प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नौवीं बार देश को लाल किले से संबोधित किया। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से झंडा फहराया और 83 मिनट तक देश को संबोधित किया। इससे पहले 2021 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री 88 मिनट बोले थे। 2014 में प्रधानमंत्री ने पहली बार देश को 65 मिनट तक संबोधित किया था।
2015 में नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था। नेहरू ने 1947 में लाल किले से 72 मिनट लंबा भाषण दिया था।
अब तक सिर्फ एक बार एक घंटे से कम बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री अब तक कुल नौ बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए देश को संबोधित किया। 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था। ये उनका सबसे छोटा भाषण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नौवीं बार देश को लाल किले से संबोधित किया। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से झंडा फहराया और 83 मिनट तक देश को संबोधित किया। इससे पहले 2021 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री 88 मिनट बोले थे।  2014 में प्रधानमंत्री ने पहली बार देश को 65 मिनट तक संबोधित किया था।
2015 में नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था। नेहरू ने 1947 में लाल किले से 72 मिनट लंबा भाषण दिया था।

अब तक सिर्फ एक बार एक घंटे से कम बोले प्रधानमंत्री 
प्रधानमंत्री अब तक कुल नौ बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए देश को संबोधित किया। 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था। ये उनका सबसे छोटा भाषण है।

Addressing the nation on Independence Day. https://t.co/HzQ54irhUa

पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें;

  • मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे देशवासियों ने भी उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है और संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है।
  • अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है
  • आज का ये दिवस, ऐतिहासिक दिवस है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है
  • दुनिया आज भारत को गर्व, आशा और समस्या समाधान के रूप में देखती है।
  • दुनिया भारत को एक ऐसे गंतव्य के रूप में देखती है जहां आकांक्षाएं पूरी होती हैं।
  • आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।
  • पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए, गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं।

अमृत काल के पंच-प्रण

  • पहला प्रण – विकसित भारत का लक्ष्य
  • दूसरा प्रण – गुलामी के हर अंश से मुक्ति
  • तीसरा प्रण – अपनी विरासत पर गर्व
  • चौथा प्रण – एकता और एकजुटता
  • पांचवां प्रण – नागरिकों में कर्तव्य की भावना

    हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं

    पीएम मोदी कहा कि हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।

आत्मनिर्भर भारत समाज का जनआंदोलन है, सरकारी एजेंडा नहीं- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि कल 14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हमने उन लोगों को भारी मन से याद किया जिन्होंने हमारे तिरंगे के सम्मान और मातृभूमि के प्रति प्रेम लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

हमारी कोशिश है युवाओं को रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, Deep Ocean Mission का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।

देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती- भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती- भाई-भतीजावाद, परिवारवाद है। एक तरफ वो लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है।

भाई-भतीजावाद से देश की प्रतिभा को हो रहा नुकसान- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है।

देश को लूटकर भागने वालों की जब्त की जा रही संपत्तियां- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं।

बिरसा मुंडा, अल्लूरी सीताराम राजू और गोविंद गुरु को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम आज़ादी के जंग की चर्चा करते हैं तो हम आदिवासी समाज का गौरव करना हम नहीं भूल सकते हैं। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों जैसे बिरसा मुंडा, अल्लूरी सीताराम राजू और गोविंद गुरु ने भारत के हर कोने में स्वतंत्रता संग्राम को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा।

मुझे 130 करोड़ देशवासियों पर पूरा भरोसा है- पीएम मोदी

ये ठीक है कि चुनौतियां बहुत हैं। अगर इस देश के सामने करोड़ों संकट हैं, तो इतने ही समाधान भी हैं। मेरा 130 करोड़ देशवासियों पर भरोसा है। निर्धारित लक्ष्य के साथ, संकल्प के प्रति समर्पण के साथ जब 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ते हैं, तो हिंदुस्तान 130 कदम आगे बढ़ जाता है।

जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान- पीएम मोदी

जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी। लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।

 

 

 

 

 

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