मुंबई : गणेशोत्सव के दौरान लोग दिल खोल कर तो नाचते हैं, लेकिन दिल का ध्यान रखना भूल जाते हैं। नाचने से कुछ लोग हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं और अपनी जान भी गंवा सकते हैं। शहर के हृदय रोग विशेषज्ञों ने मुंबईकरों को जोश में आकर नाचने के बजाय होश से काम लेने की सलाह दी है। खासकर उन लोगों को खतरा अधिक है, जो पहले से ही हाइपरटेंशन और डायबिटीज से जूझ रहे हैं। पिछले वर्ष 9 सितंबर को कांदिवली में गणपति विसर्जन के दौरान नाचते समय अरुण सिंह की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी। इस तरह के खतरों को देखते हुए डॉक्टरों ने लोगों को चेताया है कि जो लोग फिजिकल एक्टिविटी कम करते हैं, वह जोश में नहीं नाचे, अन्यथा उन्हें स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक आ सकता है।
ऐसा क्यों होता है
सायन अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत मिश्रा ने बताया कि सुस्त जीवनशैली और जंक फूड का सेवन करने वाले युवाओं में कोरोनरी धमनियों में भी ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न होती है। यदि ऐसा व्यक्ति अचानक डांस करता है, तो एड्रेनालाईन का एक बड़ा स्पंदन उत्पन्न होता है, जिससे रक्तचाप के साथ हृदय गति तेज हो सकती है। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है या मौत भी हो सकती है।
नायर अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. राजेश जोशी ने बताया कि स्मार्ट वॉच में अगर दिल की धड़कन 100 प्रति मिनट से अधिक हो, तो आराम करें। अगर धड़कन तेज ही रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें। गणपति मंडल वाले भी इस बात का ध्यान रखें कि अगर कोई असहजता की शिकायत करे, तो तत्काल उसे अस्पताल ले जाएं।
हाई रिस्क लोग को जोखिम अधिक
बॉम्बे अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड प्रो. डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि जो लोग हाइपरटेंशन या डायबिटीज जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं। उन लोगों को डांसिंग, वर्कआउट और दौड़ने के दौरान दिल का दौरा पड़ता है, जिसमें तीव्र शारीरिक गतिविधि शामिल होती है। यदि कोई व्यक्ति पूरे वर्ष सुस्त रहता है और गरबा, मैराथन या कसरत के दौरान अचानक शारीरिक रूप से सक्रिय हो जाता है, तो वह कुछ ऐसा कर रहा है जिसके लिए उसका शरीर आदि नहीं है। उच्च रक्तचाप के कारण धमनियों की दीवार फट जाएगी जो उनके लिए घातक साबित हो सकती है।