवित प्राणियों के लिए एक बेहतर से बेहतर वातावरण बनाने के लिए कई प्रभावशाली कार्यक्रम संचालित कर रहा है जो निरंतर प्रगति के पद पर अग्रसर है। इस प्रगति में निम्नलिखित कार्यक्रम शामिल किए गए हैं –

मंगल पशु भंडारा: आवारा पशुओं को खिलाने के लिए एक साप्ताहिक पहल, मंगल पशु भंडारा लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर हर मंगलवार को आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, ‘जीव आश्रय’ गायों, बंदरों, बकरियों, कुत्तों और अन्य जानवरों को पौष्टिक भोजन प्रदान करता है, जिससे उनका कल्याण सुनिश्चित होता है। नि:शुल्क एंटी-रेबीज टीकाकरण और चिकित्सा शिविर: अप्रैल 2024 में शुरू किए गए, ये साप्ताहिक चिकित्सा शिविर आवारा और पालतू जानवरों के लिए नि:शुल्क एंटी-रेबीज टीकाकरण, चिकित्सा जांच और उपचार प्रदान करते हैं। ‘जीव आश्रय’ अस्पताल में हर रविवार को आयोजित इन शिविरों का नेतृत्व योग्य पशु चिकित्सकों द्वारा किया जाता है जो पशु स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के लिए समर्पित हैं।

संस्था की प्रमुख उपलब्धियां (2024-2025) बेशक बहुआयामी हैं और इसे लखनऊ शहर में एक आदर्श पशु कल्याण आश्रय बनाती हैं। कई चुनौतियों के बावजूद भी आज ‘जीव आश्रय’ ने पिछले वर्ष के दौरान पशु कल्याण में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। संगठन द्वारा प्राप्त विभिन्न उपलब्धियों में 141,536 से अधिक जानवरों को बचाया और पुनर्वासित किया गया, 51 नि:शुल्क एंटी-रेबीज टीकाकरण और चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए, हर रविवार को 150+ जानवरों को चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई और हर मंगलवार को मंगल पशु भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें अनगिनत आवारा जानवरों को खिलाया गया। संगठन ने जीव आश्रय अस्पताल, जीव आश्रय गुदौली गौशाला (बचाई गई मवेशियों के लिए) और जीव आश्रय डॉग शेल्टर (श्वान नगर) की स्थापना की है।

संस्था इस प्रकार की अनेक सराहनीय कार्यों के बावजूद ‘जीव आश्रय’ को सीमित वित्तीय संसाधनों, जनशक्ति की कमी और अपर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति सहित कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि, संगठन सामुदायिक समर्थन, दान और समर्पित स्वयंसेवकों पर भरोसा करते हुए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है। जीव आश्रय एक दयालु दुनिया के सिद्धांतों का पालन कर रहा है जहां हर जानवर को वह प्यार करने और देखभाल के लिए उन्हें हक देने का बहुत बड़ा अभियान चला रहा है।

एक विशेष अनुरोध में ‘जीव आश्रय’ व्यक्तियों, संगठनों और परोपकारियों से किसी भी तरह से योगदान करने का आह्वान करता है – चाहे वह वित्तीय दान, स्वयंसेवा या जागरूकता फैलाना हो। प्रत्येक योगदान परित्यक्त और कमजोर जानवरों के जीवन में प्यार के साथ-साथ जीवन की नई चेतना और विश्वास पैदा करने में अनूठा कार्य कर रहा है। संस्था ने दानवीरों और पशु प्रेमियों से सहयोग का आग्रह करते हुए अपने संस्था सहित बैंक का विवरण (ईमेल: <jeevaashraya@gmail.com ,फोन: 8009521111, 8009392222 एवं वेबसाइट: www.jeevaashraya.com) दिया है।

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