बुरहानपुर: जिले के खामनी क्षेत्र के किसान अरुण बाजीराव पाटिल ने पानी की किल्लत से जूझ रही गौ माताओं के लिए एक ट्यूबवेल खुदवा कर एक मिसाल पेश की है. जहां हजारों की संख्या में गाय अपनी प्यास बुझा रही हैं. किसान के मुताबिक, वह 6 सालों से गाय की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फसल में पानी नहीं देने की वजह से 5 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. लेकिन, गौ सेवा लगातार जारी रखी.

गौ सेवा ही सच्ची सेवा

किसान अरुण बाजीराव पाटिल के अनुसार, गांव में स्कूल के पास स्थित सरकारी कुंड का पानी खत्म होने के बाद गौपालक किसान बेहद चिंतित थे. इस संकट को देखते हुए उन्होंने लगभग 6 वर्ष पहले 2 लाख रुपए की लागत से एक ट्यूबवेल का निर्माण करवाया. यहां दूर-दूर से गाय पानी पीने आती हैं. अरुण पाटिल ने कहा, “गौसेवा ही सच्ची सेवा है. गायें बोल नहीं सकतीं, लेकिन उनके कष्ट हमें समझा चाहिए. जब सरकारी कुंड सूख गया, तब मन में विचार आया कि इन मासूम जीवों के लिए कुछ करना चाहिए.”

हजारों गायें प्रतिदिन बुझा रही प्यास

भीषण गर्मी में जब जल संकट गहराया, ऐसे में अरुण पाटिल जैसे किसान समाज के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं. उनकी यह पहल न केवल गौ माताओं की प्यास बुझा रही है, बल्कि समाज में सेवा और संवेदना की भावना को भी प्रोत्साहित कर रही है. गांव के लोग भी इस पहल की खूब सराहना कर रहे हैं.

गौरतलब है कि, बुरहानपुर जिले में गुजरात के काठियावाड़ के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. यहां रहने वाले अधिकतर लोग गाय और बछड़े पालते हैं. ऐसे में मवेशियों को चारा और पानी के लिए दूर लेकर जाना पड़ता है. स्थानीय किसानों ने कहा, “पहले खेत में पानी की कुंडी नहीं होती थी. ऐसे में मवेशियों के लिए पीने का पानी मिलना काफी मुश्किल हो जाता था. कई बार जानवरों ने प्यास के चलते दम तोड़ दिया. जब से इलाके में पानी की कुंड बनी है, तब से इलाके के किसानों को काफी सुविधा हुई है.”

Previous articleअनुपम खेर की तन्वी: द ग्रेट के साथ 78वें कान फिल्म महोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे बोमन ईरानी
Next articleगौ-हत्या करने वाले सात गोतस्करों पर गैंगस्टर एक्ट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here