24 मई से 28 मई 2023 तक रेसकोर्स ग्राउन्ड, राजकोट में आयोजित सम्मलेन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के स्वप्न को साकार करने में सहायक होगा । – डॉ. वल्लभभाई कथीरिया
गौ टेक – 2023 संयुक्त राष्ट्र संघ के 17 सातत्य पूर्ण विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने में मदद करेगा। – मितल खेताणी
गौमाता अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार है। – श्री हंसराजभाई गजेरा“गौ टेक 2023″ गौ उद्यमिता के क्षेत्र में सकारात्मक क्रांतिकारी परिवर्तन ले कर आएगा – श्री पुरीश कुमार
Rajkot – आदरणीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, “गो धन” और “गोबर टू गोल्ड” जैसी गौ आधारित अर्थव्यवस्था के माध्यम से “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” के दृष्टिकोण को अंजाम देने के लिए, ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ़ काउ बेज़्ड इंडस्ट्रीज़ (GCCI) द्वारा, 24 से 28 मई, 2023 के दौरान राजकोट, गुजरात, भारत में “GAU TECH – 2023”, वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। डॉ वल्लभभाई कथीरिया ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया।
इस आयोजन के माध्यम से गौ उद्यमियों, टेक्नोक्रेट्स, प्रशिक्षकों, विपणकों, व्यवसायियों, गैर सरकारी संगठनों, समस्त हितधारकों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, कॉर्पोरेट्स और एजेंसियों को एक साथ इस आयोजन के माध्यम से एकत्रित होंगे और गौ उद्यमिता पे आधारित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। G2B और B2B व्यापार के अवसरों के लिए यह कार्यक्रम एक अनूठा मंच प्रदान करेगा ।
साथ ही, देश के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अवसरों को प्रोत्साहित करेगा। देश-विदेश के उद्योग जगत से जुड़े उद्यमी अपने स्टॉल के माध्यम से जानकारी देंगे। इसके साथ ही लघु उद्योग भारती के श्री हंसराजभाई गजेरा ने कहा कि ये आयोजन एम.एस. एम. ई. उद्योग और विपणन के लिए एक मंच प्रदान करेगा। साथ ही पशुपालन मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, महिला कल्याण मंत्रालय आदि की अपनी योजनाएं हैं, जिनका लाभ युवा और महिला उद्यमियों को लेना चाहिए। इन सबकी विस्तृत जानकारी सक्षम अधिकारीयों द्वारा इस आयोजन में प्रदान की जाएगी। गौ पालन और गौ उद्यमिता से जुड़कर उद्यमियों को लाभ लेना चाहिएl
जी.सी.सी.आई. सेक्रेटरी श्री पुरीश कुमार ने बताया “GAU TECH – 2023” में केन्द्र एवं समस्त राज्य सरकारों द्वारा क्रियान्वित विभिन्न अनुदान, ऋण, एवं प्रोत्साहन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जायेगी। गायों से जुड़े सभी आयामों पर काम कर के करोड़ों की आमदनी कैसे की जा सकती है इसके बारे में बताया जाएगा। साथ ही हमारी देशी गाय, गौ सेवा, गौ संरक्षण, गौ पालन, गौ प्रजनन, गौ उत्पादन, गौ ऊर्जा, गौ पर्यटन, जैविक खेती जैसे विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा और जानकारी प्रदान की जाएगी। गौ आधारित उद्योगों के प्रभावी उपयोग से लखपती करोड़पति बनने की अपार क्षमता है चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स से श्री वी. पी वैष्णव ने कहा गोमूत्र, गाय का गोबर गौशालाओं में कच्चे माल के रूप में आसानी से उपलब्ध है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर गौ आधारित उत्पादों के लिए किया जा सकता है। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनने, युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करने में मददगार हो सकता है। डिजिटल मार्केटिंग और आउटलेट के माध्यम से उत्पाद उपलब्ध कराकर निर्यात–आयात व्यवसाय में भी कमाई की जा सकती है, हालांकि, गौ आधारित अर्थव्यवस्था में ऐसे कई नए उद्योगों के बड़े अवसर हैं। सरकार और समाज के साथ हाथ मिलाकर, “गौ रक्षा” को उसके व्यापक अर्थों में साकार करते हुए, भारत समृद्ध बन सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक ले जाने और हरित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का एक शक्तिशाली साधन साबित हो सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता श्री मित्तलभाई खेतानी ने कहा कि गाय का पालन सिर्फ सिर्फ दूध के लिए ही नहीं, बल्कि गोबर और गौमूत्र जो गायें जीवन पर्यंत देती हैं, वो भी आर्थिक लाभ का साधन हैl गाय का मतलब गाय के साथ बछड़े – बछिया, बैल, सांड, बूढ़ी गाय का गोबर और गौमूत्र भी विभिन्न गौ आधारित उद्योगों के लिए संगोष्ठी और रोज शाम को गाय से संबंधित अनूठे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे ।
“GAU TECH – 2023” संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तावित 17 सातत्यपूर्ण विकास लक्ष्यों को गौ के विभिन्न आयामों के माध्यम से पूरा करने के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा। आधुनिक गौ–पालन में तकनीक के प्रयोग से श्रेष्ठ सांडों को तैयार करना, सेक्स्ड सीमैन तकनीक विकसित करने, भ्रूण प्रत्यारोपण करने, सीमन प्रयोगशाला स्थापित करने जैसे विभिन्न उद्योगों में सरकार की मदद से पीपीपी मॉडल पर कारोबार शुरू हो गया है।
भारतीय देसी गायों के A2 दूध, मक्खन, घी और छाछ के साथ–साथ औषधीय घी के मूल्यवर्धन के रूप में एक बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार उभरा है। गोमूत्र और गोबर से जैविक खेती के लिए जैव–कीटनाशक और जैव–उर्वरकों के साथ–साथ पर्यावरण की सफाई के लिए विभिन्न दवाएं, गोनाइल, सैनिटाइज़र और विभिन्न घरेलू कॉस्मेटिक गोबर उत्पादों ने महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के साथ उद्यमिता के अवसर पैदा किए हैं।
कुटीर उद्योग, मध्यम और बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता वाले कॉर्पोरेट संयंत्रों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएँ हैं। गाय के गोबर से प्लाइवुड प्लास्टर, पेंट, ईंट, टाइल, कागज और श्मशान लकड़ी के विकल्प के रूप में गौ काष्ठ के रूप में एक बड़ा बाजार बन रहा है। गोबर, गोमूत्र से जैव–ईंधन, बायो–गैस, सीएनजी, कार्बन दी ऑक्साइड, हाइड्रोजन का उत्पादन कर कारखानों में आपूर्ति की जा रही है। सरकार की बाय बैक योजना भी प्रभावी है। इसी तरह, एनजीओ या सहकारी समितियों द्वारा बड़े पैमाने पर “गौ छात्रावास” शुरू किए गए हैं, जो घर घर गायों की अवधारणा का विस्तार करते हैं और पेशेवर सेवाओं के माध्यम से रोजगार के नए अवसर प्रदान करते हैं। गौ आधारित उद्योगों के लिए बड़े पैमाने पर मशीनरी निर्माण की अपार संभावनाएं हैं।
गौ नवाचारी श्री रमेशभाई रूपरेलिया ने बताया कि पंचगव्य सर्वोत्तम आयुर्वेदिक औषधि है। गाय चलता फिरता औषधालय है। बहुत से मंत्रालयों को आयुर्वेद क्षेत्र के विकास से जोड़कर हम आयुर्वेद में नई ऊंचाईयां हासिल कर सकते हैं। विभिन्न आयुर्वेदिक फार्मा कंपनियों से पशु चिकित्सा के लिए आयुर्वेदिक औषधि निर्माण के लिए आगे आने का अनुरोध किया जाता है। यह एक्सपो मौजूदा “प्राकृतिक खेती” के अभियान को गति देगा और किसानों को उनकी उपज से अधिक कमाई करने में मदद करेगा। समाज स्वस्थ बनेगा।
जीवन पर्यन्त उपलब्ध रहता है। गोमूत्र गोबर का उद्योगों में उपयोग आवारा पशुओं की समस्या के समाधान में सहायक हो सकता हैं सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता हैl पंजरापोल, गौशाला समृद्ध होगी। भारतीय संस्कृति की “गौ सेवा” की अवधारणा की वास्तविक भव्यता की प्राप्ति होगी।
श्री रमेशभाई घेटीया ने बताया कि राष्ट्रीय कंपनियों, विभिन्न उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न क्षेत्रों का अपने उत्पादों और सेवाओं के बारे में जनता को जानकारी प्रदान करने के लिए, इस एक्सपो में 400 से अधिक स्टॉल और विभिन्न मंडप रखे गए हैं। सरकार का एमएसएमई विभाग इस प्रदर्शनी में स्टॉल धारकों को सब्सिडी देगा। गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए वातानुकूलित डॉम की व्यवस्था की गई है।
जी.सी.सी.आई. की टीम पूरे भारत से कई उद्यमियों, निवेशकों, वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और आम जनता को इस शिखर सम्मेलन और एक्सपो में आकर्षित करने के लिए काम कर रही है। एडेक्स इवेंट्स एंड एक्जीबिशन और सहयोगी एडेक्स ग्राफिक्स, एडेक्स मीडिया लिंक्स को इस कार्यक्रम में सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। सभी उद्यमियों, युवाओं, महिलाओं, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक लोगों से अनुरोध है कि गौ आधारित निवेश शिखर सम्मेलन और एक्सपो “GAU TECH – 2023” की इस अनूठी अवधारणा में सहभागी हो l
इस प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, श्री भानुभाई महेता, श्री अरुण निर्मल, चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स से श्री वी. पी वैष्णव, जी.सी.सी.आई. के सेक्रेटरी श्री पुरीश कुमार, लघु उद्योग भारती के श्री हंसराजभाई गजेरा, उद्योगपती श्री गणेशभाई ठुमर, , पूर्व लायन्स गवर्नर श्री रमेश भाई घेटीया, श्री मित्तलभाई खेताणी, धीरुभाई कानाबार, रमेशभाई रूपारेलिया, चंद्रेशभाई पटेलर एवं एडेक्स इवेंन्टस के श्री धर्मेशभाई राठोड, मुकेशभाई राठोड, जयेशभाई, चिंतनभट्ट उपस्थित रहे ।