Cow Economy – गोबर खरीदी का भुगतान पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने एवं किसानों कि आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा गोबर एवं गोमूत्र की खरीदी पर जोर दिया जा रहा है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही “गोधन न्याय योजना” ने देश में अपना एक अलग स्थान हासिल कर लिया है। योजना के अंर्तगत सरकार ग्रामीण, किसान एवं पशुपालक से गोबर की ख़रीद का उससे विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही है।
जिससे ग्रामीणों को रोजगार तो मिल ही रहा है बल्कि उनकी आमदनी में भी वृद्धि हुई है। राज्य में गोबर बेचने वाले ग्रामीण, किसान एवं पशुपालकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस कड़ी में राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 5 अगस्त शनिवार के दिन गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 73वीं किश्त के रूप में 15 करोड़ 29 लाख रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की। 14 से 31 जुलाई के दौरान खरीदे गये गोबर का किया गया भुगतान सरकार द्वारा जारी की गई इस राशि में ग्रामीण, पशुपालक किसानों को गोबर बेचने के बदले में 5 करोड़ 60 लाख रुपये का भुगतान तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व–सहायता समूहों को 9 करोड़ 69 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। गोबर खरीदी में भुगतान की जाने वाली राशि में से 60 से 70 प्रतिशत राशि गौठान समितियों द्वारा स्वयं की जमा पूंजी से की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि गौठानों में गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। गोबर विक्रेताओं को होने वाले 5.60 करोड़ रुपये के भुगतान में से मात्र 2.29 करोड़ रुपये का भुगतान शासन की ओर से किया गया। जबकि 3.31 करोड़ रुपये का भुगतान स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से किया। राज्य में 10,278 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं, जिसमें से 5985 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 70.27 करोड़ रुपये का गोबर पशुपालक किसानों से स्वयं की राशि से किया है।