उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या इन दिनों छुट्टा पशु बने हुए हैं. रबी सीजन के अंतर्गत किसानों को छुट्टा पशुओं से अपनी फसल को बचाना मुश्किल हो रहा है. किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर गेहूं, सरसों, चना, मटर और मसूर की फैसलें लगाई गई हैं. गेहूं की फसल दो महीने की हो चुकी है. ऐसे में किसानों के लिए अपनी फसल की रक्षा करना भी जरूरी हो गया है, नहीं तो उनकी खड़ी फसल को ये पशु नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक तरफ तो निजी नलकूपों की बिजली बिल में रियायत की घोषणा की है जिसके लिए 2400 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है. वहीं अब छुट्टा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए सोलर फेंसिंग का प्रावधान किया है. इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. हालांकि सोलर फेंसिंग के लिए यह रकम पर्याप्त नहीं है. इस योजना का किसान पिछले एक साल से इंतजार कर रहे थे. 
50 करोड़ से कैसे होगी खेतों की सुरक्षा?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 5 फरवरी को पेश किए गए अपने बजट में किसानों के लिए मेहरबानी दिखाई है. किसानों के लिए कई योजनाओं का बजट बढ़ाया गया तो वही सिंचाई और खेतों की सुरक्षा के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है. सोलर सिंचाई पंप की स्थापना के लिए बजट में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि की गई है तो वहीं छुट्टा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए अब योगी सरकार ज्यादा मुस्तैद दिखाई दी है. लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना की घोषणा की गई है. इस योजना के लिए फिलहाल बजट में 50 करोड़ रुपये की ही व्यवस्था की गई है. हालांकि किसान इस बजट को अपर्याप्त बता रहे हैं.
गांव-गांव बनेंगे मौसम केंद्र
मौसम की सटीक जानकारी किसानों के लिए बेहद जरूरी है. इसके लिए अभी तक किसानों मौसम विभाग के ऐप से ही जानकारी प्राप्त करते हैं या नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से उनको जानकारी मिलती है. अब प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मौसम की जानकारी देने के लिए किसानों को ग्राम पंचायत स्तर पर ही विंड्स कार्यक्रम के तहत ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और ऑटोमेटिक रेन गेज़ की स्थापना करने का फैसला लिया है. इस योजना के लिए फिलहाल बजट में 60 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं .
पीएम कुसुम योजना के लिए बजट में वृद्धि
पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंपों की स्थापना के लिए 449.45 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है जो मौजूदा वित्त वर्ष की अपेक्षा दोगुनी से भी अधिक है. सोलर पंप के माध्यम से जहां किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा मिल रही है, वहीं ऊर्जा की बचत भी होगी.

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