गोबर से बनी कागज की पत्रिका बनाने की अनूठी पहल
आज इस आधुनिक दुनिया में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए लोग एक बार फिर पेड़ों के बारे में सोच रहे हैं और इसका बचाव कर रहे हैं. इसी कड़ी में जालौर भीनमाल के रहने वाले विकास सिंह पुत्र श्रवण सिंह राव बोरली ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए पर्यवरण संरक्षण का संकल्प लिया है. दरअसल विकास का विवाह...
एक्टर सोनू सूद के हाथों एशियन आईकॉनिक अवार्ड से सम्मानित हुए मितेश उपाध्याय
मुंबई। हाल ही में रामकुमार पाल 64 फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत एशियन आईकॉनिक अवार्ड 2024 का भव्य आयोजन मुक्ति कल्चरल हब अंधेरी, मुंबई में संपन्न हुआ जहां सेलिब्रिटी गेस्ट के रूप में फिल्म अभिनेता सोनू सूद और विंदू दारा सिंह की विशेष उपस्थिति रही। उसी अवसर पर मितेश उपाध्याय को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सोनू सूद के हाथों एशियन...
केंद्र सरकार के प्रयासों से कतर से सकुशल लौटे पूर्व नौसैनिक – मुख्यमंत्री ने धामी ने व्यक्त की प्रतिक्रिया
अधिकारी सौरभ वशिष्ट से मुख्यमंत्री धामी ने की सदिच्छा भेंट मुख्यमंत्री ने सौरभ की रिहाई को बताया विश्व में भारत की पहचान की बढ़ती ताकत। देहरादून ,14 बुद्धवार ,मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कतर से सकुशल वापस लौटे नौ सेना के पूर्व अधिकारी श्री सौरभ वशिष्ट को सम्मानित कर शुभकामनायें दी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को सायं श्री वशिष्ट के टर्नर...
भारत ऊर्जा सप्ताह – 2024 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन संस्करण को आयोजित किया गया
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप एस पुरी ने भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का उल्लेख किया भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू)- 2024 के दौरान पीएनजीआरबी के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन संस्करण को आयोजित किया गया इस सम्मेलन में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के ऊर्जा नियामक प्राधिकरणों ने...
खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बुडापेस्ट को शतरंज ओलंपियाड मशाल सौंपी
शतरंज रणनीतिक गहराई और दार्शनिक ज्ञान का प्रतिबिंब है: श्री अनुराग सिंह ठाकुर केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने शतरंज ओलंपियाड के 45वें संस्करण के आधिकारिक मेजबान बुडापेस्ट, हंगरी को आज नई दिल्ली में शतरंज ओलंपियाड मशाल सौंपी। हैंडऑफ की रस्म मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में संपन्न हुई, जहां श्री ठाकुर ने एफआईडीई के अध्यक्ष और...
काव्य जगत पर छाया बसंत
उमेश कुमार साहू - विभूति फीचर्स ऋतुराज बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति का सुंदर स्वरूप निखर उठता है। पतझड़ के पश्चात पेड़ पौधे नई-नई कोंपलों, फूलों से आच्छादित हो जाते हैं। धरती सरसों के फूलों की बासंती चादर ओढ़कर श्रृंगार करती है। विभिन्न प्रकार के पुष्पों की मनमोहक छटा के साथ पलाश के रंग तथा कोयल की कूक सर्वत्र छा जाती है। बसंत पुष्पों के माध्यम से प्रसन्नता व आनंद का उपहार सौंपता है। बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति सजीव, जीवंत एवं चैतन्यमय हो उठती है। बसंती बयार में प्रकृति का रूप 'नवगति-नवलय-तालछंद नवÓ से समन्वित हो जाता है। प्रकृति कुसुम-कलिकाओं की सुगंध से गमक उठती है। आम के बौर वातावरण को सुरभित कर देते हैं। प्रकृति के इस परिवेश में मानव भी उसके साथ थिरक उठता है, तदाकार हो जाता है। वास्तव में बसंत प्रकृति और मानव मन की उमंग का प्रतीक है। विज्ञजनों के अनुसार बसंत प्रकृति और मानव के संवेदनशील संबंधों का साकार रूप है। जब-जब बसंत आता है, कवियों में नवोन्मेष का संचार हो जाता है। अश्वघोष, कालिदास, माघ और भारवि जैसे प्रख्यात संस्कृत कवियों से लेकर वर्तमान युग के कवियों का श्रंृगार है - 'बसंतÓ। ऋतुराज बसंत के बारे में सुमित्रानंदन पंत ने इस तरह अपने उद्गार व्यक्त किये है - लो चित्रशलय सी पंख खोल, उडऩे को है कुसुमित घाटी, यह है अल्मोड़े का बसंत, खिल पड़ी निखिल पर्वत घाटी। महाकवि सेनापति को टेसू के फूल इतने भाये कि उस पर ही एक छंद उतर आया, उनके मानस में और यह रंग फागुन तक बरसता रहता है। लाल-लाल टेसू फूलि रहे हैं बिसाल संग श्याम रंग भेटि मनौ कसिकै मिलाएं हैं। तहां मधु काज आय बैठे मधुकर पुंज मलय पवन उपवन बन धाये हैं। 'सेनापतिÓ माधव महीना में पलाश तरू देखि-देखि भाव-कविता के मन आए हैं। आधे-अन सुलगि-सुलगि रहे आधे मनौ बिरही दहन काम क्वैला परचाए हैं। बसंत के संदर्भ में महाकवि कालीदास ने इस ऋतु का उनके प्रसिद्घ ग्रंथ ऋतु संहार में कितना सुंदर चित्र प्रस्तुत किया है देखें - 'द्रुमा सपुष्पा सलिलं सपद्यं स्त्रय: सकामा पवन: सुगंधि:। सुखा: प्रदोषा दिवसाश्च रम्या: सर्वप्रिये चारूतरं बसंते।Ó अर्थात् 'हे प्रिये! बसंत ऋतु में फूलों से लदे हुए पेड़, कमलों से भरा हुआ सरोवर, कामयुक्त नारियां, सुगंधित पवन, सुरभित मंजरियों का मेला लगता है और भंवरों की मधुर गुंजार होने लगती है।Ó बसंत का मद कवि मतिराम पर ऐसा चढ़ा कि उन्होंने भी उमंग में आकर पद रच डाला। देखें- मलय समीर लगौ चलन सुगंध सौ सौरो, पथिकन कोने परदेसन तै आवने। 'मतिराम’ सुकवि समूहीन सुमन फूले, कोकिल-मधुप लागे बोलन सुहावने। आयो है बसंत, भए पल्लवित जलजात, तुम लागे चालिबब की चरचा चलावने। रावरी तिया को तरवर, सरवरन के, किसलै-कमल वहै हैं बारक बिछावने। कबीर दास ने बीजक में बसंती राग को बड़े ही सरस एवं सहज ढंग से गाया है- 'जाके बारहमास बसंत हो, ताके परमारथ बूझे विरला कोय, मैं आपऊं मेस्तर मिलन तोहि, रितु वसंत पहिरावहु मोहि।‘ हरिण केशरी नाम से विख्यात सम्राट हर्षवर्धन ने भी बसंत का गुणगान किया है। बसंत को हर कवि ने स्वीकारा है और अपनी अभिव्यक्ति दी है। इसे पुष्प समय, पुष्प मास, ऋतुराज, पिकानंद, कामसखा, फलु, मधु माधव, मधु मास के नामों से भी चित्रित किया गया है। बसंत की इसी अपूर्व महत्ता के कारण ही गीताकार श्रीकृष्ण ने स्वयं को ऋतुओं में श्रेष्ठï बसंत कहा है। कवि किसी भी युग में हुए हों, ऋतुओं के प्रति उनका आकर्षण सनातन एवं शाश्वत ही होता है। यदि कवि ऋतुओं को न गाये, तो लगता है कि उसकी काव्य प्रतिभा अपूर्ण ही है। हिन्दी के अनेक कवियों ने बसंत को खूब ढंग से और उसके रंग में सराबोर होकर गाया और गुनगुनाया है। उनके इन ललित-पदों में बसंत की जैसे छटा ही उतर आई हो। धन्य हैं वे कवि जिन्होंने अपनी कविता में बसंत राग का ताना-बाना बुना। इतना ही नहीं इन्होंने काव्य के संयोग व वियोग के पक्ष को भी खूब संजोया है। इन गीतों में वास्तविकता और कल्पना का बड़ा ही सजीव गुंफन किया गया है। बसंत के इन गीतों को, संगीत के ताल-लय में गाने का आनंद ही दूसरा है। सरदार नामक कवि ने तो ऋतुराज बसंत की उपमा राजा से भी बढ़कर महाराजा से की है। इस काव्य प्रतिभा को जरा निरखे तो सही- संग की सहेली रही पूजत अकेली शिव, तीन जमुना के बीर चमक चपाई है। हों तो आई भागत डरत हियरा में धरैं, तेरे सोच करी मोहिं सोचित सवाई है। बंचि है वियोगी जोगि जानि सरदार ऐसी, कंठ से कलित कूक कोकिल कढ़ाई है। विविध समाज में दराज सी आवाज होति, आज महाराज ऋतुराज की अवाई है। क्या ऊंचे सिंहासन पर बैठाया है बसंत को। यह एक स्वीकारणीय तथ्य है कि कोई भी ऋतु हो, मनुष्य का संबंध उससे सनातन काल से चला आ रहा है। सचमुच बसंत तुम... कामदेव के पुत्र हो। बहुत ही सौंदर्यमय है तुम्हारी छवि। (विभूति फीचर्स)
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय – कृषि पंजीकरण हासिल करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया
तटीय एक्वाकल्चर प्राधिकरण, चेन्नई ने आज तमिलनाडु के नागपट्टिनम से तटीय एक्वाकल्चर फार्म पंजीकरण संबंधी राष्ट्रीय अभियान को झंडी दिखाई New Delhi - भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग के अंतर्गत तटीय एक्वाकल्चर प्राधिकरण (सीएए) चेन्नई ने आज (14.02.2024) देश में 100 प्रतिशत कृषि पंजीकरण हासिल करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया...
PM MODI Narendra Modi – विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024 में भाग लिया , “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन”
يسعدني دائمًا مقابلة @HHShkMohd. إن رؤيته لنمو دبي مرئية بوضوح لكل العالم . غطت مناقشاتنا مجموعة واسعة من المواضيع التي تتراوح بين التجارة والاتصال، وطرق تعزيز الروابط بين الناس. pic.twitter.com/yjdtT7Vmbc — Narendra Modi (@narendramodi) February 14, 2024 New Delhi - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी 2024 को दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया। वे संयुक्त अरब...
Cow Smuggling in : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से गाय तस्करी का बड़ा मामला
Cow Smuggling in : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से गाय तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें बताया गया है कि रायपुर के कुम्हारी नाका पर गौ सेवकों ने गायों से भरा एक कंटेनर पकड़ा जिसमें लगभग 80 गायें रखी हुई थीं.आपको बता दें इसमें कम से कम 10 मवेशियों (गाय) की मौत हो गई थी. इसके साथ...
सिरोही News – गाय के बछडे़ का धड़ से अलग हुआ सिर मिला, गौ सेवकों में रोष
शिवगंज (सिरोही)। शहर के गोकुलवाड़ी क्षेत्र में सड़क किनारे गाय के बछडे का धड़ से अलग हुआ सिर मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे गोसेवकों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पशु चिकित्सकों की टीम से बछडे के सिर का पोस्टमार्टम करवाया है। ताकि यह जानकारी मिल सके कि यह सिर धड़ से किसी...