पन्ना. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गौ माता के संरक्षण की बात करते हैं। वहीं नगर पालिका पन्ना में भाजपा की ही परिषद होने के बाद भी वहां मृत गौ-माता और गौवंशीय मवेशियों के साथ अमानवीयता की हद पार की गई। मृत गायों सहित अन्य मवेशियों को दफनाने के बजाय खुले में एक बड़े गड्ढे में फेंक दिया, जहां आसपास के पशु पक्षियों के साथ कुत्तों ने तक उनके मांस को नोंचा। कई दिनों से गायों और अन्य मवेशियों को एक ही जगह फेंके जाने से वहां करीब 50 मृत मवेशी हो गए। दुर्गंध से गौ सदन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में काम करने वाले कर्मचारियों सहित आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
पक्षियों-आवारा कुत्तों ने नोंचा मांस
नगर के बायपास में नगर पालिका की गौ सदन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र एक-दूसरे से लगे हुए हैं। कुछ दिनों पहले गौ सदन को दो हिस्से में बांट दिया गया। एक हिस्से में गायों और दूसरे मवेशियों को रखा जा रहा है तो दूसरी ओर पौधरोपण कराया गया है। पौधरोपण वाले हिस्से में ही एक बड़ा से गड्ढ़ा खोदा गया था, जिसमें गौ सदन में मरने वाली गाय, बैल और बछड़ों सहित शहर में मरने वाले गाय, बैल-बछड़ों को फेंक दिया जाता है। करीब १५ दिनों में यहां 50 से भी अधिक मृत मवेशियों को दफनाने के बजाय गड्ढे फेंका गया।
दुर्गंध से बीमारी फैलने की आशंका
मृत मवेशियों के शवों को आसपास के आने वाले मांशाहारी पक्षी तो खा ही रहे थे, साथ ही आसपास के कुत्ते तक मांस को नोंच रहे थे। मृत मवेशियों के शरीर से उठने वाली दुर्गंध करीब एक किमी. दूर तक फैल रही है। इससे गौ सदन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में काम करने वाले लोगों का वहां पर रुकना मुहाल हो रहा है। गौशाला आधा किमी. के क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बालक और बालिका छात्रावास व सीएम राइज स्कूल भी संचालित है। दुर्गंध से बच्चों के बीमार पडऩे की आशंका है। इसके साथ ही आसपास की आवासीय बस्ती के लोगों के भी दुर्गंध और इससे फैलने वाले संक्रमण से लोगों के बीमार पडऩे की आशंका है। इस बारे में जानकारी लेने के लिए सीएमओ शशिकपूर गढ़वाले से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

निराश्रित गौवंश गौशालाओं में भेजने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सड$कों पर घूमने वाले गौवंश को नजदीकी गौशालाओं में पहुंचाने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में अब कलेक्टर ने जिले के सभी नगरीय निकायों के सीएमओ और ग्राम पंचायत सरपंच-सचिव को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ अपने क्षेत्र में सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित गौवंश को नजदीकी गौशालाओं में भेजने को निर्देशित किया है। साथ ही गंभीरता से अमल करने को कहा है।
कार्रवाई की मांग
नगर पालिका परिषद का यह बहुत ही अमानवीय कृत्य है। एक ओर मुख्यमंत्री गौ संरक्षण का ङ्क्षढढोरा पीट रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा की ही परिषद में गौमाता के साथ ऐसा अमानवीय कृत्य किया जा रहा है। सीएमओ और परिषद से मामले की जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं।
-मोहम्मद रेहान, नगर पालिका में विपक्षी पार्षद दल के नेता
सनातन संस्कृति में गाय को मां के तुल्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौमाता कहते हैं। मुख्यमंत्री गौ संरक्षण की बात करते हैं और भाजपा वाली परिषद में ही इस तरह से गौमाता और दूसरे मवेशियों के प्रति अमानवीय कृत्य किया जाना बहुत ही दुखत है। कलेक्टर को चाहिए कि वे मामले को संज्ञान में लेकर परिषद के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गौवंश प्रतिशेष अधिनियम के तहत अपराध कराएं।
-राजेश दीक्षित, वरिष्ठ अधिवक्ता
मवेशियों को खुले में फेंकना गलत है। गड्ढे में डालने के बाद मिट्टी से पाटना चाहिए था। मामला संज्ञान में आने के बाद मैंने नगर पालिका को भी सूचना दी है और मृत गाय व अन्य मवेशियों के शवों को मिट्टी से पाटने के लिए कहा है।
-संतोष रैकवार. जिला उपाध्यक्ष गौ संवर्धन बोर्ड
गायों की यह दुर्दशा बहुत ही ङ्क्षनदनीय और अमानवीय है। गाय यदि सम्मान के साथ जी नहीं प रही हैं तो सम्मान के साथ मारने का हक तो है ही। नगर पालिका के इस अमानवीय कृत्य से बहुत दुखी हूं। कलेक्टर को इस मामले में संज्ञान जरूर लेना चाहिए।
-प्रणेशराज शर्मा, जिला संयोजक ङ्क्षहदू जागरण
Previous articleगौ पालन सरकार करेगी मदद ऐसे करें आवेदन
Next articleएक पौधा गौ मां के नाम अभियान’ की शुरुआत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here