देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना के लिए अनुदान हेतु आवेदन पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ ही किसानों की दैनिक आय का अच्छा ज़रिया भी है। पशुपालन के महत्व को देखते हुए ही सरकार द्वारा पशुपालन क्षेत्र में कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा राज्य में देशी गौपालन को बढ़ावा देने के लिए “देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना” शुरू की गई है।
योजना के अंर्तगत लाभार्थी व्यक्ति को 02, 04, 15 एवं 20 गाय की डेयरी इकाई स्थापना करने पर अनुदान दिया जाएगा। पशु एवं मत्स्य संसाधन विकास, बिहार सरकार द्वारा योजना को राज्य सभी जिलों में लागू किया गया है, जिससे सभी जिलों के इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए 01 सितंबर 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना क्या है? इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार राज्य में देशी गायों के सम्वर्द्धन हेतु राज्य के सभी वर्गों के कृषकों / पशुपालकों / बेरोजगार युवक–युवतियों के लिए स्व–रोजगार के अवसर सृजित कर उन्हें विकास के मुख्यधारा में शामिल करना है ताकि उनका आर्थिक एवं सामाजिक रूप से उत्थान हो सके एवं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। डेयरी फ़ार्म शुरू करने के लिए कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा? इस योजना के अन्तर्गत देशी नस्ल के 02 एवं 04 देशी गाय/ बाछी–हिफर की डेयरी इकाई की स्थापना पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं अन्य सभी वर्गों के व्यक्तियों को लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
इसके अलावा 15 एवं 20 देशी गाय / बाछी–हिफर (साहिवाल, गिर, थारपारकर) की डेयरी इकाई की स्थापना पर सभी वर्गों के लिए 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है।
2 देशी गाय/हिफर की डेयरी स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा 2,42,000 रुपए की लागत निर्धारित की गई है। जिसपर अत्यंत पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को अधिकतम 1,81,500 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। वहीं अन्य सभी वर्गों के किसानों को अधिकतम 1,21,000 रुपये का अनुदान देय होगा।
4 देशी गाय/हिफर की डेयरी स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा 5,20,000 रुपए की लागत निर्धारित की गई है। जिसपर अत्यंत पिछड़ा वर्ग / अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को अधिकतम 3,90,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। वहीं अन्य सभी वर्गों के किसानों को अधिकतम 2,60,000 रुपये का अनुदान देय होगा।

15 एवं 20 गाय की डेयरी के लिए कितना अनुदान दिया जाएगा?

योजना के तहत 15 देशी गाय/हिफर की डेयरी स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा 20,20,000 रुपए की लागत निर्धारित की गई है। जिस पर सभी वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा जो अधिकतम 8,08,000 रुपये है। वहीं 20 देशी गाय/हिफर की डेयरी स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा 26,70,000 रुपए की लागत निर्धारित की गई है। जिस पर सभी वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा जो अधिकतम 10,68,000 रुपये है।
यदि शासन द्वारा निर्धारित लागत से डेयरी की लागत अधिक होती है तो ऐसी स्थिति में होने वाले अधिक खर्च का वहन लाभार्थी को ही करना होगा। योजना अंतर्गत किसी भी इकाई की स्थापना अथवा क्रय परियोजना अंतर्गत निर्धारित लागत व्यय से अधिक होने पर भी सब्सिडी का भुगतान परियोजना शर्त के आधार पर ही किया जायेगा।
देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना का लाभ कौन ले सकते हैं? बिहार सरकार द्वारा योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया गया है। जिससे राज्य के सभी इच्छुक व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन कर सकते हैं।
योजना में राज्य के सभी वर्गों के भूमिहीन / कृषकों / लघु कृषक / सीमांत कृषक / गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले कृषक / शिक्षित बेरोजगार युवक–युवतियों को शामिल किया गया है। इस योजना के आवेदकों की उम्र 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
वहीं सरकार द्वारा इन आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। विभाग द्वारा प्रशिक्षित आवेदकों को, दुग्ध सहकारिता समिति के सदस्यों को, जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ें व्यक्तियों को क्रमानुसार प्राथमिकता दी जायेगी।
” योजना के तहत 04 देशी गाय / बाछी – हिफर की इकाई की स्थापना हेतु कम से कम 5 (पांच) कठ्ठा तथा 15 एवं 20 देशी गाय / बाछी–हिफर की डेयरी इकाई हेतु कम से कम 10 (दस) कठ्ठा अपनी जमीन या लीज की जमीन होना चाहिए ताकि वे हरे चारे का उत्पादन कर सकें। ऋण लेने वालों को भी मिलेगा योजना का लाभ इस योजना के तहत निर्धारित सब्सिडी लाभूकों को दोनों ही स्थिति में दी जाएगी, यदि लाभुक बैंक से ऋण ले अथवा स्वलागत से डेयरी की स्थापना करें। स्वलागत से डेयरी इकाई की स्थापना करने वाले लाभूकों को योजना लागत की पूर्ण राशि उपलब्ध होने संबंधी प्रमाण संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी यथा जिला गव्य विकास पदाधिकारी के कार्यालय में समर्पित करना होगा। योजना के पूर्ण क्रियान्वयन (Asset creation) के पश्चात् ही सब्सिडी की राशि का भुगतान किया जायेगा।
पशु क्रय के पश्चात् लाभूक एवं क्रय समिति के सदस्यों का एक संयुक्त फोटोग्राफी की जाएगी। दधारु मवेशी के क्रय के पश्चात् मवेशी का डाटा ईयर टैग निश्चित रूप से लगाना होगा तथा जिला गव्य विकास पदाधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि मवेशी में ईयर टैग लगा दिया गया है। अनुदान पर देशी गाय की डेयरी स्थापना के लिए आवेदन कहाँ करें? बिहार सरकार द्वारा योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इच्छुक व्यक्ति गव्य विकास निदेशालय, बिहार की वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/Default.aspx पर 1 सितम्बर 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं योजना की अधिक जानकारी के लिए अपने ज़िले के गव्य विकास पदाधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। ” 

 

 

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