मुजफ्फरपुर:- बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, यह कहावत तो आपने जरुर सुनी होगी. अब कहावत को मुजफ्फरपुर का लड़का सच करने की जिद पर अड़ गया है. दरअसल ये लड़का शहर में घूम-घूमकर गाय को भोजन खिलाता है, ताकि उनको रोटी के बदले प्लास्टिक न खाना पड़े. पहले तो दोनों खुद से रोटी पकाते थे. लेकिन जब गायों की संख्या बढ़ी, तो फिर लोगों से मदद लेनी शुरू की. उनके काम की शहर के लोग भी तारीफ करते हैं. शुरुआत से विकास का साथ उनके दोस्त सुगंध दे रहे हैं. वही इनके कामों को देख और भी लड़के इनसे जुड़ने लगे हैं.

ले लिया ये कठिन संकल्प
अब गौ सेवा करने वाले विकास ने एक नया चैलेंज ले लिया है. विकाश ने Local 18 को बताया कि हम अक्सर देखते हैं कि शहर में जो लावारिस गाय घूमती है, उनकी तबियत बिगड़ी रहती है. जगह-जगह पर जख्म होते है. उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है और इनके लिए न तो कोई गौशाला है. मैंने यह चैलेंज लिया है कि जब तक मैं इनके इन लावारिस गाय के लिए गौशाला नहीं बनवा दूं, तब तक मैं अपना बाल नहीं कटवाऊंगा. बीच में अगर किसी तरह कोई दिक्कत आती है, जिसमें मुझे बाल कटवाना पड़े, तभी मैं इसके लिए सोचूंगा.

लोगों से की ये अपील
विकाश ने आगे लोकल 18 को आगे बताया कि हम जब कॉलेज आने-जाने के दौरान गाय को कूड़ा-कचरा खाते देखते थे, यह चीज हमारे दिल को छू गई. इसके बाद दोनों दोस्तों ने शहर के घूम रहे लावारिस गायों के लिए अच्छे खाने की व्यवस्था करने लगे. ये दोनों दोस्त घर से रोटी लेकर निकलते हैं और जहां-जहां लावारिस गाय का जमावड़ा होता है, उन्हें वह रोटी खिलाते हैं. लेकिन अब इनके लिए गौशाला भी बनवाएंगे. अब गौशाला बनाने के काफी पैसे खर्च होंगे. हम छात्र हैं और हमारे पास एक साथ इतने पैसे नहीं आ पाएंगे. लेकिन कहते हैं न कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है. इसको सोच मैंने बाबा गरीब नाथ मंदिर में यह चैलेंज लिया है. हम लोगों के पास जाएंगे और थोड़े-थोड़े पैसे लेकर जमा करेंगे. फिर एक दिन गौशाला बनवाएंगे, साथ ही शहर के लोगों से अपील रहेगी कि हमारी मदद करें.

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