इस महीने की 2 फरवरी को सवित्रीबाई फुले, पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र में परीक्षा के असाइनमेंट के तौर पर मंचित हो रहे नाटक ‘जब वी मेट’ को आरएसएस-भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अभाविप द्वारा बाधित करके हंगामा और तोड़-फोड़ किया गया। प्रो. प्रवीण दत्तात्रेय भोले, और पांच विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ अभाविप और भाजयुमो ने एफ़आईआर दर्ज कराया जिसके आधार पर इन छह लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया। विश्वविद्यालय के प्रशासन ने हंगामा करनेवालों का पक्ष लेते हुए अपने बयान में न सिर्फ़ भावनाएं आहत होने के संबंध में क्षमा-याचना की बल्कि ‘किसी मिथकीय या ऐतिहासिक व्यक्ति की पैरोडी’ को ‘पूरी तरह से ग़लत और प्रतिबंधित’ बताया। उसके बाद 6 फरवरी को हुई विश्वविद्यालय की प्रबंधन परिषद की बैठक की शुरुआत अनेक सदस्यों द्वारा ‘जय श्रीराम’ के नारे के साथ हुई।