देश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है. तेजी से आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते भारत के कई उदाहरण देखने को मिल रहे हैं. अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी (Nitin Gadkari ) ने हाईवे पर चलने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है. देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इलेक्ट्रिक वाहन कई लोगों की आजीविका का साधन भी बन चुके हैं. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर देश में इलेक्ट्रिक हाइवे को डेवलप करने पर काम किया जा रहा है.

इलेक्ट्रिक राजमार्गों का विकास

देश में सड़क के विकास के साथ ही इलेक्ट्रिक राजमार्गों को विकसति करने पर काम तेजी से शुरू हो चुका है. इसके पहले केंद्रीय मंत्री ने बताया था कि उनका यह सपना है कि भारत के पहले इलेक्ट्रिक राजमार्ग के रूप में दिल्ली और जयपुर राजमार्ग का विकास हो.

तेजी से चल रहा काम

वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इलेक्ट्रिक राजमार्ग बनाने का अधिकार दिया जाएगा. साथ ही बिजली मंत्रालय से हुई बातचीत में यह कोशिश की जा रही है कि बिजली 3.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिल जाए.

नितिन गड़करी ने यह भी कहा कि किसी सरकारी कंपनी को बिजली मंत्रालय के लिए सस्ती दर पर बिजली देना उतना कठिन काम नहीं है. इलेक्ट्रिक राजमार्ग आर्थिक रूप से ज्यादा व्यावहारिक है. इस राजमार्ग के लिए बिछाए जाने वाले इलेक्ट्रिक केबल निर्माण का काम निजी निवेशकों को दिया जाएगा.

नार्वे और स्वीडन जैसे देशों में यह तकनीक काफी प्रचलित है. जहाँ इलेक्ट्रिक राजमार्ग का संचालन किया जा रहा है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक हाईवे पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के आधार पर काम किया जाता है. जैसे रेलवे के लिए किया जा रहा है. इसमें बिजली के केबल लगाए जाते हैं. जिसकी बिजली का उपयोग वाहनों को चलाने के लिए किया जाता है. प्रायोगिक आधार पर सरकार नागपुर में पहली इलेक्ट्रिक राजमार्ग परियोजना पर काम कर रही है.

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